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शुक्रवार, 2 सितंबर 2022

Post office news: अब डाक विभाग देगा स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति

डाक-टिकटों पर शोध कार्य के लिए 'दीन दयाल स्पर्श योजना' होगी शुरू 

  • फिलेटली में रूचि वाले विद्यार्थियों को ₹6000 वार्षिक छात्रवृत्ति
  • आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर



Varanasi (dil india live).डाक-टिकट संग्रह (फिलैटली) को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए "दीन दयाल स्पर्श योजना" (स्कॉलरशिप फॉर प्रमोशन ऑफ एप्टीट्यूड एंड रिसर्च इन स्टैम्प्स ऐज ए हॉबी) छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों के लिए आरम्भ इस योजना में  उन मेधावी छात्रों को  ₹6000/- वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है, जिनका शैक्षणिक रिकार्ड अच्छा है और जिन्होंने शौक के तौर पर फिलैटली को अपनाया है। इस छात्रवृत्ति योजना में लाभार्थियों के चयन हेतु आयोजित होने वाली परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन की अंतिम तिथि 15 सितम्बर निर्धारित है।  

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इसके तहत अखिल भारतीय स्तर पर विद्यार्थियों को 920 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जाएंगी और प्रत्येक डाक परिमंडल कक्षा 6, 7, 8, और 9 के 10-10 विद्यार्थियों को, अधिकतम 40 छात्रवृत्तियाँ  प्रदान करेगा। छात्रवृत्ति  की राशि, ₹500/- प्रतिमाह की दर से ₹6000/- प्रतिवर्ष होगी, जो कि  तिमाही आधार पर देय  होगी। पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि छात्रवृत्ति की अहर्ता हेतु भारत में मान्यता प्राप्त विद्यालय का विद्यार्थी होना चाहिए। संबंधित विद्यालय का फिलैटली क्लब होना चाहिए और उम्मीदवार क्लब का सदस्य होना चाहिए। यदि विद्यालय में फिलैटली क्लब नहीं है, तो उस विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जिसका अपना फिलैटली जमा खाता है, के नाम पर भी विचार किया जा सकता है। फिलैटली डिपोजिट खाता डाकघर में न्यूनतम ₹200 से खोला जा सकता है। छात्रवृत्ति देने लिए चयन करते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि उम्मीदवार ने विगत अंतिम परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक अथवा समकक्ष ग्रेड/ग्रेड प्वांइट प्राप्त किए हों। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए 5 प्रतिशत की छूट होगी। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि छात्रवृत्ति हेतु चयन परिमण्डलों द्वारा आयोजित फिलैटली क्विज में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा, जिसमें 50 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए  परिमंडल स्तर पर डाक अधिकारी और प्रतिष्ठित फिलैटलीविदों की एक समिति भी गठित की जाएगी। चयनित विद्यार्थियों को, पोस्ट ऑफिस अथवा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक में अपने अभिभावकों के साथ एक संयुक्त खाता खुलवाना होगा।

पोस्टमास्टर जनरल  श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इस छात्रवृत्ति का उद्देश्य बच्चों  में छोटी आयु से ही फिलैटली के शौक को इस प्रकार बढ़ावा देना है, ताकि यह रूचिकर कार्य, उन्हें सुकून भरा अनुभव और तनाव-मुक्त जीवन प्रदान करने के साथ-साथ उनके लिए शिक्षाप्रद भी सिद्ध हो।

शनिवार, 9 जुलाई 2022

Dav pg college:समाज में कुछ नया लाने के लिए करे शोध-प्रो. शबनम



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे 8 दिवसीय कला एवं मानविकी में रिसर्च मेथडोलॉजी पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन उर्दू में तहक़ीक़ के उसूल-ओ-जवावित विषय पर व्याख्यान हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की प्रोफेसर शबनम हमीद ने उर्दू विषय मे शोध की आवश्यक पहलुओं पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उर्दू भाषा मे भी शोधार्थी सिर्फ डिग्री या स्कॉलरशिप के लिए शोध ना करे बल्कि समाज के सामने कुछ नया लाए। बीए की पढ़ाई के दौरान से ही उन्हें तहक़ीक़ की अहमियत बतानी होगी, ताकि उनकी परवरिश एक अच्छे शोधार्थी की तरह ही हो। उन्होंने कहा कि शोध में सच की तलाश करना चाहिए और ईमानदारी से विषय मे नई बात पैदा करने का जुनून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध के दौरान जो रुकावटें आती है उससे घबराने की जरूरत नही है बल्कि उससे निकलने का रास्ता बनाने की दिशा में बढ़ना चाहिए।शोध का कार्य सिर्फ खूबियां गिनाना ही नही है बल्कि कमियों को भी उजागर करना चाहिए। अंत मे उन्होंने शोधार्थियों को पुस्तकालय का नियमित दौरा, फील्ड विजिट ये सब जरूरी कदम है जिससे शोध की गुणवत्ता में सुधार आता है। 

अतिथि का स्वागत रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसोदिया ने किया। संचालन उर्दू विभाग की डॉ. तमन्ना शाहीन तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्री लाल ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. सतीश कुमार सिंह, डॉ. राकेश कुमार राम, डॉ. संगीता जैन, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. रामेंद्र 

सिंह, डॉ. बंदना बाल चंदनानी, डॉ. समीर कुमार पाठक आदि शामिल रहे। कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के 50 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए l

शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करता है शोध प्रस्ताव

शोध प्रविधि पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को कला एवं मानविकी में रिसर्च मैथेडोलॉजी पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन उद्धघाटन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आर. पी सिंह ने शोध प्रस्ताव बनाते समय उसके महत्व के दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी शोध प्रस्ताव व्यक्ति के भौतिक अथवा शारिरिक उपस्थिति के बजाए उसके ज्ञान, उसके बौद्धिक स्तर को प्रदर्शित करता है। इस दृष्टिकोण से शोध प्रस्ताव का महत्व स्वयं ही दिखलाई पड़ता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि साहित्य में शोध के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि शोधार्थी सर्वप्रथम अपनी संस्कृति को पहचाने। स्थानीय संस्कृति के अध्ययन बगैर साहित्यिक शोध की गुणवत्ता में सुधार नही महसूस किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी साहित्य में शोध के समय जितने भी वैज्ञानिक और मॉडर्न सिद्धांत है, उन सभी का प्रयोग कर सकते है।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसौदिया ने कहा कि कोई भी शोध  हो उसमे शोध प्रविधि का सर्वाधिक महत्व है। सामान्यतौर पर सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य में ही शोध प्रविधियों पर कार्यशाला आयोजित की जाती है,  इस लिहाज से कला एवं मानविकी पर भी कार्यशाला की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कार्यशाला का लाभ कला वर्ग के शोधार्थियों को मिलेगा।

अध्यक्षता कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्रीलाल ने किया। स्वागत डॉ. पूनम सिंह एवं डॉ. सतीश कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. संगीता जैन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार राम ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, डॉ. विनोद कुमार चौधरी, डॉ. समीर कुमार पाठक, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. तमन्ना शाहीन, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा,डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. हसन बानो आदि थी।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...