Varanasi (dil india live). यह पर्युषण पर्व आपके लिए सुख-समृद्धि लेकर आए। हम सभी आत्म शुद्धि और उत्थान प्राप्त करे। अपने व्यावहारिक जीवन में दस सार्वभौमिक गुणो का सफलतापूर्वक पालन करे, पर्युषण पर्व मंगलमय हो ऐसी कामना के साथ भक्तो ने कठिन उपवास रखकर मन्दिरों में पूजन-अर्चन प्रारम्भ किया। रविवार को प्रातः से ही जैन मंदिरो मे पूरे भक्ति भाव के साथ भक्तों का विभिन्न धार्मिक आयोजनो मे सम्मलित होना शुरु हुआ।
श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में रविवार को पुष्पदतं भगवान के मोक्ष कल्याण के अवसर पर उनका जहां अभिषेक पूजन किया गया वहीं खोजवां स्थित जैन मन्दिर में तीर्थंकरो का प्रक्षाल किया गया।
भगवान पार्श्वनाथ की जन्म भूमि भेलूपुर में चल रहे 10 दिवसीय दशलक्षण विधान के पांचवे दिन संगीतमय बिधान बह्मचारी आकाश जी के निर्देशन में सम्पन्न हुआ
विधान के माणने पर भक्तों द्वारा श्री फल चढाया गया। नृत्य, संगीत के साथ भगवान को चवर डोला कर पूरी भक्ति से सराबोर रहे भक्तगण। सायंकाल खोजवां जैन मंदिर मे पांचवे अध्याय " उत्तम सत्य धर्म " पर व्याख्यान देते हुए डा: मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां - सत्य बोलने का नाम सत्य व्रत नहीं है, बल्कि झूठ बोलने के त्याग का नाम सत्य व्रत है। असत्य को उपयोग में नही लाना ही सत्य धर्म है। जिसकी वाणी व जीवन मे सत्य धर्म अवतरित हो जाता है, उसकी संसार से मुक्ति निश्चित है।
ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर मे प: सुरेंद्र शास्त्री ने कहा- सत्य बोले बिना काम चल सकता है, लेकिन सत्य जाने बिना काम नही चल सकता। अपने अतरं में विद्यमान ज्ञानदं स्वभाव से उत्पन्न हुआ ज्ञान, श्रध्दान एवं वीतराग परिणति ही उत्तम धर्म है और वही मोक्ष का कारण है।
सायंकाल जिनवाणी, ग्रन्थ, शास्त्र पूजन, भगवनतो की आरती, प्रश्नोत्तरी अनेक कार्यक्रम हुए। आयोजन मे प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, अरूण जैन, विनय जैन, आलोक जैन, चन्दा जैन, किशोर जैन, मनोज जैन, तरूण जैन, रत्नेश जैन, प्रमिला सांवरिया, शकुन्तला जैन उपस्थित रही।