पूर्व शहर काजी बनारस के पहले उर्स में हाजिरी लगाने उमड़ा जनसैलाब
अमन और मिल्लत की दुआओं संग उर्स सम्पन्न
Varanasi (dil India live). पूर्व क़ाज़ी ए शहर बनारस मरहूम मौलाना गुलाम यासीन साहब (र.) का पहला सालाना उर्स अमन, मिल्लत की दुआओं संग सम्पन्न हो गया। इस दौरान उलेमा ने कहा कि पूर्व शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब अहले सुन्नत वल जमात के सच्चे रहनुमा थे। आजादी के आंदोलन में उनका योगदान था। मिशन आला हज़रत को उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाया।
चम्पारण बिहार से आए मौलाना इरशाद रब्बानी ने दिल इंडिया लाइव से कहा कि कौमी यकजहती और देश की तरक्की के लिए पूर्व शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब सदैव तत्पर रहते थे। विभिन्न अवसरों पर उन्होंने दीन और कौम की तरक्की के साथ ही देश और दुनिया में मिल्लत पर भी जोर दिया। उनके कई बड़े फतवे बनारस ही नहीं दूसरे शहरों और राज्यों में भी असरकारी साबित हुआ। यही वजह है कि वह आज हम लोगों के बीच नहीं हैं मगर कई राज्यों और शहरों के लोग, पड़ोसी मुल्क नेपाल तक से उन्हें याद करने एकजुट हुए हैं।
इससे पहले पूर्व शहर काजी बनारस के उर्स में हाजिरी लगाने लोगों का हुजूम उमड़ा। उनसे अकीदत रखने वाले व अहले सुन्नत बनारस के लोगों ने उनकी याद में फातेहा कराया। उनके मुरीदों और मानने वालों ने अपने अपने घरों में भी फातेहा कराया। इसके साथ ही शहर काजी मौलाना जमील अहमद कादरी रिजवी की सरपरस्ती में उनकी बजरडीहा सिथत मजार पर चादरपोशी की गई। मगरिब की नमाज़ के बाद क़ुल शरीफ़ और लंगर का एहतमाम किया गया तो इशा की नमाज के बाद तकरीर, नात और मनकबत में लोगों का हुजूम उमड़ा।
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