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शनिवार, 5 अगस्त 2023

Happy friendship day 2023: Sunday को करेंगे खूब धमाल, जब मिल बैठेंगे चार यार

Friendship Day सेलिब्रेट करने की हो रही प्लानिंग 





Varanasi (dil India live). Friendship Day या मित्रता दिवस की तैयारियां आज अंतिम दौर में है। इस Sunday को हर तरफ एक ही आवाज़ गूंजने वाली है वो आवाज़ होगी Happy friendship day...की. Sunday को देश दुनिया में friendship day मनाया जाएगा। इस दौरान जब मिल बैठेंगे चार यार तो करेंगे खूब धमाल. दोस्ती का रिश्ता बेहद अटूट होता है. यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जो खून का नहीं होते हुए भी उससे बढ़कर होता है. लोग अपने दोस्त के लिए क्या कुछ नहीं कर गुजरते. वैसे तो दोस्त अक्सर ही दोस्ती का आनंद लेते हैं, इसे सेलिब्रेट करने के लिए किसी खास दिन का मोहताज नहीं.  फिर इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल Friendship Day मनाया जाता है. भारत में हर साल अगस्त माह के पहले रविवार को Friendship Day मनाया जाता है. इस दिन हर कोई अपने दोस्तों के साथ खूब सेलिब्रेट करता है. उसे फ्रेंडशिप डे की बधाई देता है. इस साल भारत में 6 अगस्त को फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है।

कोई मूवी, तो कोई जाएगा पिकनिक 

Friendship Day दोस्ती के महत्व का समझने का दिन है. दोस्ती को जिंदा रखने के लिए Friendship Day सेलिब्रेट किया जाता है. यह दिन दोस्ती को समर्पित है. फ्रेंडशिप डे के दिन हर कोई अपने खास दोस्त के साथ एंजॉय करने की प्लानिंग करता है. वो अपने दोस्ती के रिश्ते को और मजबूती देने कि कोशिश करते है.  इस दिन को कई तरह से एंजॉय करते हैं. कोई दोस्त के साथ ड्राइव पर चला जाता है, तो कोई दोस्त के साथ किसी होटल में पार्टी करता हैं. इस दिन दोस्तों का पूरा ग्रुप कहीं पिकनिक टूर का प्लान करता है तो कोई मूवी। आप भी अपने दोस्तों के साथ इस दिन को स्पेशल बना सकते हैं. 

 

बुधवार, 2 नवंबर 2022

All soul day पर नम हुई अपनों की आंखें

कैंडल लाइट में रौशन की अपने पुरखों की कब्रें 


Varanasi (dil india live). अमूमन विरान से रहने वाले ईसाई कब्रिस्तानों का नजारा आज बदला बदला सा दिखाई दे रहा था। मसीही कब्रिस्तान ही नहीं बल्कि चर्च में बने पुरोहितों की कब्र भी कैंडल लाइट में रौशनी बिखेरती दिखाई दी।

 मसीही लोगों ने अपने पूर्वजों की कब्र पर पहुंच कर उन्हें न सिर्फ याद किया बल्कि फूल मालाओं से कब्र सजाया व रौशनी की।  मौका था पवित्र आत्माओं के पर्व आल सोल डे का। 

आल सोल डे पर बुधवार को दिन भर अपनों की कब्र की साफ सफाई के बाद शाम को फूल और मालाओं से कब्रों को सजाया गया। कब्रों की साफ-सफाई कर उन पर फूल मालाएं डाली गईं। लोग शाम को कब्र पर मोमबत्ती जलाने के लिए पहुंचे। कब्रिस्तान के अंदर बिशप की अगुवाई में विशेष प्रार्थना सभा हुई। कब्र पर मोमबत्ती जलाकर मृत सगे संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए सभी ने प्रार्थना की।  चौकाघाट कब्रिस्तान, सिगरा, महमूरगंज, फुलवरिया आदि कब्रिस्तानों पर लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। काफी लोग इस दौरान अपने अज़ीज़ों की कब्र पर पहुंच कर फफक पड़े। दरअसल हर साल 2 नवंबर को ईसाई समाज के लोग मृतक विश्वासियों का स्मरण उत्सव मनाने जुटते हैं। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है।

मंगलवार, 20 सितंबर 2022

World Alzheimer's day (21 September)

भूलने की समस्या है तो करायें  Alzheimer's की जांच, पायें निदान

 • बुढ़ापे  में तेजी से कमजोर होती यादाश्त इस गंभीर बीमारी का है संकेत

 • 65 वर्ष की उम्र के बाद इस रोग के होने का रहता है अधिक खतरा


Varanasi (dil india live). यदि आप की उम्र 65 वर्ष से अधिक है और आप भूलने की समस्या से परेशान है तो आपको अल्जाइमर रोग हो सकता है। बुढ़ापे में तेजी से कमजोर- होती यादाश्त इस गंभीर बीमारी का संकेत है। 65 वर्ष की उम्र के बाद इस रोग के होने की सम्भावना  अधिक रहती  है। समय पर उपचार शुरू न होने पर यह रोग इस कदर बढ़ता है कि व्यक्ति अपने परिवारजनों को भी नहीं पहचानपाता। यहां तक कि वह खुद की भी पहचान भूल जाता है। यह कहना है *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी* का । उन्होंने बताया कि न्यूरो से जुड़ी इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये ही दुनियाभर में प्रत्येक वर्ष 21 सितम्बर को "वर्ल्ड अल्जाइमर-डे"  मनाया जाता है।

शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय के मानसिक/ मनोरोग विभाग के *वरिष्ठ चिकित्सक डा. रविन्द्र कुशवाहा* बताते है कि दिमाग में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी के कारण अल्जाइमर के समस्या की शुरुआत होती है। दरअसल प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी से ब्रेन में कुछ ऐसे अवांछित तत्व एकत्र होने लगते है जो धीरे-धीरे मेमोरी के सेल्स को नष्ट करना शुरू कर देते हैं। नतीजा होता है कि व्यक्ति की यादाश्त कमजोर होती जाती है और वह अल्जाइमर का शिकार हो जाता है। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया बीमारी का ही एक प्रकार है जो अधिकांशतः बुजुर्गो में होता है। ऐसे ही बुजुर्गो में शामिल हैं सेवानिवृत्त बैंककर्मी रामचरण शर्मा ( परिवर्तित नाम) । रामचरण शर्मा के पुत्र संजय बताते है कि 67 वर्षीय उनके पिता जी  की उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनके भूलने की समस्या गंभीर होती जा रही थी। चश्मा, पर्स खुद कहीं रखकर उसे भूलने की बात तो सामान्य रही पर जब दामाद के साथ घर आयी बेटी को जब वह पहचान नहीं सके तब हम सभी को यह एहसास हो गया कि उनकी यादाश्त तेजी से कमजोर हो रही है। शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में दिखाने पर पता चला कि वह अल्जाइमर रोग के शिकार हो चुके हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति  ईश्वरगंगी की रहने वाली 70 वर्षीय अपर्णा घोष ( परिवर्तित नाम) की भी रही । पड़ोस में स्थित मंदिर से घर लौटते समय अक्सर ही वह रास्ता भूल जाती थी। पड़ोसियों की नजर जब भटकती हुई अपर्णा घोष पर पड़ती थी तब वह उन्हें उनके घर पहुंचाते थे। परिजनों ने जब उनका उपचार मण्डलीय चिकित्सालय में शुरू कराया तब पता चला कि वह भी अल्जाइमर से पीड़ित हैं। उपचार शुरू होने के बाद अपर्णा व रामचरण की हालत में अब काफी सुधार है ।

 मनोचिकित्सक डा. रविन्द्र कुशवाहा कहते हैं कि मण्डलीय चिकित्सालय के मानसिक/ मनोरोग विभाग की ओपीडी में हर माह ऐसे चार-पांच बुजुर्ग आते हैं जो अल्जाइमर रोग के शिकार होते हैं। वह बताते है कि यह ऐसा रोग है जिसका लक्षण दिखते ही उपचार शुरू कर देना चाहिए वर्ना उपचार जितनी देर से शुरू होगा मरीज की यादाश्त उतनी ही जा चुकी होगी। ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि अल्जामर से जा चुकी यादाश्त को लौटाया नहीं जा सकता लेकिन शेष रह गयी यादाश्त को दवाओं से रोका जा सकता है। ऐसे मरीजों के साथ उपचार के साथ-साथ परिजनों की सहानुभूति भी जरूरी होती है। लिहाजा 65 वर्ष की उम्र में पहुंच चुके बुजुर्गो में यदि अल्जाइमर के लक्षण नजर आ रहे हो तो शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय के मानसिक/ मनोरोग विभाग (कक्ष संख्या -दस) में प्रत्येक  सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक लगने वाली ओपीडी में सम्पर्क कर इसका उपचार कराया जा सकता है। 

 यह है अल्जाइमर के लक्षण

रखी हुई चीजों को भूल जाना

कुछ भी याद करने, निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होना

रात में नींद का न आना 

डिप्रेशन में रहना और हमेशा भयभीत रहना

एक ही सवाल को बार-बार दोहराना

कपड़ों का उल्टा-सीधा पहनना

चिड़चिड़ापन और परिजनों पर गुस्सा करना

दैनिक कार्यो को भी भूल जाना

सोमवार, 29 अगस्त 2022

National sports day पर सम्मानित हुए खिलाड़ी

मेजर ध्यानचंद ने देश का नाम विश्व पटल पर किया रौशन 



Varanasi (dil india live)। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर सोमवार को डीएवी पीजी कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिल मेहरोत्रा ने कहा कि मेजर ध्यानचंद ने हॉकी के माध्यम से भारत का नाम खेल की दुनिया मे शिखर पर पहुँचाया। उन्होंने सन 1928, 1932 एवं 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका अदा की। भारत सरकार उन्हीं के सम्मान में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। 

कार्यक्रम में डीएवी पीजी कॉलेज के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में बीएचयू का प्रतिनिधित्व किया। सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों में पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयी फुटबाल में रवि कुजुर, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयी बास्केटबॉल में सूर्य प्रकाश चंदन, बॉलीबाल में कार्तिकेय त्रिपाठी एवं विनोद कुमार पाठक, ताइक्वांडो में मयंक कुमार पाण्डेय, विशाल यादव, शशांक मोहन शर्मा, क्रिकेट में संघर्ष कुमार एवं शुभम कुमार शामिल रहे।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के एथलेटिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने किया। स्वागत सचिव डॉक्टर मीनू लाकड़ा, संचालन प्रोफेसर राकेश कुमार राम एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर अखिलेन्द्र कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा, डॉ. शिवनारायण, डॉ. नजमूल हसन आदि मौजूद रहे।

रविवार, 7 अगस्त 2022

Happy Friendship day : दोस्त के लिए जां निछावर करने की कहानी मित्रता दिवस

दोस्तों को श्रद्धांजलि के लिए शुरू हुआ friendship day

Varanasi (dil india live).आज पूरी दुनिया में friendship day सेलिब्रेट किया जा रहा है। friendship बैंड, friendship कार्ड, गिफ्ट्स का आदान-प्रदान किया जा रहा है। कहीं दोस्तों की पार्टी हो रही है तो कहीं पिकनिक पार्टी का लुत्फ उठाया जा रहा है। इन सबके बीच एक सवाल है कि आखिर फ्रेंडशिप डे का क्या है इतिहास? इसे क्यों और कब मनाया जाता है?

 दरअसल फ्रेंडशिप डे या मित्रता दिवस अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस दिन को दोस्ती को समर्पित करने के पीछे भी एक रोचक कहानी है। कहानी कुुछ यूं शुरू होती है एक बार अमेरिका की सरकार ने एक बेेेगुनाह व्यक्ति को सजा-ए-मौत दे दिया था। इस व्यक्ति का एक दोस्त था, जिसने अपने दोस्त की मृत्यु के गम में आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती की गहराई को सम्मान देते हुए 1935 से अमेरिकी आवाम ने इस दिन को दोस्तों के नाम कर दिया। इस तरह अमेरिका में फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत हुई। तय हुआ कि अगस्त केे पहलेेेेेे संडे को friendship day मनाया जाएगा। तब से यह ग्लोबल पर्व देश दुनिया में मनाया जाता है।

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसका कोई मित्र न हो, जो दोस्ती की अहमियत न जानता हो। हम सभी की जिंदगी में कम या ज्यादा लेकिन दोस्त जरूर होते हैं, दोस्तों के साथ बिताया समय किसे नहीं अच्छा लगता। खासकर बचपन की दोस्ती तो बहुत गहरी होती है जिनकी यादें सदा के लिए मन में बस जाती है। दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे व्यक्ति खुद की मर्जी से चुनता है। बचपन में जाने अनजाने ही कई दोस्त बन जाते हैं, जिनमें से कुछ स्कूल, कॉलेज तक ही साथ निभाते हैं तो कुछ आगे तक आपकी लाइफ में बने रहकर अच्छे-बुरे वक्त में दोस्ती निभाते है। हालांकि ऐसे दोस्त कम ही होते है जो ताउम्र सच्ची दोस्ती निभाएं। इसलिए दोस्त बनाते हुए आपको सतर्कता बरती चाहिए।

सदैव अच्छे दोस्त का करें चयन

दोस्त वे होते हैं जिनकी संगत आपके भविष्य को प्रभावित करती है। बुरी आदतों वाले दोस्तों की संगत आपको व आपके भविष्य को बिगाड़ने की क्षमता रखती है, वहीं अच्छी सोच व आदतों वाले दोस्त आपके व्यक्तित्व व जिंदगी को संवारने में सहायक होते है।

तो, यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा सच्चा दोस्त हो, तो फ्रेंडशिप डे के खास मौके पर अपने दोस्त को स्पेशल महसूस कराना न भूलें। वैसे इस दिन को दोस्तों के साथ सेलेब्रेट किया जाता है। कई लोग दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करने के विभिन्न प्लान इस दिन के लिए मनाते हैं। पूरा दिन न सही लेकिन इस दिन जितना संभव हो अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ पल अपने दोस्तों के लिए जरूर निकालें।

शनिवार, 30 जुलाई 2022

Friendship day: इस बार आठ दिन में दो बार फ्रेंडशिप डे

भारत में अगस्त के पहले इतवार को मनाया जाता है Friendship day

Varanasi (dil india live). Friendship day इस बार आठ दिन में दो बार मनाया जाएगा। फ्रेंडशिप डे को लेकर टीन एजर्स और यूथ में खासा उत्साह देखने को मिलता है। यूं तो हर साल 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है।आज देश दुनिया में यह दिलचस्प दिवस मनाया जा रहा है, वहीं भारत में यह ख़ास दिन अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस साल पहला रविवार 7 अगस्त को पड़ेगा। यानी आठ दिन में भारतीय दो बार मित्रता दिवस का लुत्फ उठायेंगे। जो आज यह दिन सेलीब्रेट नहीं कर सकें उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। वो अभी से तैयारी करें और जोश, उत्साह के साथ यह ख़ास दिन सेलीब्रेट करें और ज़ोर से आवाज़ लगायें, happy Friendship day...।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...