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रविवार, 16 मार्च 2025

Ramzan mubarak (15) तमाम बुराईयो से माफी-तलाफी का महीना है रमज़ान

दुनिया की ख्वाहिश भुलाकर पूरे महीने रोज़ादार करता है इबादत 

Varanasi (dil India live)। हिजरी साल के 12 महीने में रमजान 9 वां महीना है। यह महीना मुसलमानों के लिए ख़ास मायने रखता है। इसलिए भी कि इस महीने को रब ने अपना महीना कहा है, इस महीने को संयम और समर्पण के साथ ही खुदा की इबादत का महीना माना जाता है। माहे रमज़ान में अल्लाह का हर नेक बंदा रूह को पाक करने के साथ अपनी दुनियावी हर हरकत को पूरी तत्परता के साथ वश में रखते हुए केवल अल्लाह की इबादत में ही समर्पित हो जाता है। रमजान में खुदा की इबादत बहुत असरदार होती है। इसमें सुुुुबह सहर से शाम मगरिब कि अज़ान होने तक रोज़ेदार खानपान सहित सभी ख्वाहिशाते दुनिया को भुला कर खुद पर न सिर्फ संयम रखता है, बल्कि तमाम बुराईयो से माफी-तलाफी भी करता है इसे अरबी में सोंम कहा जाता है।

 यूं तो रब की इबादत जितनी भी कि जाये कम है मगर रमजान में खुदा की इबादत मोमिनीन और तेज़ कर देता है, क्यो कि रमज़ान के दिनों में इबादत का खास महत्व है। यही वजह है कि इस माहे मुबारक में रोज़ेदार जकात देता है, जकात का अपना महत्व है, जकात अपनी कमाई में से ढाई प्रतिशत गरीबों में बांटने को कहते है, जकात ‌देने से खुदा बन्दे ‌के कारोबार और माल में बरकत के साथ ही उसकी हिफाज़त भी करता है, इस्लाम में नमाज़, रोज़ा, हज समेत पांच फराईज़ है। माहे रमज़ान न सिर्फ रहमतों, बरकतो की बारिश का महीना हैं, बल्कि समूचे मानव जाति को इंसानियत, भाईचारा, प्रेम, मोहब्बत और अमन-चैन का भी पैगाम देता है। नमाज़ के बाद रमज़ान मुसलमानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस्लाम के मुताबिक रमज़ान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला 10 दिन का अशरा रहमत का होता है इसमें रोज़ा नमाज़ इबादत करने वाले बन्दों पर अल्लाह अपनी रहमत अता करता है। दूसरा अशरा मगफिरत का होता है इसमें बन्दे कि गुनाहों को रब माफ कर देता है रमज़ान में रब से माफ़ी मांगने, तोबा करने कि तमाम लोग खूब कसरत करते है, तो अल्लाह उसे जल्दी माफ़ कर देता है। तीसरा अशरा जहन्नुम से आज़ादी का है, यानी जिसने रमज़ान का 30 रोज़ा मुक्म्मल किया रब उसे जहन्नुम से आज़ाद कर देता है। इसलिए सभी मोमिनीन को रमज़ान को मुक्म्मल इबादत में गुज़ारना चाहिए।ऐ पाक परवरदिगार तमाम आलम के लोगों को रमज़ान की नेकियों से माला माल कर दे...आमीन।

मौलाना अमरुलहोदा

अल अंसार, मिल्कीपुर, रामनगर

बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

जानिए हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने शाबान के लिए क्या कहा था रब से

शब-ए-बरात पर कल होगी बेहिसाब इबादत तैयारियों में जुटे मोमिनीन 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). शब-ए-बरात गुरुवार को मनाई जाएगी। शाबान की 15 वीं रात को इबादत करने की बहुत अहमियत है इसके चलते इस रात के इस्तकबाल की तैयारियां तेज हो गई हैं। मस्जिदों और घरों को सजाया जा रहा है। ऐसी इस्लामिक मान्यता है कि शाबान की 14 तारीख को दिन गुजार कर जो रात आती है उस रात घरों में दुनिया से रब के पास जा चुके लोगों की रुह (आत्मा) लौटती है। इसलिए घरों, मुहल्लों, मस्जिदों व कब्रिस्तान में साफ-सफाई के साथ ही रौशनी की व्यवस्था की जाती है। घरों में शब-ए- बरात पर हलुआ तैयार किया जाता है जिसकी मगरिब की अज़ान के बाद फातेहा करायी जाती है। 

आज सुबह से ही हलुवे के लिए जगह-जगह दाल, सूजी और मेवा आदि की खरीदारी शुरू हो गई। कोयला बाजार, चौहट्टा लाल खां, जलालीपुरा, सरैया, नक्खीघाट, बड़ी बाजार, हुकुलगंज, मकबूल आलम रोड, नूरी कालोनी, अर्दली बाजार, नदेसर, लल्लापुरा, पितरकुंडा, दालमंडी, नयी सड़क, फाटक शेख़ सलीम, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, ककरमत्ता, मंडुवाडीह, लोहता सहित अन्य मुस्लिम इलाके में लोग तैयारी में जुटे हुए हैं। मस्जिदों में रात की इबादत की तैयारियां की जा रही है। 


माहे शाबान की 15 वीं रात की फजीलत 

दरगाह हज़रत शाह तैय्यब बनारसी के मौलाना इरशाद रब्बानी बताते हैं कि शाबान महीने और इस महीने कि 15 वीं रात के क्या कहने। रमजान अगर अल्लाह का महीना है तो शाबान मोहम्मद रसूल अल्लाह का महीना है। शाबान की 15 वीं शब बंदों के आमाल अल्लाह रब्बुल इज्जत की बारगाह में पेश किए जाते हैं। कौन दुनिया से रुखसत होने वाला है? किसकी जिंदगी में क्या होगा? वगैरह इसी रात लिखे जाते हैं। मुगलिया मस्जिद बादशाह बाग के इमामे जुमा मौलाना हसीन अहमद हबीबी कहते हैं कि यूं तो हिजरी कैलेंडर का शाबान आठवां महीना है मगर रुहानी साल का आगाज़ इसी रात से होता है। इस रात की इबादत का यह सिला है कि हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने रब से कहा कि मुझे या रब तू हुजूर मोहम्मद मुस्तफा (स.) की उम्मत में पैदा फ़रमा ताकि मैं इस रात इबादत कर सकूं। अल्लाह हो अकबर। इस रात की फजिलत इतनी और हम इसे बेहुदा कामों में जाया कर देते हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया कि इस रात  खूब इबादत करें।