आक्सीजन देते पेड़ को हमें बचाना होगा: अनिल जैन
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। विश्व पर्यावरण दिवस पर श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी के परमानंदपुर परिसर में पर्यावरण स्नेही एवम् नेपाल द्वारा पर्यावरण योद्धा सम्मान से सम्मानित, पीपल नीम तुलसी अभियान से जुड़े मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक डा ओपी चौधरी ने सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले और भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त देव वृक्ष पीपल का रोपण किया और रक्षा सूत्र बांधकर बकस्वाहा जंगल, छतरपुर, मध्य प्रदेश की रक्षा करने के संकल्प को दुहराया।
महाविद्यालय के प्रबंधक श्री अनिल कुमार जैन ने सचल भाष के माध्यम से वृक्षों के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि पेड़ पौधे या समूची प्रकृति हमारे स्वस्थ जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। आज हम इस महामारी के दौर में जितना अधिक प्रकृति के नजदीक रहेंगे, उतना ही ज्यादा महफूज रहेंगे। प्राचार्या डा कुमकुम मालवीय ने भी दूरभाष पर ही अपना संदेश दिया और कहा की प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हमारा पुनीत दायित्व है। डा मालवीय ने मुक्त कंठ से डा ओपी चौधरी के पर्यावरण के संरक्षण के सतत प्रयास की सराहना भी किया। पीपल नीम तुलसी अभियान के संस्थापक अध्यक्ष पटना (बिहार) निवासी डा धर्मेंद्र कुमार सिंह जो इस समय बकस्वाहा जंगल को कटने से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयासरत हैं। सम्पूर्ण पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ताओं का आह्वान किया है कि समस्त भारत वर्ष में आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बकस्वाहा जंगल बचाओ अभियान के तहत यह कार्य किया जा रहा है।
1.सभी पर्यावरण योद्धा अपने क्षेत्र में वृक्षों पर रक्षा सूत्र बांधेगे।
2.11 बजे से INDIA WITH BUXWAHA FOREST ट्विटर पर ट्रेंड होगा।
3.पोस्ट कार्ड अभियान की शुरुआत।
4.शाम को बकस्वाहा जंगल बचाने के लिए अपने अपने घरों पर दीप प्रज्ज्वलित किया जायेगा।
वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ ही डा ओ पी चौधरी ने बताया कि बकस्वाहा जंगल मध्य प्रदेश के छतरपुर जनपद में है,जो 362 एकड़ में फैला हुआ है, उसको हीरे की खदान के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 50 वर्ष की लीज पर दे दिया है।हीरे की खदान के लिए 2.15 लाख पेड़ काटे जायेंगे जिसका विरोध पूरे देश के पर्यावरण प्रेमी कर रहे हैं। आज का यह कार्यक्रम उसी कड़ी में आयोजित किया गया है। वैसे महाविद्यालय में प्रतिवर्ष वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है। इस अवसर पर छविनाथ, सुनील, शमशेर, शिवधनी, इजहार, बेचू राम,चंद्रकांत आदि उपस्थित रहे, सभी ने एक सुर से पर्यावरण संरक्षण हेतु अपनी प्रतिबद्धता दुहराई।