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बुधवार, 31 अगस्त 2022

Gandhivadi Dr arif बोले : समतामूलक समाज को संरक्षित करने की जिम्मेदारी राज्य की

संविधान की अवधारणा पर चलने का लें संकल्प: विनोद गौतम

  • सामाजिक एकता के लिए संयम व जिम्मेदारी आवश्यक: मनोज कुमार
  • हमें अपने मूल्यों व धरोहरों को मजबूत बनाना होगा: वीरेंद्र त्रिपाठी
  • भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न




Ambedkar Nagar (dil india live) सिसवा, अम्बेडकर नगर स्थित कर्मयोगी रामसूरत त्रिपाठी महाविद्यालय में राष्ट्रीय एकता, शान्ति, सद्भाव एवं न्याय के लिए "भारत की परिकल्पना " विषयक परिचर्चा आयोजित की गई। मुख्य वक्ता गांधीवादी डॉ.मोहम्मद आरिफ ने कहा कि भारत हजारों सालो से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है। संविधान में समतामूलक समाज को संरक्षित करने की जिम्मेदारी राज्य की है। राज्य का कर्तव्य है कि वह ऐसा वातावरण निर्मित करे जिससे लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारे के साथ अपनी विविधिता को मेंटेन करते हुए रह सकें। यह परिकल्पना थी आईडिया ऑफ इंडिया की। संविधान भी मेल जोल, स्वतंत्रता, समता, बन्धुता की बात करता है। हमें अपने इन मूल्यों को बचा कर रखना होगा और समय समय पर इनकी रक्षा के लिए संघर्ष करना होगा।भारत की परिकल्पना तभी पूरी होगी जब हम बुद्ध, कबीर, गोरखनाथ, निज़ामुद्दीन औलिया, स्वामी विवेकानंद, गांधी, भगत सिंह, नेहरू आदि को पढ़ेंगे,जानेंगे और उनके विचारों पर चलेंगे। 

     विशिष्ट वक्ता विनोद गौतम ने कहा कि आपसी मेल जोल के लिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना होगा तभी एक सुंदर व खुशहाल भारत बनेगा।हम अपने विवेक से निर्णय लें और आगे बढ़ें। संविधान की मूल अवधारणा लेकर चलें तो सर्वे भवन्ति सुखिना, सर्वे भवन्तु, निरामया को  आगे बढ़ा पाएंगे।किसी भी देश में यदि उथल पुथल होता है तो उसकी जिम्मेदार सत्ता होती है क्योंकि जनता सत्ता के भरोसे रहती है। खुद के अधिकारों को पहचानने की जरूरत है। आज हमारे अधिकार छीन गए हैं। सामाजिक बदलाव के लिए जागरूकता आवश्यक है। 

       मनोज कुमार ने कहा कि सामाजिक एकता को कायम रखने के लिए संयम व जिम्मेदारी आवश्यक है। विचारों को सोचते रहना चाहिए कि समाज में क्या हो रहा है और कुछ ऐसे कार्य होते हैं उससे एकता खतरे में आ जाती है। ऐसा वातावरण का निर्माण करें ताकि एकता व प्रेम कायम रहे। इस तरह के आयोजन के जरिये हम एक दूसरे को समझते हैं। सभी धर्म संस्कृति का सम्मान होगा तभी राष्ट्रीय एकता, शांति, सद्भाव व न्याय कायम होगा। 

         वीरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि  आज समाज मे विखराव और नफरत बढ़ रहा है। हमें एकता, शांति न्याय को अक्षुण बनाये रखना होगा। उसके लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी। हमें अपने मूल्यों व धरोहरों को मजबूत बनाना होगा। देश मे रहने वाले सभी धर्मों के लोग अपने है और सबको बराबर अधिकार हासिल है। उनके साथ भेदभाव करना संविधान के मूल्यों  के साथ खिलवाड़ है। कामिनी ने कहा कि देश स्वस्थ समाज की परिकल्पना को तभी पूरा कर पायेगा जब अच्छे लोग हों। हिंदुस्तान की एकरूपता में जितनी तरह की आवाजें, संस्कृति, भिन्नता होगी उतना ही मजबूत होगा। इतनी सारी विविधताओं के बाद भी देश की एकता मजबूत है।

कार्यक्रम में अम्बेडकरनगर के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए सैकड़ों प्रतिभागी शामिल हुए। स्वागत और विषय प्रवेश वीरेंद्र त्रिपाठी,संचालन मनोज कुमार और आभार अंजू ने व्यक्त किया।

बुधवार, 20 जुलाई 2022

छात्रों को एल्बेंडाजोल खिलाकर शुरू हुआ राज्य कृमि मुक्ति दिवस


Ghazipur (dil india live). स्वास्थ्य विभाग द्वारा 01 साल से 19 साल के युवाओं को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए पूरे प्रदेश में कृमि मुक्ति अभियान बुधवार से शुरू किया गया। बंधवा स्थित माउंट लिट्रा जी स्कूल में छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत किया। इस दौरान उन्होंने छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली क्यों खिलाई गई है इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया। डॉ उमेश कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के आंगनबाड़ी केंद्र जनपद में चलने वाले प्राथमिक विद्यालयों के स्कूल के साथ ही माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के छात्र-छात्राओं और स्कूल जाने वाली और स्कूल ना जाने वाली किशोरियों को जिनकी उम्र 19 साल हो चुकी है उन्हें गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा ईट भट्टों पर कार्य करने वाले श्रमिक एवं घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम बुधवार से पूरे जनपद में चलाया जा रहा है। जिसमें अधिक से अधिक छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल 400 मिलीग्राम की पूरी गोली खिलाई जानी है। इस गोली को चबाकर या चुरा बनाकर खाया जा सकता है। इसके अलावा जो बच्चे इस गोली को खाने से वंचित रह जाएंगे उन बच्चों को मापअप दिवस 25 से 27 जुलाई के मध्य स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

डीसीपीएम अनिल वर्मा ने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव होते हैं। इससे बच्चा कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन और उल्टी दस्त से परेशान रहता है। ऐसे में अभियान के माध्यम से जिले में कृमि संक्रमण से बचाव के लिए कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल की टेबलेट्स स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निशुल्क दी जाएगी। अभियान के तहत डोर टू डोर के माध्यम से भी इसे लोगों तक पहुंचाया जाएगा। स्कूल के डायरेक्टर मोहित श्रीवास्तव ने बताया कि आज कुल 35 छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर कृमि मुक्ति अभियान का शुरुआत किया गया है वही उनके विद्यालय में करीब 1000 छात्र-छात्राएं हैं और उनकी पूरी कोशिश होगी कि सभी छात्र छात्राओं को या गोली खिलाया जाए। इस कार्यक्रम में डॉक्टर के के सिंह, डॉ मनोज सिंह, डॉ सुजीत कुमार मिश्रा, डीपीएम प्रभुनाथ, एहतेशाम खान, स्कूल के प्रिंसिपल राजेश कुकरान, अर्बन कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार के साथ ही स्कूल के टीचर और छात्र-छात्राएं शामिल रहे।

रविवार, 17 जुलाई 2022

Sant kabir handlum award: ऐसे करें आवेदन

संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार के लिए करें जल्दी



Varanasi (dil india live)। उ०प्र० शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा एवं बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना का संचालन/क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना अन्तर्गत बुनकरों को सम्मानित एवं प्रोत्साहित करने के उददेश्य से परिक्षेत्रीय स्तर एवं राज्य स्तर पर पुरस्कार प्रदान किया जाता हैं। 

     उक्त जानकारी देते हुए सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग अरूण कुमार कुरील ने बताया कि परिक्षेत्रीय पुरस्कार में प्रथम पुरस्कार 20,000/- नकद, शील्ड प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम, द्वितीय पुरस्कार 15,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम एवं तृतीय पुरस्कार 10,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण- पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान किया जायेगा। परिक्षेत्र स्तर पर चयनित विजेताओं में से राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयन किया जायेगा। जिसमें प्रथम पुरस्कार 1,00,000/- नकद, शील्ड प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम, द्वितीय पुरस्कार 50,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम तृतीय पुरस्कार 25,000/- नकद, शील्ड, प्रमाण-पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान किया जायेगा। राज्य स्तरीय पुरस्कार चार श्रेणियां निर्धारित की गयी हैं।

श्रेणी-1 अंतर्गत राज्य स्तरीय हथकरघा पुरस्कार की चार श्रेणियाँ निर्धारित साड़ी, ब्राकेड, ड्रेस मैटेरियल। श्रेणी-2 अंतर्गत सूती दरी, ऊलेन दरी, आसनी एवं दरेट। श्रेणी-3 अंतर्गत वेडशीट, वेड कवर, होम फर्नीशिंग। श्रेणी-4 अंतर्गत स्टोल, स्कार्फ, गमछा व अन्य है। हथकरघा पर कार्य कर रहे बुनकर/बुनकर सहकारी समितियों/स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्कृष्ट

एवं कलात्मक नमूने जैसे-सूटिंग, शर्टिग, दो-दो मीटर, साड़ी फुल साईज की, तौलिया, बेडशीट, बेडकवर, शाल, दरी आदि पूर्ण साइज का हो ताकि उत्पादों की गुणवत्ता का सम्पूर्ण निरीक्षण आदि सम्भव हो सकें। सैम्पल/नमूने का पूर्ण विवरण (वार्प, वेफ्ट, रंग डिजाइन तथा तकनीकी) आदि अंकित करना अनिवार्य होगा। जिन हथकरघा बुनकरों को विगत तीन वर्षो में पुरस्कृत किया जा चुका है वह इसके लिए पात्र नहीं होगें ।

पुरस्कार हेतु चयन में डिजाइन वीवींग, तकनीक एवं उत्पाद विविधता आदि योग्यताओं तथा रंगो के तालमेल आदि को ध्यान में रखकर पुरस्कार हेतु सैम्पल का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा किया जायेगा। जनपद वाराणसी, मीरजापुर, चन्दौली, सोनभद्र, जौनपुर एवं सन्त रविदास नगर (भदोही) के बुनकर, जो अपना सैंम्पल पुरस्कार हेतु प्रेषित करना चाहते है वे आवेदन पत्र एवं सैम्पल प्रस्तुत करने की पात्रता (व्यक्तिगत बुनकर, समिति का बुनकर, मास्टर बुनकर एवं व्यक्तिगत बुनकर संयुक्त रूप से 4 डिजाइनर एवं बुनकर संयुक्त रूप से) के आधार पर उपरोक्तानुसार पूर्ण विवरण के साथ 19.09.2022 तक सहायक आयुक्त, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, रथयात्रा, वाराणसी के कार्यालय में जमा कर सकते है।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...