प्रेम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
प्रेम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 24 दिसंबर 2023

URDU प्रेम व राष्ट्रीय एकता की भाषा है: डॉक्टर शमसुद्दीन

जश्ने उर्दू में दिया गया अल्लामा इकबाल मेमोरियल अवार्ड

उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन ने दिया अवार्ड 





Varanasi (dil India live). उर्दू बीटीसी टीचर्स वेल्फेयर एसोसिएशन वाराणसी की ओर से विश्व उर्दू दिवस के उपलक्ष्य में 9 वां जश्ने उर्दू पर गोष्ठी का आयोजन रविवार को मैदागिन स्थित पराड़कर भवन वाराणसी के सभागार में किया गया।

            इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय संबोधन में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय सहायक निदेशक (वाराणसी शाखा) डॉक्टर मोहम्मद शमसुद्दीन ने कहा कि उर्दू प्रेम व राष्ट्रीय एकता की भाषा है।आज हम जश्न-ए- उर्दू मना रहे हैं ऐसे में हम सबको मिलकर उर्दू की उन्नति व विकास के लिए कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में मदरसों की बड़ी संख्या है जहां उर्दू मीडियम से शिक्षा दी जाती है मगर अब असंख्य यूनिवर्सिटियां भी हैं जहां प्रोफेशनल व टेक्निकल शिक्षा भी उर्दू माध्यम से  दी जाने लगी है। छात्र उर्दू  माध्यम से शिक्षा लेकर सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी कंपनियों में प्लेसमेंट हासिल कर रहे हैं। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी  हैदराबाद इसमें सर्वोच्च स्थान पर है। जहां बीएड , एमएड ,बीटेक, एमटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कोर्सेज के अलावा संघ लोक सेवा आयोग की भी कोचिंग कराई जाती है, ताकि उर्दू मीडियम से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र न केवल रोजगार हासिल कर सकें बल्कि आईएएस ,पीसीएस, आईपीएस  स्तर के अफसर बनकर देश सेवा कर सकें। उर्दू यूनिवर्सिटी में दूर दराज से बड़ी संख्या में छात्र आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं मगर अफसोस कि पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व विशेष रूप से जनपद वाराणसी का प्रतिनिधित्व नगण्य है, जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि ग़ालिब और इकबाल की शायरी से हमें जहां आत्मज्ञान की शिक्षा मिलती है वहीं मौलाना आजाद की देश सेवा और चिंतन से हमें देश के लिए बेहतर कदम उठाने की प्रेरणा मिलती है। इसी प्रकार प्रेमचंद हमें सामाजिक मसलों की तरफ ध्यान दिलाते हैं।ऐसे में हमें उनके जीवन वृतांत पढ़ कर प्रेरणा लेने और उर्दू की तरक्की के लिए बेहतर से बेहतर प्रयास करने की जरूरत है।अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से उर्दू पढ़ाएं,उर्दू अखबार और पत्रिकाएं खरीद कर पढ़ी जाएं,अपने बच्चों का दाखिला ऐसे स्कूलों ने कराया जाए जिसमें उर्दू की भी शिक्षा दी जाती हो। उर्दू रसमुल खत में ही उर्दू को लिखा जाए तभी उर्दू का हक अदा होगा।

         विशिष्ट अतिथि डी एन पी जी कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ रेशमा खातून ने कहा कि उर्दू ज़बान किसी एक कौम की ज़बान नहीं है जबकि यह एक हिंदुस्तानी जबान है, उर्दू की पहली गजल एक हिंदू कश्मीरी पंडित ने लिखी, मतला से मकता तक जिनका नाम सरे फेहरिस्त है वह चंद्रभान नवल मुंशी नवल किशोर, दया नारायण निगम, मुंशी महाराज बहादुर वर्क, पंडित दयाशंकर नसीम, जगन्नाथ आजाद, पंडित रतन नाथ सरशार, कृष्ण मोहन बृजलाल,इत्यादि उर्दू साहित्य के ऐसे नायाब हीरे हैं जिनके बगैर उर्दू अदब की तारीख या कोई तजकरा मुकम्मल नहीं हो सकता। उर्दू को हिंदुस्तान के कई प्रदेशों में सरकारी ज़बान का दर्जा प्राप्त है।

            प्रख्यात शायर कवि दिल खैराबादी ने अपनी बेहतरीन गजलों,नज्मों,गीतों से अवाम का दिल जीत लिया, उन्होंने सुनाया।तेरी कार तेरा बंगला तेरा घर तुझे मुबारक, मेरे पास मेरी मां है मेरे पास क्या नहीं है। मेरे कद से मेरे बेटे तेरा कद बड़ा तो होगा, मेरे मरतबे से ऊंचा तेरा मर्तबा नहीं है।।  इसके अतिरिक्त मशहूर शायर आमिर शौकी बनारसी ने   पढ़ा, बस एक जहां नहीं सारे जहां वाले हैं, खुदा का शुक्र है कि उर्दू जबां वाले हैं। और मऊ जनपद के मेहमान शायर उसैद अहमद उसैद ने कहा,भारत की आन यह उर्दू ज़बान है, प्यारे वतन की शान यह उर्दू ज़बान है।। गजलों से श्रोताओं का दिल बाग बाग कर दिया। मेहमानों का शाल और गुलदस्ते से स्वागत किया गया। इस अवसर पर डॉक्टर शमसुद्दीन, डॉक्टर रेशमा खातून, दिल खैराबादी, आमिर शौकी, उसैद अहमद को शिक्षा, साहित्य और सामाजिक खिदमात के लिए अल्लामा इकबाल मेमोरियल अवार्ड 2023 से नवाजा गया। आगाज़  इरफानुल हक ने कुरआन की तिलावत से किया तो नाते पाक का नजराना नौशाद अमान ने पेश किया। संचालन अब्दुर्रहमान ने तंजीम के महासचिव जफर अंसारी ने स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक ने दिया। उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के संरक्षक इश्तियाक अंसारी, अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष शहनवाज खान, अली इमाम, बेबी फातिमा, महासचिव जफर अंसारी, महबूब आलम, इशरत उस्मानी, जावेद अख्तर, एच हसन नन्हें, शमीम रियाज़, जुल्फिकार अली, शाहिद अंसारी, वफा अंसारी, अब्दुल्लाह एडोकेट, प्रमोद कुमार, जेयाउद्दीन, रिजवानुल्लाह, शकील अहमद, इकबाल अहमद, डॉक्टर तमन्ना शाहीन, डॉ. एम अकबर, मौलाना ज्याउल इस्लाम, हाजी स्वालेह अंसारी, अहमद आजमी, निजाम बनारसी, असल खलीफा, तमन्ना बेगम, ऐनुल हक, डा नजमुस्सहर, महजबीं, शकील अंसारी, राशिद अनवर, हामिदा बेगम, रहमत अली, आरिफ़, शगूफता, आमरा जमाल, सलमा जमाल,शहनवाज खान, हुसैन अहमद आरवी, रुखसार, करिश्मा अफरीन, राना परवीन, आयशा, राजिया सुलताना, हाजी अमीरुल्लाह इत्यादि के अतिरिक्त सैकड़ों शिक्षण संस्थानों के जिम्मेदारान शिक्षक, छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

शनिवार, 3 सितंबर 2022

Jain dharam news: उत्तम शौच धर्म में प्रवेश के जानिए कौन हैं तीन द्वार

जैन मंदिरों में दान, प्रेम और करुणा पर हुई चर्चा 

  • जैन धर्म के पर्युषण पर्व का चौथा दिन 






Varanasi (dil india live). श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान मे चल रहे दस दिवसीय पर्युषण महापर्व के चौथे दिन शनिवार को धर्मावलम्बी दस वृत्तियो का व्रत लेकर- उपवास, साधना, पूजा इत्यादि में रहकर अपनी आत्मा को शुद्ध करने मे तल्लीन है। इस परवाधिराज पर्व मे सभी जैन श्रावक-श्राविकाए अत्यंत भक्ति पूर्वक जिनेन्द्र प्रभु की आराधना में लीन है।

प्रातः नरिया स्थित जैन मन्दिर में भगवान महावीर की दिव्य पद्मासन प्रतिमा का आज भक्तो ने जलाभिषेक एवं सविधि पूजन व पाठ किया तो वहीं भगवान पार्श्वनाथ की जन्म भूमि पावन तीर्थ क्षेत्र मे वृहद क्षमावाणी विधान में पूरे भक्ति संगीत भजन के साथ महिलाओं एवं पुरुषों ने पूरी भक्ति से आयोजन में भाग लेकर माढने में श्री फल अर्पित विभिन्न धार्मिक आयोजन किये।

सायंकाल खोजवा स्थित जैन मंदिर में पर्व के चौथे अध्याय "उत्तम शौच धर्म "पर व्याख्यान देते हुए डा: मुन्नी पुष्पा जैन ने कहा- शौच शौच धर्म मे प्रवेश करने के तीन द्वार है- दान, प्रेम और करुणा। दान की कुंजी से ही शौच धर्म मे प्रवेश करने का ताला खोल सकते है। मन पवित्र हो तो शरीर पवित्र हो ही जाता है। ब्रह्म अशुचिता सागर के जल से भी धोओ तो भी कोई महत्व नही, भीतरी शुचिता के अभाव में। 

ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मंदिर में प. सुरेंद्र शास्त्री ने कहा- चित्त की मलीनता का मूल कारण लोभ लालच है। प्रत्येक आत्मा में निर्मल होने की शक्ति है। लोभ का आभाव ही पवित्रता है।

सायंकाल सभी जैन मन्दिरो मे जिनवाणी पूजन, शास्त्र प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं जिनेन्द्र भगवान की आरती की गईआयोजन मे प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, अरूण जैन, विजय कुमार जैन, निशांत जैन, आनंद जैन, तरूण जैन, डा: जे के सांवरिया उपस्थित थे।