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बुधवार, 31 अगस्त 2022

Jain dharam का महापर्व पर्युषण शुरू

9 सितंबर जैन मंदिरों में होंगे अनेक आयोजन

जैन घरों में 10 सितंबर से 18 सितंबर तक मनाया जाएगा खास उत्सव


Varanasi (dil india live)। भारतीय संस्कृति के पर्वों में जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व पर्युषण दसलक्षण महापर्व का आज विधिवत शुभारंभ हो गया। यह महापर्व 18 सितंबर तक आस्था के साथ मनाया जाएगा।

श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में आयोजित 18 दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत बुधवार को प्रातः बेला से ही नगर की जैन मंदिरों में भेलूपुर , सारनाथ , मैदागिन ,  खोजवा , नरिया , चंद्रपुरी एवं ग्वालदास साहूलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जी में व्रत, पूजन, अभिषेक के साथ दसलक्षण पर्व का प्रारंभ हो गया। जैन समाज के उपाध्यक्ष राजेश जैन ने बताया कि भेलूपुर स्थित मंदिर में प्रातः काल 7:45 से अभिषेक किया गया। संध्या 7:00 बजे आरती तत्पश्चात शास्त्र प्रवचन होगा। 

पंचायती मंदिर ग्वालदास साहुलेन में सामूहिक अभिषेक प्रातः  8:30 बजे हुआ। संध्या आरती रात्रि 8:00 बजे से होगी।भगवान श्रेयांसनाथ की जन्मस्थली सारनाथ में श्रेयांश वाटिका में बड़ी प्रतिमा का अभिषेक प्रातः 7:00 बजे एवं मंदिर में अभिषेक पूजन प्रातः 7:30 बजे से होगा। नरिया स्थित मंदिर जी में सामूहिक अभिषेक प्रातः 7:30 बजे से होगा । खोजवा में स्थित जैन मंदिर जी में अभिषेक पूजन प्रातः 7:00 बजे से , संध्या आरती 7:30 बजे से तत्पश्चात शास्त्र प्रवचन होगा । समस्त मंदिरों में यह कार्यक्रम 31 अगस्त से 9 सितंबर तक चलेगा। अष्टमी पूजन  रविवार ४/९/२०२२ को मनाई जाएगी , सुगंध दशमी ५/९/२०२२ सोमवार को प्रातः से समस्त जैन मंदिरों में मनाई जाएगी। 

अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर ग्वालदास साहूलेने स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जी में 9 सितंबर शुक्रवार को शाम 4:00 बजे अनंतनाथ भगवान एवं भगवान पार्श्वनाथ जी की बड़ी मूलनायक प्रतिमा जी का सामूहिक महा मस्तकाभिषेक वृहद् आयोजन होगा । १० सितम्बर शनिवार को पंचायती जैन मंदिर ग्वालदास साहुलेन में  सायंकाल भजन संध्या आयोजित है। 

 ११ सितम्बर रविवार को भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्तलि श्री दिगंबर जैन मंदिर भेलुपूर में दोपहर १ बजे से पूजन- अभिषेक , जयमाल , धार्मिक कृत्य के पश्यात सायं ५ बजे से विश्वमैत्री  क्षमावाणी का कार्यक्रम आयोजित है । १२ सितम्बर सोमवार को मैदागिन स्थित श्री बिहारी लाल दिगम्बर जैन  मंदिर में रात्रि ८ बजे से भजन संध्या जागरण आयोजित है । १३ सितम्बर से १७ सितम्बर तक भिन्न जैन मंदिरो में महिलाओं द्वारा कई धार्मिक , सांस्कृत कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। १८ सितम्बर रविवार को ग्वालदास साहुलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में प्रातः ८ बजे से सायं ५ बजे तक नमोकर महामंत्र का पाठ कर आयोजन सम्पन्न होगा।

सोमवार, 20 सितंबर 2021

10 दिनों का कठिन व्रत पूरा

व्रत करने वालों के सम्मान में निकली शोभायात्रा



सायंकाल हुई भक्ति संगीत, मनाया गया पारणा उत्सव



वाराणसी 20 सितंबर (दिल इंडिया लाइव) । 10 दिनों की कठिन तपस्या, त्याग एवं व्रत के उपरांत सोमवार को प्रातः दसलक्षण पर्व पर 10 दिनों का निर्जला व्रत करने वाले, रत्नत्रय व्रत एवं एकासना व्रत करने वालों के सम्मान में ग्वालदास साहूलेने स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में तीर्थंकरों के अभिषेक के उपरांत गाजे-बाजे, जयकारे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। अहिंसा परमोधर्म, जय-जय जिनेंद्र देव की भवसागर नाव खेवकी के उदघोष के साथ भक्तजन भजन भी गा रहे थे। श्री कमल बागड़ा, श्रीमती कमल बागड़ा एवं अन्य व्रतियों का समाज के उपाध्यक्ष राजेश जैन एवं मंत्री विशाल जैन ने तिलक, चंदन एवं माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया । 


शोभायात्रा ग्वालदास सहुलेन से प्रारंभ होकर बुलानाला होते हुए मैदागिन स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर पहुंची। मंदिर में भक्तों का स्वागत पुष्प वर्षा एवं माल्यार्पण वहां के प्रबंधक भूपेंद्र जैन ने किया। भक्तों ने तीर्थंकरों का दर्शन-पूजन कर अपना आहार ग्रहण कर “ पारणा उत्सव ” मनाया। उधर भेलूपुर स्थित जैन मंदिर जी  से व्रत करने वालों की शोभायात्रा मंदिर जी से निकलकर खड़ग सेन उदय राज मंदिर गई , वहां भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। पुन: भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली पर कठिन 10 दिनों का व्रत किए श्री विनोद जैन चांदी वाले , श्रीमती मंजू जैन , छाया जैन , रजनी जैन , आकृति जैन , किशोर जैन , अर्चना जैन , श्वेता जैन , आलोक जैन , निधि जैन एवं संध्या जैन अन्य सभी व्रत करने वालों ने परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशद सागर से आशीर्वाद प्राप्त कर मंदिर जी में पूजन अर्चन किया । जहां समाज के पदाधिकारियों ने चंदन माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया एवं उनके कठिन तप-व्रत की अनुमोदना किया। 


सोमवार को ही सायंकाल दसलक्षण पर्व की खुशी में ग्वालदास साहूलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में भक्ति संगीत का आयोजन किया गया । जिसमें प्रसिद्ध जैन भजन गायक श्री विजय सिंह जैन एंड ग्रुप ने कई मनोहारी भजनों में-“ मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे महावीर सांवरिया तेरे” “भगवान मुझे अपना बना लोगे तो क्या होगा “ की प्रस्तुति की । राकेश सिंह जैन ने-“तुझसेलागी लगन ले लो अपनी शरण” प्रस्तुत कर माहौल को भक्ति रस से सराबोर कर दिया । समाज की कई महिलाओं -पुरुषों ने भी कई भजन प्रस्तुत कर भक्ति नृत्य प्रस्तुत कर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित की । संचालन विशाल जैन एवं आभार रत्नेश जैन ने किया ।

आयोजन में प्रमुख रूप से समाज के सभापति दीपक जैन , उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधानमंत्री अरुण जैन, प्रताप चंद जैन , राजकुमार बागड़ा, तरुण जैन, अरुण पोद्दार उपस्थित थे । 

रविवार, 12 सितंबर 2021

पर्युषण पर्व के तीसरे दिन जैन मंदिर में दर्शन,पूजन व पूजन

छल से प्राप्त लक्ष्मी शाश्वत नहीं रहती नष्ट हो जाती है: मुनि विशद सागर



वाराणसी 12 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)| पर्युषण पर्व के तीसरे दिन जैन मंदिर भेलूपुर में प्रातः से विविध धार्मिक कृत्य प्रारंभ हुए। योग , ध्यान , सामायिक , भगवंतो का जलाभिषेक ,शांति धारा मुनिश्री के मंत्रोच्चारण के साथ किया गया ।रवि व्रत के साथ भगवान सुपार्श्वनाथ जी के गर्भ कल्याणक पूजा भी संपन्न हुई ।श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे दस दिवसीय दशलक्षण पर्व के तृतीय दिवस पर रविवार को प्रातः आचार्य मुनि 108 विशद  सागर जी तृतीय अध्याय “ *उत्तम* *आर्जव* *धर्म* “ पर व्याख्यान देते हुए कहा -“हम सब को सरल स्वभाव रखना चाहिए ,कपट का त्याग करना चाहिए ।कपट के भ्रम में जीना , दुखी होने का मूल कारण है ।आत्मा ज्ञान,  ख़ुशी , प्रयास ,विश्वास जैसे असंख्य गुणों से सिंचित है । सीधा-सादा सरल होना ही सहजता है और सहजता ही जीवन में आ जाना ही सरलता है ।”मुनि श्री ने कहा -“जो मनुष्य अपने मन से कपट करना ,धोखा देना ,चोरी करना ,ऐसी भावों को निकाल देता है व अपने स्वभाव को सरल व विनय से युक्त बना लेता है ।उसे ही उत्तम आर्जव धर्म कहते हैं ।कपटी व्यक्ति स्वयं ही अपने को धोखा देता है , वह दूसरे की अपेक्षा स्वयं अपनी ही हानि अधिक करता है ।मनुष्य अगर छल कर लक्ष्मी प्राप्त कर लेता है तो वह लक्ष्मी शाश्वत नहीं रह पाती है ,नष्ट हो जाती है । मुनि जी ने कहा तन उजला किस काम का जब तक मन में मैल , मन का मैल ही करें शुरू मन मुटाव का खेल । “कपट नरक का द्वार है मत कर माया चारी ,  आर्जव धर्म को धार चपल मन हो निज सुख तैयारी ।” 

रविवार को प्रातः भगवान सुपार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली भदैनी (जैन घाट ) में भगवान के गर्भ कल्याणक की विशेष पूजा की गई ।प्रातः सारनाथ ,चंद्रपुरी , नरिया ,  भदैनी  मैदागिन  एवं ग्वालदास  साहूलेन में प्रातः 10 लक्षण पूजन अभिषेक किया गया ।सायंकाल मंदिरों में प्रतिक्रमण , सामयिक ,शास्त्र प्रवचन , जिनवाणी पूजन , तीर्थंकरो एवं देवी पद्मावती जी की आरती की गई । सायंकाल भेलुपूर मंदिर जी में महिला मंडल द्वारा स्वर्ग सोपान का मंचन किया गया। आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, अरुण जैन, विजय जैन, अजित जैन, सौरभ जैन, विनोद जैन, पंकज जैन उपस्थित थे।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...