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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

राजनीतिक दल के चुनाव घोषणा पत्र में इस समुदाय की तरक्की का संकल्प शामिल हो

मीट इण्डस्ट्री को कृषि उद्योग का दर्जा दिया जाए

आजादी के 75 साल बाद भी कुरैश समुदाय बदहाली का शिकार : ऑल इण्डिया जमीयतुल कुरैश

वाराणसी 02 फरवरी (dil India live) । आल इण्डिया जमीयतुल कुरैश उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद यूसुफ कुरैशी एडवोकेट, महासचिव चौधरी , अध्यक्ष यूथ विंग साजिद अहमद कुरैशी व यूथविंग प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी तौफीक कुरैशी के साझा बयान में कुरैशी बिरादरी से अपील की है। अपील में कहा है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव में अपने - अपने हलकों में उस पार्टी और उम्मीदवार को वोट करें जो पार्टी और उम्मीदवार कुरैश बिरादरी के कारोबार की तरक्की और जो कारोबाद बंद किया गया है उसको दोबारा खोलने के लिए ठोस आश्वासन दे। आले उमर कुरैशी ने कहा कि कुरैश बिरादरी के वोट उस सियासी पार्टी को मिलेंगे जो पूरे सूबे के तमाम जिलों में जरूरत के मुताबिक स्लॉटर हाउस , पशु वधशालाएं बनाने की गारण्टी दे। अपील में कहा गया है कि सियासी पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात को प्रमुखता से कहे कि वह सत्ता में चुनकर आने के बाद मॉडर्न स्लॉटर हाउस बनाएगी । मीट इण्डस्ट्री को कृषि उद्योग का दर्जा दिया जाए और कृषि उद्योग को मिलने वाली समस्त रियायतें भी दी जाएं । गोश्त की दुकानों के लाइसेंस देने एवं नवीनीकरण प्रक्रिया का सरलीकरण करें ताकि गोश्त की दुकानों के नए लाइसेंस व रिन्यूअल आसानी से किए जा सके। ए.आई.जे. के ने चिंता जताते हुए कहा कि कुरैश बिरादरी के साथ निरंतर सौलेता व्यवहार हो रहा है । फैक्ट्रीयां , मीट प्लॉट जबरन बन्द कर दी गई हैं , सरकार ने लाखों लोगों को बेरोजगार बना दिया , उन्हें एक - एक निवाले का मोहताज बनाकर सड़क पर पैदल कर दिया । मीट प्लांट को चालू करने की राह में हज़ारों अड़चनें पैदा कर दी गई हैं । कुरैश बिरादरी को परेशान करने के लिए लाइसेंस और रिन्यूवल प्रक्रिया में पुलिस प्रशासन और तमाम विभागों का अनावश्यक हस्तक्षेप कर दिया गया है । इसका दुष्परिणाम ये हुआ कि डी . एम . की अनुमति के बगैर किसी भी जगह स्लॉटर हाउस , पशु मीट पलांट को चलाने की इजाजत नहीं दी जाती । जब तक किसी जिले के कलेक्टर , पुलिस और दीगर प्रशासन के अधिकारी एनओसी न दें , पॉल्यूशन बोर्ड भी एन.ओ.सी. नहीं देता है । कहा , हम उम्मीद करते हैं कि तमाम सियासी पार्टियां कुरैश बिरादरी की दिक्कतों को समझते हुए उन्हें दूर करने का बीड़ा उठाएगी । उत्तर प्रदेश में कुरैश बहुत बड़ी आबादी है । उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के अन्दर मुस्लिम आबादी का करीब २० से ५० : कुरैशी बिरादरी का प्रतिनिधित्व है । ज्यादातर लोगों का रोजगार मांस के कारोबार से जुड़ा हुआ है । मीटर प्लांट का शत - प्रतिशत उत्पादन एक्सपोर्ट किया जाता है जिससे मुल्क की इकॉनामी और करेंसी का फायदा होता है । उत्तर प्रदेश सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों के चलते कुरैश बिरादरी का सारा कारोबार चौपट हो गया है । बिरादरी के लोग सियासी पार्टियों से अपील करें कि वह अपने एजेंडों , मेनिफेस्टों में हमारे कारोबार को चालू कराने की गारण्टी दें । हमें रोजगार दें और जो बेरोजगार किए गए हैं उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाए । कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए औपचारिकताएं कम से कम , जटिलताओं को कम करके प्रक्रिया आसान किया जाए । ताकि बेरोजगार हुए लोग रोजगार हासिल कर सके और बन्द पड़ी फैक्ट्रियां चालू हो सके । ताकि लाखों की तादाद में जो मजदूर बेरोजगार हुए हैं वह रोजगार में लग सके और हर जिले के अन्दर लोगों को अपनी मर्जी से हलाल गोश्त खाने को मिल सके । ऐसा तभी संभव होगा जब प्रत्येक जिले के अंदर माडर्न स्लाटर हाउस बनाए जाएंगे । ऑल इण्डिया जमीयतुल कुरैश उत्तर प्रदेश ने कुरैश बिरादरी की आवाह्न करते हुए कहा कि जो पार्टियां हमें ठोस आश्वासन न दें , हमारी मदद न करें या हमसे वादा न करें ऐसे लोगों , पार्टियों का बेझिझक बायकॉट करें । जो पार्टियां कुरैश बिरादरी की तकलीफ को दिल से महसूस करती है और सुलझाने के लिए मज़बूत इच्छा शक्ति रखती है । हमारा संगठन ७५ जिलों में सक्रिय है , हमारे जिला अध्यक्ष व पदाधिकारी , सियासी पार्टियों , उनके जिम्मेदार ओहदे दारान और प्रत्याशियों से सम्पर्क करेंगे। साझा बयान में साफतौर से कहा कि सियासी पार्टियां अपने - अपने चुनाव घोषणा पत्र में कुरैश समुदाय की तरक्की का संकल्प शामिल करें । गौवंश तस्करी और वध के झूठे आरोप में सूबे की जेलों में कुरैश बिरादरी के हज़ारों निर्दोष लोग सालों से कैद हैं , उनके परिवार भुखमरी का शिकार है । मांस के कारोबार पर पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दिया है । कुरैश बिरादरी के अधिकांश लोगों की आमदनी बन्द हो गयी है इस वजह से उनके बच्चों की स्कूल , कालेजों की फीस जमा नहीं हो पा रही परिणाम स्वरूप बच्चों के नाम स्कूल से कट गए । गौवंश वध के संदिग्ध मामलों को फास्ट ट्रैक अदालतों में चलाकर त्वरित निर्णय लिया जाए, निर्दोषों और बेगुनाहों को जेल से आज़ाद किया जाए। ताकि वो समाज में सिर उठाकर स्वाभिमान के साथ जी सकें। कहा, सियासी पार्टी के लिखित आश्वासन के बाद ही ऑल इण्डिया जमीयतुल कुरैश उत्तर प्रदेश उक्त पार्टी को समर्थन देने के सम्बन्ध में विचार करेगा।

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

बाबरी मसजिद की बरसी पर बंद रहा मुसलिम कारोबार

6 दिसंबर: दालमंडी कपड़ा मार्केट में पसरा सन्नाटा

बाबरी मस्जिद की बरसी पर सोमवार को मुस्लिम करोबार पूरी तरह बंद रहा। इससे करोड़ो के टर्न ओवर प्रभावित होने का अनुमान है। बता दे कि 1992 से लगातार बरसी मनाने का सिलसिला जारी है। इस बंदी से करोड़ो का टर्न ओवर प्रभावित होता है। एक रिर्पोट....

 



सरफराज अहमद

वाराणसी 6 दिसंबर (dil india live)। बाबरी मस्जिद की शहादत पर सोमवार को शहर के मुस्लिमों ने अपना कारोबार बंद रखा। इस दौरान प्रमुख मुस्लिम बाजार दालमंडी नई सड़क, कपड़ा मार्किट, बेनिया, सरायहड़हा, भीखाशाह गली, नारियल बाजार, छत्तातले, घुघरानी गली, कच्ची सराय, चाहमामा, कोदई चौकी व चौक आदि इलाके की दुकानों के शटर भी नही उठें। इन इलाकों में लोग वर्ष 1992 से लगातार मस्जिद शहीद किये जाने के गम में अपना- अपना करोबार बंद रखते है। पहले इसके लिए आलमीन सोसायटी बंद की अपील करती थी शिवाला में अध्यक्ष परवेज कादिर खाँ की अगुवाई में धरना दिया जाता था। घरों और मस्जिदों में दुअख्वानी होती थी।हालॉकि अब इसके लिए न तो कोई अपील होती है और न ही कोई एलान बावजूद इसके स्वेच्छा से सभी अपने करोबार को बंद रखते है। 

लग जाती हैं बंद की तख्तिया 

प्रमुख मुस्लिम इलाको में बंदी की अपील वाली तख्तिया लगी हुई है। जिस पर लिखा है कि आज काला दिवस है दुकाने नहीं खुलेंगी। एक अनुमान के मुताबिक बंदी से तकरीबन 5 से 10 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर प्रभावित होता है। 

अमन के लिए बंद हुआ धरना

कुछ वर्ष पूर्व तक आलमीन सोसायटी की ओर से शिवाला पर धरना प्रदर्शन किया जाता था और मगर बनारस बंद की अपील जाती थी, मगर कुछ वर्ष पूर्व अमनो-मिल्लत बनाये रखने के लिए यह आयोजन बंद हो गया। मगर बनारस के मुस्लिम अपना कारोबार बंद करके अपने गम का इजहार करते है बंदी के चलते हड़हा सराय का बिसातबाने का कारोबार बेनिया का प्लास्टिक, नई सड़क का कपड़ा व्यवसाय, दालमंडी का इलेक्ट्रनिक पार्ट्स रेडीमेट होजरी समेत तमाम करोबार बंद रहता है।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...