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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

World cancer day (विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी )

तम्बाकू व गुटखे  की लत से हो रहा  मुख कैंसर

फेफड़े के कैंसर में भी धूम्रपान सबसे बड़ा कारण



Varanasi (dil india live). केस-1 घौसाबाद निवासी 55 वर्षीय संतोष शर्मा (परिवर्तित नाम) का जबड़ा पूरी तरह नहीं खुल रहा था। एक माह से हालत यह हो गयी थी कि भोजन भी उनके मुख में किसी तरह जा पाता था। स्थिति जब बदतर हो गयी तब वह एक माह पूर्व उपचार कराने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के दंत रोग विभाग में पहुंचे। बताया कि वह गुटखा खाने के लती हैं और उनका जबड़ा पूरी तरह जकड़ गया है। जब जांच हुई तो पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है। 

 केस-2 तम्बाकू युक्त पान के शौकीन बसहीं के रहने वाले 60 वर्षीय शिवकुमार (परिवर्तित नाम) के मुंह में हुए छाले ठीक नहीं हो रहे थे। जबड़ा न खुलने की उन्हें भी शिकायत थी। दो माह पहले पं. दीन दयाल चिकित्सालय के दंत रोग विभाग में जांच कराया तो पता चला कि उन्हें भी मुंह का कैंसर है। 

पं. दीनदयाल चिकित्सालय स्थित दंत रोग विभाग की प्रभारी डा. निहारिका मौर्य बताती हैं कि सिर्फ संतोष और शिवकुमार ही नहीं उनकी ओपीड़ी में हर हफ्ते चार-पांच ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें जबड़ा पूरी तरह न खुलने या फिर मुंह के अंदर छाले के ठीक न होने की शिकायत होती है। इनमें कई ऐसे भी मरीज होते हैं जो मुख कैंसर की चपेट में आ चुके होते हैं अथवा उनमें मुख कैंसर के प्रारम्भिक लक्षण होते हैं। वह बताती हैं कि इस वर्ष जनवरी माह में आठ सौ लोग दंत रोग विभाग में उपचार कराने आये। इनमें जबड़ा पूरी तरह न खुलने की शिकायत वाले तीस मरीज थे। इनमें सात तो उपचार से ठीक हो गये जबकि शेष 23 की जांच हुई तो उनमें तीन को मुंह का कैंसर निकला जबकि 20 में मुख कैंसर के शुरुआती लक्षण पाये गये। इन सभी को बीएचयू रेफर कर दिया गया।  वह बताती हैं कि मुख कैंसर अथवा उसके प्ररम्भिक लक्षण वालों में अधिकांश वह लोग होते है, जो तम्बाकू उत्पादों के लती होते हैं। डा. निहारिका बताती हैं कि खैनी, सुंघनी, गुल, सुपारी व गुटखा का सेवन से दांत तो खराब होते ही है, यह मसूड़ों में भी घाव करता है। इससे जबड़े में जकड़न शुरू हो जाती है। शुरुआती दौर में उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है लेकिन अधिक समय तक इस जकड़न का रहने से कैंसर होने की आशंका रहती है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी कहते हैं कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से केवल मुख कैंसर ही नहीं फेफड़े, गले और मुंह का कैंसर भी होता है। फेफड़े के कैंसर के मामलों में धूम्रपान सबसे बड़ा कारण है और लगभग दो तिहाई मामले इससे जुड़े होते हैं। इसके अलावा अन्य कारणों से कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष चार फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया जाता है। हर वर्ष इसके लिए नई थीम तय कि जाती है। इस वर्ष की थीम है ‘क्लोज द केयर गैप’। उन्होंने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

 राष्ट्रीय कैंसर, हृदय रोगं, मधुमेह एवं स्ट्रोक नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीसीडीपीएस) व राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के नोडल अधिकारी डा. मोइजुद्दीन हाशमी ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से हो रहे मुख कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ओरल हेल्थ प्रोग्राम चलाया जा रहा है। सरकार भी इसे लेकर काफी गंभीर है। मुंह व दंत रोगों की पहचान व समय रहते उपचार की निःशुल्क व्यवस्था आम नागरिकों तक पहुंचे इसके लिए ही स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर इसकी जांच की व्यवस्था की है। इसके लिए दो सौ से अधिक  सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ( सीएचओ) को बकायदा प्रशिक्षित किया गया है।

 बचाव ही सबसे बेहतर उपाय
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डा. सौरभ प्रताप सिंह कहते हैं-मुख व दंत रोगों का सबसे बड़ा कारण तम्बाकू उत्पादों का सेवन है। लिहाजा तम्बाकू उत्पादों का सेवन तत्काल बंद करना ही, मुख व दंत रोगों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है। रोग का जरा भी लक्षण नजर आये तो तत्काल उपचार शुरू करायें। सभी सरकारी चिकित्सालयों में इसके निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।

बुधवार, 30 नवंबर 2022

World hiv day/एड्स दिवस (01 दिसम्बर ) पर विशेष

एचआईवी संक्रमितों को नई जिंदगी दे रहा एआरटी सेंटर

• निःशुल्क उपचार के साथ ही उनका बढ़ा रहा हौसला 

• एड्स के खतरे से भी लोगों को कर रहा जागरूक




Varanasi (dil india live). प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली गये रामनगर निवासी शशांक, 23 वर्ष (परिवर्तित नाम ) की वहां एक युवती से शारीरिक संबंध बन गए। घर वापसी के कुछ महीनो बाद शशांक अक्सर बीमार रहने लगा। उसका शरीर कमजोर होता जा रहा था। बुखार पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। जांच में जब पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित है तो शशांक के होश उड़ गये। लगा कि उसके सारे सपने टूट चुके हैं। उस वक्त एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर ने उसको एक नई जिंदगी दी। नतीजन एचआइवी पॉजीटिव होते हुए भी शशांक खुशहाल जिंदगी जी रहा है।

यह कहानी सिर्फ शशांक की नहीं बल्कि पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर शशांक जैसे उन तमाम युवाओं को वर्षों से नई जिंदगी दे रहा है जो एचआईवी संक्रमित होने के कारण जीवन से निराश हो चुके थे। एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. प्रीति अग्रवाल बताती है कि इस सेंटर की स्थापना वर्ष 2011 में हुई। मकसद एचआईवी संक्रमितों को उचित उपचार देने के साथ उनके हौसले को बढ़ाना है । इसके अलावा एचआईवी व एड्स के खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम एआरटी सेंटर करता है। वह बताती है़ कि 10 वर्ष के भीतर इस केन्द्र में एचआईवी संक्रमित लगभग 4500  लोगों का पंजीकरण हुआ जिनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।

 क्या है एचआईवी वायरस 

डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। अच्छे खानपान और उपचार से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इसलिए मरीज रोग को छिपाए न, समय पर और नियमित उपचार करे तो वह अपनी सामान्य आयु पूरी कर सकता है। डा.  प्रीति बताती है कि एआरटी सेंटर में एचआईवी की निःशुल्क जांच होती है। एचआईवी पॉजीटिव होने पर मरीज का फौरन निःशुल्क उपचार शुरू किया जाता है। एआरटी सेंटर के अलावा जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों यहां तक कि सभी सीएचसी-पीएचसी में भी एचआईवी जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है।

 प्रमुख लक्षण

वजन का घटना, लगातार दस्त होना, लम्बे समय तक बुखार का होना, शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना, मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी का आना, गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का होना एचआईवी पॉजीटिव होने के लक्षण हो सकते है।

इन्हें हो सकता है संक्रमण

 एचआईवी संक्रमित के साथ यौन सम्पर्क, इंजेक्शन से नशीली दवा लेने वाला व्यक्ति को,माता-पिता के एचआईवी संक्रमण के बाद पैदा होने वाले बच्चे को, बिना जांच किया हुआ रक्त चढ़वाने वाले व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है।

रविवार, 13 नवंबर 2022

World diabetes day कल, आहार-विहार पर दें ध्यान

करें योग और व्यायाम, डायबिटीज़ में मिलेगा आराम 

नियम-सयंम से रहने के साथ ही सही दवाओं का उपयोग भी जरुरी 

 



Varanasi (dil india live). यदि आप को डायबिटीज है तो आप अपने आहार-विहार और योग व व्यायाम पर विशेष ध्यान दें। इससे आप इस बीमारी पर लगाम लगा सकते हैं। नियम-संयम से रहने से सही दवाओं के उपयोग करने से डायबिटीज के चलते होने वाली अन्य गंभीर बीमारियों से भी आप बच सकते हैं। यह कहना है राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार का। 

डॉ अजय बताते हैं कि डायबिटीज यानी मधुमेह या प्रमेह चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है। इसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर अधिक बना रहता है। इस रोग को आयुर्वेद में महारोग भी कहा जाता है। इस रोग में शरीर के हर अंग-प्रत्यंग और शरीर की हर कोशिका पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार प्रमेह के 20 प्रकार होते हैं। इसमें से 10 प्रकार कफ की विकृति से उत्पन्न होते हैं। 6 पित्त की विकृति से एवं 4 वात दोष की विकृति से उत्पन्न होते हैं। प्रमेह का जो मुख्य कारण है वह है जीवन शैली में व्यायाम की कमी, स्निग्ध और मधुर भोजन का आवश्यकता से अधिक सेवन के साथ ही अनुवांशिक कारणों से भी प्रमेह का रोग होता है। इस रोग में अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है तथा शरीर की कोशिकाएं इस इंसुलिन को ठीक से ग्रहण नहीं कर पाती है। इससे शर्करा का स्तर लगातार बढ़ता चला जाता है। इस रोग का समय पर इलाज नहीं करने पर आंखों की रोशनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है, उच्च रक्तचाप हो जाता है और किडनी पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

मधुमेह के लक्षण 

अत्यधिक प्यास लगना, अत्यधिक भूख लगना, नजर का धुंधलापन, बार-बार पेशाब होना, थकान (खासकर खाना खाने के बाद) एवं चिड़चिडापन, शरीर में हुए घाव का न भरना या धीरे-धीरे भरना।

मधुमेह नियंत्रण के तीन मूलमंत्र

डा. अजय बताते है कि  मधुमेह के सफल नियंत्रण के तीन मूलमंत्र हैं। सही आहार, सही विहार यानी योग और व्यायाम व सही औषधि। सही आहार के सेवन के लिए जरूरी है कि मधुमेह रोगी अपने चिकित्सक से मिलकर अपना डाइट चार्ट बनाकर उसके अनुसार आहार ले।  ऐसा कच्चा भोजन अधिक मात्र में खाए  जिनमें फाइबर अधिक होता है। इससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल संतुलित रहता है। केवल आहार संतुलित मात्र में लेकर भी बिना औषधियों के रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है। एक बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए। खाना समय पर और रात को सोने से एक घंटा पहले खायें। रात के खाने के बाद जरुर टहलना चाहिए। मधुमेह रोगी को व्यायाम जरूर करना चाहिए जब आप शारीरिक व्यायाम करते हैं, तो आपकी मांसपेशियों को वह ग्लूकोज मिल जाता है जिसकी उन्हें जरुरत होती है। और बदले में, आपके ब्लड शुगर का स्तर नीचे चला जाता है। व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में वृद्धि करता है। इसके साथ ही मधुमेह रोगियों को सही उपचार की जरूरत होती है। आयुर्वेद में मधुमेह रोगियों के लिए करेला, जामुन,मेथी, हल्दी, विजयसार, आंवला,गुडमार का प्रयोग बेहद कारगर साबित हुआ हैं। इसके अलावा वसंतकुसुमाकर रस, शिलाजत्वादी वटी, प्रमेहगज केसरी रस, चन्द्रप्रभा वटी, हरिशंकर रस आदि शास्त्रोक्त औषधियो का प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर करके मधुमेह पर अंकुश लगाया जा सकता है।

 यहां मिलता है योग का निःशुल्क प्रशिक्षण

क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी बताती है कि मधुमेह रोगियों को योग- प्रणायाम से काफी लाभ मिलता है। इसमें मंडूकासन, धनुरासन, कपालभाति, अर्धमत्स्येन्द्रासन, पश्चिमोत्तानासन, शवासन शामिल है, लेकिन योग-प्रणायाम कुशल प्रशिक्षक की सलाह पर ही करना चाहिए। वह बताती हैं जिले के आठ हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर योग-प्रणायाम का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर रामनगर, रामेश्वर, भद्रासी, कठिरांव,मंगारी, पलहीपट्टी,सिंधौरा,आयर शामिल है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में सीएचसी शिवपुर व स्वामी विवेकानंद अस्पताल भेलूपुर में योग वेलनेस सेंटर संचालित होते है। मधुमेह रोगी वहां योग-प्रणायाम का निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।

रविवार, 11 सितंबर 2022

Jain dharam news: क्षमा कायरों का नहीं वीरों का धर्म

भगवान पार्श्वनाथ जन्मस्थली पर बही मैत्री, प्रेम  की गंगा 

विश्व मैत्री क्षमावाणी पर्व पर पूरे विश्व के लिए दिया गया प्रेम का सन्देश 





Varanasi (dil india live). श्री दिगम्बर जैन समाज काशी द्वारा भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली पर रविवार को क्षमावाणी पूजन, तीर्थंकरो का प्रक्षाल नमन, विद्वत जनो का सम्मान एवं विश्व मैत्री क्षमावाणी पर्व पर भारी संख्या में लोगों ने एक दूसरे से क्षमायाचना व क्षमा का सन्देश पूरे विश्व के लिए हुआ। प्रारंभ में अपराह्न 1 बजे से क्षमावाणी पूजन एवंदेवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ का अभिषेक मंत्रोच्चारण के साथ सायं तक चला। 
विश्व शांति के लिए शान्ती धारा की गई। 

राजेश जैन ने बताया कि यह वो दिन है जिस दिन बैर विरोध को शांत कर क्षमा, प्रेम और मैत्री भाव प्रकट किया जाता है। शत्रु भी इस दिन एक दूसरे को क्षमादान करके मन को शांत एवं निरबैर बनाने का प्रयत्न करते हैं। अनजाने में बिन चाहे भी भूल किसी से हो सकती है, ऐसे उन अंजान पलों की भूल हमारी माफ करें। 

क्षमावाणी पर्व पर हमें क्षमा का दान करे, मुझे गले से लगाकर मेरे ऊपर उपकार करें ,कलुष ह्रदय को साफ करें । तीर्थंकर पार्श्वनाथ अतिशय भूमि क्षेत्र में विश्व का यह अनूठा कार्यक्रम वाराणसी के भेलूपुर स्थित जैन मन्दिर में आयोजित हुआ। जहां बहती रही सिर्फ प्रेम, मैत्री एवं क्षमा की गंगा। इस पर्व पर सभी छोटे- बडे का भेदभाव मिटाकर महिलाए, बच्चे, बुजुर्ग एक दूसरे से अश्रुपूरित नेत्रो से पाँव पकड़कर गले से गले मिलकर क्षमा मांग रहे थे। 

तन-मन एवं आत्मा की शुद्धी पर्युषण की महानता, क्षमावाणी की सौजन्यता से विभूषित होकर जैन धर्म सभी के जीवन में उत्तम क्षमा का मंगलमयी सन्देश देता है। 

परस्परोप ग्रहो जीवानाम् की भावना एक -दूसरे के प्रति सभी के ह्रदय में प्रेम गहरा और प्रगाढ होता रहे। यही मैत्री के क्षमावाणी पर्व का मुख्य उद्देश्य है। यही सन्देश जैन धर्म पूरे विश्व में गुंजायमान करता है।क्षमावाणी सन्देश में प्रोः अशोक जैन ने कहां क्षमा अमृत है, क्षमा ज्योति पुंज है, आत्मनुभव का वास्तविक रूप है। प्रोः कमलेश जैन ने कहां-क्षमा श्रमण जो होता है विष को अमृत करता है। 

ब्रह्मचारी आकाश जैन ने कहां - क्षमा कायरो का नहीं वीरों का धर्म है। क्षमाशील आत्म पुरूषार्थ करते है। 

डां मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां - क्षमा प्राणी मात्र का धर्म है। इसे किसी जाति, सम्प्रदाय से नहीं जोड़ा जा सकता। 

पं सुरेंद्र शास्त्री ने कहां- क्षमा आत्मा का स्वभाविक गुण है। क्षमा मोक्ष महल की आधार शिला है। 

धर्म प्रचारक राजेश जैन ने कहां-संस्कृत में पृथ्वी का एक नाम क्षमा, अचला, स्थिरा भी है, विवेकी व्यक्ति का ह्रदय पृथ्वी के समान अचल और आचरण में हमेशा स्थिर होना चाहिए। इसलिए कहां गया है क्षमा वीरसय् भूषणम् ।यही संदेश जैन धर्म पूरे विश्व मे गुंजायमान करता है। 

यह पर्व प्रेम, करूणा, वात्सल्य और नैतिकता के भाव जागृत करता है। 

विद्वानो ने क्षमावाणी पर्व को विश्व मैत्री बताते हुए इसकी तुलना अंहिसा दिवस से की। पर्व पर जैन साधको ने देश-विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों ,इष्ट मित्र, व्यापारी, शुभचिंतक सभी वर्ग के लोगो को क्षमावाणी कार्ड, दूरभाष, ई मेल, एस एम एस द्वारा सन्देश देकर शुभकामना दी। 

विद्वानो में प्रोः अशोक जैन, प्रोः कमलेश जैन, डाः मुन्नी पुष्पा जैन, ब्रह्मचारी आकाश जैन, पं सुरेंद्र शास्त्री, पं मनीष जैन एवं 16 दिन से 3 दिनो का निर्जला व्रत करने वालो में श्री मति मोना काला (16)दिन, आलोक जैन (10)दिन, अर्पित जैन (10)दिन श्रीमति मंजू जैन (10)दिन, किशोर जैन (10)दिन, रजनी जैन, संध्या जैन, शोभा जैन, श्वेता जैन, नीति जैन, मनीषा जैन, इन सभी व्रत तपस्वीयों का सम्मान समाज के अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधान मन्त्री अरूण जैन, विनय जैन, तरूण जैन, सुधीर पोद्दार, प्रमिला सांवरिया, शोभारानी जैन ने किया। 

आयोजन में प्रमुख रूप से आर सी जैन, संजय जैन, विनोद जैन, रत्नेश जैन, सौरभ जैन, निशांत जैन उपस्थित थे।

सोमवार, 8 अगस्त 2022

Muharram 9th:आग के अंगारों से होकर गुजरा विश्व प्रसिद्ध दूल्हे का जुलूस

दूल्हा घायल लौटा जुलूस, फिर दूसरे दूल्हे संग आग पर कूदा जुलूस



Sarfaraz Ahmad
Varanasi (dil india live). शहीदाने कर्बला हज़रत कासिम की याद में नौवीं मोहर्रम की मध्यरात्रि विश्व प्रसिद्ध कदीमी (परंपरागत) दूल्हे का जुलूस निकाला गया। शिवाला सिथत इमामबाड़ा दूल्हा कासिम नाल से अकीदत एवं एहतराम के साथ उठा यह जुलूस निकलते ही तब उसे वापस इमामबाड़े लौटना पड़ा जब दूल्हे का हाथ उखड़ गया। इस दौरान अकीतदमंदों का जनसैलाब शिवाला में उमड़ा हुआ था। पुनः दूसरे व्यक्ति को दूल्हा बना कर जुलूस निकाला गया। जुलूस या हुसैन, या हुसैन...की सदाएं बुलंद करते हुए आग के अंगारों पर चलकर हज़रत इमाम हुसैन, हज़रत कासिम समेत कर्बला में शहीद हुए 72 हुसैनियों को सलामी पेश करते हुए इमाम चौकों पर बैठायी गई तकरीबन 60 ताजियों को सलामी देने व 72 अलाव से होता हुआ मंगलवार की सुबह वापस लौटेगा। जुलूस शहर के छह थानाक्षेत्रों से गुजरता है। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।

इससे पहले दूल्हा कमेटी ने एक ओहदेदारान को दूल्हा बनाया जिस पर सवारी पढ़ी गई। डंडे में लगी घोड़े की नाल लिये दूल्हे को पकड़ने की लोगों में होड़ मची हुई थी। पीछे पीछे अकीदतमंदों का हुजूम जुलूस में शामिल था। जुलूस विभिन्न मुहल्लों में इमाम चौकों पर बैठे ताजिये को सलामी देते बढ़ता गया। इस दौरान या हुसैन की सदाएं बुलंद हो रही थी। इस दौरान विभिन्न थानों की पुलिस के अलावा पीएसी के जवान तैनात थे। कमेटी के सचिव मोहम्मद खालिद ने बताया कि जुलूस मंगलवार को पुन: शिवाला सिथत इमामबाड़ा दूल्हा कासिम नाल पहुंच कर ठंडा होगा। समाचार लिखे जाने तक जुलूस लगातार या हुसैन,या हुसैन...की संस्थाएं बुलंद करता हुआ आगे बढ़ रहा था। 

आकर्षक ताजिये की हुई जियारत

9 वीं मोहर्रम को इमाम चौक पर सभी ताजिया फातेहा करके बैठा दी गईं। शहर भर में इनकी जियारत के लिए भारी भीड़ उमड़ी रही। अर्दली बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मदनपुरा, बजरडीहा आदि इलाकों से ताजिया दरगाहे फातमान की ओर कल रवाना होगी।

 बुर्राक की ताजिया, पीतल की ताजिया, रांगे की ताजिया, शीशम की ताजिया, चपरखट की ताजिया, मोतीवाली ताजिया, हिंदू लहरा की ताजिया, जरी की ताजिया, शाबान की आदि प्रमुख ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं।









रविवार, 5 जून 2022

विश्‍व पर्यावरण दिवस पर बरेका में वृक्षारोपण


Varanasi (dilIndialive)।विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 05 जून को बरेका में बृहत्‍त रूप से वृक्षारोपण किया गया। महाप्रबंधक अंजली गोयल, प्रमुख मुख्‍य विभागाध्‍यक्षगण एवं अन्‍य अधिकारियों ने बरेका पश्चिमी उपनगर, हेल्‍थ यूनिट के प्रांगण में चित्‍तवन सहित अनेक औषधीय गुण वाले पौधे का वृक्षारोपण किया। इसके अतिरिक्‍त बरेका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने-अपने घरों के प्रांगण में बृक्षारोपण किया। बरेका वासियों द्वारा किये गये इस प्रयास से बरेका परिसर को और ज्‍यादा हरित और स्‍वच्‍छ बनाने में सहायता मिलेगी । 

उल्‍लेखनीय है कि इस वर्ष का थीम “केवल एक पृथ्‍वी (Only One Earth)” ध्‍यानाकर्षण “प्रकृति के साथ सद्भाव में स्‍थायी रूप से रहना (Living Sustainable in Harmony With Nature)” इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए बरेका में जन जागरूकता चलाकर सभी बरेका वासियों से अपील की गयी है, कि 05 जून 2022 को विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने-अपने घरों के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया। 

बनारस रेल इंजन कारखाना ने अपने स्‍वच्‍छ पर्यावरण से स्‍वस्‍थ जीवन की दिशा में महत्‍वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है । संपूर्ण परिसर को हरा-भरा रखने के लिए प्राय: पौधारोपण कार्यक्रम होता रहता है । इस वर्ष बरेका ने लगभग 10,000 पौधारोपण का लक्ष्य रखा है।बरेका अपनी प्रत्‍येक गतिविधियों की अनुकूलता के लिए निरंतर प्रयत्‍नशील रहते हुए स्‍वच्‍छ, हरित बरेका के लिए अपना योगदान देता है। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण के लिए 'जल शक्ति अभियान: कैच द रेन' अभियान की शुरुआत की।

इस अभियान की टैगलाइन है "बारिश को पकड़ो, जहां गिरे, जब गिरे"। इस अभियान की टैगलाइन को समर्पित करते हुए महाप्रबंधक सुश्री अंजलि गोयल के  कंचनपुर कॉलोनी में एक जल संचयन तालाब का कार्य 1 दिसम्बर, 2021 से प्रारंभ किया। इस तालाब का क्षेत्रफल 7517.76 वर्ग मीटर (114.60 मीटर x 65.60 मीटर) होगा और जल संग्रहण क्षमता होगी 311 लाख लीटर हैं। इससे मिट्टी की नमी में सुधार और भूजल स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी। जिसका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...