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सोमवार, 3 मार्च 2025

Ramzan mubarak (2) नबी और उनके घराने वालों का रोज़ा

रमज़ान का रोज़ा, सब्र और उम्मत की देखिए मोहब्बत 

Varanasi (dil India live). हजरत अली के घर में सभी ने रोजा रखा। हजरत फातिमा ने भी रोजा रखा, दो बच्चे है उनके अभी छोटे है पर रोजा रखा हुआ है। मगरिब का वक़्त होने वाला है, इफ्तारी का वक़्त है, सभी मुसल्ला बिछा कर रो-रोकर दुआ मांगते हैं। हजरत फातिमा दुआ खत्म करके घर में गयी और चार (4) रोटी लायी, इससे ज्यादा उनके घर में अनाज नही है। हजरत फातिमा चार रोटी लाती है। पहली रोटी अपने शौहर हज़रत अली के सामने रख दी। दूसरी रोटी अपने बड़े बेटे हसन के सामने। तीसरी रोटी छोटे बेटे हुसैन के सामने रख दी और एक रोटी खुद रख ली। 

मस्जिद-ए-नबवी में अज़ान हो गयी, सभी ने रोजा खोला, सभी ने रोटी खाई। मगर दोस्तो...अल्लाह की कसम वो फातिमा थी जिसने आधी रोटी खाई ओर आधी रोटी को दुपट्टे से बांधना शुरू कर दिया। हजरत अली ने यह देखा और कहा के फातिमा तुझे भूख नहीं लगी, एक ही तो रोटी है उसमे से आधी रोटी दुपट्टे में बांध रही हो? फातिमा ने कहा। जी, हो सकता है मेरे बाबा जान (नबी पाक) को इफ्तारी में कुछ ना मिला हो, वो बेटी कैसे खायगी जिसके बाप ने कुछ खाया नही होगा?

फातिमा दुपट्टे में रोटी बांध कर चल पड़ी है उधर हमारे नबी मगरिब की नमाज़ पढ़ा कर आ रहे हैं हजरत फातिमा दरवाजे पर है देखकर हुजूर कहते हैं ऐ फातिमा तुम दरवाजे पर कैसे, फातिमा ने कहा ए अल्लाह के रसूल अंदर तो चले। हज़रत फातिमा की आंखों में आंसू थे, कहा जब इफ्तार की रोटी खाई तो आपकी याद आ गयी कि शायद आपने खाया नहीं होगा इसलिए आधी रोटी दुपट्टे से बांध कर लाई हूँ।

रोटी देखकर हमारे नबी की आंखों में आंसू आ गए और कहा, ए फातिमा अच्छा किया जो रोटी ले आई वरना चौथी रात भी तेरे बाबा की इसी हालात में निकल जाती। दोनों एक दूसरे को देखकर रोने लगते हैं। अल्लाह के रसूल ने रोटी मांगी, फातिमा ने कहा बाबा जान आज अपने हाथों से रोटी खिलाऊंगी और चौड़े चोड़े टुकड़े किये और हुजूर को खिलाने लगी। रोटी खत्म हो गयी और हजरत फातिमा रोने लगती है। हुजूर पाक ने देखा और कहा के फातिमा अब क्यों रोती हो? कहा अब्बा जान कल क्या होगा? कल कौन खिलाने आयेगा? कल क्या मेरे घर में चुहला जलेगा ? कल क्या आपके घर में चुहला जलेगा? नबी ने अपना प्यारा हाथ फातिमा के सर पर रखा और कहा कि फातिमा तू भी सब्र करले और मैं भी सब्र करता हूँ। हमारे सब्र से अल्लाह उम्मत के गुनाहगारों के गुनाह माफ करेगा।

अल्लाह हो अकबर ये होती है मोहब्बत जो नबी को हमसे थी, उम्मत से थी। ये गुनाहगार उम्मती हम ही है जिनके लिए हमारे नबी भूखे रहे, नबी की बेटी भूखी रही! और आज हम लोग क्या कर रहे हैं, उनके लिए। कल कयामत के दिन मैं ओर आप क्या जवाब देंगे? अब भी वक्त है पूरे रमज़ान रब से दुआएं करें, वो जो दे दे उसमें गुजारा करें और रब का शुक्र अदा करें। 

रविवार, 2 मार्च 2025

मस्जिदों से गूंजी Azan की सदाएं...अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर

अज़ान की सदाएं सुन कर मोमिनीन ने खोला रमजान का पहला Roza

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil india live). रमजान के पहले रोज मस्जिदों से जैसे ही अजान की सदाएं, अल्लाह हो अकबर, अल्लाह हो अकबर... की गूंज सुनाई दी, तमाम रोजेदारों ने खजूर और पानी से इस साल का पहला रोजा खोला। इफ्तार में कई तरह के लजीज पकवान संग शर्बत भी सजाया गया था। रोज़ा इफ्तार, और मस्जिदों में नमाज के साथ ही चारों तरफ नूर ही नूर, हर तरफ खुशी ही खुशी मुस्लिम बहुल इलाकों में देखने को मिली। रमजान की रहमत जहां बरस रही थी वहीं दूसरी ओर इफ्तार के बाद बाजार गुलजार हो गए। पहला रोजा इतवार को पड़ा है, जिसके चलते रोजेदारों को छुट्टी होने से थोड़ा राहत मिली। फजर से लेकर सभी नमाजो में मस्जिदें पहले ही दिन नमाजियों से भरी हुई नज़र आयी। इफ्तार के बाद लोगों ने बाजार का रुख किया। इस दौरान सहरी के लिए खरीदारी करते हुए मोमीनीन बाजारों में दिखाई दिए। 

इस दौरान कई मस्जिदों में नमाज़ के दौरान इमाम साहब आने वाले लोगों को नेकी की दावत देते भी दिखाई दिए। कहां यह महीना नेकियों का महीना है इस महीने की अजमत को समझें और बुराइयों को छोड़कर मोमिनीन ज्यादा से ज्यादा सवाब कमाने में जुट जाएं। उधर ख़्वातीन दोपहर से ही लजीज इफतारी बनाने में जुटी हुई थी। देखते ही देखते कब वक्त इफ्तार का हो गया पता ही नहीं चला और मस्जिदों से अज़ान की सदाएं गूंज उठी रोजेदारों ने पहला रोजा खोला और मुल्क में अमन, मिल्लत और क़ौम की तरक्की के लिए दुआएं मांगी।

मस्जिद लंगड़े हाफिज में रोजा इफ्तार

रमजान उल मुबारक के पहले रोज मस्जिद लंगडे हाफिज नयी सड़क में शाहिद अली खान मुन्ना की अगुवाई में रोजेदारों ने बड़ी अकीदत और एहतेराम के साथ रोज़ा खोला। इस मौके पर हाजी मोहम्मद शाहिद अली मुन्ना ने लंगड़े हाफिज मस्जिद में मग़रिब की अजान दी, फिर क्या था रोज़दारों ने खजूर और शरबत से रोजा खोल कर अल्लाह पाक से दुआ मांगी और मुल्क की तरक्की, कारोबार की बेहतरी के लिये अल्लाह से दुआएं मांगी। रोजेदारों को रोजा इफ्तार कराने में आरिफ चौधरी, मोहम्मद आज़म, गुलाम अहमद, अकबर, कमरूदीन, भोलू, अब्दुल्लाह, मो. फजलुर्रहमान आदि मौजूद थे।

शनिवार, 1 मार्च 2025

Varanasi main Ramzan का रोज़ा रखेंगे तो ये खबर आपके लिए है खास

रमज़ान का पूरे महीने का है ये टाइम टेबल, अभी इसे कर लें सेव

Varanasi (dil India live). माहे रमज़ान का मुक़द्दस महीना आज नमाजे तरावीह के साथ शुरू हो रहा है। अगर आप 
Varanasi main है और Ramzan का रोज़ा रखेंगे, तो ये खबर वास्तव में आपके लिए खास है। न सिर्फ इसे आप पढ़ें बल्कि इसे अपने मोबाइल फोन में सेव कर लें। जी हां इस रमजान कितने बजे आपको सहरी करना है कितने बजे रोज़ा खोलना है इसकी पूरी डिटेल है वो भी पूरे महीने की। है न खास खबर। रमज़ान कार्ड तो आप भूल भी सकते हैं मगर रोज़ा रखना है और इफ्तार व सहरी वक्त पर ही करना है इसलिए सेलफोन में सेव यह खबर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

देखिए पूरे महीने का रमज़ान कार्ड 

1- रोजा इफ्तार 5:59 बजे, सहरी 5:04 बजे
2-रोजा इफ्तार 6.00 बजे, सहरी 5:03 बजे 
3-रोजा इफ्तार-6.00 बजे, सहरी 5:02 बजे
4-रोजा इफ्तार-6:01 बजे, सहरी 5:01 बजे
5-रोजा इफ्तार-6:01 बजे, सहरी 5.00बजे
6-रोजा इफ्तार-6:02 बजे, सहरी 5.00बजे
7-रोजा इफ्तार-6:02 बजे, सहरी 4:49 बजे
8-रोजा इफ्तार-6:03 बजे, सहरी 4:58 बजे
9-रोजा इफ्तार-6:03 बजे, सहरी 4:57 बजे
10-रोजा इफ्तार -6:04 बजे, सहरी 4:55 बजे
11-रोजा इफ्तार-6:04 बजे, सहरी 4:54 बजे
12-रोजा इफ्तार-6:05 बजे, सहरी 4:53 बजे
13-रोजा इफ्तार-6:05 बजे, सहरी 4:52 बजे
14-रोजा इफ्तार-6:06 बजे, सहरी 4:51 बजे
15-रोजा इफ्तार-6:06 बजे, सहरी 4:50 बजे
16-रोजा इफ्तार-6:07 बजे, सहरी 4:49 बजे
17-रोजा इफ्तार-6:07 बजे, सहरी 4:48 बजे
18-रोजा इफ्तार-6:08 बजे, सहरी 4:47 बजे
19-रोजा इफ्तार-6:08 बजे, सहरी 4: 46 बजे
20-रोजा इफ्तार-6:09 बजे, सहरी 4:45 बजे
21-रोजा इफ्तार-6:09 बजे, सहरी 4:44 बजे
22-रोजा इफ्तार-6:10 बजे, सहरी 4:43 बजे
23-रोजा इफ्तार-6:10 बजे, सहरी 4:42 बजे
24-रोजा इफ्तार-6:10 बजे, सहरी 4:41 बजे
25-रोजा इफ्तार-6:11 बजे, सहरी 4:40 बजे
26-रोजा इफ्तार-6:11 बजे, सहरी 4:39 बजे
27-रोजा इफ्तार-6:12 बजे, सहरी 4:37 बजे
28-रोजा इफ्तार-6:12 बजे, सहरी 4:36 बजे
29-रोजा इफ्तार-6:13 बजे, सहरी 4:35 बजे
30-रोजा इफ्तार-6:13 बजे, सहरी 4:34 बजे।

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

shab-e-barat news 2025: लो शुरू हो गई इबादत की रात

रब को राज़ी करने के लिए इबादतगाहों में जुटा हुजूम 

रोशनी से जगमगा उठें मुस्लिम इलाके


 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil india live). रब को राज़ी करने के लिए देश दुनिया में शबे बरात पर लोगों का हुजूम इबादतगाहों में उमड़ा नज़र आया। इस दौरान मुस्लिम बहुल इलाके रोशनी से जगमगा उठें। मगरिब कि नमाज़ के बाद से ही लोग इबादत में जुटे नज़र आएं। अपने शहर बनारस में शबे बरात पर रौशनी के बीच इबादतगाह और कब्रिस्तान जहां जायरीन से गुलजार हो उठें वहीं लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने व दुआएं मगफिरत के लिए बुजुर्गों के दर पर उमड़ा हुआ है। यह सिलसिला पूरी रात चलेगा। चले भी क्यों नहीं इबादत कि शब जो आ गई है। 


इस मौके पर कोई बुजुर्गो के दर पर फातेहा पढ़ता नज़र आ रहा है तो कोई नफिल नमाज की कसरत करता। यह नज़ारा दालमंडी, नयी सड़क, फाटक शेख़ सलीम, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, ककरमत्ता, मंडुवाडीह, लोहता, कोयला बाजार, चौहट्टा लाल खां, जलालीपुरा, सरैया, नक्खीघाट, बड़ी बाजार, हुकुलगंज, मकबूल आलम रोड, नूरी कालोनी, अर्दली बाजार, नदेसर, लल्लापुरा, पितरकुंडा सहित अन्य मुस्लिम इलाकों में आम था।

दरअसल इस्लाम में शब-ए-बरात की खास अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर के आठवां महीना शाबान का महीना है। इस महीने की 14 तारीख का दिन गुजार कर जो शब आती है उस 15 वीं शब की रात में शब-ए-बरात मनाया जाता है। आज रात गुरुवार को देश भर में शबे बरात मनाई जा रही है। शब-ए-बरात इबादत, फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी गई है। इसीलिए तमाम मुस्लिम रात भर इबादत कर रहे हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं।

गुरुवार की शाम को मगरिब की अजान होने के साथ शब-ए-बरात मनाना शुरू हो गया यह सिलसिला शुक्रवार को फजर की नमाज तक चलेगा। इस दौरान काफी लोग शाबान का नफिल रोजा भी रखते हैं। जो लोग रोज़ा रहेंगे वो जुमे को अल सहर सहरी करके रोज़ा रहेंगे। शाबान का दो रोज़ा नफिल काफी लोग रहते हैं। समाचार लिखे जाने तक इबादत अपने शबाब पर थी। मजारों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों के आसपास मेले जैसा माहौल था। वहां लगी अस्थाई दुकानों से इबादतगुजार और तमाम लोग खरीदारी करते हुए दिखाई दिए।

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

Shab-e-Barat से रुहानी साल का होता है आगाज़

ये है इबादत और मगफिरत की रात, जो चाहिए मांग लो रब से 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). शब-ए-बरात मुस्लिमों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। शाबान नबी का महीना है और इसके बाद आने वाला रमजान रब का महीना है। मौलाना साकीबुल कादरी कहते हैं कि शाबान की 14 तारीख का दिन बीतने के बाद जो रात आती है वो शबे बरात की अज़ीम रात कहलाती है। इस शब को मग़फित की रात कहा जाता है। इस रात इबादत करने वालों की गुनाह रब माफ़ कर देता है। हिजरी कैलेंडर के अनुसार, हर साल शाबान महीने की 15 वीं तारीख को शब ए- बरात मनाया जाता है। मौलाना हसीन अहमद हबीबी कहते हैं कि शबे बरात से रुहानी साल का आगाज़ होता है। नामे आमाल लिखे जाते हैं कि पूरे साल किसके साथ क्या होगा। कौन दुनिया में रहेगा, किसकी मौत आएगी वगैरह। यह महीना बहुत ही अज़ीम महीना है।

शब-ए-बरात दो शब्दों से मिलकर बना है रात और बरात यानी बरी होने की रात या गुनाहों से माफी की रात। मुसलमान इस खास रात को नमाज अदा करने के साथ अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं। इसके साथ ही पूर्वजों की कब्रों पर जाकर अपने बुजुर्गों के मगफिरत की दुआ करते हैं। बता दें कि इसे एशिया में शबे बरात, रबी में लैलातुल बारात, इंडोनेशिया और मलेशिया में निस्फ़ स्याबान जैसे नामों से भी जाना जाता है। 

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, शब-ए -बरात शाबान महीने की 14 और 15 वीं तारीख के बीच की रात को मनाया जाता है। ये रात 14 का दिन बीतने के साथ मगरिब की अज़ान के साथ शुरू होती है और 15 शाबान को फजर की अज़ान के साथ समाप्त हो जाती है। इस साल शब-ए-बरात 13 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

शब-ए-बरात मगफिरत की रात

इस्लाम धर्म में शब-ए-बरात काफी खास मानी जाती है, क्योंकि ये उन रातों में से एक मानी जाती है जब अल्लाह अपने बंदों की हर नेक और जायज़ दुआएं कुबुल करता हैं और उन्हें माफ़ी देता हैं। बता दें कि शब-ए-बारात के अलावा शुक्रवार की रात, ईद-उल-फितर से पहले की रात, ईद-उल-अजहा से पहले की रात,  रज्जब की रात और  शब-ए-कद्र की रात की दुआएं रब कुबुल करता हैं।

कैसे मनाते हैं शब-ए-बरात

मुस्लिम इस दिन रात के समय नफिल नमाज अदा करने के साथ कुरान पढ़ते हैं। इसके साथ ही अल्लाह से अपनी गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं। इसके साथ ही शब-ए-बरात परदो नफिल रोज़ा रखा जाता है। इसके अलावा इस रात को लोग कब्रिस्तान जाते हैं और इंतकाल फरमा चुके अपने अजीजों और बुजुर्गो की कब्र पर मगफिरत की दुआएं मांगते हैं।

कांग्रेस ने सफाई की उठाया मांग 

कांग्रेस ने शब-ए बरात और रमज़ान के पूर्व समुचे मुस्लिम बहुल इलाकों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान प्रदेश सचिव फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने जारी संयुक्त प्रेस रिलीज में कहा कि शब- ए बरात, रमज़ान के पूर्व समूचे नगर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि मुस्लिम समाज का धार्मिक त्योहार शब-ए-बरात 13 फरवरी को है जबकि 28 फरवरी से मुक़द्दस महीना माहे रमज़ान शुरू हो रहा है उसके पहले समूचे नगर के प्रत्येक वार्डों में सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जाए। धार्मिक स्थलों कब्रिस्तान, इमामबारगाह, मजारों, मस्जिदों के साथ-साथ प्रत्येक इलाकों में प्रतिदिन झाड़ू सफाई चुने का छिड़काव, वैक्सीन का छिड़काव कराया जाए। प्रत्येक धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द के साथ-साथ समूचे नगर में खराब पड़े स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के साथ-साथ विद्युत और पेयजल की समुचित व्यवस्था कराई जाए खराब पड़े हैंड पंपों की मरम्मत कराई जाए। आये दिन सीवर ओवर फ्लो समस्या समान्य है, लचर सीवर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

इनरव्हील सृष्टि के सदस्यों ने महिला पुलिसकर्मियों को बेहतर कार्य के लिए किया समम

महिला दिवस पर जुटी महिलाएं, हुए अनेक आयोजन  मोहम्मद रिजवान  Varanasi (dil India live). आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इनरव्हील क्लब...