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गुरुवार, 20 जनवरी 2022

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत चौकाघाट शहरी सीएचसी का किया गया मूल्यांकन

वाराणसी, 18 जनवरी (dil india live) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित कायाकल्प कार्यक्रम के अंतर्गत शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चौकाघाट का मंगलवार को बाह्य मूल्यांकन (एक्सटर्नल असेस्मेंट) किया गया। शासन से कायाकल्प अवार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए वाराणसी सहित 42 जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का एक्सटर्नल असेस्मेंट राज्य स्तर से गठित टीम के द्वारा किए जाने दिशा-निर्देश प्राप्त हुये थे। इस क्रम में मंगलवार को चौकाघाट सीएचसी का मूल्यांकन जिला समन्वयक क्वालिटी एश्योरेंस (प्रयागराज) डॉ शुंबेंद्र, जिला सलाहकार (बहराइच) डॉ शैलेंद्र तिवारी एवं जिला महिला अस्पताल (बाराबंकी) के हॉस्पिटल क्वालिटी मैनेजर डॉ एसपी तिवारी ने किया। 

मूल्यांकन के दौरान प्रसव कक्ष, टीकाकरण कक्ष और प्रगति, परिवार नियोजन कार्यक्रम, लैब, बायो मेडिकल वेस्ट, मेडिसिन स्टोर, साफ-सफाई एवं अन्य चिकित्सीय सुविधाओं को देखा गया जिसमें सभी सुविधाएं सुव्यवस्थित पायी गईं । इस दौरान प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ मनमोहन शंकर तथा इनके अधीनस्त समस्त स्टाफ ड्रेसकोड में पाये गए। इस दौरान मौजूद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य ने स्वास्थय केंद्र के सभी चिकित्सीय स्टाफ को उनके बेहतर कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, मण्डल स्तर से निरीक्षण के दौरान मंडलीय सलाहकार क्वालिटी एश्योरेंस डॉ आरपी सोलंकी और मंडलीय शहरी सलाहकार मयंक राय एवं अन्य लोग मौजूद रहे। 

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक डॉ एसके उपाध्याय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी द्वारा टीम को स्वास्थ्य केंद्र की सफल मूल्यांकन के लिए धन्यवाद दिया गया।

गुरुवार, 23 दिसंबर 2021

भद्रासी में लोकार्पण को तैयार है 50 बेड का आयुष चिकित्सालय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज करेंगे “मल्टी-स्पेसियालिटी हास्पिटल” का लोकार्पण






 • स्त्री व प्रसूति रोग के साथ अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की हुई तैनाती

 • पंचकर्म, क्षारसूत्र व योग के जरिए भी होगा जटिल  बीमारियों का उपचार


 वाराणसी 22 दिसम्बर (dil india live)। जिले को एक और आयुर्वेदिक अस्पताल का तोहफा गुरुवार को मिलने जा रहा है। 50 बेड के इस मल्टी-स्पेसियालिटी अस्पताल में स्त्री व प्रसूति रोग के साथ ही अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम तैनात कर दी गयी है। 23 दिसंबर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस अस्पताल का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही मरीज यहां की चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी भावना द्विवेदी ने बताया कि मोहन सराय के पास मातलदेयी मार्ग  पर भद्रासी गांव में 50 शैय्या एकीकृत आयुष चिकित्सालय स्थापित किया गया है। इस अस्पताल का निर्माण राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत कराया गया है,  जिसमें एक छत के नीचे पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से जनसामान्य को सर्वांगीण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। 

 पंचकर्म एवं क्षारसूत्र से भी होगा उपचार

इस आयुर्वेदिक अस्पताल में आयुर्वेद विधा की विशिष्ट चिकित्सा पद्धति पंचकर्म के लिये एक अलग ब्लॉक का निर्माण किया गया है। उसमे स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन, शिरोधारा, बस्ति आदि चिकित्सकीय क्रियाओं के लिये समस्त सुविधायें उपलब्ध हैं। इन क्रियाओं से संधि के रोग जैसे गठिया,  रियूमैटाइड आर्थराइटिस , लकवा, त्वचा के रोगों, मानसिक तनाव, अनिद्रा आदि की चिकित्सा की जायेगी। इसमें महिला एवं पुरूष रोगियों के लिये अलग-अलग कक्ष की व्यवस्था है।  चिकित्सालय में एनोरेक्टल रोगों जैसे भगन्दर, पाइल्स, फिशर आदि को बिना सर्जरी किये आयुर्वेद की क्षारसूत्र विधा से उपचार हेतु माइनर ओटी की व्यवस्था है। इसमें जलौका द्वारा उपचार की सुविधा भी उपलब्ध होगी।  चिकित्सालय में यूनानी विधा की रेजिमेण्टल थैरेपी एवं हिजामा उपचार पद्धतियों से रोगियों के उपचार के लिये विशेषज्ञों की तैनाती की गयी है।

 सामान्य प्रसव सम्बन्धी  सुविधायें भी हैं

चिकित्सालय में सर्जरी के लिये ओटी कक्ष एवं सामान्य प्रसव सम्बन्धी सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के लिये लेबर रूम समस्त सुविधाओं एवं उपकरणो सहित उपलब्ध है। माहिलाओ के लिए यह अस्पताल काफी लाभकारी होगा। इसके साथ ही यहाँ आँखों की जाँच सुविधा के लिये ऑप्टोमेट्री कक्ष एवं कान के रोगों की जाँच सुविधा के लिये ऑडियोमेट्री कक्ष की भी व्यवस्था है।  चिकित्सालय में पैथोलॉजी की सुविधा उपलब्ध है। 

 योग के जरिए भी बनेंगे निरोग

अस्पताल परिसर में एक योग कक्ष भी बनाया गया है। यहां तैनात होने वाले योग प्रशिक्षक लोगों को योग के जरिए निरोग रहने का हुनर सिखाएंगे। इसके साथ ही कुछ रोगों का उपचार योग के जरिए भी किया जाएगा।

 परियोजना पर नौ करोड़ हुए हैं खर्च 

चिकित्सालय के भवन निर्माण, फर्नीचर एवं उपकरणों पर लगभग नौ करोड रूपये खर्च हुए हैं।  इस चिकित्सालय मे चिकित्सा अधीक्षक-01, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी विधा के कुल चिकित्सा अधिकारी-07 (02-एस0एम0ओ0, 04-चिकित्सा अधिकारी एवं 01-रेजिडेन्ट चिकित्साधिकारी), योग प्रशिक्षक-01, सहायक मैट्रेन-01, लेखाधिकारी-1, नर्सिंग स्टाफ-04, पंचकर्म टेक्निशियन-01, फार्मासिस्ट-02, प्रयोगशाला तकनीशियन-02, फिजियोथैरैपिस्ट-01 सहित कुल 35 अधिकारी/कर्मचारियों की तैनाती की गयी है। राजातालाब निवासी रमेश पांडेय ने इस अस्पताल के खुलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की अब क्षेत्र के लोगो को उपचार के लिए दूर नहीं जाना होगा । रोहनिया निवासी सुरेन्द्र ने कहा कि यह अस्पताल इलाके के लोगो के लिए वरदान होगा।

बुधवार, 1 दिसंबर 2021

एचआईवी नहीं रहा अब मातृत्व के लिए अभिशापएड्सदिवस


तीन वर्ष में 50 संक्रमित महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चों को जन्म


गर्भवती का समय पर हो उपचार तो संक्रमण से बच सकता है गर्भस्थ शिशु


इस वर्ष की थीम है “असमानताओं को समाप्त करें, एड्स समाप्त करें”

वाराणसी01दिसंबर(dil india live)। विमला (परिवर्तित नाम) जब पहली बार गर्भवती हुई तो उन्होने अस्पताल में प्रसव पूर्व जांच के दौरान खून की जांच करायी तो उन्हें एचआईवी पॉजीटिव होने का पता लगा। डाक्टर ने जब इस बारे में उसे बताया तो ऐसा लगा कि उसपर जैसे वज्रपात हो गया हो। लगा जैसे मां बनने की सारी खुशियां किसी ने पलभर में छीन ली हों। पेट में पल रहे दो माह के बच्चे, लम्बी जिंदगी के साथ ही घर-गृहस्थी और समाज की चिंता भी उसे सताने लगी। तब उसके हौसले और एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर से मिले चिकित्सीय सलाह ने उसे एक नई जिंदगी दी। समय से शुरू हुए उपचार का नतीजा रहा कि एचआइवी पाजीटिव होते हुए भी उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। अब वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही है। यह कहानी सिर्फ विमला की ही नहीं है पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर में उपचार कराकर एचआईवी संक्रमित 50 महिलाएं तीन वर्ष के भीतर स्वस्थ बच्चों को जन्म दे चुकी हैं।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला एचआईवी/एड्स अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने बताया कि हर साल एक दिसंबर को एचआईवी/एड्स के प्रति समुदाय में जागरूकता बढ़ाने व मिथ्य व भ्रांतियों को तोड़ने के लिए विश्व एचआईवी/एड्स मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “असमानताओं को समाप्त करें, एड्स समाप्त करें” निर्धारित की गयी है। 

डॉ राहुल सिंह बताते हैं कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों ने मां के एचआईवी संक्रमण से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का बचाव करना मुमकिन कर दिया है। बशर्ते गर्भवती के बारे में समय रहते यह पता चल जाए कि वह एचआईवी संक्रमित है, इसलिए सुरक्षित मातृत्व का सुख प्राप्त करने के लिए गर्भवती को अपना एचआईवी जांच जरूर करवा लेना चाहिए। गर्भधारण के तीसरे-चौथे महीने के बाद संक्रमण का पता चलने पर बच्चे को खतरा अधिक होता है, इसलिए एचआईवी संक्रमित गर्भवती का जितनी जल्द उपचार शुरू हो जाता है उतना ही उसके बच्चे को खतरा कम होता है। 

150 संक्रमित महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चों को जन्म 

एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि प. दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर उपचार करा रही एचआईवी संक्रमित 50 महिलाओं ने तीन वर्ष के भीतर स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. प्रीति अग्रवाल बताती है कि वर्ष  2019 में 18,  2020 में 12 और 2021 में अक्टूबर माह तक 20 एचआईवी संक्रमित गर्भवती ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। एआरटी सेंटर में दावा लेने आई सुनीता (35 वर्ष) ने बताया कि चार वर्ष पूर्व हुई शादी के कुछ माह बाद ही पता चला था कि पति के साथ ही वह भी एचआईवी पॉजीटिव है। तब माँ बनने के सपने पर ग्रहण लगता नजर आया था पर एआरटी सेंटर की सलाह व उपचार से आज वह दो वर्ष के बेटी की माँ है। 

उपचार के साथ ही सलाह भी 

एआरटी सेंटर में एचआइवी संक्रमित गर्भवती का विशेष ख्याल रखा जाता है। साथ ही उसे दवा खाने के लिए विशेष रूप से निर्देश दियजाता है। इससे गर्भस्थ शिशु पर बीमारी का असर नहीं पड़ता है। समय पूरा होने पर एचआइवी संक्रमित गर्भवती को सुरक्षित प्रसव के लिए महिला अस्पताल रेफर किया जाता है। 

क्या है एचआईवी वायरस डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। अच्छे खानपान और उपचार से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इसलिए मरीज रोग को छिपाए न, समय पर और नियमित उपचार करे तो वह अपनी सामान्य आयु पूरी कर सकता है

एचआईवी पॉजीटिव होने के कुछ प्रमुख लक्षण     

- लगातार वजन का घटना        


- लगातार दस्त होना        


- लगातार बुखार होना        


- शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना       


- मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी आना

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...