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शनिवार, 15 मार्च 2025

Ramzan mubarak (14) आओ खुशी मनाओ, ये जश्न है ‘जन्नत के सरदार’ का

रोज़ेदार की इफ्तार के वक्त मांगी गई दुआएं कभी वापस नहीं होती

Varanasi (dil India live)। रमज़ान का चांद होते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है और जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते हैं। यह भी रमज़ान की खासियत है कि इसमें नबी-ए-करीम (स.) के बड़े नवासे जन्नत के सरदार, शेरे खुदा मौला अली व Hazrat फातेमा के साहबज़ादे इमाम हसन की पैदाइश 15 रमज़ान सन् 3 हिजरी को मदीना मुनव्वरा में हुई थी। यही वजह है कि 15 Ramzan mubarak को हम जन्नत के सरदार का जश्न मनाते हैं। 

ऐसे ही मुकद्दस रमज़ान की 21 तारीख को ही मुश्किलकुशा हजरत मौला अली की मस्जिदें कुफा में शहादत हुई थी। हज़रत अली काबा में पैदा हुए और मस्जिद में शहीद हुए। मुश्किलकुशा हजरत अली फरमाते हैं कि जब रोज़ेदार इफ्तार के वक्त दुआ करता है तो वो ज़रुर कुबुल होती है और रोज़ा जिस्म की ज़कात है। परवरदिगार फरमाता है कि माहे रमज़ान कितना बरकतों और रहमतो का महीना है इसका अंदाजा बंदा इसी से लगा ले कि इस महीने में हमने दुनिया की सबसे मुकद्दस किताब कुरान मजीद नाज़िल फरमाया है। 

छठवें इमाम ज़ाफर सादिक ने फरमाया कि जिन चीज़ों से रोज़ा टूटता है उसमें झूठ, गीबत, चुगलखोरी, दो मोमिन के बीच लड़ाई कराना, किसी के लिए गलत नज़र रखना, झूठी कसम खाना शामिल है। रोज़ा तकवे का सबब और अल्लाह की नज़दीकी हासिल करने का ज़रिया है। रोज़ा जहन्नुम से बचाने की ढाल है और जन्नत में दाखिले का ज़रिया है। ऐ अल्लाह तू हम सबको सही राह दिखा। परवरदिगार हम सबको रमज़ान के रोज़े रखने की तौफीक दे और रोज़े की कामयाबी पर सभी को ईद की खुशियां दे...आमीन 

  • सैयद फरमान हैदर

{प्रवक्ता, शिया जामा मस्जिद वाराणसी}

शनिवार, 1 मार्च 2025

लो आ गई इबादत की घड़ी, Chand k दीदार संग Ramzan का welcome

मस्जिदों में शुरू हुई तरावीह, कल से रखा जाएगा रोज़ा 

बाजार हुए गुलजार, मुस्लिम बाहुल इलाकों में लौटी रौनक 



मोहम्मद रिजवान 

Varanasi (dil India live)। जिस घड़ी का इंतजार था वो इबादत की घड़ी आखिर आ ही गई। शनिवार की शाम सवा 6 बजे मुस्लिमों ने घरों की छतों, मस्जिदों, मदरसों और मैदानों से चांद का दीदार का रमज़ान का वेलकम किया। पटाखे फोड़े गए और खुशियों का इजहार किया गया। लोगों ने एक दूसरे को रमज़ान की मुबारकबाद दी। रात में तरावीह की ख़ास नमाज अदा की गई। माह ए रमजान का चांद देखने के साथ ही रविवार को पहला रोजा रखा जाएगा। मुस्लिम पूरे दिन नीरा जल उपवास रखकर इबादत करेंगे। इस बार रोजा तकरीबन सवा 13 घंटे से अधिक का है। शहर की सैकड़ों मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई। लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए और सजदे में अपने सर झुकाएं। दूसरी ओर शिया समुदाय ने अपने शहर की 32 मस्जिदों में इमामबारगाह में दरगाहों में मजलिस और दुआख्वानी के साथ रमजान उल मुबारक का इस्तकबाल किया। बाजार गुलजार हो गये, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक लौट आयी। इस दौरान लोगों ने सेहरी और इफ्तार के लिए देर रात तक खरीदारी की। मुस्लिम बहुल इलाको में देर रात तक चहल पहल देखी गई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें हर मुसलमान अपने रब की ज्यादा से ज्यादा इबादत करता है। गरीबों और यतीमो की भरसक मदद करता है। मस्जिदें रोज़ादारो से छलकती रहती है। खुशगवार मौसम में रोज़े का आगाज हो रहा है। इस बार रोजा तकरीबन 13.15 घंटे का होगा। आनेवाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो इबादत का जज्बा भी बुलंदियों पर होगा। ये वो पाक महीना है जिसमें पवित्र कुरान भी नाजिल हुई। इस माह की 15 तारीख को इमाम हसन की विलादत की खुशी जहां मनाई जाएगी वहीं 21 रमजान को मौला अली की शहादत का ग़म भी शिया वर्ग ताज़ा करेंगे।