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गुरुवार, 12 मई 2022

13 may को दुनिया को अलविदा कह गए थे बाबा

ऐसे थे निरंकारी मिशन के बाबा हरदेव सिंह

नफरत त्याग कर, विश्व में प्रेम और भाईचारा चाहते थे बाबा



Aman 

Varanasi (dil India live)।नफरत त्याग कर, विश्व में प्रेम और भाईचारा हो, लोग एक दूसरे से प्यार करें, अहिंसा का अंत हो। यह मिशन था संत निरंकारी मिशन प्रमुख बाबा हरदेव सिंह महाराज का। वो निरंकारी मिशन के चौथे प्रमुख थे। इनका जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में पिता गुरबचन सिंह (बाबा जी) व माता कुलवंत कौर (राज माता) के यहां हुआ। इनका विवाह सविंदर कौर (सतगुरु माता) के साथ हुआ। बचपन से ही ये माता-पिता के साथ देश-विदेश की आध्यात्मिक यात्राएं किया करते थे।

24 अप्रैल, 1980 को बाबा गुरबचन सिंह के बलिदान के बाद इन्होंने मिशन की बागडोर संभाली और अपने पहले प्रवचनों में ही संगतों को नफरत त्याग कर, विश्व में प्रेम और भाईचारे की भावना को फैलाने के लिए यत्न करने को कहा। युवाओं को अच्छे कार्यों के प्रति प्रेरित करने के लिए इन्होंने रक्तदान शिविरों की शुरूआत की और नारा दिया ‘खून नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए।’ 24 अप्रैल 1986 से लगातार हर वर्ष देश-विदेश में रक्तदान शिविर लगने लगे जो आज भी जारी हैं और निरंकारी मिशन के नाम पर रक्तदान का वल्र्ड रिकार्ड बना। इन्होंने जात-पात, नशों के सेवन और दाज दहेज के नाम पर समाज में व्याप्त बुराइयों को अपने उपदेशों द्वारा मानव जीवन से निकालने का भरपूर प्रयास किया।

इन्होंने 36 वर्ष तक मिशन का नेतृत्व किया और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को खत्म करने के लिए अपने अनुयाइयों को वृक्षारोपण करने का आदेश दिया। इनके जन्म दिवस पर इनके अनुयायी सड़कों, सरकारी अस्पतालों, स्कूलों, रेलवे स्टेशनों आदि पर बड़े स्तर पर सफाई करते तथा वृक्ष भी लगाते हैं। इसके साथ ही मिशन द्वारा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के आने पर राहत कार्य भी किए जाते हैं। इन्होंने अपना सारा जीवन मानवता की भलाई में काम करते हुए विश्व में अमन, चैन, शांति व भाइचारे की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया।

13 मई को दुर्घटना में हुआ था निधन

13 मई 2016 की सुबह बाबा हरदेव सिंह महाराज पंचतत्व शरीर को छोड़ कर बिछोड़ा दे गए। उनका निधन एक दुर्घटना में हुआ था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 13 मई को विश्व भर में मिशन के श्रद्धालुओं द्वारा समर्पण दिवस के तौर पर मना कर उनकी सराहनीय देन को याद किया जाएगा।

मानव सेवा ही मिशन

बाबा के देवलोग गमन के बाद सतगुरु माता सुदीक्षा मानवता की सेवा में जुटी हैं। समूचे विश्व में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाऊन जब लगा था, उस कठिन समय में माता सुदीक्षा के आदेश पर निरंकारी मिशन के सभी भक्त पूरे भारत में जरूरतमंदों की मदद को आगे आए थे।


माता सुदीक्षा ने पंजाब के निरंकारी भवनों को शेल्टर होम्स के रूप में उपयोग करने की पेशकश की थी। इसके अलावा पूरे विश्व में निरंकारी मिशन के स्वयं सेवकों द्वारा लॉकडाऊन के दौरान प्रशासन के दिशनिर्देशों के तहत जरूरतमंदों को राशन, लंगर, मास्क, सैनीटाइजर, दस्ताने, पी.पी. ई किट्स व हैड शील्ड किट्स आदि दान किया गया था।

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