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सोमवार, 18 अप्रैल 2022

नहीं रहे जॉन दयाल

वाराणसी १८ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)‌ ।

सीएनआई लाल गिरिजा घर के वरिष्ठ सदस्य जॉन दयाल अब इस दुनिया में नहीं रहे। दयाल का 85 वर्ष की आयु में प्रातः 8 बजे निधन हो गया। उनके निधन से वाराणसी के मसीही समुदाय में शोक की लहर है।

खास कर लाल गिरजा के सदस्यों ने ईश्वर से शोक संतप्त परिवार को अपनी शाश्वत शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है। यह जानकारी लाल गिरजा के सेक्रेटरी विजय दयाल ने देते हुए कहा कि दिवगंत जॉन दयाल का पार्थिव शरीर कल (19 अप्रैल 2022) प्रातः 8.00 बजे लाल गिरजा लाया जाएगा।तत्पश्चात संशिप्त प्रार्थना सभा के बाद, उनके पार्थिव देह को प्रातः 9.00 बजे चौकाघाट कब्रिस्तान में सुपर्दे खाक किया जाएगा।

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

मशहूर शायर कारी शाहबुद्दीन के वालिद का इंतेकाल

कल जुमे बाद होंगे सुपुर्दे ख़ाक

वाराणसी ३१ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मशहूर शायर हाफ़िज़ कारी शाहबुद्दीन के वालिद (पिता) अमीर बेग का आज इंतेकाल हो गया है। वो अपनी जिंदगी के १०० वर्ष मुकम्मल कर चुके थे। कल जुमे की नमाज के बाद सोनभद्र के घोरावल सिथत आबाई कब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक किया जाएगा।

गुरुवार, 24 मार्च 2022

मौलाना एजाज का जाना, रुला गया सबको



वाराणसी २४ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। ख़तीबे अहले बैत मौलाना एजाज हसनैन गदीरी ( करेली इलाहबाद) ने एक लम्बी बीमारी के बाद जामिया हॉस्पिटल में अन्तिम सास ली। मौलाना की मौत की खबर से पूरी शिया कौम गम के माहौल में डूब गई  आपका जनाजा आज जववादिया कालेज से दरगाह-ए फातमान लल्लापुरा में हज़ारो की संख्या मे लोगों ने  सुपुर्द खाक किया । शिया कौम के बेहतरीन आलिम के चले जाने से पूरी कौम को एक बड़ा नूकसान हुआ। जनाजे में आएतुल्लाह मौलाना सैयद शमिमुल हसन साहब, मौलाना ज़मीर हसन, नदीम असगर, मौलाना वसीम, मौलाना तहजीब, इममे जुमा मौलाना सय्यद  जफ़र हुसैनी, मौलाना सैयद मोहम्मद अक़ील हुसैनी, अमीन हसन, सै फ़िरोज़ हुसैन, सै अब्बास रिज़वी शफ़क, सै एजाज़ हुसैन ( बाक़री), शराफत हुसैन, सैयद फरमान हैदर, डॉ एस एम जाफ़र, लेयाकत अली, मौजूद थे।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

सीएमओ को मातृशोक

 वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी की मां मालती चौधरी का मंगलवार को निधन हो गया। वह लगभग 92 वर्ष की थीं। 

सीएमओ संदीप चौधरी की माता मालती चौधरी मलदहिया स्थित आवास पर उनके साथ ही रहती थीं। कल शाम उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। उन्हें तत्काल श्री शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पूर्वाह्न दस बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सीएमओं की मां के निधन की जानकारी मिलते ही उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों - कर्मचारियों में शोक व्याप्त हो गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा काफी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे और संवेदना व्यक्त की। स्व. मालती चौधरी का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया। मुखाग्नि डा. संदीप चौधरी ने दी। उनकी अंतिम यात्रा में उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आधिकारी - कर्मचारी व काफी संख्या में गणमान्य लोग शामिल थे। मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली स्व. मालती चौधरी अपने पीछे चार पुत्र व एक पुत्री का भरापुरा परिवार छोड़ गयी हैं।

सोमवार, 17 जनवरी 2022

कथक सम्राट पं.बिरजू महाराज का जाना

निधन की खबर से बनारस संगीत घराना शोक में डूबा 

काशी में शोक, संकट मोचन संगीत समारोह, ध्रुपद मेले में लगाते थे हाजिरी

सीएम योगी सहित कई ख्यातिलब्ध लोगों ने दी श्रद्धाजंलि



वाराणसी 17 जनवरी (dil india live)। मशहूर कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पद्म विभूषण से सम्मानित बिरजू महाराज (83 ) ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात अंतिम सांस ली। उनके पोते स्वरांश मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बारे में जानकारी दी। गायक अदनान सामी ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनके निधन की खबर मिलते ही सीएम योगी ने शोक जताया।

लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। इनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। ये कथक नर्तक होने के साथ साथ शास्त्रीय गायक भी थे। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी मशहूर कथक नर्तक थे। बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजी राव मस्तानी जैसी फिल्मों के लिए डांस कोरियोग्राफ किया था। इसके अलावा इन्होंने सत्यजीत राय की फिल्म 'शतरंज के खिलाड़ी' में म्यूजिक भी दिया था।

 पंडित बिरजू महाराज का भले ही लखनऊ के कालिका-बिन्दादिन घराने से रिश्ता रहा हो, लेकिन धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था।पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया। यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है। धर्म और संगीत की नगरी बनारस से उनका संगीत के अलावा पारिवारिक रिश्ता भी था। पहले ससुराल फिर समधियाना दोनों उन्होंने बनारस में ही बनाया।यही वजह है कि उनके निधन की खबर से बनारस स्तब्ध है।कथक सम्राट बिरजू महाराज के आंखों की मुद्रा से राधा-रानी की कलाओं की पेशकश हो या फिर तबले की थाप संग पैरों की जुगलबंदी, इसका जैसा अद्भुत मिलन पंडित जी के नृत्य में देखने को मिलता था, वो खुद में बेहद खास था।गिरिजा देवी के गुरु पंडित श्रीचंद्र मिश्र की बेटी अन्नपूर्णा देवी बिरजू महाराज की पत्नी थीं. कबीरचौरा की संगीत घराने वाली गली में पंडित जी का ससुराल है।वहीं, ख्यात सारंगीवादक पंडित हनुमान प्रसाद मिश्र के पुत्र पंडित साजन मिश्र के साथ बिरजू महाराज जी की बेटी कविता का विवाह हुआ है।वहीं उनके एक भाई ने बनारस घराने के ख्यात पंडित रामसहाय जी की शागिर्दी में तबला वादन सीखा था। पंडित जी का खुद बनारस से बहुत गहरा जुड़ाव था।बनारस के अस्सी घाट पर होने वाले कार्यक्रम हो या फिर देशभर के संगीतकारों की जुटान का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संकट मोचन संगीत समारोह. इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए पंडित बिरजू महाराज बनारस जरूर पहुंचते थे।काशी में होने वाले ध्रुपद मेले में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहता था।

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

अलविदा कमाल रवान, पत्रकारिता तुम्हें सदा याद रखेगी

संजीदा मिजाज़ और अनोखे अंदाज के धनी थे कमाल


वाराणसी 14 जनवरी (dil india live)। एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार, हम सबके अज़ीज कमाल खान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से बनारस के पत्रकारो में भी खासा दुख है। काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुभाष सिंह ने कहा कि एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान के आकस्मिक निधन से हम सभी लोग मर्माहत है। काशी पत्रकार संघ की ओर से उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। महामंत्री अत्री भारद्वाज ने कहा कि अनोखे अंदाज के धनी कमाल खान की आवाज़ भी कमाल की थी। इनमें पत्रकारिता का पैशन था, साथ ही साहित्यिक अभिरुचि भी थी। बोलने के अलग अंदाज से टीवी का व्याकरण भी बदला।इनका निधन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बड़ी क्षति है। लखनऊ में हुए आई एफ डब्ल्यू जे के अधिवेशन में इनसे मुलाकात हुई थी, जो अभी भी याद है।

61 साल के थे खान, हार्ट अटैक से मौत


लखनऊ में NDTV के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। लखनऊ की बटलर पैलेस कॉलोनी में रहने वाले खान लंबे समय से टीवी पत्रकारिता में थे। उन्होंने देर रात तक रिपोर्टिंग की। सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई। बताया गया है कि हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ।

61 साल के कमाल बीते 3 दशकों से पत्रकारिता में थे। 22 साल से वे NDTV से जुड़े थे। उनकी पत्नी रुचि भी लखनऊ में एक न्यूज चैनल ब्यूरो हेड हैं। साथी पत्रकारों ने बताया कि गुरुवार शाम के 7 बजे और रात 9 बजे के प्राइम टाइम में उनकी खबरें चली थीं। प्राइम टाइम शो को होस्ट कर रहीं नगमा ने बताया कि कांग्रेस के 150 उम्मीदवारों की सूची पर कमाल खान ने बात की थी। खान ने कहा था कि प्रियंका का यह फैसला लंबे समय तक असर डालेगा। नगमा ने बताया कि रात में जब वे कमाल से शो पर बात कर रही थीं, तो उनकी सेहत बिल्कुल ठीक लग रही थी। वे अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क रहते थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि चंद घंटे बाद अब उनकी आवाज सदा के लिए गुम हो गई। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि कमाल उनके बीच नहीं रहे।

प्रियंका, योगी और अखिलेश ने जताया दुख

कमाल की निधन की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव व अन्य नेताओं ने भी दुख जाहिर किया है। CM योगी ने कहा कि यह पत्रकारिता की अपूरणीय क्षति है। कमाल चौथे स्तंभ और निष्पक्ष पत्रकारिता के एक मजबूत प्रहरी थे। परवर दिगार उनकी आत्मा को शांति दे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कमाल खान के निधन पर संवेदनाएं प्रकट की है। उन्होंने लिखा है कि कुछ दिन पहले उनकी कमाल से मुलाकात हुई थी।

शनिवार, 1 जनवरी 2022

अंग्रेजों के बंगले में रणभेरी फेंकने वाले नहीं रहे

105 वर्षीय पत्रकार शम्भू नाथ भट अब नहीं रहे

Ghazipur 01 जनवरी (dil india live)। गाजीपुर जनपद के 105 वर्षीय पत्रकार शम्भू नाथ भट कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, आज वो दुनिया को अलविदा कह गए। 

नये वर्ष 2022 का पहला ही दिन शनिवार उनके व परिवार वालो के साथ ही गाजीपुर की पत्रकारिता के लिए भी तब अशुभ साबित हुआ, जब 01 जनवरी को उनके पैत्रिक निवास ताजपुर डेहमा में 11 बजे दिन में उन्होंने अंतिम सांस ली। पता कि स्व. भट्ट पराड़कर परम्परा के अंतिम पत्रकार थे। बताया जाता है कि 35 वर्षो तक उन्होंने रेलवे की सेवा की। सेवा के दौरान ही गुलाम भारत के समय वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार  बाबू विष्णु राव पराड़कर जी के संपर्क में आये और परड़कर जी द्वारा अग्रेजो के खिलाफ साइक्लोस्टाइल समाचार पत्र रणभेरी को रात्रि में अंग्रेज अधिकारियो के बगलों पर स्व. भट्ट फेंका करते थे। यही नही रेलवे निवृत होने के बाद दैनिक जागरण में समाचार लिखते रहे। विगत 10 वर्षो से राष्ट्रीय सहारा के  ताजपुर डेहमा में पत्रकार रहे और जिला पत्रकार समिति के सरक्षक थ। जीवन भर स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर सरकारी कर्मी एवं पत्रकरिता के क्षेत्र में काम करते हुए आज संसार को छोड़ के चले गये। इनके दो पुत्रो एवं पौत्रों से भरा पूरा परिवार है इनके निधन की सुचना मिलते ही जिला पत्रकार समिति की एक आवश्यक बैठक जिला कार्यलय तुलसी सागर लंका में अध्यक्ष सूर्य कुमार सिंह की अध्यक्षता में  हुई जिसमें भट जी के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए शोक सभा की गई। इस मौके पर महामंत्री डॉ विजय नारायण तिवारी अच्छन मिया, ब्रिजेश राय अनिल राय और ओमप्रकाश जायसवाल, ब्रहमानंद पाण्डेय, के के राय के अलवा दर्जनों पत्रकारों ने शोक जताया।  

रविवार, 26 दिसंबर 2021

वशिष्ठ मुनि ओझा सत्यधर्मी पत्रकार

वाराणसी 26 दिसंबर (dil india live)। नगर के वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार वशिष्ठ मुनि ओझा का निधन हो गया है। उनके निधन पर लहुरावीर आजाद पार्क मे नगर के समाजसेवियो, कवि व साहित्यकारो द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विजय नारायण ने अपने संबोधन में कहा स्वर्गीय ओझा सत्य धर्मी पत्रकार, गम्भीर कवि, हिन्दी के उपासक थे। वह हिन्दी के समर्थन में 1967 में अग्रेजी हटाओ आन्दोलन में जेल भी गए थे। मुख्य रूप से डा. दुर्गा प्रसाद, डा. जयशंकर जय, सिद्ध नाथ शर्मा, नरोत्तमशिल्पी, अशोक मुल्क,  आनन्द सिह, इन्द्र जीत,  नवनीत सिह, शंकर आनन्द आदि लोग उपस्थित थे।

गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

समाजसेवी खलीकुज्जमां सुपुर्द ख़ाक


वाराणसी 23 दिसंबर (dil india live)। समाजसेवी संस्था सुल्तान क्लब के लेखा परीक्षक मुख्तार अहमद अंसारी के पिता समाजसेवी खलीकुज्जमां का बुधवार प्रात 9 बजे बकराबाद स्थित आवास पर 70 वर्ष के अवस्था में आकस्मिक निधन हो गया। समाजसेवी के निधन पर एक अफसोस बैठक समाजसेवी संस्था "सुल्तान क्लब" के रसूलपुरा स्थित कार्यालय में संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक की अध्यक्षता में आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश की गई। स्वर्गीय खलीकुज्जमां साहब बड़े ही नेकदिल इंसान थे लोगों की सेवा में तत्पर रहते,इनके अंदर खुद्दारी का माद्दा रचा बसा था,आपने अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ा है।

जनाजे की नमाज़ नैशनल इंटर कालेज में अदा की गई और अल्ताफ शाह, धंसरा की कब्रस्तान में सुपुर्द खाक किया गया। अफसोस बैठक में डॉक्टर एहतेशामुल हक, जावेद अख्तर, अजय वर्मा, महबूब आलम, शमीम रियाज़, एच हसन नन्हें, अब्दुर्रहमान, सुलेमान अख्तर, इशरत उस्मानी, मौलाना अब्दुल्लाह, इरफान इत्यादि थे।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...