बुधवार, 12 जून 2024
गर्मी की तल्खी से पारा देखिए कहां जा पहुंचा
मंगलवार, 4 अक्टूबर 2022
Dengue से बचाव के लिए रहें सतर्क
बदल रहा मौसम, रखें अपनी सेहत का खास ख्याल
- वायरल, सर्दी, जुकाम को न लें हल्के में
- चिकित्सक की परामर्श पर ही लें दवा
Varanasi (dil india live). मौसम बदला रहा है। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर है। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। जरा सी भी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। डेंगू, वायरल आदि बीमारियों से बचाव के लिए भी सावधान रहने की जरूरत है। क्यों कि बदलता मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है।
मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता व फिजीशियन डॉ आरएन सिंह ने बताया कि वर्तमान में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल आदि मरीजों की काफी संख्या में ओपीडी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी लोगों को परेशान कर रही है। बड़ों के साथ बच्चे भी मौसमी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बीमारी से बचने के लिए कपड़ों को साफ रखना चाहिए तथा साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। मौसम के संक्रमण से लोगों को विशेष रूप से कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। बासी खाने का सेवन बिल्कुल नहीं करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोटीन, आयरन और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार लें। डेंगू से बचाव के लिए कहीं भी ज्यादा दिनों के लिए पानी एकत्रित न होने दें। हर शनिवार-रविवार मच्छरों के स्रोत का नष्ट करते रहें। मच्छर से बचने के लिए दिन के समय बदन को ढकने वाले कपड़े पहनकर ही निकलना चाहिए। शारीरिक परेशानी होने पर नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें। चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा लें ।
रखें इस बात का खास ख्याल
- मौसमी फलों और सब्जियों का प्रयोग करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला ज्यादा लें।
- ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है। गला खराब हो जाता है इसलिये आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक नहीं खाना चाहिए।
- बाजार की खाने वाली वस्तुएं, पिज्जा, बर्गर,चाट ,तली भुनी चीजें,खुले फल आदि नहीं खाने चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए ,साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
शुक्रवार, 19 अगस्त 2022
treatment : बारिश के मौसम में रहें सतर्क,बच्चों की करें खास देखभाल
मच्छरदानी का करें प्रयोग,घर के पास रखें साफ–सफाई
उल्टी-दस्त से बचाव के लिए पिलाएं साफ पानी व ओआरएस
बुखार होने पर डॉक्टर के उचित परामर्शानुसार दवा खिलायें
Varanasi (dil india live). बारिश के मौसम में बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर बच्चों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह बीमार पड़ सकते हैं। इस मौसम में बच्चों को तीन तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पहला- सर्दी, खांसी, जुकाम एवं बुखार, दूसरा- उल्टी दस्त और बुखार तथा तीसरा- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया तथा मच्छरजनित रोग। यह कहना है कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एस.पी. सिंह का।
उन्होंने बताया कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से बचाव के लिए बच्चों को बारिश के पानी से दूर रखें। अक्सर बच्चे बारिश में भीग जाते हैं जिससे ये बीमारियाँ पैदा होती हैं। उल्टी तथा दस्त से बचाव के लिए उन्होने बताया कि साफ पीने के पानी का प्रयोग करें तथा घर का बना हुआ ताजा खाना खिलायें, बासी खाना खिलाने से परहेज करें। बच्चे को बाजार की कोई भी खुली हुई चीज बिलकुल न खिलायें। छोटे बच्चे पर विशेष ध्यान देना है कि वह जमीन पर गिरी हुई कोई भी खाद्य सामग्री उठाकर न खाएं तथा बच्चों को खेलने के लिए ऐसे खिलौने दें, जो धुलकर साफ किया जा सके।
मच्छरों से बचाएं
डॉ एस.पी. सिंह ने बताया कि घर के आस-पास साफ–सफाई रखें तथा कहीं भी (कूलर, छत पर पड़े टायर, गमले, नारियल के खोल, टीन के डिब्बों आदि में) पानी न इकट्ठा होने दें, जिससे उसमें लार्वा न पनप सकें। बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएँ एवं कमरे में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर से बचने के लिए अन्य साधनों का भी उपयोग कर सकते हैं।
उल्टी-दस्त से करें बचाव
डॉ सिंह ने कहा कि घर में ओआरएस का पैकेट जरूर रखें, जिससे उल्टी-दस्त होने पर बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। उल्टी होने पर ओआरएस का घोल या अन्य पेय पदार्थ जैसे दाल का पानी, पतली दलिया तथा मांड थोड़ी-थोड़ी मात्रा में जल्दी-जल्दी देना सुनिश्चित करें, यदि बच्चा उल्टी करता भी है तो थोड़ा-थोड़ा ओआरएस का घोल तथा पेय पदार्थ देते रहें। ओआरएस के पैकेट दो तरह के होते हैं - छोटा पैकेट 200 मिलीलीटर (एक गिलास) पानी में घोलना होता है तथा बड़ा पैकेट एक लीटर पानी में घोलना होता है। घोल बनाते समय, सही संयोजन आवश्यक है अन्यथा यह हानिकारक भी हो सकता है।
विशेषज्ञ-चिकित्सक से लें सलाह
डॉ सिंह ने कहा कि बच्चे को बुखार होने पर डॉक्टर की उचित परामर्श के अनुसार दवा खिलायें। यदि घर में बुखार की दवा न हो तो बुखार आने पर सूती गीले कपड़े से शरीर को पोंछना, बुखार उतारने का एक उपयोगी तरीका है। कुछ बच्चों को बुखार आने पर कभी-कभी हल्का मिर्गी की तरह का दौरा पड सकता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे को सुविधानुसार करवट पर लिटा दें और उसकी गर्दन को सीधा रखें। बुखार उतारने के लिए भीगे कपड़े से शरीर को पोंछे और चिकित्सक से उचित परामर्श लें।
अगर ठंड देकर बुखार आ रहा है मलेरिया हो सकता है, तो खून की जांच करायें तथा यथाशीघ्र इलाज करना सुनिश्चित करें। डेंगू बुखार में कुछ बच्चों की प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं, ऐसे में प्लेटलेट्स की जल्दी-जल्दी जांच कराना जरूरी होता है। जनपद के कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय में प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था है।
सोमवार, 3 जनवरी 2022
कोहरे की चादर में लिपटा जन जीवन
सूर्य दर्शन के लिए तरसे लोग
Varanasi (dil india live) । आज बनारस समेत समूचा पूवींचल कोहरा व धुन की चादर से लिपटा हुआ है। आलम यह है केवल जरूरी काम वाले ही घर से निकल रहे हैं।जिला प्रशासन ने 8 वीं तक के सभी स्कूलो को पहले ही बंद करके छात्र-छात्राओं को थोड़ा राहत दी है। आज बनारस का अधिकतम तापमान 12 डीग्री और न्यूनतम 9 डीग्री दर्ज किया गया है। सूर्य दर्शन न होने से तमाम लोग सड़को के किनारे अलाव जलाकर आग तापते दिखाई दे रहे हैं। आम इंसान के साथ ही जानवरो और पशु पाक्षियों का भी ठंड से बुरा हाल है। कई जगहों पर नगर निगम प्रशासन द्वारा अब तक अलाव की व्यवस्था न किए जाने से लोगों में रोष व्याप्त है। मंगलवार, 28 दिसंबर 2021
पहाड़ों पर बर्फबारी, पूर्वांचल में बारिश
गलन बढ़ने की संभावना, हो सकती है बनारस में और बारिश
वाराणसी 28 दिसंबर(dil india live)। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से वाराणसी समेत आसपास के जिलों के मौसम का मिजाज बदल गया। मंगलवार की सुबह हल्के कोहरे के बाद धूप निकली। जिसके बाद बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। वहीं दोपहर में बरसात से पूर्वांचल के कई जिलों सेमत बिहार और मध्य प्रदेश का भी मौसम बदल गया। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बनारस में अभी और बारिश और गलन बढ़ने की संभावना है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।।पिछले कुछ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी हुई लेकिन मौसम विभाग के अनुसार इस हफ्ते में पारा गिरेगा। जिसकी वजह से ठंड भी बढ़ने वाली है। दूसरी तरफ प्रदूषण के स्तर में भी बहुत सुधार नहीं है और इस हफ्ते भी आज के आसपास ही एक्यूआई रहने का अनुमान है।
मंगलवार सुबह वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में कोहरा नजर आया। इधर, शाम को गलन और ठिठुरन ने लोगों को अलाव जलाने को मजबूर कर दिया है। सोमवार को अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, आज बादल छाए रहेंगे। साथ ही और बारिश की भी संभावना है।
मंगलवार सुबह वाराणसी शहर से सटे इलाकों में कई जगहों पर कोहरा भी छाया रहा। धूप तो निकली लेकिन पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से उसका असर कम रहा। पिछले दो दिनों से तापमान करीब-करीब स्थिर है। लेकिन एक दो दिन में बूंदाबांदी के कारण पारा गोता लगाएगा। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार आने वाले बादलों की आवाजाही जारी रहने और हल्की बूंदाबांदी के भी आसार बन रहे हैं।
गुरुवार, 16 दिसंबर 2021
नुक्कड़ नाटक के जरिये किया गंगा के प्रति जागरूक
वाराणसी 16 दिसंबर (dil india live)। दश्श्वमेध घाट पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार तथा जी आई जेड इण्डिया के सहयोग से लक्ष्य ए सोसाइटी फार सोशल एण्ड ईनवायरमेटल डवलपमेंट ने गंगा स्वच्छता एवं प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन विषय पर नुक्कड़ नाटक “जिम्मेदारी किसकी” के माध्यम से माँ गंगा तथा काशी को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया गया I
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता तथा प्लास्टिक प्रबन्धन को लेकर जलीय तन्त्र पड़ने वाले दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है I इसके अंतर्गत काशी के घाटों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है, जिसके क्रम में आज दश्श्वमेध घाट पर नुक्कड़ नाटक दिखाया गया जिसमें प्लास्टिक प्रबन्धन के गैरजिम्मेदाराना रवैया से गंगा एवं जलीय प्रदुषण के बारे में जागरूक किया I नाटक में दिखाया गया की यदि प्लास्टिक का सही प्रकार से विभाजन और निस्तारण नहीं किया जाता हैं तो वह जलीय स्त्रोतों को दूषित करता है और प्लास्टिक नदी और तालाबों के तलहटी में जा कर बैठ जाता है उसके वजह से जलीय जीवों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है वही नदियों से होते हुए अन्तःत समुद्र तक भी पहुँच रहे है इसके लिए हमने प्लास्टिक प्रबन्धन तथा स्वच्छता के प्रति जागरूक होने की आवश्कता है I नाटक में दिखाए गए कहानी में बताया गया कि प्लास्टिक को यदि सही प्रकार से वर्गीकरण एवं सही निस्तारण नहीं करते है तो यही प्लास्टिक हमारे गंगा एवं नदियों, तालाबों को दूषित करते है और साथ ही उसमे रहने वाले जलीय जीवों को नुकसान पहुचाते है I इसलिए प्लास्टिक प्रबन्धन एवं पुन: इस्तेमाल कर प्लास्टिक कचरे में कमी लाया जा सकता है तथा जलीय तंत्र को साफ़ रखा जा सकता हैं I नाटक का शीर्षक था “जिम्मेदारी किसकी” I जिसे घाटों पर उपस्थिति लोगों ने नाटक को गंभीरता से समझा।
कार्य्रकम का मुख्य उद्देश्य काशी के आम जनमानस को जागरूक करना है I साथ ही कलाकरों की टोली नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता का सन्देश दे रहे हैI आज नुक्कड़ नाटक के बाद लक्ष्य संस्था अंगद कुमार द्विवेदी ने कहा अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तथा प्लास्टिक को सही प्रकार से निस्तारण करने की आवश्यकता हैI नुक्कड़ नाटक में मोईन खांन, दीपक सिंह, विशाल सिंह,रसूल हाशमी, ब्रिजेश एवं अन्य लोग उपस्थित रहें
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