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गुरुवार, 27 जुलाई 2023

Moharram 8: जब हाथ कलम हो गए सक्काए हरम के...

आठवीं मोहर्रम को निकला कदीमी दुलदुल का जुलूस

–शान से बैठायी गई प्रमुख ताजियां, कल आग से होकर गुजरेगा दूल्हे का विश्व प्रसिद्ध जुलूस  






Varanasi (dil India live)।  मोहर्रम पर शहर की प्रमुख रांगे की ताजिया, पीतल की ताजिया, नगीने की ताजिया, कुम्हार की ताजिया आदि लोगों की जियारत के लिए इमामबाडे में बैठा दी गई। बची हुई सभी ताजिया जुमे को इमाम चौकों पर बैठायी जाएंगी और शनिवार को उन्हें कर्बला में दफन किया जाएगा। मोहर्रम को देखते हुए पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर पैदल गश्त बढ़ा दी गई। थाना प्रभारियों ने विभिन्न स्थानों पर गश्त कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक सिगरा व चौकी प्रभारी लल्लापुरा मय सशस्त्र बल चौकी क्षेत्र लल्लापुरा में रांगे कि कदीमी ताजिया और दरगाहे फातमान आदि का पैदल गस्त कर निरीक्षण किया। 

निकला अलम, ताबूत का जुलूस

चाहमाहमा स्थित ख्वाजा नब्बू साहब के इमामबाड़े से कदीमी आठवीं मोहर्रम का तुर्बत व अलम का जुलूस अपनी पुरानी परंपराओं के अनुसार संयोजक सैयद मुनाज़िर हुसैन 'मंजू' के ज़ेरे इंतेजाम जहां उठाया गया वहीं अर्दली बाजार में दुलदुल, अलम व ताबूत का कदीमी जुलूस निकला।

चाहमाहमा के ख्वाजा नब्बू के इमामबाड़े में तुर्बत व अलम का जुलूस जुलूस उठने से पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए अब्बास मूर्तज़ा शम्सी ने मौला अब्बास की शहादत बयान किया। जुलूस उठने पर लियाकत अली खां व उनके साथियों ने सवारी शुरू की- "जब हाथ कलम हो गए सक्काए हरम के, और अर्शे बरी हिल गया गिरने से अलम के"। जुलूस चाहमामा होते हुए दालमंडी स्थित हकीम साहब के अज़ाख़ाने पर   पहुँचा जहां से अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहाख्वानी शुरू की। "अब्बास क्या तराइ में सोते हो चैन से" जिसमें शराफत हुसैन, लियाकत अली खां, साहब ज़ैदी, शफाअत हुसैन शोफी, मज़ाहिर हुसैन, राजा व शानू ने नौहाख्वानी की।

जुलूस दालमंडी, खजुर वाली मस्जिद, नई सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महल, पितरकुंड, मुस्लिम स्कुल होते हुए लल्लापूरा स्थित फ़ातमान पहुँचा। पूरे रास्ते उस्ताद फतेह अली खां व भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पौत्र नासिर अब्बास, आफाक हैदर व उनके साथियों ने शहनाई पर आंसुओं का नज़राना पेश किया। फ़ातमान से जुलूस पुनः वापस मुस्लिम स्कुल, लाहंगपूरा, रांगे की ताज़िया, औरंगाबाद, नई सड़क कपड़ा मंडी, कोदई चौकी, सर्राफा बाजार, टेढ़ी नीम, बांस फाटक, कोतवालपूरा, कुंजीगरटोला, चौक, दालमंडी, चाहमामा होते हुए इमामबाङे में समाप्त होगा l उधर सैय्यद जियारत हुसैन के अंर्दली बाजार तार गली स्थित आवास से 8 वीं मोहर्रम गुरुवार को दुलदुल अलम, ताबूत का जुलूस 27 जुलाई को रात्रि 9 बजे उठा। जुलूस अपने कदीमी (पुराने) रास्ते से होकर उल्फत बीबी हाता स्थित स्व.मास्टर जहीर साहब के  इमामबाङा पर समाप्त हुआ। जुलूस में अंजुमन इमामिया नौहा व मातम किया। इरशाद हुसैन "शद्दू" ने शुक्रिया अदा किया।  

कल निकलेगा दूल्हे का विश्व प्रसिद्ध जुलूस 

विश्व प्रसिद ‘दूल्हा’ कासिम नाल कमेटी के सदर परवेज कादिर खां की अगुवाई में नौवीं तारीख की रात सदियों पुरानी परंपरा शहीदाने कर्बला की याद में एशिया का इकलौता 'दूल्हे का जुलूस' निकलेगा। इमाम हुसैन के भतीजे हजरत कासिम के घोड़े की नाल के साथ 'दूल्हा' नंगे पांव 30 टन लकडि़यों के दहकते अंगारों पर से होकर गुजरेगा तो साथ में ‘या हुसैन, या हुसैन’...की सदाएं बुलंद करते हुए लाखों लोग शामिल होंगे। दूल्हे के वापस इमामबाड़ा पहुंचने के बाद ही ताजियों का जुलूस दसवीं मोहर्रम को उठना शुरू होगा। दूल्हा नाल कमेटी के सदर परवेज कादिर खान के मुताबिक कर्बला की जंग के समय हजरत कासिम की शादी तय थी लेकिन शहीद होने के कारण दूल्हा नहीं बन सके उनकी याद में ही इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार  सैकडो साल पुरानी परंपरा काशी में चली आ रही है। हजरत कासिम के घोड़े की नाल को पकड़ने वाले को दूल्हा कहा जाता है और उस पर इमाम हुसैन की सवारी आती है।

कमेटी के मो. खालिद ने बताया कि इमामबाड़े में हज़रत कासिम के घोड़े की नाल रखी हुई है। इसे सिर्फ इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवीं व दसवीं मुहर्रम को ही बाहर निकाला जाता है। इमामबाड़ा की दीवारों पर प्रतीकात्मक रूप से खून के छींटे कर्बला के मंजर की याद दिलाते हैं।

दूल्हे का जुलूस शनिवार की रात 9 बजे शिवाला से प्रारंभ होकर शहर के भदैनी, अस्सी दुर्गाकुंड, गौरीगंज’ भेलूपुर, रेवड़ी तालाब, नई सड़क होते हुए माध्यरात्रि के बाद फातमान पहुंचेगा। 12 किलोमीटर लंबे रास्ते में जगह-जगह लोग जुलूस आने के पहले ही दस-दस मन लकड़ी के अलाव जलाएंगे। इन्हीं अंगारों पर से दूल्हा और जुलूस में शामिल लोग दौड़ते हुए आगे बढ़ते हैं।

Moharram 8: आज निकलेगा दुलदुल, पेश होगा आंसुओं का नजराना

निकला मेहंदी का जुलूस, पेश हुआ दर्द भरा नौहा


Varanasi (dil India live)। कर्बला के शहीद hazrat kasim की याद में चौहट्टा लाख खां के इमामबाड़े से अंजुमन आबिदया के जेरे इंतेज़ाम बुधवार को मेहंदी का मशहूर जुलूस निकाला गया। इस मौके पर तमाम अंजुमनों ने दर्द भरे नौहों के बोल पर मातम का नजराना पेश किया। नौहे सुनकर सभी की आंखें नम हो गई। 

इस मौके पर पहला जुलूस मरहूम अच्छन छत्तन के इमामबाड़े से शाम 7 बजे निकला तो दूसरा रात 9.30 बजे जस्टिस सर फजले अली (पूर्व राज्यपाल आसाम) के इमामबाड़े से उठाया गया। अंतिम जुलूस चौहट्टा लाल खां में दानिश रिजवी, शामिल रिजवी, के इमाबाड़े से उठाया गया। जुलूस विभिन्न स्थानों से होकर लाट सरैयां स्थित सदर इमामबाड़े पर पहुंच कर समाप्त हुआ। 

मोहर्रम कि 8 वी तारीख आज ही के दिन भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ चांदी की शहनाई से नौहा बजाकर आसुंओ का नज़राना पेश करते थे। आज उन्ही की रिवायत को बिस्मिल्लाह खाँ साहब के पौत्र आफाक हैदर खाँ और उनके साथी फातमान  में रात्रि के 10 बजे शहनाई से आसुंओ का नज़राना पेश करेगेl यह जानकारी कार्यक्रम संयोजक शकील अहमद जादूगर ने दी  है।

ऐसे ही आठवीं मोहर्रम का तुर्बत व अलम का जुलूस अपनी पुरानी परंपराओं के अनुसार चाहमामा स्थित ख्वाजा नब्बू साहब के इमामबाड़े से सायं 8 बजे उठेगा l जिसमें अब्बास मूर्तज़ा शम्सी मजलिस पढ़ेंगे, जुलूस उठने पर लियाकत अली खां व उनके साथी सवारी पढ़ेंगे l जुलूस चाहमामा होते हुए दालमंडी  स्थित हकीम साहब के अज़ाख़ाने पर पहुंचेगा फिर वहाँ  से अंजुमन हैदरी चौक बनारस नौहाख्वानी व मातम करेगी। जुलूस दालमंडी, खजुर वाली  मस्जिद, नई सड़क, फाटक शेख सलीम, काली महल, पितरकुंड, मुस्लिम स्कुल होते हुए लल्लापूरा स्थित फ़ातमान पहुंचेगा। पूरे रास्ते उस्ताद फतेह अली खां व भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पौत्र नासिर अब्बास, आफाक हैदर व  उनके साथी शहनाई पर आंसुओं का नज़राना पेश करेंगे l फ़ातमान से जुलूस पुनः वापस मुस्लिम स्कुल, लाहंगपूरा , रांगे की ताज़िया, औरंगाबाद, नई सड़क कपड़ा मंडी, कोदई चौकी सर्राफा बाजार  टेढ़ी नीम बांस फाटक कोतवालपूरा, कुंजीगर टोला, चौक, दालमंडी, चाहमामा होते हुए इमामबाड़े में समाप्त होगा l

अंर्दली बाजार में दुलदुल, अलम का जुलूस 

सैय्यद जियारत हुसैन के अंर्दली बाजार तार गली स्थित आवास से 8 वीं मोहर्रम  गुरुवार को दुलदुल अंलम, ताबूत का  जुलूस 27 जुलाई  को रात्रि 9 बजे  उठेगा। जुलूस अपने कदीमी (पुराने) रास्ते से होकर उल्फत बीबी हाता स्थित स्व.मास्टर जहीर साहब के  इमामबाङा पर  समाप्त होगा। जुलूस में अंजुमन  इमामिया नौहा व मातम करेंगी। यह जानकारी इरशाद हुसैन "शद्दू"  ने दी है।

नाना के दीन को हुसैन ने बचा लिया 

काली महाल के जेपी टावर में सलमान हैदर के अजाखाने में मजलिस हुई तो दूसरी ओर मोहतरमा नुजहत फातिमा ने शेख सलीम फाटक में मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि इमाम हसन के बेटे व इमाम हुसैन के भतीजे जनाब-ए-कासिम महज 13 साल की उम्र में शहीद हो गए। कर्बला वालों ने हक़ और दीन के लिए अपनी शहादत देकर नाना के दीन इसलाम को बचा लिया। 

आज इमामबाड़े पहुंचेगा दुलदुल 

 छठी मोहर्रम यानी मंगलवार को अंजुमन जव्वादिया के संयोजन में कच्ची सराय इमामबाड़ा से निकला दुलदुल का कदीमी जुलूस बीती रात दरगाहे फातमान पहुंचा। वहां से सुबह फजर की नमाज के बाद फिर जुलूस जैतपुरा, बड़ी बाजार, नक्कीघाट होते हुए रात करीब 9 लौट सरैया पहुंचा। इस दौरान अंजुमनें नौहा मातम करती चल रही थी। आज गुरवार को वापस कच्चीसराय पहुंच कर जुलूस सम्पन्न होगा।

उधर लोहता में सुन्नी लोगों ने बुधवार कि शाम अलग-अलग मुहल्ले से अलम सद्दा का जुलूस निकाला। जुलूस विभिन्न मार्गो से होते हुए लोहता चौमुहानी पहुंचा। जुलूस में फन-ए-सिपाहगिरी का मुजाहिरा करते हुए अखाड़े भी शामिल थे। जुलूस को चौमहानी कुछ देर रुकने के हरपालपुर गांव ठंडा किया गया। 

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