गुरुवार, 14 जुलाई 2022
आमिर बने वैज्ञानिक अधिकारी
Varanasi (dil india live). मदरसा जामिया मतलउल उलूम कमनगढा के वरिष्ठ अध्यापक मुहम्मद अकील अंसारी के पुत्र मुहम्मद आमिर का भाभा आटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) मुंबई में वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर चयन होने पर मदरसा परिवार और बुनकर समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है। सभी खुश हैं कि आमिर ने बुनकर समाज का नाम रौशन किया है। आमिर का वैज्ञानिक अधिकारी बनने पर सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" वाराणसी के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक और सभी सदस्यों ने मुबारकबाद पेशकर उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। मूलतः गाजीपुर जनपद के रहने वाले मुहम्मद आमिर ने पिछले दिनों आल इंडिया परीक्षा गेट में 45 वीं रैंक प्राप्त किया था। आमिर ने वाराणसी में रहकर अपनी पढ़ाई मुकम्मल की।
सोमवार, 24 जनवरी 2022
सुभाष घई अपनी निर्मित फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों पर कर रहे राज
आज मनाया जा रहा सुभाष घई का जन्मदिन
(24 जनवरी जन्म दिन पर खास)
मुंबई 24 जनवरी(dil india live)। बॉलीवुड में सुभाष घई को एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलों पर राज किया। नागपुर में 24 जनवरी 1945 को जन्में सुभाष घई बचपन के दिनों से हीं फिल्मो में काम करना चाहते थे। अपने इसी सपने को साकार करने के लिये सुभाष घई ने पुणा के फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया में प्रशिक्षण लिया और अपने सपनो को पूरा करने के लिये मुंबई आ गये।
अपने करियर के शुरूआती दौर में सुभाष घई ने कुछ फिल्मों में अभिनय किया लेकिन बतौर अभिनेता अपनी पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो सके। बतौर निर्दशक सुभाष घई ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1976 में प्रदर्शित फिल्म ‘कालीचरण’ से की। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा की दोहरी भूमिका थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी।
वर्ष 1978 में सुभाष घई ने एक बार फिर से शत्रुध्न सिन्हा को लेकर ‘विश्वनाथ’ बनायी। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा ने एक तेज तर्रार वकील की भूमिका निभायी थी। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इस फिल्म में शत्रुध्न सिन्हा का बोला गया यह संवाद ..जली को आग कहते है बुझी को राख बनते है जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते है..दर्शको के बीच आज भी लोकप्रिय है।
वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म ‘कर्ज’ सुभाष घई के करियर की एक और सुपरहिट पिल्म साबित हुयी। पुनर्जन्म पर आधारित इस फिल्म में ऋषि कपूर, टीना मुनीम, सिमी ग्रेवाल,प्राण, प्रेम नाथ और राज किरण ने मुख्य भूमिकायें निभायी थी। इस फिल्म में सिमी ग्रेवाल ने नेगेटिव किरदार निभाकर दर्शको को रोमांचित कर दिया था। कर्ज टिकट खिड़की पर सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म विधाता सुभाष घई के करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने अभिनय सम्राट दिलीप कुमार, शम्मी कपूर, संजीव कुमार और संजय दत्त जैसे मल्टी सितारों को एक साथ पेश किया। फिल्म ने सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये।
वर्ष 1982 में सुभाष घई ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी मुक्ता आटर्स की स्थापना की जिसके बैनर तले उन्होंने वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म ‘हीरो’ का निर्माण-निर्देशन किया। इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने फिल्म इंडस्ट्री को जैकी श्राफ और मीनाक्षी शेषाद्री के रूप में नया सुपरस्टार दिया।
वर्ष 1986 में सुभाष घई ने सुभाष घई ने दिलीप कुमार को लेकर अपनी महात्वाकांक्षी फिल्म ‘कर्मा’ का निर्माण किया। दिलीप कुमार, नूतन, जैकी श्राफ, अनिल कपूर, नसीरउद्दीन साह, श्रीदेवी, पूनम ढिल्लो और अनुपम खेर जैसे सुपर सितारों से सजी इस फिल्म के जरिये सुभाष घई ने दर्शको के बीच देशभक्ति की भावना का संचार किया।
वर्ष 1989 में प्रदर्शित फिल्म ‘रामलखन’ भी सुभाष घई के करियर की सुपरहिट फिल्मों में शामिल की जाती है। वर्ष 1991 में सुभाष घई ने दिलीप कुमार और राजकुमार को लेकर अपनी महात्वकांक्षी फिल्म ‘सौदागर’ का निर्माण किया। दिलीप कुमार और राजकुमार वर्ष 1959 मे प्रदर्शित फिल्म ‘पैगाम’ के बाद दूसरी बार एक दूसरे के आमने सामने थे। सौदागर में अभिनय की दुनिया के इन दोनों महारथियों का टकराव देखने लायक था। इसी फिल्म के जरिये सुभाष घई ने मनीषा कोइराला और विवेक मुश्रान को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। इस फिल्म के लिये सुभाष घई को सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्देशक का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।
इसके बाद सुभाष घई ने वर्ष 1993 में संजय दत्त को लेकर ‘खलनायक’, वर्ष 1997 में शाहरूख खान को लेकर ‘परदेस’ और वर्ष 1999 में ऐश्वर्या राय को लेकर ‘ताल’ जैसी सुपरहिट फिल्मों का निर्माण किया। परदेस के जरिये सुभाष घई ने महिमा चौधरी को फिल्म इंडस्ट्री में लांच किया। 2000 का दशक सुभाष घई के करियर के लिये अच्छा साबित नहीं हुआ। इस दौरान बतौर निर्देशक उनकी यादें, किसना और युवराज जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी जो टिकट खिड़की पर बेअसर साबित हुयी।
वर्ष 2008 में प्रदर्शित फिल्म युवराज की असफलता के बाद सुभाष घई ने फिल्मों का निर्देशन करना बंद कर दिया। सुभाष घई ने वर्ष 2014 में प्रदर्शित फिल्म ‘कांची’ के जरिये बतौर निर्देशक कमबैक किया लेकिन यह फिल्म टिकट खिड़की पर सफल नहीं हुयी। सुभाष घई इन दिनों फिल्म '36 फार्महाउस' को लेकर चर्चा में हैं।यह फिल्म सुभाष घई की ओटीटी पर एक कहानीकार और म्यूजिक कम्पोज़र के रूप में उनकी डेब्यू फिल्म
शनिवार, 22 जनवरी 2022
‘चुप’ में काम कर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही है पूजा
मुंबई, 22 जनवरी (dil india live) बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट फिल्म ‘चुप’ में काम कर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही है।
पूजा भट्ट फिल्मकार आर.बाल्मीकी की फिल्म चुप से लंबे वक्त बाद फिल्मों में वापसी कर रही है। इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर में पूजा भट्ट के साथ सनी देओल, दुलकर सलमान और श्रेया धनवंतरी भी मुख्य किरदार में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म को लेकर पूजा भट्ट बेहद उत्साहित नजर आ रही हैं।
पूजा भट्ट ने कहा, “मैं खुद को सौभाग्यशाली महसूस करती हूं कि मैं इस युवा जुनूनी दुनिया और उद्योग में स्क्रीन पर अपनी वापसी कर रही हूं। वर्ना 49 साल की उम्र में किसको इतना दमदार किरदार निभाने को मिल सकता है। मुझे लगता है कि वक्त बदल रहा है और आज 90 के दशक की तुलना में कहीं ज्यादा अवसर हैं। हम डिजिटल के माध्यम से एक नई भाषा बोलते है और बॉलीवुड के इसे पकड़ने की जरूरत है।”
पूजा भट्ट ने कहा, “आर बाल्की अपने शानदार निर्देशन के लिए जाने जाते हैं और उनकी एक अलग तरह की निगाहें है। इसी लिए जब ये प्रोजेक्ट मेरे पास आया, तो मैंने इसके लिए हां कर दिया।”
तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी
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