अब सामान्य बच्चों की तरह चल सकेंगे दिव्या और सत्यम
Himanshu Rai
Ghazipur (dil india live). राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एवं मिरेकल फीट फाउंडेशन के सहयोग से राजकीय मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) गाजीपुर में अब तक 40 से ज्यादा बच्चो का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है। जो क्लब फुट (टेढ़े पंजे) से पीड़ित थे। जिला अस्पताल मे कार्यरत डॉ. प्रभात अग्रहरि द्वारा 4 बच्चो का पोनसेटी मेथड से प्लास्टर लगाया गया और इन बच्चो का जल्द ही (टेनोटामी ) कर उनके टेंडेंट को ढीला किया जायेगा ताकी बच्चे के पैर को प्राकृतिक स्थिती प्रदान किया जा सके।
गाजीपुर जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ० प्रभात अग्रहरि ने बताया कि क्लब फुट एक जन्मजात विकृति है जन्म के समय से ही बच्चो के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। उन बच्चों के पैरों के उपचार के लिये पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाना है और फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद, अधिकांश बच्चों के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन (टेनोटॉमी) की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर अपनी मूल स्थिति पर वापस न आ जाए। फिर बच्चा 4 सालो तक ब्रेस या विशेष प्रकार के जूते पहनता है जो की मिरेकल फीट फाउंडेशन द्वारा नि:शुल्क दिया जाता है
मिरेकल फीट फाउंडेशन के प्रोग्राम एक्जिक्यूटीव आनंद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि 0 से 1.5 साल तक के बच्चे इस नि:शुल्क इलाज का लाभ ले सकते है हमारे संस्था के द्वारा बच्चो के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना तथा ब्रेस ( विशेष प्रकार का जूता ) नि: शुल्क प्रदान किया जाता है।कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि ब्रेसिज़ (विशेष प्रकार के जूते) लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका बच्चा लंबे समय तक विशेष जूते और ब्रेसिज़ आमतौर पर तीन महीने के लिए पूरे समय और फिर रात में पहनाने होते है।