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मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

CMO बोले: phc में हो गुणवत्तापूर्ण सुधार

Quality assurance व उच्च प्रभाव दृष्टिकोण पर हुई अभिमुखीकरण बैठक

  • चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का समय से मूल्यांकन जरूरी
  • सभी मानकों को पूरा करें, मरीजों को मिले बेहतर सुविधाएं  

Varanasi (dil india live). नगर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रदान की जा रही चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है । इसके लिए समय-समय पर सुविधाओं का असेस्मेंट यानि मूल्यांकन करना भी बेहद जरूरी है । इससे मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं जैसे जनरल क्लीनिक, मातृत्व स्वास्थ्य, नवजात शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सेवाएं, संचारी व गैर संचारी रोगों से बचाव, ओपीडी, ड्रेसिंग, लैब, आउटरीच, टीकाकरण, दवा स्टोर, आपातकालीन सेवाएं, सामान्य प्रशासनिक सेवाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है।  
उक्त चर्चा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में देर शाम तक चली एक दिवसीय क्वालिटी एश्योरेंस अभिमुखीकरण बैठक में की गई। दी चैलेंज इनिशिएटिव फॉर हेल्थी सिटीज-पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि सभी 24 नगरीय पीएचसी कायाकल्प पुरस्कार, नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस (एनक्वास) और लक्ष्य सर्टिफिकेशन के उद्देश्य से सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने और दस्तावेज के रख-रखाव पर पूरा ज़ोर दें । प्रभारी चिकित्साधिकारी जनरल ओपीडी से लेकर प्रसव कक्ष और बायो मेडिकल कचरा प्रबंधन का मूल्यांकन नियमित करते रहें। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए मानकों के अनुरूप पूरा करें। गर्भवती एवं बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं तथा लाभों पर भी विशेष ध्यान दें।
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके मौर्य, क्वालिटी एश्योरेंस के नोडल अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक और जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव ने कायाकल्प, एनक्वास और लक्ष्य सर्टिफिकेशन के सभी मानकों तथा स्वच्छता, संक्रमण बचाव, क्वालिटी एश्योरेंश, डाटा वेलिडेशन आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की । उन्होने कहा कि उच्च प्रभाव दृष्टिकोण (एचआईए) के लिए नगरीय सीएचसी-पीएचसी को निर्धारित चेक लिस्ट के अनुसार सभी मानकों से गुजरना होता है और कम से कम 70% अंक प्राप्त करने होते हैं। इसके बाद राज्य स्तर से गठित टीमों की ओर से पुनः निरीक्षण में 70% अंक मिलने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। सात प्रमुख बिन्दुओं की बात करें तो इंफ्रास्ट्रक्चर, सेनिटेशन-हाइजीन, वेस्ट मैनेजमेंट, इन्फेक्शन कंट्रोल, सपोर्ट सर्विस, हाइजीन प्रमोशन, कार्यक्रमों पर जागरूकता संबंधी विषय महत्वपूर्ण हैं।  
बैठक में डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य, एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद, जिला नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी, पीएसआई इंडिया की ओर से कृति पाठक और अखिलेश एवं अन्य लोग मौजूद रहे ।

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