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रविवार, 20 नवंबर 2022

Medical news: प्रदेशभर से चयनित हुईं 1354 स्टाफ नर्स

वाराणसी से 43 स्टाफ नर्सों का हुआ चयन

राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ व एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के हाथों मिला नियुक्ति पत्र

स्टाफ नर्स मरीजों की सेवा तथा बेहतर आचरण के साथ बनाती हैं हृदय में जगह – राज्यमंत्री दयालु

चिकित्सा क्षेत्र को ही बनाएं अपना सेवा धर्म, निःस्वार्थ भाव से करें मरीजों की सेवा – एमएलसी लक्ष्मण आचार्य 






Varanasi (dil india live). मरीजों की सेवा करना और अपना मानवता धर्म निभाने वाली स्टाफ नर्स के लिए रविवार का दिन बहुत ही खुशी भरा रहा । लोक सेवा आयोग के जरिये वाराणसी सहित पूरे प्रदेश से चयनित 1354 स्टाफ नर्सों को रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के हाथों नियुक्त पत्र प्रदान किया गया । लखनऊ में आयोजित इस समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री के उद्भोदन से हुआ । इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वाराणसी से आए दो स्टाफ नर्स सोनू सोनकर और प्रियंका पांडे को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया।  

मुख्यमंत्री के शुभारंभ के उपरांत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । वाराणसी में मंडलायुक्त कार्यालय में नव नियुक्त स्टाफ नर्स कार्यक्रम का आयोजन हुआ । वाराणसी से 43 स्टाफ नर्सों का चयन किया गया है जिन्हें रविवार को दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश, लक्ष्मण आचार्य, विधान परिषद सदस्य उत्तर प्रदेश, हिमांशु नागपाल मुख्य विकास अधिकारी, पूनम मौर्य जिला पंचायत अध्यक्ष, डॉ अंशु सिंह, मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, वाराणसी मण्डल और डॉ संदीप चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया । इस मौके पर आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए लोक सेवा आयोग बेहद अहम भूमिका निभा रहा है जिसमें स्टाफ नर्स सहित अन्य पदों के लिए नौकरियों प्रदान की जा रही हैं। स्वास्थ्य और आयुष विभाग के साथ-साथ शिक्षा व अन्य विभागों में पिछले चार वर्षों में लाखों भर्तियाँ की जा चुकी हैं। उन्होने कहा कि इंग्लैंड में ज़्यादातर स्टाफ नर्स केरल की निवासी हैं । इससे पता चलता है कि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है । स्टाफ नर्स मरीजों की सेवा और बेहतर आचरण के साथ उनके हृदय में जगह बनाती हैं जिससे मरीज उन्हें हमेशा स्मरण करते हैं। अंत में उन्होने सभी स्टाफ नर्सों को शुभकमनाएं दी और बेहतर कार्य निर्वहन के लिए प्रोत्साहित किया।       

इस दौरान एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि सभी स्वस्थ रहें, खुश रहें और प्रदेश का विकास इसी तरह होता रहे, यही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है। इसी दिशा में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश सरकार गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को सभी योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। साथ ही युवाओं को रोजगार के विभिन्न अवसर दिये जा रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार लगातार रोजगार प्रदान कर रही है । अंत में उन्होने वाराणसी जनपद से चयनित हुई नव नियुक्त सभी स्टाफ नर्सों को शुभकामनाएं दी। साथ ही चिकित्सा क्षेत्र को ही अपना सेवा धर्म का संदेश देते हुये निःस्वार्थ भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित भी किया । जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य और सीडीओ हिमांशु नागपाल ने भी स्टाफ नर्सों को शुभकामनाएँ दी और अपना मानवता धर्म निभाने के लिए प्रेरित किया । 

समारोह में सीएमओ ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत व आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव ने किया । इस मौके पर समस्त एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ सहित अन्य अधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

गुरुवार, 12 मई 2022

जीवन में आये तूफान से भी नहीं रुके सेवा भाव के कदम

अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (12 मई) पर विशेष


 • हौसलों के उड़ान की मिसाल हैं   नर्सिंग सेवा में जुटीं यह  महिलाएं

 • मरीजों को परिवार का सदस्य मानकर सेवा करना है इनके जीवन का लक्ष्य





Varanasi (dil India live)। रात के अंधेरे में लालटेन लेकर घायलों की सेवा करने के साथ-साथ महिलाओं को नर्सिंग की ट्रेनिंग देने वाली फ्लोरेंस  नाइटेंगल को भला कौन नहीं जानता। क्रीमिया युद्ध में घायल सैनिकों के उपचार में अहम भूमिका निभाने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल को ‘लेडी विद द लैम्प’ के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष उनकी याद में 12 मई  को ‘अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। फ्लोरेंस  नाइटेंगल तो अब इस दुनिया  में नहीं हैं  लेकिन उनके पदचिन्हों पर चलते हुए नर्सिंग सेवा कर रहीं  महिलाओं की संख्या अनगिनत है।  आध्यात्मिक नगरी काशी में भी नर्सिंग सेवा में जुटी ऐसी ही महिलाओं ने अपनी अलग पहचान बना रखी है।

 *फिर भी नहीं रुके कदम-* 

मरीजों की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना चुकीं  सुनीता के जीवन में आये तमाम तूफान भी उनके कदमों को रोक न सके। कोविड काल में अपनी जान पर खेल कर मरीजों के लिए किये गये योगदान को जहां एक नजीर के तांैर पर देखा जाता है वहीं किसी भी मरीज की अपने परिवार के सदस्य की तरह सेवा करना सुनीता को औरों से अलग पहचान दिलाता है। मण्डलीय चिकित्सालय में नर्स सुनीता बताती हैं कि बचपन से ही उनके मन में मरीजों की सेवा करने का भाव था। यही कारण था कि उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई  की ताकि अपने सपनों को वह साकार कर सकें। उनका सपना सच होता भी नजर आया जब उन्हें नर्स की नौकरी मिल गयी। ड्यूटी को वह पूजा मान मरीजों की सेवा में जुट गयीं । शेष समय वह अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने में गुजार देती थी। सबकुछ अच्छा चल रहा था। परिवार में बेटा निशांत और बेटी तृप्ति के साथ वह खुशहाल जीवन गुजार रही थी। तभी उनके जीवन में अचानक तूफान आ गया। वर्ष 2013 में उनके पति आशीष सिंह की हार्ट अटैक से हुई मौत ने उनका सारा  सुख-चैन छीन लिया। इस हादसे से वह काफी दिनों तक सदमें में रहीं। लगा कि सबकुछ छिन गया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने हिम्मत जुटाई और जीवन को पटरी पर धीरे-धीरे लाने का प्रयास करने के साथ ही पुनः मरीजों की सेवा में जुट गयी। मरीजों की सेवा वह इस भावना के साथ करती है, जैसे वह उनके परिवार का ही सदस्य हो।

 *मरीजों की सेवा ही जीवन का लक्ष्य-* 

गाजीपुर जिले की रहने वाली पूनम चौरसिया राजकीय महिला जिला चिकित्सालय में स्टाफ  नर्स है। पूनम बताती हैं कि पढ़ार्इ में वह शुरू से ही अव्वल रहीं। उनके सामने अन्य क्षेत्रों में भी कार्य करने के अवसर थे पर बचपन से ही उन्होंने नर्स बनने का सपना देख रखा था। इन्सान की सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म मानने वाली पूनम बताती है कि नर्स की नौकरी पाने के बाद यह सपना साकार हो गया। वह जिला महिला चिकित्सालय के सर्जरी वार्ड में ड्यूटी करती हैं। आपरेशन के बाद दर्द से कराहती प्रसूताओं की सेवा करने से उन्हें एक अलग तरह का सुख मिलता है। वह बताती है कि कभी-कभी ऐसी भी प्रसूताएं उनके वार्ड में भर्ती होती है, जिनके परिवार में कोर्इ भी नहीं होता। तब उनकी जिम्मेदारी और भी बढ जाती है। ऐसे मरीजों का उन्हें अलग से ख्याल रखना होता है। मरीज और नर्स के बीच शुरू हुआ ऐसा रिश्ता बाद में ऐसे आत्मीय रिश्ते में बदल जाता है कि अस्पताल से घर जाने के बाद भी मरीज और उसके परिवार के लोग उनके सम्पर्क में रहते हैं।

 परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज सेवा भी 

 सुनीता शादमान राजकीय महिला जिला चिकित्सालय में स्टाफ  नर्स हैं। उनकी डयूटी अधिकांशतः आपरेशन थियेटर में रहती है। वह बताती है कि यही एक ऐसी नौकरी है जिसमें परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के साथ-साथ समाज सेवा का भी भरपूर अवसर मिलता है। सुनीता शादमान कहती है कि यही वजह थी कि उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई की और इस सेवा में जुट गयी। वह बताती है कि आपरेशन थियेटर में घबरा रही महिलाओं को ढांढस देना। वहां उन्हें अपने परिवार के सदस्य जैसा माहौल देकर उसकी पीड़ा को कम करने का प्रयास करती है। उनकी पूरी कोशिश होती है कि मरीज उनके सेवा व समर्पण भाव को याद रखे।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...