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गुरुवार, 15 सितंबर 2022

Ghazipur Medical news : राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम साबित हो रहा वरदान

अब सामान्य बच्चों की तरह चल सकेंगे दिव्या और सत्यम

Himanshu Rai 


Ghazipur (dil india live). राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एवं मिरेकल फीट फाउंडेशन के सहयोग से राजकीय मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) गाजीपुर में अब तक 40 से ज्यादा बच्चो का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है। जो क्लब फुट (टेढ़े पंजे) से पीड़ित थे। जिला अस्पताल मे कार्यरत  डॉ. प्रभात अग्रहरि द्वारा 4 बच्चो का पोनसेटी मेथड से प्लास्टर लगाया गया और  इन बच्चो का जल्द ही  (टेनोटामी ) कर उनके टेंडेंट को ढीला किया जायेगा ताकी बच्चे के पैर को प्राकृतिक स्थिती प्रदान किया जा सके।

गाजीपुर  जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ० प्रभात अग्रहरि ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है  जन्म के समय से ही बच्चो के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। उन बच्चों के पैरों के उपचार के लिये पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाना है और फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद, अधिकांश बच्चों के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन (टेनोटॉमी) की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर अपनी मूल स्थिति पर वापस न आ जाए। फिर बच्चा 4 सालो तक ब्रेस या विशेष प्रकार के जूते पहनता है जो की मिरेकल फीट फाउंडेशन द्वारा नि:शुल्क दिया जाता है 

मिरेकल फीट फाउंडेशन  के प्रोग्राम एक्जिक्यूटीव आनंद कुमार विश्वकर्मा  ने बताया कि 0 से 1.5 साल तक के बच्चे इस नि:शुल्क इलाज का लाभ ले सकते है  हमारे संस्था के द्वारा बच्चो के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना तथा  ब्रेस ( विशेष प्रकार का जूता ) नि: शुल्क प्रदान किया जाता है।कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि ब्रेसिज़ (विशेष प्रकार के जूते) लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका बच्चा लंबे समय तक विशेष जूते और ब्रेसिज़ आमतौर पर तीन महीने के लिए पूरे समय और फिर रात में पहनाने होते है।

गुरुवार, 11 अगस्त 2022

Har ghar tiranga: बाल विकास विभाग ने चलाया जागरूकता अभियान

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बच्चों कि हुई ड्राइंग प्रतियोगिता


Himanshu Rai

Ghazipur (dil india live). आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जनपद के सभी विभागों को कार्य योजना दी गई है। जिसके तहत प्रत्येक दिन में अलग-अलग उन विभागों के द्वारा तिरंगा से संबंधित कार्यक्रम कराना है। इसी कड़ी में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के द्वारा जनपद को भी हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर झंडा संहीता के नियमों का अनुपालन करते हुए 13 से 15 अगस्त तक प्रत्येक दिवस में झंडारोहण करने के लिए निर्देश दिए गए है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि शासन से मिले निर्देश के अनुसार 10 से 13 अगस्त तक स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराने तथा बच्चों के उत्सव की भावना पैदा करने के लिए तिरंगा विषय पर बच्चों के लिए एक ड्राइंग प्रतियोगिता सहित कई तरह के कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश दिए गए हैं। जिसको लेकर विभाग ने कार्य योजना बना दिया है । और उस पर 10 अगस्त से ही कार्य चल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर तिरंगा पर ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके साथ ही 11 अगस्त को झंडा गीत का गायन प्रभात फेरी, 12 अगस्त को झंडा गीत का स्वर ज्ञान ,13 अगस्त को झंडा गीत के साथ प्रभात फेरी स्कूल के बच्चों के साथ और इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों द्वारा राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का गायन का कार्यक्रम है। 14 अगस्त को छात्र छात्राओं का स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं शहीदों की वेशभूषा में प्रभात फेरी ,15 अगस्त को राष्ट्रीय तिरंगा का घर सहित कार्यालय केंद्रों पर झंडारोहण एवं 17 अगस्त को समाज के विभिन्न व्यवसाय तथा डॉक्टर ,नर्स ,व्यवसायी, कृषक ,आशा बहुएं, अधिवक्ता, शिक्षक, स्वच्छता ग्रही आदि की प्रचलित करने वाली वेशभूषा में हम सब एक हैं कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है।

शनिवार, 13 नवंबर 2021

बाल सुरक्षा सप्ताह मनेगा आज से

बाल यौन शोषण के खिलाफ करेंगे जागरुकता 

वाराणसी,13 नवम्बर।(dil india live)। बच्चों एवं किशोरों के यौन शोषण को रोकने के लिए ‘राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम' के तहत 14 से 20 नवम्बर तक प्रदेश के सभी जिलों में ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. वेद प्रकाश ने इस सम्बंध में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया है जो बाल यौन शोषण के मुददे पर लोगों को संवेदनशील बनाने के साथ ही बच्चों के लिए और सुरक्षित माहौल दे सके। ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’ में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत पीयर एजुकेटर द्वारा साथिया समूह के साथ तथा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों जैसे क्विज प्रतियोगिता, पोस्टर चार्ट, जिंगल मेकिंग प्रतियोगिता आदि आयोजित कर इससे सम्बंधित जानकारी प्रदान करने और उन्हें जागरूक बनाने के साथ-साथ प्रोत्साहित करेंगे।  इन प्रतियोगिताओं में विजेता बच्चों व किशोरों को  प्रमाणपत्र के साथ सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक ब्लॉक के दो इण्टर कालेजों में किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही किशोर स्वास्थ्य काउंसलर / फेमिली प्लानिंग काउंसलर भी जागरुकता अभियान चलायेंगे। उपकेन्द्र स्तर पर ‘किशोर स्वास्थ्य और कल्याण दिवस’ एवं ’किशोर मित्रता क्लब’ की बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा।


मंगलवार, 9 नवंबर 2021

“बाल संरक्षण” व “बाल कल्याण कोष” की तैयारी

जिन्हें संरक्षण की ज़रूरत उन बच्चों को मिलेगा लाभ

• जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में निर्णय


वाराणसी 9 नवम्बर (dil india live) जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक मंगलवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभागार में हुई । बैठक में “बाल संरक्षण” व “बाल कल्याण” कोष के गठन का निर्णय लिया गया ।

इस कोष के जरिये बाल संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को तत्काल मदद उपलब्ध करायी जाएगी। इस कोष में कोई भी व्यक्ति सहायता राशि जमा कर सकता है, जो भी धनराशि कोष में जमा  रहेगी उसको  बाल श्रम / बाल भिक्षावृत्ती / बाल विवाह / बाल यौन शौषण /बाल तस्करी / गंभीर बीमारी से प्रभावित उन बच्चों के मदद के लिए उपयोग किया जाएगा जिन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की पात्रता में न होने से मदद नहीं दी जा सकती है। साथ ही जिलाधिकारी स्वयं भी आवश्यकता अनुसार किसी जरूरतमंद बच्चे की मदद के लिए उक्त धनराशि का उपयोग कर सकते है । इस कोष का संचालन जिलाधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।  इसका दस्तावेजीकरण जिला बाल संरक्षण इकाई करेगा। 

बैठक में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की गई। जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी ने बाल संरक्षण योजना के उद्देश्य तथा किए गए कार्यों से समिति को अवगत कराया। बैठक में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड 19) के कारण माता पिता, अभिभावक खो  चुके बच्चो के प्रकरण में ब्लॉक तथा तहसील स्तर से कुल 248 आवेदनपत्र जांचोपरांत प्राप्त हो चुके है, जिसमे जिला स्तरीय टास्क फोर्स से 248 आवेदन पत्र स्वीकृत हो चुके है। इसमें 202 बच्चों के खाते में तीन माह की धनराशि प्रति बालक/ बालिका 12000 प्रेषित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना( सामान्य) जिसमे  मार्च 2020 के बाद अगर किसी बच्चे के माता-पिता दोनों, अथवा माता-पिता में किसी  एक की मृत्यु अगर किसी भी कारण से हुई है तथा जो जीवित है उसकी आय 3  लाख से कम है, उसको 2500 रूपये प्रतिमाह  दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत  68 बच्चों के आवेदनपत्र डीटीएफ से स्वीकृत हो चुके है। 

बैठक में भिक्षावृत्ति तथा बाल श्रमिकों को रेस्क्यू किए जाने के लिए उप श्रमायुक्त को निर्देशित किया गया कि श्रम विभाग के सभी अधिकारियों को प्रत्येक चौराहे की जिम्मेदारी दी जाए । साथ ही सम्बन्धित थाने की पुलिस इस कार्य में सहयोग करेगी।  इसी के साथ  ईटभठ्ठा, इंडस्ट्रियल एरिया  आदि का निरीक्षण कर बाल श्रम में लिप्त बच्चों को मुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। देव दीपावली से पूर्व जनपद को बालश्रम तथा बालभिक्षा वृत्ति से मुक्त कराने हेतु निर्देशित किया गया ।स्पॉन्सरशिप योजना  में विकासखंडवार लंबित आवेदन पत्रों की समीक्षा की गई । जिसमे काशी विद्यापीठ 77, अराजी लाइन 87, पिंडरा 6,चोलापुर में  14 आवेदन पत्र विकास खंड स्तर पर लंबित होने के बारे में समिति को अवगत कराया गया। इस हेतु मुख्य विकास अधिकारी ने  सभी खंड विकास अधिकारी को पत्र प्रेषित कर तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा समिति को अवगत कराया गया की पी एम केयर फंड हेतु पात्र 8 बच्चे जनपद में पाए गए है जिनके माता तथा पिता दोनों की मृत्यु हो गई है। बैठक में निर्देश दिया गया कि  शिक्षा विभाग, बाल विकास पुष्टाहार विभाग ,श्रम विभाग तथा पुलिस विभाग सभी लोग अपने स्तर पर बच्चो की सुरक्षा व संरक्षण के दृष्टिगत अपने कार्यक्षेत्र में सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा बालश्रम में न हो। अगर ऐसा पाया जाता है तो तत्काल जनपद स्तर पर सूचना देते हुए कार्रवाई  करवाए।

 बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, नोडल अधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई ग्रामीण तथा कमिश्नरेट, सहायक श्रमायुक्त, शिक्षा विभाग, बाल विकास एवम पुष्टाहार विभाग, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बाल कल्याण  समिति, किशोर न्याय बोर्ड, पुलिस विभाग,  जिला विद्यालय निरीक्षक, पंचायत विभाग के अधिकारी,बाल संरक्षण अधिकारी, के साथ ही राजकुमार पालीवाल (यूनिसेफ समर्थित कार्यक्रम) तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के समस्त स्टाफ उपस्थित थे ।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...