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बुधवार, 14 दिसंबर 2022

Ganga jamuni तहजीब के लिए कवि गोष्ठी व मुशायरों की खास जरूरत: Haji ishtiyaq

दुनिया तुली थी हम को बनाने पे देवता

पर हम किसी भी हाल में पत्थर नहीं हुए... अंकिता 

साहित्यिक संस्था अदब सराय की काव्य गोष्ठी वह मुशायरा सम्पन्न 




Varanasi (dil india live). अदब सराय बनारस के तत्वाधान में मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हाजी इश्तियाक अहमद साहब के पितरकुंडा स्थित आवास पर लखनऊ से तशरीफ लाए प्रख्यात आर्थोपेडिक सर्जन और शायर डॉक्टर अहमद अयाज़ और उनकी पत्नी मशहूर नाविल निगार व शायरा रिफ़अत शाहीन के सम्मान में एक मुशायरे का आयोजन किया गया। सदारत बुज़ुर्ग शायर और लेखक शाद अब्बासी ने की जबकि मुख्य अतिथि बेंगलुरु से तशरीफ लाये जमील बनारसी थे।तमाम मेहमानों की गुलपोशी संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक अहमद और ज़मज़म रामनगरी, डॉक्टर शाद माशरिकी, आलम बनारसी ने शाल पहना कर किया। संचालन की जिम्मेदारी ज़मज़म रामनगरी ने बड़ी खूबसूरती से अदा की।इस मौके पर शहर ए बनारस के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता लेखक व शायर खलीकुज़्ज़मां खलीक को उनकी रचनाओं में सत्य निष्ठा एवं आम आदमी से जुड़ी समस्याओं को निर्भय एवं प्रखरता से छन्दबद्ध करने के सम्मान'' में मरणोपरांत ''अज़मत ए बनारस अवॉर्ड 2022'' पेश किया गया। 
संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक़ अहमद ने इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में कहा कि अगर इस मुल्क में हमारी सदियों से चली आ रही सर्वधर्म सम्भाव एवं गंगा जमुनी तहज़ीब को जन जन तक पहुँचाना है तो हमें इसी तरह की छोटी छोटी कवि गोष्ठियों एवं मुशायरों के माध्यम से देशभक्ति करुणा एवं एकता और भाई चारगी का पैगाम आम करना होगा,अपने घरों में उर्दू की पत्रिका और उर्दू अखबार मंगाया जाए।आज की ये शेअरी नशिस्त इसी सिलसिले की एक कड़ी है।इस शेअरी नशिस्त में जिन शायरों और कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया उनके नाम व अशआर  इस प्रकार हैं।

डॉक्टर अहमद अयाज़

यूँही सीने से लगाता नहीं कोई भी अयाज़

ख़ाक छानी है तो ये दश्त हमारा हुआ है

जमील बनारसी बैंगलोर 

जाते हैं हम वहाँ जहाँ इस दिल की क़द्र हो

बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिए हुए

शाद अब्बासी

काम में लाओ नीली आँखें इन से कुछ तहरीर करो

मेरे दिल के सादा वरक पर लिख्खो तो कुछ वक़्त कटे

खालिद जमाल 

ये ज़मीं मेरी भी है ये आसमाँ मेरा भी है

रोज़ ओ शब के खेल में सूद ओ ज़ियाँ मेरा भी है

हबीब बनारसी

क्या कहा हश्र में कोई ना किसी का होगा

ये भी बतलाओ कि हम लोग कहाँ रहते हैं

ज़मज़म रामनगरी

तुझे गुरूर ए सितम है तो वार कर मुझ पर

ये मैं हूँ और ये तू है ये मेरा शाना है

आलम बनारसी

शायद तुम को लज़्ज़त ए गम का अब एहसास हुआ है जो

हम से क़िस्सा पूछ रहे हो फुरक़त के इक इक पल का

डॉक्टर बख़्तियार नवाज़

ज़ख्म खूशबू ख़्वाब मंज़र आईना

ज़िंदगी के रंग सारे देखना

डॉक्टर शाद माशरिकी 

हम ने बदले हुए माहौल में रक्स ए वहशत

सामने से कभी देखा कभी छुप कर देखा

अंकित मौर्या

दुनिया तुली थी हम को बनाने पे देवता

पर हम किसी भी हाल में पत्थर नहीं हुए

नसीम बनारसी

तुम जितना दबाओगे उभरता ही रहेगा

हर जाद ए मुश्किल से गुज़रता ही रहेगा


आयूष कश्यप

वही दरिया कि जिस में तुम ने इक दिन पाँव धोए थे

कभी वो आब ए दरिया फिर नहीं मैला हुआ होगा


नसीर चंदौलवी

कितना आसाँ है मोहब्बत में किनारा करना

ना कोई फोन ना मैसेज ना इशारा करना

शिवांशू सिंह

उदास वक्तों में हँसने वालों इतना ध्यान रहे

बे मौसम बारिश से भी पौधे मारे जाते हैं

   इस अवसर पर बनारस के वरिष्ठ लोगों में जमाते इस्लामी हिंद बनारस के ज़िला अध्यक्ष डॉक्टर अकबर, सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, आज़ाद हिन्द रिलीफ सोसाइटी के अध्यक्ष जुल्फिकार अली, फने सिपहगिरी एसोसिएशन के अध्यक्ष असलम खलीफा, मरियम फाउंडेशन के शाहिद अंसारी इत्यादि मौजूद थे।

सोमवार, 12 सितंबर 2022

Sahitya समाज में संस्कारों और संस्कृति का संवाहक :पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

पीएमजी ने राम बचन सिंह की तीन पुस्तकों का किया विमोचन


Varanasi (dil india live). साहित्य समाज में संस्कारों व संस्कृति का संवाहक है। ऐसे में साहित्यकारों का दायित्व है कि ऐसा लेखन करें जो साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाए। उक्त उद्गार साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सेवानिवृत्त उप बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राम बचन सिंह यादव 'बेराही' की तीन पुस्तकों - नायाब नायक कर्ण (खंड काव्य), अंतर्बोध (काव्य संग्रह) और असुरवंश बनाम राजवंश (खंड काव्य) का विमोचन करते हुए व्यक्त किया। लाइफ लाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, आजमगढ़ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में श्री चंद्रजीत सिंह यादव, उप शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर मंडल, प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ. गायत्री सिंह, गीता सिंह भी मंचासीन रहे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि एक तरफ रामायण काल की घटनाओं को सहेजे खंड-काव्य 'असुरवंश बनाम राजवंश' तो दूसरी तरफ महाभारत काल के 'नायाब नायक कर्ण' के जीवन के अंतर्द्वंदों को सहेजे खंड-काव्य की रचना, वहीं जीवन की तमाम अनुभूतियों व संवेदनाओं को सहेजता काव्य संग्रह 'अंतर्बोध'  एक कवि के रूप में श्री राम बचन सिंह यादव की आध्यात्मिक व दार्शनिक प्रवृत्ति, सांस्कृतिक विरासत से जुड़ाव, इतिहास बोध का भरपूर ज्ञान और महापुरुषों से युवा पीढ़ी को जोड़ने का सत्साहस दिखाता है। परिस्थिति और ऐतिहासिक चेतना के द्वंद से उबरते हुए उन्होंने लोग-मंगल से जुड़कर युगीन सत्य को भेदकर मानवीयता को खोजने का प्रयत्न किया। श्री यादव ने कहा कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों ने ज्ञान, भक्ति और कर्म की त्रिवेणी प्रवाहित कर भारतीय जनमानस को जागृत किया। इनमें  जिन प्रगतिशील मूल्यों व समानता के भावों पर बल दिया है, उसे आज बार- बार उद्धृत करने की जरूरत है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि सरकारी सेवाओं में रहते हुए भी साहित्य सृजन का कार्य व्यक्ति की दृष्टि को और भी व्यापक बनाता है। शिक्षा व्यक्ति में ज्ञान उत्पन्न करती है तो साहित्य संवेदना की संपोषक है। इसी कड़ी में श्री राम बचन सिंह यादव न केवल एक शिक्षक एवं पथ प्रदर्शक के रूप में रहे, बल्कि साहित्य के विकास एवम उन्नयन में भी महती भूमिका निभाने को तैयार हैं।

आजमगढ़ से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि तमाम ऋषियों-मुनियों, क्रांतिकारियों व साहित्यकारों की पावन धरा रहे आजमगढ़ में साहित्य की समृद्ध परंपरा रही है। राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध', आचार्य चंद्रबली, श्याम नारायण पांडेय,अल्लामा शिब्ली नोमानी, कैफी आजमी जैसे यहाँ के साहित्यकारों ने देश-दुनिया में ख्याति अर्जित की है। आज भी आजमगढ़ के तमाम साहित्यकार न सिर्फ उत्कृष्ट रच रहे हैं बल्कि समाज को एक नई राह दिखा रहे हैं। 

चंद्रजीत सिंह यादव, उप शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर मंडल ने कहा कि श्री राम बचन सिंह यादव की कविताएं पाठक को खुद अपना अंतर्बोध कराती प्रतीत होती हैं। मानवीय मूल्यों के पतन और समाज की वर्तमान स्थिति को उन्होंने अपनी कविताओं में अक्षरक्ष: उतार दिया है। न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह ने कहा कि अच्छी पुस्तकें जीवन के लिए टॉनिक का कार्य करती हैं। इनके अध्ययन-मनन से  एकाकीपन, निराशा और अवसाद से भी बचा जा सकता है। युवाओं में पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करनी होगी। 

अपनी रचना प्रक्रिया पर राम बचन सिंह यादव ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और नायक कर्ण का व्यक्तित्व सदैव से प्रभावित करता रहा है, जिन्होंने तमाम संघर्षों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी जीवन में मूल्यों का साथ नहीं छोड़ा। इन पर खंड-काव्य लिखकर अपने को बेहद सौभाग्यशाली समझता हूँ। पिताजी के अंतिम दिनों की अवस्था देखकर भी मुझे जीवन का अंतर्बोध हुआ, जिसे काव्य संग्रह के रूप में परिणित किया।     

कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभय प्रताप यादव, प्राचार्य, आर.के फार्मेसी, सठियांव, आजमगढ़ तो आभार ज्ञापन श्री प्रेम प्रकाश यादव ने किया. प्रो.आरके यादव, सरोज, ऋषि मुनि राय, मिथिलेश तिवारी, घनश्याम यादव, संजय यादव, आलोक त्रिपाठी, सूर्य प्रकाश सहित तमाम साहित्यकार और गणमान्य जन उपस्थित रहे।

सोमवार, 27 दिसंबर 2021

नवोदय रत्न से पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ' सम्मानित

सम्मानजनक उपलब्धियों के लिए हुए सम्मानित 

वाराणसी 27 दिसंबर (dil india live) परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव को नवोदय की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि एवं सम्मानजनक उपलब्धियों के लिए 'नवोदय रत्न' सम्मान से अलंकृत किया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय, जीयनपुर, आजमगढ़ में आयोजित सिल्वर जुबली एल्मुनाई मीट में पूर्व प्राचार्य श्री आई.पी सिंह सेंगर, वर्तमान प्राचार्य श्री एस.के राय एवं जिला विद्यालय निरीक्षक मऊ श्री आर.पी यादव ने उन्हें सम्मान-पत्र व स्मृति चिन्ह के साथ शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। 

बतौर मुख्य अतिथि जवाहर नवोदय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य श्री आई.पी सिंह सेंगर ने कहा कि नवोदय विद्यालय की प्रतिभाएँ विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम फहरा रही हैं और अपनी उपलब्धियों से नई पीढ़ी हेतु प्रेरणास्रोत का कार्य भी कर रहे हैं। नवोदय विद्यालय, आजमगढ़ को यह श्रेय प्राप्त है कि यहीं के विद्यार्थी रहे कृष्ण कुमार यादव ने अपने प्रथम प्रयास में ही संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित सिविल सर्विसेज परीक्षा पास कर उत्तर प्रदेश से सिविल सेवाओं में सफल प्रथम नवोदयी विद्यार्थी बनने का गौरव प्राप्त किया। 

नवोदय एल्मुनाई  वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव डॉ. अभय यादव ने प्रशस्ति-वाचन करते हुए कहा कि, श्री कृष्ण कुमार यादव लोकप्रिय प्रशासक के साथ ही सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं। विभिन्न विधाओं में आपकी सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और जीवन पर भी एक पुस्तक "बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव" प्रकाशित हो चुकी है। देश-विदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु आपको शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं। उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा जी न्यूज का ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य-सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ’’विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान’’ से विभूषित आपको अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित किया जा चुका है। विभागीय दायित्वों और हिन्दी के प्रचार-प्रसार के क्रम में अब तक श्री यादव  लंदन, फ़्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, भूटान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। आपके परिवार को यह गौरव प्राप्त है कि साहित्य में तीन पीढ़ियाँ सक्रिय हैं। आपके पिताजी श्री राम शिव मूर्ति यादव के साथ-साथ आपकी पत्नी श्रीमती आकांक्षा भी चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं, वहीं बड़ी बेटी अक्षिता (पाखी) अपनी उपलब्धियों हेतु भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हैं।

कार्यक्रम में श्री कृष्ण कुमार यादव के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सर्वश्री गणेश चंद्र यादव, विपिन मिश्रा, आनंद कुमार पाण्डेय, डॉ. संतोष शंकर रे, डॉ. उमेश चंद्र, डॉ. अवनीश राय, प्रो. सत्यपाल शर्मा, श्याम कन्हैया सिंह, राम दरश यादव, मदन मोहन राय, धर्मेंद्र यादव, आशुतोष तिवारी, संघर्ष वंघई और  शशिकला यादव सहित कुल 15 लोगों को 'नवोदय रत्न' से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वर्ष 1995 और 1996 बैच के पास आउट छात्र-छात्राओं का भी अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन नवोदय एल्मुनाई वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम यादव और मिथिलेश मिश्रा आई.ए.एस, संचालन डॉ. अभय यादव और आभार हरिलाल ने किया। इस दौरान उप प्रधानाचार्य जया भारती, केएस यादव, नन्दलाल प्रजापति, अपर जिलाधिकारी (वित्त व राजस्व) आजाद भगत सिंह, सिविल जज जुवेनाइल मनीष राना, संजीत कुमार, सूर्य प्रकाश यादव, सोमेश, प्रदीप विमल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

ख्याल अपना पुस्तक का हुआ लोकार्पण

शायरी की दुनिया में मील का पत्थर साबित होगी ख्याल अपना - प्रो. चंद्रकला
वाराणसी 10 दिसम्बर (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज एवं मन बंजारा कविता सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को पुस्तक ''ख्याल अपना'' का  लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ। कॉलेज के न्यू ओबीसी बिल्डिंग स्थित सभागार में शायर हशम तुराबी द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन प्रोफेसर अवधेश प्रधान, प्रोफेसर चंद्रकला पाड़िया, डॉ. सत्यदेव सिंह, प्रोफेसर अनुराधा बनर्जी ने किया। 

इस अवसर पर आयोजित पुस्तक चर्चा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूतपूर्व कुलपति प्रोफेसर चंद्रकला पाड़िया ने कहा कि ख्याल अपना पुस्तक आत्मा को स्पर्श करने वाली पुस्तक है। कवि की चेतना जब अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुँचती है तब ऐसी कृति समाज के सामने आ पाती है। उन्होंने कहा कि शायरी करने वालो के लिए यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी। मुख्य वक्ता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूतपूर्व आचार्य प्रोफेसर अवधेश प्रधान ने कहा कि इस पुस्तक की सादगी ही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। कविता वही है जो व्यक्ति को अंदर से संभालती है, लोकतांत्रिक शायर की लोकतांत्रिक शायरी के रूप में यह पुस्तक समाज मे अपना स्थान बनाएगी। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि इंसान को इंसान बनाने वाली पुस्तक है ख्याल अपना, जिसे समाज के आईने के रूप में देखा जा सकता है।

कार्यक्रम में नवगीतकार पण्डित हरिराम द्विवेदी, रामअवतार पाण्डेय, आकाशवाणी के क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार, कावेरी भादुड़ी, रामानंद तिवारी, अशोक सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किया। संयोजन प्रोफेसर अनुराधा बनर्जी ने किया। स्वागत लेखक हशम तुराबी, डॉ. स्वाति सुचरिता नंदा, डॉ. महिमा सिंह, फिरोज नुसरत ने किया। धन्यवाद ज्ञापन रत्ना मुखर्जी ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. उषा किरण सिंह, डॉ. शहजाद वारसी, डॉ. मंजरी पाण्डेय, डॉ. कमालुद्दीन शेख, रेहानुलहसन आदि उपस्थित रहें।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...