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सोमवार, 16 जनवरी 2023

Varanasi में उत्साह के साथ मनाया गया ‘‘एकीकृत निक्षय दिवस’’

India को टीबी मुक्त बनाने में सभी के सहयोग की जरूरत: CMO 



Varanasi (dil india live).राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सोमवार को जिले में ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान कार्यक्रमों का आयोजन कर टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गयी साथ ही मंडलीय चिकित्सालय, जिला राजकीय चिकित्सालय व सर सुंदरलाल चिकित्सालय (बीएचयू) समेत जिले के समस्त हेल्थ वेलनेस सेंटर, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले व्यक्तियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई और संभावित 1लक्षण वाले 10 फीसदी व्यक्तियों का बलगम एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया । इसके अलावा कुष्ठ रोग, कालाजार व फाइलेरिया की भी जांच की गयी।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से हर माह की 15 तारीख को ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया है लेकिन इस बार 15 तारीख को अवकाश होने के कारण 16 जनवरी को ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही अधिक से अधिक टीबी मरीजों का चिन्हित कर उनका उपचार करना, प्राइवेट नोटिफिकेशन में तेजी लाना, पोषण सामग्री व आर्थिक सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ करना है । उन्होंने कहा कि देश को टीबी मुक्त बनाने में सभी के सहयोग की जरूरत है। लिहाजा इस दिशा में सभी को मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए ताकि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाया जा सके।

‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पर श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में एसआईसी डॉ  घनश्याम मौर्य ने सामाजिक संस्था कुसुम मेमोरियल फाउण्डेशन व आदित्य फाण्डेशन के सहयोग से 16 क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान किया। इस दौरान डीटीसीएमओ डॉ अन्वित श्रीवास्तव, एसटीएस धर्मेन्द्र  सिंह, टीबी एचवी संदीप कौशल,  संजय भारती, रमेश लाल, टीबी चैम्पियन मो. अहमद, के अलावा अरुण सिंह व आलोक सिंह मौजूद थे। पोषण पोटली प्राप्त करने के बाद मैदागिन निवासी संजय (19 वर्ष) ने कहा कि यह उनके लिए काफी लाभदायक होगी। कोयला बाजार की सीफा (15 वर्ष ) ने बताया कि उपचार कराने में उसे सभी सहयोग मिल रहा है। अब पोषण पोटली इसमें और सहायता करेगी।

नगरीय सीएचसी दुर्गाकुंड में ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है । टीबी की दवा पूरी अवधि तक लेना है और एक भी दिन दवा छूटनी नहीं चाहिए । शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौकाघाट में भी ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर डॉ अतुल सिंह ने टीबी के मरीजों को पोषण पोटली प्रदान किया। साथ ही उन्होंने मरीजों को नियमित दवा का सेवन करने, हरी सब्जी के साथ पोषणयुक्त भोजन करने तथा समय-समय पर जांच कराने की सलाह दी।  इस अवसर पर अधीक्षक डा. मनमोहन, टीबी सुपरवाइजर शिव कुमार सोनकर, टीबी लैब सुपरवाइजर सुरेंद्र कुमार यादव, टीवीएचवी पवन पाठक टीबीएचवी  प्रवीण कुमार, एलटी राजीव, टीपीटी सुपरवाइजर विपिन कुमार, टीबी चैंपियन साबरीन बानो फार्मासिस्ट अर्चना समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

शनिवार, 31 दिसंबर 2022

New year में भी होगा health सेवाओं का वृहद विस्तार: cmo

मिलेंगी mru, bsl-3 सहित अन्य जरूरी लैब

ग्रामीण संग नगर क्षेत्र में बढ़ेंगे आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

Varanasi (dil india live). मुख्य चिकित्सा अधिकारी ड. संदीप चौधरी का कहना है कि जनपद के समस्त सरकारी चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हुआ है। इसमें आधारभूत संरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के साथ डिजिटलीकरण पर पूरा ज़ोर दिया गया। अब नए साल में भी नवीन चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा जिससे मरीजों को डिजिटलीकरण के साथ बेहतर उपचार की सुविधा मिल सके और एक स्वस्थ व बेहतर समाज की कल्पना की जा सके । 

इस क्रम में सर्वप्रथम उन बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हैं जिन्हें वर्ष 2022 में पूरा किया गया। 

- चार प्रथम संदर्भन इकाई (एफ़आरयू) क्रमशः डीडीयू चिकित्सालय स्थित मातृ व शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) विंग, सीएचसी चौकाघाट, सीएचसी दुर्गाकुंड और मुख्यमंत्री द्वारा गोद ली गई सीएचसी हाथी बाजार । 

- तीन हेल्थ एटीएम क्रमशः सीएचसी चौकाघाट, सीएचसी दुर्गाकुंड और पीएचसी बड़ागांव में स्थापित ।

- विभिन्न आठों ब्लॉक में 65 आयुष्मान भारत  - हेल्थ वेलनेस सेंटर की बढ़ोतरी, अब हुए 225 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ।   

- गैर संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत सभी 11 ग्रामीण व शहरी सीएचसी में सेंटीनल/पैथालोजी लैब स्थापित। 

- सभी 12 सीएचसी पर मिनी पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) स्थापित । 

- स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए ई-कवच पोर्टल, मंत्रा एप, आधारबद्ध जन्म पंजीकरण, यूबीआई फेसिंग अटेंडेंस एप का संचालन शुरू हुआ। 

- हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की उपस्थिति के लिए एएमएस एप।

- सभी हेल्थ वेलनेस सेंटर पर टेली मेडिसिन की सुविधा शुरू।  

New year 2023 में बढ़ेंगी यह सुविधाएं -  

- तीन मल्टी डिसिप्लेनरी यूनिट (एमआरयू) लैब, एक बीएसएल-3 लैब, एक पब्लिक हेल्थ लैब।  

- राजकीय चिकित्सालयों में हृदय रोगियों की सुविधा के लिए केंद्र। 

- सभी सीएचसी और पीएचसी पर बेड की संख्या में बढ़ोतरी के लिए एक-एक यूनिट। 

- सभी पीएचसी व सीएचसी सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर एक-एक हेल्थ एटीएम। 

- दो ब्लॉक स्तरीय पब्लिक हेल्थ यूनिट।  

- दो नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सारनाथ और काशी विद्यापीठ)। 

- ग्रामीण क्षेत्र में 75 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और नगर क्षेत्र में 48 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर।

मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

CMO बोले: phc में हो गुणवत्तापूर्ण सुधार

Quality assurance व उच्च प्रभाव दृष्टिकोण पर हुई अभिमुखीकरण बैठक

  • चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का समय से मूल्यांकन जरूरी
  • सभी मानकों को पूरा करें, मरीजों को मिले बेहतर सुविधाएं  

Varanasi (dil india live). नगर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रदान की जा रही चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है । इसके लिए समय-समय पर सुविधाओं का असेस्मेंट यानि मूल्यांकन करना भी बेहद जरूरी है । इससे मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं जैसे जनरल क्लीनिक, मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सेवाएं, संचारी व गैर संचारी रोगों से बचाव, ओपीडी, ड्रेसिंग, लैब, आउटरीच, टीकाकरण, दवा स्टोर, आपातकालीन सेवाएं, सामान्य प्रशासनिक सेवाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है।  
उक्त चर्चा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में देर शाम तक चली एक दिवसीय क्वालिटी एश्योरेंस अभिमुखीकरण बैठक में की गई। दी चैलेंज इनिशिएटिव फॉर हेल्थी सिटीज-पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि सभी 24 नगरीय पीएचसी कायाकल्प पुरस्कार, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस (एनक्वास) और लक्ष्य सर्टिफिकेशन के उद्देश्य से सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने और दस्तावेज के रख-रखाव पर पूरा ज़ोर दें । प्रभारी चिकित्साधिकारी जनरल ओपीडी से लेकर प्रसव कक्ष और बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन का मूल्यांकन नियमित करते रहें। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए मानकों के अनुरूप पूरा करें। गर्भवती एवं बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं तथा लाभों पर भी विशेष ध्यान दें।
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य, क्वालिटी एश्योरेंस के नोडल अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक और जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव ने कायाकल्प, एनक्वास और लक्ष्य सर्टिफिकेशन के सभी मानकों तथा स्वच्छता, संक्रमण बचाव, क्वालिटी एश्योरेंश, डाटा वेलिडेशन आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की । उन्होने कहा कि उच्च प्रभाव दृष्टिकोण (एचआईए) के लिए नगरीय सीएचसी-पीएचसी को निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार सभी मानकों से गुजरना होता है और कम से कम 70% अंक प्राप्त करने होते हैं। इसके बाद राज्य स्तर से गठित टीमों की ओर से पुनः निरीक्षण में 70% अंक मिलने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। सात प्रमुख बिन्दुओं की बात करें तो इंफ्रास्ट्रक्चर, सेनिटेशन-हाइजीन, वेस्ट मैनेजमेंट, इन्फेक्शन कंट्रोल, सपोर्ट सर्विस, हाइजीन प्रमोशन, कार्यक्रमों पर जागरूकता संबंधी विषय महत्वपूर्ण हैं।  
बैठक में डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य, एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद, जिला नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी, पीएसआई इंडिया की ओर से कृति पाठक और अखिलेश एवं अन्य लोग मौजूद रहे ।

शुक्रवार, 18 नवंबर 2022

Ayushmaan Bharat: फ्री उपचार में आनाकानी पर निजी अस्पताल से जवाब तलब

CMO के आदेश पर निजी अस्पताल ने किया इलाज 

सीएमओ के हस्तक्षेप पर ब्रेनहेमरेज पीड़ित पत्रकार का निःशुल्क उपचार 

सीएमओ ने चेताया आयुष्मान कार्डधारी का मुफ्त इलाज न करने  पर होगी कार्रवाई



Varanasi (dil india live). मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. संदीप चौधरी के हस्तक्षेप पर बुधवार देर रात ब्रेनहेमरेज से पीड़ित पत्रकार का निःशुल्क उपचार आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की मदद से पूरा हो सका । आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी निजी चिकित्सालय उनका निःशुल्क उपचार करने में आनाकानी कर रहा था । इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ ने सम्बन्धित अस्पताल से जवाब तलब किया है साथ ही अन्य निजी अस्पतालों को भी चेतावनी दी है कि आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी किसी अस्पताल ने यदि निःशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान नहीं की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी ।

पलामू (झारखंड) के वरिष्ठ पत्रकार परमानंद चौधरी का ब्रेनहेमरेज हो गया । हालत नाजुक देख परिजन उन्हें लेकर वाराणसी आये और यहां अस्सी स्थित ओरियाना अस्पताल में भर्ती कराया गया । परमानंद चौधरी के परिजनों के अनुसार अस्पताल में परमानंद चौधरी के उपचार के लिए पैसा जमा करने के लिए कहा गया । परमानंद चौधरी का आयुष्मान कार्ड दिखाने के बाद भी उनके निःशुल्क उपचार में आनाकानी की जाती रही । तब परिजनों ने ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये मामले की शिकायत सीएमओ व अन्य अधिकारियों से की । मामला संज्ञान में आते ही सीएमओ ने तत्काल ओरियाना अस्पताल से सम्पर्क कर पत्रकार परमानंद चौधरी का आयुष्मान कार्ड के जरिये निःशुल्क उपचार करने का निर्देश दिया । सीएमओ के हस्तक्षेप पर निजी अस्पताल ने तत्काल उपचार शुरू कर दिया । साथ ही उन्होने त्वरित कार्रवाई की पत्रकार परमानंद चौधरी के परिजनों के अलावा पलामू के पत्रकार संगठनों ने सराहना की ।

इस बीच सीएमओ ने इस मामले में निजी अस्पताल ओरियाना से जवाब तलब किया है । उन्होंने ओरियाना अस्पताल को पत्र भेज कर कहा है कि आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को नियमानुसार मुफ्त इलाज/सुविधा न मिलने की उक्त चिकित्सालय के विरुद्ध लगातार शिकायते प्राप्त हो रही है जो कि अत्यंत ही खेद का विषय है। लिहाजा इस संबंध मे दो कार्य दिवस के अंदर अपना स्पस्टीकरण दें । पत्र में सीएमओ ने यह भी निर्देश दिया है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के अंतर्गत  चिकित्सालय में भर्ती किसी भी मरीज का निःशुल्क उपचार करने की बजाय यदि उससे  इलाज में कोई खर्च लिया गया है तो उसे तत्काल लौटाया जाय वर्ना अस्पताल का पंजीयन निरस्त करने के साथ ही मामले में कड़ी कार्रवाई की जायेगी । सीएमओ ने जिले के अन्य अस्पतालों को भी चेताया है कि आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्डधारक के मुफ्त उपचार में यदि किसी भी निजी चिकित्सालय ने हीलाहवाली की तो वह कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें ।

दूसरी ओर गुरुवार को योजना के नोडल अधिकारी डॉ आरके सिंह और जिला कार्यान्वयन इकाई की टीम के साथ ओरियाना अस्पताल पहुंची और वहां भर्ती आयुष्मान कार्डधारक परमानंद चौधरी के उपचार के सम्बन्ध में जानकारी ली । टीम में डा. पूजा जायसवाल, ईं. नवेन्द्र सिंह व सागर गुप्ता शामिल  थे ।

शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

TB patient को गोद लेकर प्रदान की पोषण पोटली

निक्षय मित्र बनीं पूर्व cms डाक्टर स्वर्णलता सिंह 

TB मरीजों को पोषण और भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता: सीएमओ 



Varanasi (dil india live). देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को अक्षय एकादशी के अवसर पर जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा की पूर्व सीएमएस डॉ स्वर्णलता सिंह ने अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 10 टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण पोटली प्रदान की। 

काशी विद्यापीठ ब्लॉक के तिलखनी क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और पूर्व सीएमएस डॉ स्वर्णलता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत डॉ स्वर्णलता सिंह निक्षय मित्र के रूप में पंजीकरण हो गया है । अब वह गोद लिए गए 10 मरीजों को हर माह पोषण पोटली प्रदान करेंगी और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुये उन्हें भावनात्मक सहयोग भी देंगी । डॉ स्वर्णलता सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से उन्होने टीबी मरीजों को गोद लेने की पहल की है । इस मौके पर उन्होने कुपोषित और गरीब बच्चों को पेन-पेंसिल, खाद्य सामाग्री का वितरण किया । बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के लिए गरीब बेटियों, किशोरियों साथ ही मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को भी उपहार भेंट किए । इसके अलावा सेंट मैरी हॉस्पिटल को कंबल प्रदान किए । 

इस मौके पर सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने डॉ स्वर्णलता सिंह के नेक पहल की सराहना की । उन्होने कहा कि वह कुपोषित व गरीब बच्चों, किशोरियों, महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं । टीबी मुक्त भारत की दिशा में उन्होने बहुत अच्छा कदम उठाया है । सीएमओ ने उम्मीद जताई कि वह इसी तरह समाज के कल्याण के लिए आगे भी बेहतर कार्य करती रहें । उन्होने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) व प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वयं सेवी संस्था, जनप्रतिनिधि, अधिकारी आदि निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण और भावनात्मक सहयोग के लिए अपना योगदान दे रहे हैं जिसकी उन्हें बेहद आवश्यकता है । 

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जनपद में स्वयं सेवी संस्था, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों सहित अब तक 149 निक्षय मित्र बन चुके हैं। इनके द्वारा 3380 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है।

कार्यक्रम में चिकित्साधिकारी डॉ अतुल सिंह, लक्ष्मीकांत मिश्रा, एनटीईपी से एसटीएस अभिषेक सिंह, सच्चिदानंद उपाध्याय, अजय सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।

बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

Dengue के मरीज बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग एलर्ट

निर्धारित प्रोटोकॉल से ही करें डेंगू का इलाज : सीएमओ

सरकारी व निजी चिकित्सालयों को दिये आवश्यक निर्देश

Varanasi (dil india live)। जनपद में डेंगू प्रभावित मरीजों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों को निर्देश दिया है कि उपरोक्त मरीजों को विभाग की ओर से तय प्रोटोकाल के अनुसार ही उपचार करें। संभावित मरीजों का ब्लड सैंपल माइक्रोबायोलॉजी विभाग बीएचयू और पंडित दीनदायल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में जांच के लिए अवश्य भेजें। वहां से डेंगू रोग की पुष्टि होने के बाद उसकी सूचना जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे को अवश्य दें ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बुधवार को हुई बैठक में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जिले में डेंगू के मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग अपनी नज़र बनाए हुए है।संचारी व मच्छर जनित रोगों डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड आदि से प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम व नियंत्रण के लिए कार्रवाई की जा रही है। गंदगी, जलभराव, गंदी नालियां, जगह-जगह बिखरे पड़े कचरे, चोक पड़ी नालियां, पीने के पानी में गंदगी आदि पर के नियमित साफ-सफाई के निर्देश हैं। नगरीय इलाकों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को उचित कार्रवाई करने के लिए सुनिश्चित किया है । एंटी लार्वल टीमों को निर्देशित किया गया है कि प्रभावित इलाकों में एंटी लार्वल स्प्रे का छिड़काव और फोगिंग किया जाए । इस दौरान स्थानीय लोगों को भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों को डेंगू लक्षण, बचाव आदि के बारे में जानकारी दी जाये । चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि संभावित रोगियों का इलाज एक अलग वार्ड या कमरे में किया जाए और मच्छरदानी का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। जनपद व ब्लॉक स्तरीय सभी सरकारी चिकित्सालयों में अलग से वार्ड स्थापित करते हुए उपचार की सम्पूर्ण व्यवस्था निःशुल्क है।

जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने बताया कि इस वर्ष जनपद में अभी तक 189 डेंगू के मरीज पाये जा चुके हैं जिसमें शहरी इलाकों में 127 और ग्रामीण में 62 मरीज हैं । इसके अलावा मलेरिया के अभी तक 67 मरीज पाये गए । उन्होने बताया कि तेज बुखार, सिरदर्द, पीठदर्द, आँखों को हिलाने में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, मसूड़ों/नाखूनों में दर्द आदि लक्षण दिखाई देने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें, बिना चिकित्सीय सलाह के कोई भी दवा न लें । डेंगू की पुष्टि हो हो जाने पर घबराएँ नहीं, धैर्य रखें और चिकित्सीय सलाह के अनुसार अपना इलाज कराएं । सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें । सुबह शाम बाहर निकलते समय फुल आस्तीन के कपड़े और मोजे पहनें । सोने से पहले नीम का धुआँ करें । अपने घर के आसपास जलजमाव और गंदगी की स्थिति पैदा न होने दें । मरीज प्रचुर मात्रा पानी और तरल पदार्थ जरूर लें । ओआरएस घोल, नारियल पानी, फलों का रस आदि प्रचुर मात्रा में लें । शरीर का तापमान कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी रखें ।

बैठक में समस्त एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे ।

गुरुवार, 22 सितंबर 2022

Medical news:एक और निजी अस्पताल को बंद कराने का निर्देश

निरीक्षण में गड़बड़ी मिलने पर उठाया गया यह कदम 

 


Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध अस्पतालों के खिलाफ अभियान में नरिया स्थित सहयोग हास्पिटल के औचक निरीक्षण में गड़बड़ियां मिली। निरीक्षण के दौरान वहां कोई भी योग्य चिकित्सक नहीं मिला। अस्पताल को बंद कराने के साथ ही संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ शुरू किये गये अभियान के तहत नारिया स्थित सहयोग अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया।  निरीक्षण के दौरान कोई भी चिकित्सक वहां नही पाया गया I मात्र एक स्टाफ उपस्थित थी जिन्होंने अपना नाम निशा बताया और यह भी बताया कि डा० टी०एस० उपाध्याय (बी०ए०एम०एस० ) यहा सुबह और शाम बैठते है और डा० एम० के० सिंह काफी समय से बीमार चल रहे है। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में 2 बेड पड़े थे। एवं एलोपेथिक दवायें तथा इन्जेक्शन रखे थे चिकित्सालय बिना पंजीयन के संचालित किया जा रहा है। दूरभाष पर डा० टी०एस० उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से चिकित्सालय बन्द करने के निर्देश दिये गये।  साथ ही आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

शनिवार, 10 सितंबर 2022

air pollutant से बढ़ता है स्वास्थ्य का खतरा : सीएमओ

अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के तहत हुई जनजागरुक गतिविधियां


Varanasi (dil india live). अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के अंतर्गत शुक्रवार को ब्लॉक व नगर स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस दौरान लोगों को वायु प्रदूषण के कारण बढ़ते स्वास्थ्य खतरों के बारे में जागरूक किया गया। दूसरी ओर सेवापुरी के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका इण्टरमीडिएट कालेज गोराई में आरबीएसके चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी द्वारा बच्चों को वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव एवं उससे बचने के उपाय पर वाद- विवाद प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता की गई। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि स्वच्छ वायु में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी के बाद और मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए और प्रयास करने की आवश्यकता पर ज़ोर देने के लिए हर साल सात सितंबर को अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने 7 से 10 सितंबर 2022 तक जन जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित करने के लिए दिशा-निर्देश दिये गए थे। इस वर्ष की थीम "द एयर वी शेयर" वायु प्रदूषण की सीमा पार प्रकृति पर केंद्रित है, जिसमें सामूहिक जवाबदेही और कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। सीएमओ ने कहा कि हम सभी एक समान हवा में सांस लेते हैं, और एक वातावरण हम सभी की रक्षा और पोषण करता है। प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है जिसका मुकाबला करने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए। 

नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय दिवस सात सितंबर 2022 को 'द एयर वी शेयर' की थीम के तहत मनाया गया। उन्होंने कहा कि शुद्ध वायु हमारे लिए अमृत है। इसको पाने के लिए हमें अपना गगन नीला रखना होगा। अशुद्ध वातावरण से होने वाली बीमारी के बोझ में वायु प्रदूषण सबसे अधिक जिम्मेदार है। यह दुनिया भर में मृत्यु और बीमारी के मुख्य परिहार्य कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण कोई राष्ट्रीय सीमा को नहीं पहचानता है। इसके अलावा, यह जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि, प्रदूषण के अन्य रूपों, सामाजिक और लैंगिक समानता के साथ आर्थिक विकास जैसे अन्य वैश्विक संकटों से भी गंभीरता से जुड़ी हुई है। यह है इतिहास - 26 नवंबर 2019 को, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 74वें सत्र की दूसरी समिति ने सात सितंबर को "नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया। यह संकल्प सभी स्तरों पर जन जागरूकता बढ़ाने, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यों को बढ़ावा देने, सुविधाजनक बनाने के महत्व और तत्काल आवश्यकता पर बल देता है।

गुरुवार, 8 सितंबर 2022

Medical :निरीक्षण में चार और अस्पतालों में मिली गड़बड़ी

पंजीयन रद्द फिर भी संचालित हो रहा था अस्पताल

एक झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई




Varanasi (dil india live).जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अवैध अस्पतालों के खिलाफ  चलाये जा रहे अभियान में चार अन्य अस्पतालों के औचक निरीक्षण में गड़बड़ियां मिली। इनमें एक अस्पताल  ऐसा भी मिला जो पंजीयन रद्‌द होने के बावजूद संचालित किया जा रहा था। इसके अतिरिक्त एक झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की गयी।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने बताया कि अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ शुरू किये गये अभियान के तहत भुनेश्वर नगर कालोनी स्थित चार चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण कराया गया ।निरीक्षण के दौरान मातेश्री चिल्ड्रेन हास्पिटल ( संचालक डा०ए०के सिंह)  में तीन नवजात सहित 5 बच्चें भर्ती थे। जिनकी देख रेख हेतु कोई भी चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था । वहा उपस्थित स्टाफ को चिकित्सालय बन्द करते हुये भर्ती मरीजों को अन्यत्र भर्ती कराने का निर्देश दिया गया । यह चिकित्सालय  पंजीकृत नही पाया गया। इसके

पास ही सहयोग हास्पिटल एण्ड सर्जिकल सेन्टर तथा वेदांशी हास्पिटल न्यूरो एण्ड ट्रामा सेन्टर का पंजीयन नवीनीकरण नही कराया गया है, परन्तु मरीज भर्ती कर इलाज किया जा रहा था।  उक्त सेंन्टरों के पास फायर सेफ्टी का एन०ओ०सी० भी नहीं मिली।समीप के  नोबल मेडिसिटी हास्पिटल का पंजीयन पूर्व में ही निरस्त किया जा चुका है। परन्तु अभी यह चिकित्सालय संचालित होता मिला। पंजीयन नियमों के उल्लंघन के दृष्टीगत नियमानुसार सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यवाही हेतु संबंधित थाने को पत्र लिखें जाने  का निर्देश दिया गया है ।

 *झोलाछाप के खिलाफ भी कार्रवाई* 

इस बीच एक झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मिली शिकायत   पर  कार्रवाई की गई। चौबेपुर के रजवारी क्षेत्र में एक झोलाछाप चिकित्सक सुभाष सिंह के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी।  मौके पर निरीक्षण के दौरान सुभाष सिंह कथित क्लीनिक पर मौजूद मिले । उनके द्वारा अंग्रेजी दवाओं एव इंजेक्शन . का इस्तेमाल किया जा रहा था।   इनके क्लीनिक पर आर०एस० और डी०एन०एस० की खाली बोतलें पायी गयीं, जिससे प्रतीत होता है कि वह मरीज भर्ती करके इलाज करते हैं तथा इनके पास कोई डिग्री एवं पंजीयन नहीं मिला। 

क्लीनिक में उपस्थित तथाकथित डा० सुभाष सिंह को निर्देशित किया गया कि मरीज देखना एवं भर्ती करना तत्काल प्रभाव से बन्द कर दें।

साथ ही चौबेपुर पुलिस से कहा गया कि तथाकथित चिकित्सक सुभाष सिंह, राजवाडी बाजार के विरुद्ध बिना डिग्री एवं पंजीयन के चिकित्सकीय कार्य किये जाने के दृष्टिगत सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करते हुए अवैध रूप से संचालित उक्त प्रतिष्ठान का संचालन तत्काल प्रभाव से बन्द कराया जाय। इसके उपरांत मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में संचालित चिकित्सा प्रतिष्ठान को सील करा दिया गया है ।

शनिवार, 27 अगस्त 2022

Private hospitals माह के अंत तक करा लें पंजीकरण व नवीनीकरण: डीएम

उपचार से पहले पता कर लें कि hospital पंजीकृत है या नहीं : सीएमओ

जनपदवसियों से की अपील पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही करायें उपचार



Varanasi (dil india live)। जिले में अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर पर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण करा लें। साथ ही जनपदवासियों से अपील की है कि सरकारी चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही उपचार कराएं।

  जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद के ऐसे संचालक प्रबन्धक जिन्होंने अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में चिकित्सा प्रतिष्ठान का नवीनीकरण या पंजीकरण नहीं कराया है, तो वह 31 अगस्त 2022 तक समस्त आवश्यक मानकों के प्रपत्रों सहित ऑनलाईन आवेदन करते हुये नवीनीकरण या पंजीकरण अवश्य करा लें। निर्धारित अवधि तक नवीनीकृत/पंजीकरण न कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों को निर्देशित किया जाता है कि चिकित्सा प्रतिष्ठान में भर्ती मरीजों को मानवीय एवं चिकित्सीय दृष्टिकोण के आधार पर अन्य वैध चिकित्सा प्रतिष्ठान में भर्ती व संदर्भित करने के साथ ही चिकित्सा प्रतिष्ठान का संचालन भी बन्द कर दें। सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत/नवीनीकृत कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त अवैध रूप से चिकित्सा प्रतिष्ठानों का संचालन पाये जाने पर उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जायेगी। 

  सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा पंजीकृत व योग्य चिकित्सकों से मिले इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है। जिले में कुल 582 चिकित्सा प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं । इनमें शहरी क्षेत्र में 370 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 212 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल हैं। इसमें 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले 35 निजी चिकित्सालय सम्मिलित हैं। 

  सीएमओ ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था है। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही जाना चाहिए। उपचार कराने के लिए जाने से पहले सभी को यह देखना चाहिए कि वह जहां उपचार कराने जा रहे हैं वह पंजीकृत है अथवा नहीं। चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी बिना पंजीकृत चिकित्सा संस्थान में अपना इलाज कराता है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।

सोमवार, 22 अगस्त 2022

Rbsk ने तीन वर्षीय लक्ष्मी को दिया जीवन

जल्द होगा जन्मजात हृदय रोग का निःशुल्क इलाज

स्वास्थ्य विभाग ने अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज किया रेफर 

Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशानुसार जनपद में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) पर पूरा ज़ोर दिया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि सोमवार को हरहुआ निवासी लख्खी की तीन वर्षीय पुत्री लक्ष्मी को हृदय रोग (कंजीनाइटिल हार्ट डिजीज-सीएचडी) से ग्रसित होने पर निःशुल्क इलाज के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है। आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत 40 बीमारियों व जन्मजात विकृतियों के लिए निःशुल्क इलाज के लिए दी जा रही सेवाओं में से सीएचडी के लिए यह इस साल की पहली उपलब्धि है।

आरबीएसके के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि कुछ दिवस पूर्व आरबीएसके हरहुआ की टीम ने लमही के मढ़वा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों की स्क्रीनिंग की। उस समय लक्ष्मी में सीएचडी से लक्षण दिखे। इसके बाद लक्ष्मी के परिजनों से बातकर पूरी जानकारी ली। पता चला कि उसके पिता बहुत दिनों से इसकी बीमारी को लेकर परेशान थे। आर्थिक तंगी से वह इसका खर्च नहीं उठा पा रहे थे। इसके बाद लक्ष्मी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय जांच के लिए भेजा गया। यहां लक्ष्मी की समस्त जांचें निःशुल्क हुईं और उसे सीएचडी के लक्षण के आधार पर इलाज के लिए चिन्हित किया गया। इसके बाद नोडल अधिकारी ने सीएचडी के लिए चिन्हित अलीगढ़ मेडीकल कॉलेज से निःशुल्क इलाज के लिए अनुमति ली। सोमवार को समस्त कार्रवाई करते हुये निःशुल्क इलाज के लिए अनुमति प्राप्त हो गयी है। अगले कुछ दिनों में लक्ष्मी का निःशुल्क ऑपरेशन हो जाएगा।

डॉ मौर्य ने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत विभिन्न जन्मजात दोषों का चिन्हीकरण करके जन्म से लेकर 19 वर्ष तक के बच्चों के उपचार के लिए सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है। जन्मजात दोषों में कंजीनाईटल हार्ट डिसीज (सीएचडी) हृदय की एक गंभीर जन्मजात दोष है। सामान्यतः इसके उपचार में चार से पाँच लाख रुपये का खर्च लगता है, जो कि आरबीएसके योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया जाता है। आरबीएसके के अंतर्गत जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 टीमें कार्यरत हैं जो प्रत्येक गाँव में विजिट कर जन्मजात दोषों की पहचान करती हैं एवं उनके उपचार के लिए प्रयास करती है।    

  डॉ मौर्य ने बताया कि सीएचडी में प्रायः बच्चों में सबसे सामान्य लक्षण हाथ, पैर, जीभ का नीला पड़ जाना, ठीक तरह से सांस न ले पाना और माँ का दूध ठीक तरह से नहीं पी पाना एवं खेल-कूद में जल्दी थक जाना दिखते हैं। इस जन्मजात दोषों से बच्चों को बचाने के लिए गर्भावस्था के प्रारम्भ से तीन माह तक फोलिक एसिड एवं चौथे माह की शुरुआत से प्रतिदिन आयरन एवं फोलिक एसिड की एक-एक लाल गोली खिलाई जानी चाहिए। यदि गर्भवती में खून की कमी (एनीमिया) है तो उसको प्रतिदिन आयरन की दो लाल गोली खानी चाहिए।

मंगलवार, 16 अगस्त 2022

CMO office Varanasi : स्वतंत्रता दिवस पर स्वास्थ्यकर्मियों को किया गया सम्मानित

स्वास्थ्य विभाग ने जनसेवा में तत्पर रहने का लिया संकल्प




Varanasi (dil india live). स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार को प्रातः आठ बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने ध्वजारोहण कर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत परिवार नियोजन कार्यक्रम एवं जनपद के समस्त प्रथम संदर्भन इकाई (एफ़आरयू) में किए गए उत्कृष्ट कार्य को लेकर चिकित्साधिकारियों, चिकित्सकों एवं समस्त स्टाफ को सम्मानित किया गया। वक्ताओं द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए वीर सपूतों को नमन करते हुए उनकी शहादत को याद किया गया। इसके साथ ही सांस्कृतिक गीत संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। 

         इस अवसर पर सीएमओ ने कहा कि वर्तमान में जनपद में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण हो रहा है। सभी राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सीय सुविधाओं के साथ मानव संसाधन को भी बढ़ाया जा रहा है जिससे समस्त जनपदवासियों को बेहतर चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। इसके साथ ही कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक सदस्य की राजकीय ही नहीं बल्कि नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वह तन-मन से जनपदवासियों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करें। आज हम संकल्प लेते हैं कि आगे के दिनों में भी इसी उत्साह, लगन एवं निष्ठा से जनसेवा में तत्पर रहेंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि निश्चित ही जनपद प्रशासन के कुशल नेतृत्व एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभाग एवं विभिन्न सहयोगी संस्थाएं समुदाय को निरोगी रखने, जागरूक और व्यवहार परिवर्तन में करने में जुटी हैं।

           इस अवसर पर महानिदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश लखनऊ से आई संयुक्त निदेशक (जन्म-मृत्यु) सरोज कुमारी सहित समस्त अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अन्य चिकित्सा कर्मियों सहित प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं अधीक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव ने किया। इसके साथ ही समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर वहाँ के चिकित्सा अधीक्षकों व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा भी ध्वजारोहण किया गया।

शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

Health: मुंह व दांतों की बीमारियों के बारे में सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित

एनसीडी पोर्टल वो दांतों की सफाई की दी जानकारी  

मुंह में सूजन, बदबू, खून आना, अल्सर, घाव न भरने का बताया लक्षण


Varanasi (dil india live). Dm कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अब नियमित मुंह और दांत की बीमारियों की पहचान, इलाज और संदर्भन की निःशुल्क सेवाएँ दी जाएंगी। इसके लिए जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) सहित 200 से अधिक चिकित्साधिकारियों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण सीएमओ कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में दिया गया। इस दौरान नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) तथा मुंह के स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

  एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य और प्रशिक्षक व चिकित्साधिकारी डॉ अतुल राय ने मुंह और दांत की बीमारियों की पहचान, इलाज और संदर्भन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉ मौर्य ने कहा कि अब से सीएचओ को हर दिन एनसीडी की रिपोर्टिंग करनी होगी। इससे पहले रिपोर्टिंग उपकेंद्रों पर एएनएम करतीं थीं। राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार सभी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस दौरान उन्हें एनसीडी पोर्टल पर फ़ार्म एस की रिपोर्टिंग के बारे में सिखाते हुए शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को प्रेरित किया गया। एनसीडी पोर्टल में रिपोर्ट किए जाने वाले रोगों, उससे संबंधित जांच तथा नए मरीज मिलने की स्थिति में सूचित करने को कहा गया। पोर्टल पर सांख्यिकी रिपोर्ट के साथ-साथ रोगियों का विवरण भी अपलोड करना है।

डॉ अतुल राय ने मुंह को स्वस्थ रखने के फायदे, ओरल पार्ट्स की साफ-सफाई, सुबह-रात में ब्रश करने के फायदे, ओरल हाइजीन को बढ़ावा देने में डाक्टर की भूमिका, मुंह से संबंधित बीमारियां, उससे बचाव का तरीका, इलाज तथा रेफर करने के संबंध में बताया। उन्होने बताया कि मुंह में सूजन होना, बदबू आना, खून निकलना, अल्सर होना, घाव का न भरना कैंसर के लक्षण हैं। इसके साथ ही दांतों का क्षरण, काला और पीलापन, दांतों से खून निकलता है। उन्होने कहा कि नियमित शराब के सेवन से तनाव बढ़ता है। तनाव या शराब की अधिकता संबंधों को खराब करता है और परिवार के लोगों पर भी इसका गलत असर पड़ता है। जीवन शैली का बदलना, व्यवहार का बदलना, मुंह और व्यक्तिगत साफ-सफाई नजर अंदाज करने से भी सामान्य स्वास्थ्य के साथ -साथ मुंह के स्वास्थ्य की समस्या आती है। इसके कारण सांस लेते और छोड़ते समय मुंह से बदबू आती है। 

इस दौरान जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि सभी सीएचओ को नियमित रूप से एनसीडी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करें।

मंगलवार, 2 अगस्त 2022

Health:तीन अगस्त से चलेगा ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’

नौ माह से पाँच वर्ष तक  के बच्चों को बनाएंगे सुपोषित

जनपद के 3.39 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए

बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता, शिशु मृत्यु दर में भी आएगी कमी



Varanasi (dil india live) जिले में नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक देने के लिए तीन अगस्त से ‘विटामिन ए संपूरण’ कार्यक्रम के रूप में ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ चलाया जाएगा। इस अभियान में जनपद में नौ माह से पाँच वर्ष तक के तीन लाख से अधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक और आयरन सीरप पिलाया जाएगा। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार बाल स्वास्थ्य पोषण माह साल में दो बार चलाया जाता है। अभियान का पहला चरण अगस्त में चलाया जा रहा है। इसमें नौ माह से पाँच साल तक के बच्चों को आयरन व विटामिन ए के साथ कई तरह की बीमारियों से बचाने के लिए इस अभियान के तहत विटामिन –ए व आयरन सीरप से लाभान्वित किया जाएगा। आयरन की कमी दूर होगी। रतौंधी से सुरक्षा मिलेगी। शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। अभियान में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर चिकित्सीय सुविधा एवं परामर्श प्रदान किया जाएगा। अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए स्वास्थ्य व आईसीडीएस विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वह ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्रों में नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में विटामिन ए की खुराक पिला सकें और उसका सही ढंग से अनुसरण कर सकें।

सीएमओ ने कहा कि कोविड अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है तो इसको देखते हुये हर बच्चे के लिए अलग-अलग चम्मचों से ही विटामिन – ए का सेवन कराएं। इसके साथ ही सेशन साईट पर हाथ धोने के लिए एक कॉर्नर स्थापित करें। सेशन साईट पर दो गज दूरी व भीड़ न होने पाए, इसका विशेष रूप से ख्याल रखें।

नोडल अधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार जिले में बाल स्वास्थ्य पोषण माह की पूरी तैयारी कर ली गई है। अभियान के दौरान नौ माह से पाँच वर्ष तक के करीब 3.39 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में भेज दी गई है। अभियान के अंतर्गत सात माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को आयरन सीरप पिलाना, बच्चों का वजन लेना, एक घंटे के अंदर और छह माह तक सिर्फ स्तनपान को लेकर जन जागरूकता, गर्भवती को आयोडीन युक्त की नमक के सेवन के प्रति जागरूक करना है। बच्चों के नियमित टीकाकरण पर भी ज़ोर दिया जाएगा। कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम के नियमों का आवश्यक रूप से पालन कराया जाएगा।

सोमवार, 18 जुलाई 2022

जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की फर्जी वेबसाइट

जनसमान्य को जागरूक करने के लिए एडवाइजरी


Varanasi (dil india live).जन्म लेने वाले प्रत्येक बच्चे एवं घटित होने वाली प्रत्येक मृत्यु का पंजीकरण होना बहुत अनिवार्य है। जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र से विभिन्न कार्यों में लाभ होता है। पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में सही व स्पष्ट जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है। हाल ही में राज्य स्तर पर कुछ फर्जी वेबसाइट के जरिये फर्जी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जनपदों को एक एडवाइजरी जारी कर फर्जी वेबसाइट की सूचना दी है और इसको जन सामान्य में जागरूक करने के लिए समस्त अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है। 

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशनुसार प्रदेश के कई जिलो में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वालों का जाल संज्ञान में लिया गया है। जनसामान्य को जागरूक करने के लिए जारी की गई एडवाईजरी में फर्जी वेबसाइट उल्लिखित है जो इस प्रकार हैं https://crsrgi.in, https://crsorgi-gob.in, birthdeathonline.com, crsgov.org.in, crsigov.com, crsorgigoovi.in, crsorgi-gov.in, crs-gov.co.in । इन फर्जी वेबसाइट पर निजी जानकारी जैसे यूजर आईडी पासवर्ड न डालें। सोशल मीडिया साईटों पर दिये गए फर्जी फोन नंबर पर भी भरोसा न करें। ऑनलाइन पैसे देकर कोई जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र न बनवाएँ। इसके अलावा किसी जन सेवा केंद्र पर भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध नहीं है। 

केंद्र स्तर से जन जागरूकता के उद्देश्य से एक वीडियो भी अपलोड किया गया गया है। जिसका लिंक https://www.youtube.com/watch?v=f7TkaspgkrE है। *सीएमओ* ने बताया कि भारत सरकार की सही वेबसाइट https://crsorgi.gov.in है जिसके जरिये राजकीय जिला चिकित्सालयों, नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत कार्यालय, ग्राम पंचायत कार्यालय, ग्राम विकास व पंचायत अधिकारी कार्यालय पर पूर्ण रूप से निःशुल्क जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा उपलब्ध है। जन्म-मृत्यु के 21 दिन के अंदर उक्त सभी कार्यालयों पर निःशुल्क प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। लेकिन 21 दिन के बाद 30 दिन के अंदर केवल दो रुपये विलंब शुल्क के साथ आदेशित संबन्धित रजिस्ट्रार को देते हुये प्रमाण पत्र बनेगा। इसके 30 दिन के बाद एक साल के अंदर पाँच रुपये विलंब शुक्ल ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) व शहरी क्षेत्र में डिप्टी सीएमओ या नोडल अधिकारी के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत करने पर प्रमाण पत्र बनेगा। वहीं एक साल के बाद संबन्धित तहसील के एसडीएम को 10 रुपये का हलफनामा देना होगा और वह 10 रुपये विलंब शुल्क के साथ संबन्धित रजिस्ट्रार को आदेशित करेंगे, जिसके बाद ही प्रमाण पत्र बनेगा । 

जन्म पंजीकरण के लाभ

1. स्कूल में प्रवेश के लिए

2. राशन कार्ड में शिशु का नाम बढ़ाने के लिए। 

3. बीमा पालिसी के लिए

4. ड्राइविंग लाईसेन्स के लिए

5. पासपोर्ट बनवाने के लिए

6. सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाओं में प्रवेश के लिए 

7. मतदान का अधिकार एवं चुनाव उम्मीदवारी के लिए

8. स्वयं विवाह का अधिकार प्राप्त करने के लिए

9. बाल विवाह एवं बच्चों के अनैतिक व्यापार के विवादों के निपटाने के लिए।

10. अन्य उद्देश्य जहाँ आयु प्रमाणन की आवश्यकता है।

मृत्यु पंजीकरण के लाभ

1. मृत्यु तिथि का प्रमाण ।

2. उत्तराधिकारी सिद्ध करने के लिए ।

3. सम्पति, बीमा तथा समाजिक सुरक्षा के लाभों पर दावा प्रमाणित करने के लिए ।

मंगलवार, 21 जून 2022

परिवार नियोजन की सही फरमाईश, मदद करेगी 'बास्केट ऑफ च्वाइस'

स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर दे रहे निःशुल्क परामर्श


Varanasi (dil indialive). मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त ‘बास्केट ऑफ़ च्वाइस’ मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी का । उन्होने कहा कि बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है ।

  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ राजेश प्रसाद का कहना है कि जिले में 185 स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अऩुसार सही परामर्श दिया जाता  है । प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस, प्रत्येक गुरूवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस एवं प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर  भी इस बारे में जानकारी दी जाती है । पुरुष और  महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बॉस्केट ऑफ च्वाइस का हिस्सा हैं ।

  सेवापुरी ब्लॉक निवासी शमा बताती हैं कि वह अनचाहे गर्भ से राहत के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन का लाभ ले रही हैं। इसमें उन्हें और उनके परिवार को कोई परेशानी नहीं है। वहीं अंजुम बताती हैं कि अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रहने के लिए वह छाया साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली का सेवन कर रही हैं और समय-समय पर चिकित्सक व एएनएम से परामर्श भी ले रही हैं।

  डॉ प्रसाद बताते हैं कि परिवार नियोजन का साधन हर लाभार्थी अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से अपनाता है, लेकिन काउंसलर और चिकित्सकों को दिशा-निर्देश है कि वह लाभार्थी के उन पहलुओं की भी जानकारी जुटाएं  जिनमें कोई साधन विशेष उनके लिए उपयुक्त है या नहीं ।

परिवार नियोजन में जिले की स्थिति 

 वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुरुष नसबंदी 37,  महिला नसबंदी 10605,  कॉपर-टी (आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी) 21418, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 7085, माला एन (ओरल पिल्स) 79854, कंडोम 7.2 लाख, छाया 26507 और ईसीपी 14377 के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं । इस वर्ष अप्रैल से अभी तक पुरुष नसबंदी 10,  महिला नसबंदी 414, कॉपर-टी (आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी) 3043, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 2750, माला एन (ओरल पिल्स) 12209, कंडोम 1.24 लाख, छाया 4408 और ईसीपी 2026 के लाभार्थी सेवा ले चुके हैं। 

साधनों को चुनते समय यह भी रखें ध्यान 

-- उन पुरुषों को नसबंदी की सेवा अपनानी  चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो । उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए  जब  पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो । पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है ।

-महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के  तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो । दम्पति  के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो ।

--आईयूसीडी को माहवारी के शुरू होने के 12 दिन के अंदर या असुरक्षित यौन संबंध के पांच दिन के अंदर अपना सकते हैं । यदि लाभार्थी के पेडू में सूजन, एड्स या यौन संचारित संक्रमण का खतरा हो, यौनि से असामान्य रक्तस्राव हो, ग्रीवा, गर्भाशय या अंडाशय का कैंसर हो तो यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए ।

-प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी 48 घंटे के अंदर या प्रसव के छह सप्ताह बाद लगवायी जा सकती है । पानी की थैली (झिल्ली) फट जाने के 18 घंटे बाद प्रसव होने की स्थिति में, प्रसव पश्चार बुखार एवं पेटदर्द होने पर, योनि से बदबूदार स्राव या प्रसव के पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव होने पर यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए । गर्भपात होने के बाद तुरंत या 12 दिन के अंदर इसे अपना सकते हैं, बशर्ते आईयूसीडी संक्रमण या चोट न लगा हो ।

-त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन प्रसव के छह सप्ताह बाद, तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर लगवाया जा सकता है । यह इंजेक्शन उच्च रक्तचाप (160 या 100 से अधिक), अकारण योनि से रक्तस्राव, प्रसव के छह सप्ताह के भीतर, स्ट्रोक या मधुमेह की बीमारी, स्तन कैंसर (पहले या बाद में) और लीवर की बीमारी की स्थिति में नहीं अपनायी जानी चाहिए । इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है ।

-साप्ताहिक छाया गोली प्रसव के तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने से पहले, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । जिन महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट, बच्चेदानी के मुंह में बदलाव, पीलिया या लीवर के बीमारी का इतिहास, किसी भी प्रकार की एलर्जी और टीबी या गुर्दे जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तो वह इस साधन को न अपनाएं ।

-कंडोम का इस्तेमाल पुरुष कभी भी कर सकते हैं । यह अनचाहे गर्भ के अलावा यौन संक्रमण और एचआईवी या एड्स से भी बचाता है ।

-गर्भनिरोधक गोली माला एन प्रसव के छह महीने बाद (केवल स्तनपान की स्थिति में), प्रसव के तीन सप्ताह बाद, माहवारी शुरू होने के पांच दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं। यह गोली पीलिया होने या पीलिया का इतिहास होने पर, स्ट्रोक, लकवा या ह्रदय रोग, 35 वर्ष से अधिक उम्र की  धूम्रपान करने वाली महिलाओं, उच्च रक्तचाप (140 या 90 से अधिक) या माइग्रेन की स्थिति में नहीं लेनी है ।

सोमवार, 30 मई 2022

एडवांस हस्ताक्षर कर गैर हाजिर मिले प्रभारी चिकित्सा अधिकारी

सीएमओ ने एपीएचसी कादीपुर का किया औचक निरीक्षण

वार्ड व्वाय व फार्मासिस्ट के अलावा अन्य कर्मचारी भी रहे गैरहाजिर


Varanasi (dil India live)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने सोमवार को पीएचसी कादीपुर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां भारी गड़बड़ियां मिली। निरीक्षण में पता चला कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एक दिन का एडवांस हस्ताक्षर कर गैर हाजिर है। यहीं नहीं एक वार्ड व्वाय व एक फार्मासिस्ट के अलावा अन्य कर्मचारी भी गैरहाजिर मिले।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी सोमवार की सुबह 8ः25 बजे अतिरिक्त प्रा०स्वा०केन्द्र कादीपुर पहुंचे। निरीक्षण के समय राजेन्द्र प्रसाद फार्मासिस्ट तथा धनंजय सिंह वार्डव्वाय को छोड़ अन्य सभी कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। उन्होंने अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही उनका उक्त दिवस का वेतन अदेय करने का निर्देश दिया। निरीक्षण में पता चला कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अभिमन्यु सिंह उपस्थित पंजिका में एक दिन पूर्व ही हस्ताक्षर किये थे और ड्यूटी पर भी मौजूद नहीं थे। यह देख सीएमओं ने नाराजगी जतायी और कहा कि यह शासकीय नियमो का घोर उल्लधंन एवं अपने कर्तव्यों की प्रति उदासीनता हैं। उन्होंने इस मामले में उनसे जवाब तलब किया है। निरीक्षण के दौरान लेवर रूम का टेबिल टूटा मिला और सभी सामान अव्यवस्थित थें जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि वहां पर प्रसव का कार्य सम्पादित नहीं किया जाता। सीएमओं ने निर्देशित किया कि तत्काल लेबर रूम का टेबल का मरम्मत कराये तथा सभी सामान व्यवस्थित कर प्रसव का कार्य सम्पादित करायें। दवा काउन्टर पर फार्मासिस्ट द्वारा सभी दवाये अव्यवस्थित रूप से रखा हुआ था उसे व्यवस्थित रखने हेतु निर्देशित किया गया। लैब में सभी समान पूरी तरह से अव्यवस्थित था और सफाई संतोषजनक नहीं था तथा कोई भी रजिस्टर नहीं बनाया गया था जिससे कि यह देखा जा सके कि कौन सी जाँच कब की गयी हैं और कौन का सैम्पल कब का हैं। इस सम्बंध में एल०ए०को निर्देशित किया जाय कि लैंब को साफ रखें तथा एक रजिस्टर बनाकर उसमे प्रतिदिन क्या-क्या जाँच हुई और किसका सैम्पल लिया गया, उसका सही अंकन करें ।

शनिवार, 18 दिसंबर 2021

मानसिक स्वास्थ्य के लिए दवा के साथ प्यार भी ज़रूरी

पीएचसी में लगा वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर

शिविर में लगभग 925 व्यक्तियों की हुई स्क्रीनिंग

- मानसिक स्वास्थ्य के लिए जागरूकता बेहद आवश्यक

- सीफार के सहयोग से नुक्कड़ नाटक का मंचन



वाराणसी, 17 दिसंबर (dil india live) । मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समुदाय को जागरूक, उचित उपचार व परामर्श प्रदान कराने के उद्देश्य से नीति आयोग के आदर्श ब्लॉक सेवापुरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर शुक्रवार को वृहद मानसिक स्वास्थ्य शिविर लगाया गया। इस शिविर का शुभारंभ भाजपा के काशी क्षेत्र के पंचायत प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ सुजीत सिंह ने किया। इसके साथ ही सेंटर फॉर एडवोकेसी एन्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नाट्य संस्था ‘प्रेरणा कला मंच’ की ओर से नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। 

    इस मौके पर डॉ सुजीत सिंह ने कहा कि सरकार निरंतर प्रयासरत है कि समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिल सके। नीति आयोग के आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में निरंतर विकास हो रहा है। उन्होने कहा कि महिलाओं व बच्चों को स्वस्थ रखना सरकार की प्राथमिकता है। आशा कार्यकर्ताओं के जरिये सभी को स्वास्थ्य योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ दिया जा रहा है। महिलाओं को दृष्टिगत रखते हुए लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार किया जा रहा है। 

    इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने स्वास्थ्य शिविर के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होने स्वास्थ्य शिविर में आए मरीजों से उनका हाल जाना। इस दौरान उन्होने कहा कि मानसिक रोगियों के प्रति दया भाव के साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना। मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए। इससे उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और जाने-आंजने में वह कोई गलत कदम उठाने के लिए प्रयास कर सकता है। मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के परिजनों को बिना कोई भेदभाव व प्रेम से रहना चाहिए। यदि हम थोड़ा सा भी सचेत होकर मानसिक रोगियों का उपचार कराने का प्रयास करें तो उनके ठीक होने की पूरी संभावना होती है।

        इस अवसर पर एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ एके गुप्ता, एसीएमओ (एनएचएम) डॉ एके मौर्य, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ डीपी सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ वाईबी पाठक, चिकित्सा अधिकारी डॉ अतुल सिंह, प्रशासनिक अधिकारी शेषमणि, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव तथा जिला सलाहकार डॉ सौरभ सिंह ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य शिविर का अवलोकन किया। इसके साथ ही डॉ एके मौर्य, डॉ डीपी सिंह, मनोचिकित्सक डॉ रविंद्र कुशवाहा ने मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण, बचाव, नियंत्रण, रोकथाम आदि को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र चौहान ने सफलतापूर्वक किया। इसके साथ ही सेंटर फॉर एडवोकेसी एन्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नाट्य संस्था ‘प्रेरणा कला मंच’ की ओर से नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। इस मौके पर मानसिक स्वास्थ्य पर शीर्षक ‘प्यार की छाया’ और परिवार नियोजन पर शीर्षक ‘भगवान की देन’ पर जन जागरूकता नाटक कार्यक्रम किया गया।  

         स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सकों की टीम ने कैंप में आए लगभग 925 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की। इसमें मानसिक रोग के 56 मरीजों को देखा गया तथा 97 मरीजों को परामर्श दिया गया। गैर संचारी रोगों के 134 तथा 22 आयुष्मान कार्ड बनाए गए। 89 लोगों का कोविड टीकाकरण किया गया। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 88, कुष्ठ रोग के 35, टीबी के 16, सामान्य रोगों के 152, आर्थो के 38 सहित अन्य मरीजों को देखा गया। इसके साथ ही वृद्धजन स्वास्थ्य, परिवार नियोजन व आँख की निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श एवं दवाएं वितरित की। इस मौके पर 17 दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र भी दिया गया। 

      इस अवसर पर डॉ देवदत्त, डॉ शालिनी शर्मा, डॉ एके पाल, डॉ करण गौतम, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र चौहान, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक अनूप कुमार मिश्रा, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक रानी पाल, समस्त आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...