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शनिवार, 29 मार्च 2025

Hafiz Saifi ने Quran किया मुकम्मल तो ईनाम में मिला खाने kaba का सफर

मस्जिद रंगीले शाह दालमंडी में 27 दिन की तरावीह पूरी 


Varanasi (dil India live). मस्जिद रंगीले शाह दालमंडी में ऐतिहासिक वक्त था जब हाफिज साहब ने तरावीह में एक कुरान मुकम्मल करायी तो मस्जिद कमेटी ने उन्हें इनाम में खाने काबा के सफर (हज-ए-उमराह) का अज़ीम तोहफा भेंट किया। हाफ़िज़ मोहम्मद सैफी कादरी ईद के बाद 6 अप्रैल को उमराह पर रवाना होंगे। उन्होंने कहा कि बहुत खुशी का सबब है कि कमेटी ने मुझे ये अज़ीम तोहफा दिया है। मैं काबा मुल्क में अमन, मिल्लत और सभी की तरक्की की दुआएं करुंगा।

दरअसल मस्जिद रंगीले शाह दालमंडी में 27 दिन की तरावीह आज मुकम्मल हुई। मस्जिद के मुक्तदी ने मिलकार जनाब हाफिज वा कारी मोहम्मद सैफी कादरी को तोहफा में उमराह का पाकेज दिया।

इसमें मोहम्मद अफ़ज़ल, हमजा इलाही, फुरकान इलाही, इरफान इलाही, फैज रजा ने मिलकर तोहफा तारवीह में उमरा का इनाम दिया है। इससे पहले जैसे ही तरावीह मुकम्मल हुई तमाम लोगों ने हाफ़िज़ सैफी साहब को फूल और मालाओं से लाद दिया। उनसे मुसाफा करने, गले मिलने की होड़ सी लग गई। इस दौरान मौजूद लोगों में तबर्रुक तकसीम किया गया।

गुरुवार, 6 मार्च 2025

Quran, mukammal, तरावीह पूरे रमज़ान भर पढ़ना जरूरी

मस्जिद बारादरी में पांच दिन की तरावीह हुई मुकम्मल


Varanasi (dil India live)। रमजान के पवित्र महीने में बनारस के सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज मुकम्मल होनी शुरू हो गई है। इस मौके पर पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने बताया की बुनकर बिरादरना तंजीम बाइसी के सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन की सदारत में मोहल्ला नक्खीघाट स्थित मस्जिद बारादरी में पांच दिन की तरावीह की नमाज खत्म हुई। इस मस्जिद में तरावीह की नमाज हाफिज मोहम्मद आसिफ जैसे ही मुकम्मल की तमाम लोगों ने उनका जोरदार खैरमकदम किया। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में लोगों ने नमाज अदा की। सरदार हाफिज मोइनुद्दीन ने इमामे तरावीह को सिर पर साफ़ा बांध कर माला पहना कर उनका जोरदार इस्तेक़बाल किया।

सरदार साहब ने कहा कि कुरान मुकम्मल हो गई है इसका ये मतलब नहीं है कि तरावीह अब नहीं पढ़ना है बल्कि सूरे तरावीह पूरे महीने भर पढ़ना है जब तक ईद का चांद न हो जाए। इस मौके पर मौजूद सरदार दरोगा, पार्षद पति हाजी ओकास अंसारी, बाबूलाल किंग, हाजी सुहैल, पार्षद डा. इम्तियाजुद्दीन, बाबू महतो, शमीम अंसारी, हाजी गुलाब, हाजी हाफिज नसीर, मोहम्मद परवेज,  हाजी यासीन मायिको, हाफिज अनवर, हाफिज अल्ताफ, हाजी अलीम, मास्टर मुमताज, हाजी अजमल, जैनुलआब्दीन, मोहम्मद महबूब सहित सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे।