एतेकाफ पर इबादतगुजार करते हैं देश दुनिया में अमन की दुआएं
Varanasi (dil india live). रमजान की खास इबादतों में शामिल एतेकाफ अमूमन रमजान के आखिरी अशरे में रहा जाता है मगर नबी ने कई बार पूरा रमजान यानी 30 दिन एतेकाफ किया था। नबी कि इसी सुन्नतों पर अमल करते हुए दावते इस्लामी हिंद के मेंबर्स मस्जिद कंकडियाबीर में पूरे रमजान एतेकाफ पर बैठते हैं। इस बार भी दावते इस्लामी इंडिया के मेंबर्स एतेकाफ पर बैठ गए हैं। पूरी मस्जिद इबादतगुजारो से भरी हुई है। एक साथ इबादत,एक साथ जमात से नमाजे अदा करना व एक साथ रोज़ा इफ्तार के साथ ही देश दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआएं करने का नजारा देखते ही बनता है। दावते इस्लामी इंडिया के डा. साजिद अत्तारी बताते हैं कि हर साल दावते इस्लामी इंडिया के लोग एक साथ पहले ही रमजान से एतेकाफ पर बैठ जाते हैं और जब ईद का चांद होता है तो एतेकाफ पूरा करके अपने घरों को लौटते हैं।
क्या है एतेकाफ:
एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है। इसी इबादत का नाम एतेकाफ है। सुन्नत है एतेकाफ:
एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा।
रमज़ान हेल्प लाइन:
अगर आपके जेहन में भी रमजान को लेकर कोई सवाल है तो फोन करें। इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी देंगे।
इन नम्बरों पर होगी रहनुमाई
9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483