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बुधवार, 23 अगस्त 2023

Jain samaj काशी ने चन्द्रयान-3 की सफलता के लिए ने की विशेष पूजा

जैन समाज काशी ने 1008 पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया




Varanasi (dil India live). 23.08.2023. श्रावण मास शुक्ल सप्तमी पर जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर देवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में बुधवार को प्रातः से अपराहन तक भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक स्थली भेलूपुर में चन्द्रयान-3 की सफलता, वैज्ञानिको के अथक प्रयास, हमारे राष्ट्र का नाम स्वर्ण अक्षरों मे लिखा जाए, चांद पर तिरंगा लहराए के लिए विशेष पूजा में भक्तामबर बिधान कर सैकड़ो भक्तो ने भेलूपुर स्थित दिगम्बर जैन मन्दिर मे किया एवं भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक पर अभिषेक, शान्तिधारा, मंगल आरती कर निर्वाण लाडू (लड्डू) भक्तो ने चढाया। 

काशी में जन्मे भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष शिखर में स्वर्ण भद्र कूट पर हुआ था। आज ही के दिन प्रातः बेला विशाखा नक्षत्र मे 36 मुनिराजों के साथ मोक्ष पद को प्राप्त किया था। काशी में जन्मे प्रभु पार्श्वनाथ की जन्म स्थल का पूरी दुनिया में प्रमुख तीर्थ क्षेत्र में नाम है, इसीलिए बुधवार को मोक्ष कल्याणक में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न प्रांतो से श्रावक जन्म स्थली पहुंच कर आयोजन में शामिल हुए। भक्तामबर स्त्रोत बिधान का वृहद आयोजन हुआ।

माणने पर श्री जी को विराजमान कर अभिषेक

पूरी भक्ति और चन्द्र यान-3 की सफलता की मंगल कामना के साथ श्रावको ने मंगल दीपक हाथो में लेकर निर्वाण लाडू चढाया और धार्मिक माणने पर 1008 श्री फल (नारियल) बादाम और सामग्री मंत्रोच्चारण के साथ सफलता की भावना के साथ चढाया। आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, महामंत्री अरूण जैन, समाज मंत्री तरूण जैन, सौरभ जैन, विजय जैन, विनोद जैन, सुधीर पोद्दार सहित काफी संख्या में महिलाए-पुरूष उपस्थित थे। 

प्रार्थना और दुआएं एक साथ 

वाराणसी भारत माता मंदिर के प्रांगण में  विद्यापीठ के छात्र छात्रों द्वारा चंद्रयान-3 के सकुशल लैंडिंग होने को लेकर प्रार्थना और दुआएं मांगी। इस दौरान हिंदू -मुसलिम दोनों वर्गों के लोगों ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ एवं दुआखवानी में शामिल होकर देश की एकजुटता का पैगाम भी दिया।

सोमवार, 19 दिसंबर 2022

Tirthankar parshvanath के जन्म कल्याणक पर निकली भव्य रथयात्रा




Varanasi (dil india live)। जैन धर्म के 23 वें Varanasi में जन्मे तीर्थंकर श्री 1008 पार्श्वनाथ के 2898 वे जन्म कल्याणक पर सोमवार को भव्य रथयात्रा निकाली गई। 

गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणक की विशेष पूजन के उपरांत सोमवार को श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में प्रातः 9:30 बजे श्री दिगम्बर जैन पचांयती मन्दिर ग्वाल दास साहू लेन से शोभायात्रा प्रारम्भ होकर सोराकुआं, ठठेरी बाजार होते हुए चौक पहुंची। चौक थाने के समीप से तीर्थंकर के विग्रह को एक विशाल रजत रथ के कमल सिंहासन पर इन्द्रों ने विराजमान कराया। वहा उपस्थित समाज के लोगों ने भगवान की आरती उतारी। पुनः 11 बजे राजशाही रथयात्रा प्रारंभ हुई। गजरथ रथयात्रा में पार्श्वनाथ जी के जीवन से मोक्ष तक की झांकिया शामिल थी। 

जिस विशाल रथ पर भगवान विराजमान थे उसे भक्तगण स्वयं खीच कर अपनी श्रध्दा समर्पित कर रहे थे। श्रद्धालु श्रावक रास्ते भर आरती एवं पुष्प बर्षा कर रहे थे। आधा दर्जन बैन्ड पार्टीया द्वारा भक्ति धुन बजाकर माहौल को धर्ममय बना रहे थे। छोटे-छोटे बच्चे घोडो पर सवार थे। रथयात्रा का मुख्य आकर्षण रजत की धूप गाड़ी, 108 चंवरो वाली गाड़ी, राजशाही साज-सज्जा वाला विशाल रजत हाथी सबका ध्यान बरबस अपनी ओर खींच कर आकर्षित कर रहा था। 

रथयात्रा बांसफाटक, गौदोलिया होते हुए सोनारपुरा पहुंची। वंहा राजस्थान से आई भजन मंडली द्वारा भजनो की विशेष प्रस्तुती हुई। रास्ते भर केशरिया परिधानों में सजी धजी महिलाओं द्वारा भजनों की प्रस्तुती एवं जयकारा लगाया जा रहा था। रथयात्रा में अंहिसा परमो धर्म की जय, जीयो और जीने दो का जयकारा भक्तगण लगा रहे थे रथयात्रा मे अंहिसा परमो धर्म का बैनर, जैन धर्म का बैनर, झंडी गाड़ी, झंडे, ध्वज पताका भी लोग लेकर चल रहे थे। बीच-बीच मे जय-जय जिनेन्द्र देव की भव सागर नाव खेव की बोल कर तीर्थंकर के प्रति अपनी आस्था प्रगट कर रहे थे। 

रास्ते मे कई जगह रथयात्रा का स्वागत किया गया। भेलूपुर स्थित भगवान की जन्म स्थली जैन मन्दिर पहुंचने पर स्वागत एवं देवाधिदेव की आरती उतारी गई। मन्दिर परिसर में भगवान के विग्रह को बडे रजत रथ पर से उतार कर भक्तो ने रजत नालकी पर विराजमान कर बधाई गीत मेरी आली आज बधाई गाईया, ढोल, मंजीरा, ताल बाजै नौबत शहनाईया की प्रस्तुती हुई। 

तत्पश्चात भगवान को मन्दिर में रजत पाण्डुक शिला में विराजमान कर 108 कलशो से अभिषेक प्रक्षाल एवं विशेष पूजन किया गया। सोमवार को ही जैन धर्म के 8 वें तीर्थंकर चन्द्र प्रभु भगवान का भी जन्म कल्याणक धूम धाम से चन्द्रपुरी चौबेपुर जैन मन्दिर एवं भेलूपुर स्थित जैन मंदिर मे मनाया गया। आयोजन में प्रमुख रूप से समाज के अध्यक्ष दीपक जैन उपाध्यक्ष राजेश जैन, आर सी जैन, विनोद जैन, संजय जैन प्रधान मन्त्री अरूण जैन समाज मन्त्री तरूण जैन विनय जैन प्रदीप जैन, सुधीर पोद्दार निशांत जैन संयोजक रत्नेश जैन, राजेश भूषण जैन उपस्थित थे।

रविवार, 11 सितंबर 2022

Jain dharam news: क्षमा कायरों का नहीं वीरों का धर्म

भगवान पार्श्वनाथ जन्मस्थली पर बही मैत्री, प्रेम  की गंगा 

विश्व मैत्री क्षमावाणी पर्व पर पूरे विश्व के लिए दिया गया प्रेम का सन्देश 





Varanasi (dil india live). श्री दिगम्बर जैन समाज काशी द्वारा भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली पर रविवार को क्षमावाणी पूजन, तीर्थंकरो का प्रक्षाल नमन, विद्वत जनो का सम्मान एवं विश्व मैत्री क्षमावाणी पर्व पर भारी संख्या में लोगों ने एक दूसरे से क्षमायाचना व क्षमा का सन्देश पूरे विश्व के लिए हुआ। प्रारंभ में अपराह्न 1 बजे से क्षमावाणी पूजन एवंदेवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ का अभिषेक मंत्रोच्चारण के साथ सायं तक चला। 
विश्व शांति के लिए शान्ती धारा की गई। 

राजेश जैन ने बताया कि यह वो दिन है जिस दिन बैर विरोध को शांत कर क्षमा, प्रेम और मैत्री भाव प्रकट किया जाता है। शत्रु भी इस दिन एक दूसरे को क्षमादान करके मन को शांत एवं निरबैर बनाने का प्रयत्न करते हैं। अनजाने में बिन चाहे भी भूल किसी से हो सकती है, ऐसे उन अंजान पलों की भूल हमारी माफ करें। 

क्षमावाणी पर्व पर हमें क्षमा का दान करे, मुझे गले से लगाकर मेरे ऊपर उपकार करें ,कलुष ह्रदय को साफ करें । तीर्थंकर पार्श्वनाथ अतिशय भूमि क्षेत्र में विश्व का यह अनूठा कार्यक्रम वाराणसी के भेलूपुर स्थित जैन मन्दिर में आयोजित हुआ। जहां बहती रही सिर्फ प्रेम, मैत्री एवं क्षमा की गंगा। इस पर्व पर सभी छोटे- बडे का भेदभाव मिटाकर महिलाए, बच्चे, बुजुर्ग एक दूसरे से अश्रुपूरित नेत्रो से पाँव पकड़कर गले से गले मिलकर क्षमा मांग रहे थे। 

तन-मन एवं आत्मा की शुद्धी पर्युषण की महानता, क्षमावाणी की सौजन्यता से विभूषित होकर जैन धर्म सभी के जीवन में उत्तम क्षमा का मंगलमयी सन्देश देता है। 

परस्परोप ग्रहो जीवानाम् की भावना एक -दूसरे के प्रति सभी के ह्रदय में प्रेम गहरा और प्रगाढ होता रहे। यही मैत्री के क्षमावाणी पर्व का मुख्य उद्देश्य है। यही सन्देश जैन धर्म पूरे विश्व में गुंजायमान करता है।क्षमावाणी सन्देश में प्रोः अशोक जैन ने कहां क्षमा अमृत है, क्षमा ज्योति पुंज है, आत्मनुभव का वास्तविक रूप है। प्रोः कमलेश जैन ने कहां-क्षमा श्रमण जो होता है विष को अमृत करता है। 

ब्रह्मचारी आकाश जैन ने कहां - क्षमा कायरो का नहीं वीरों का धर्म है। क्षमाशील आत्म पुरूषार्थ करते है। 

डां मुन्नी पुष्पा जैन ने कहां - क्षमा प्राणी मात्र का धर्म है। इसे किसी जाति, सम्प्रदाय से नहीं जोड़ा जा सकता। 

पं सुरेंद्र शास्त्री ने कहां- क्षमा आत्मा का स्वभाविक गुण है। क्षमा मोक्ष महल की आधार शिला है। 

धर्म प्रचारक राजेश जैन ने कहां-संस्कृत में पृथ्वी का एक नाम क्षमा, अचला, स्थिरा भी है, विवेकी व्यक्ति का ह्रदय पृथ्वी के समान अचल और आचरण में हमेशा स्थिर होना चाहिए। इसलिए कहां गया है क्षमा वीरसय् भूषणम् ।यही संदेश जैन धर्म पूरे विश्व मे गुंजायमान करता है। 

यह पर्व प्रेम, करूणा, वात्सल्य और नैतिकता के भाव जागृत करता है। 

विद्वानो ने क्षमावाणी पर्व को विश्व मैत्री बताते हुए इसकी तुलना अंहिसा दिवस से की। पर्व पर जैन साधको ने देश-विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों ,इष्ट मित्र, व्यापारी, शुभचिंतक सभी वर्ग के लोगो को क्षमावाणी कार्ड, दूरभाष, ई मेल, एस एम एस द्वारा सन्देश देकर शुभकामना दी। 

विद्वानो में प्रोः अशोक जैन, प्रोः कमलेश जैन, डाः मुन्नी पुष्पा जैन, ब्रह्मचारी आकाश जैन, पं सुरेंद्र शास्त्री, पं मनीष जैन एवं 16 दिन से 3 दिनो का निर्जला व्रत करने वालो में श्री मति मोना काला (16)दिन, आलोक जैन (10)दिन, अर्पित जैन (10)दिन श्रीमति मंजू जैन (10)दिन, किशोर जैन (10)दिन, रजनी जैन, संध्या जैन, शोभा जैन, श्वेता जैन, नीति जैन, मनीषा जैन, इन सभी व्रत तपस्वीयों का सम्मान समाज के अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधान मन्त्री अरूण जैन, विनय जैन, तरूण जैन, सुधीर पोद्दार, प्रमिला सांवरिया, शोभारानी जैन ने किया। 

आयोजन में प्रमुख रूप से आर सी जैन, संजय जैन, विनोद जैन, रत्नेश जैन, सौरभ जैन, निशांत जैन उपस्थित थे।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...