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रविवार, 18 दिसंबर 2022

Urdu inqlab ya bagawat की नहीं मुहब्बत की ज़बान

Urdu journalism के दो सौ साल, हुई संगोष्ठी 

हिन्दुस्तानी जुबां है Urdu, किसी एक धर्म से जोड़ना गलत



Varanasi (dil india live). उर्दू पत्रकारिता ही बेहतर हिन्दुस्तान के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभा सकती है। उर्दू हिन्दुस्तानी जुबान है इसे किसी एक धर्म से जोड़ना गलत है। उर्दू पत्रकारिता के दो सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज पराड़कर स्मृति भवन मैदागिन में राइज एंड एक्ट के तहत सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस के तत्वावधान में "उर्दू पत्रकारिता कल और आज" विषय पर आयोजित सेमिनार में ये बातें प्रोफेसर दीपक मलिक ने कहीं। 

      उन्होंने कहा कि उर्दू पत्रकारिता आज के दौर में अहम भूमिका निभा सकती है। उसकी वजह ये है कि उस पर किसी तरह का दबाव नहीं है। उन्होंने कहा कि उर्दू -हिन्दी के भेद से ही समाज टूट रहा है। आजादी से पहले उर्दू सबकी जुबान थी। देश के बंटवारे ने उसे एक खास धर्म की भाषा ज्ञान लिया गया जबकि पाकिस्तान की भाषा उर्दू नहीं है। बीएचयू के प्रोफेसर आर के मंडल ने कहा कि पत्रकारिता भाषा की बंदिशों से स्वतंत्र है।पत्रकारिता की बुनियाद सच्चाई पर है न कि भाषा पर है, इसलिए उर्दू पत्रकारिता को मुसलमानों के साथ जोड़ना सही नहीं है।

 बीएचयू के डॉ अफ़ज़ल मिस्बाही ने कहा कि उर्दू साम्प्रदायिकता की नहीं बल्कि इन्किलाब और मोहब्बत की ज़बान है। वरिष्ठ पत्रकार विश्वनाथ गोकरण ने कहा कि उर्दू जनता को जोड़ने वाली और रेशमी एहसास दिलाने वाली ज़बान है। डॉ क़ासिम अंसारी ने कहा कि आज की उर्दू पत्रकारिता में समय के साथ उर्दू के मुश्किल शब्दों के इस्तेमाल को आसान शब्दों में बदलने की ज़रूरत है। वरिष्ठ पत्रकार उज्जवल भट्टाचार्य ने कहा कि हमें इस बात पर गौर करना चाहिए कि वह कौन से कारण हैं जिससे आजादी के दौरान जो उर्दू अखबार मुख्यधारा के हुआ करते थे आज वह संकट में हैं।

वरिष्ठ पत्रकार केडीएन राय ने कहा कि उर्दू न इंकलाब की भाषा न ही बगावत की, ये मुहब्बत की भाषा है। 

संगोष्ठी का संचालन डॉ.मोहम्मद आरिफ और धन्यवाद तनवीर अहमद  एडवोकेट ने किया। संगोष्ठी में सैयद फरमान हैदर, डॉ रियाज अहमद, आगा नेहाल, कुंवर सुरेश सिंह, रणजीत कुमार, हिदायत आज़मी, डॉ सत्यनारायण वर्मा, डॉ अरुण कुमार, धर्मेंद्र गुप्त साहिल, अज़फर बनारसी, अर्शिया खान, मैत्री भवन के निदेशक, ईसाई धर्म गुरु फादर फिलिप डेनिस,  कलाम अंसारी, आगा निहाल, जितेंद्र कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त किये।

शनिवार, 3 सितंबर 2022

Rajiv ojha को पंडित कमलापति त्रिपाठी पत्रकारिता अवार्ड

उग्र की धरती का काशी में सम्मान: राजीव ओझा 


Ap tiwari 
Mirzapur (dil india live)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संपादक एवं दिग्गज राजनेता पंडित कमलापति त्रिपाठी और पांडेय बेचन शर्मा उग्र के घनिष्ठ संबन्ध उनकी  117वीं जयंती के अवसर पर जीवंत हो उठे। पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउण्डेशन ने संकट मोचन महंत ,काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विश्वंभर नाथ मिश्र के मुख्य आतिथ्य एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर राममोहन पाठक की अध्यक्षता में आयोजित भव्य समारोह में  पांडेय बेचन शर्मा उग्र की धरती चुनार का सम्मान करते हुए वरिष्ठ पत्रकार हिन्दी दैनिक देश पथ के सलाहकार संपादक राजीव कुमार ओझा को पंडित कमलापति त्रिपाठी पत्रकारिता एवार्ड देकर किया है। श्री ओझा को मुख्य अतिथि प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्र,, समारोह के अध्यक्ष पूर्व कुलपति प्रोफेसर राम मोहन पाठक,एवं कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के चेयरमैन  श्री राजेश पति त्रिपाठी ने  शाल, स्मृति चिन्ह एवं 25000रूपए का चेक देकर उनकी मूल्य आधारित पत्रकारिता का सम्मान किया।

श्री ओझा 1980से पत्रकारिता एवं सामाजिक गतिविधियों में अग्रगण्य भूमिका का निर्वाह करते आए हैं।धार से विपरीत जन सरोकारी पत्रकारिता के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाले श्री ओझा को इसके पहले भी महात्मा गांधी पत्रकारिता एवार्ड, जर्नलिस्ट आफ पैशन एवार्ड, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक पत्रकारिता एवार्ड सहित कई एवार्ड मिल चुके हैं।

श्री ओझा ने पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउण्डेशन के चेयरमैन राजेश पति त्रिपाठी का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि यह मेरा सम्मान नहीं है यह  पुरोधा पत्रकार पांडेय बेचन शर्मा उग्र की दिखाई राह पर चलते हुए जन सरोकारी पत्रकारिता करने  का सम्मान है,उग्र की धरती चुनार का सम्मान है।

सोमवार, 2 मई 2022

पत्रकारों के लिए देखिए मंत्री जी क्या बोले

सरकार पत्रकारों के हित में योजनाओं पर कर रही विचार


Varanasi (dil India live ) यूपी में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही हैं, साथ ही पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा कार्ड भी प्रदेश सरकार उपलब्ध करवाने की पूरी कोशिश करेगी। उक्त बातें आज यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन वाराणसी इकाई उपजा द्वारा आयोजित पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए दयाशंकर मिश्रा (दयालु) आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर प्रदेश सरकार ने कही। उन्होंने कहा वर्तमान परिवेश में एक पत्रकार कई तरीके की  कठिनाइयों से रूबरू होता है। ऐसे में जब तक एक पत्रकार अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस करेगा और उसे समुचित सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो वह कैसे निष्पक्ष और निडर होकर पत्रकारिता कर पाएगा।  प्रदेश की वर्तमान सरकार पत्रकारों के हित में कई योजनाओं पर विचार कर रही है, इसे बहुत जल्दी ही लागू किया जाएगा। मंचासीन एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर शिवनाथ यादव स्वतंत्र निदेशक (भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड) भारत सरकार ने पत्रकारों के सामने आ रही कठिनाइयों और परेशानियों पर विस्तार से चर्चा किया और आश्वंतित किया कि जो भी उनके द्वारा पत्रकारों के हित में कार्य हो सकेगा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अच्छी तरीके से समझता हूं, वर्तमान परिवेश में एक पत्रकार किन पर कठिनाइयों में पत्रकारिता कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं मंचासीन पूर्व एमएलसी चेत नारायण सिंह शिक्षाविद माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पूर्व और वर्तमान में पत्रकारों की दशा एवं उससे संबंधित कई पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। मंचासीन प्रदेश महामंत्री राधेश्याम कण  ने पत्रकारों के सामने आ रही कई प्रकार की परेशानियों को वर्तमान सरकार से गंभीरता से लेने के लिए मांग की और कहा कि उपजा संगठन पूरे प्रदेश में पत्रकारों के हित के लिए हर तरह की लड़ाई लड़ रहा है, और हमेशा ही आगे भी जब तक एक पत्रकार को पूरी तरीके से उचित न्याय ना मिल जाए लड़ता रहेगा। जिला अध्यक्ष विनोद बागी ने कार्यक्रम में आए हुए लोगों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। आज मौके पर मुख्य रूप से विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए सम्मानित लोगों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लगभग 14 जिलों से आए हुए उपजा के पत्रकार बंधुओं का वाराणसी पहुंचने पर वाराणसी इकाई की तरफ से जबरदस्त स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष अजीत नारायण सिंह, महामंत्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल, जिला संगठन मंत्री उत्पल मुखर्जी, मनोकामना सिंह,आरुणी चन्द्र सिन्हा, वरिष्ठ सदस्य रामदयाल जी, रुद्रा नंद तिवारी , विनोद विश्वकर्मा, वरिष्ठ महिला कार्यकर्ता प्रज्ञा मिश्रा,ललित तिवारी, अरविंद कुमार वर्मा, अरविंद श्रीवास्तव,आशुतोष, कृष्णा सिंह,सहित सैकड़ों की संख्या में पत्रकार बंधु, समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार आलोक श्रीवास्तव ने भी उपस्थित पत्रकारों को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने किया।

शुक्रवार, 14 जनवरी 2022

अलविदा कमाल रवान, पत्रकारिता तुम्हें सदा याद रखेगी

संजीदा मिजाज़ और अनोखे अंदाज के धनी थे कमाल


वाराणसी 14 जनवरी (dil india live)। एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार, हम सबके अज़ीज कमाल खान ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से बनारस के पत्रकारो में भी खासा दुख है। काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुभाष सिंह ने कहा कि एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान के आकस्मिक निधन से हम सभी लोग मर्माहत है। काशी पत्रकार संघ की ओर से उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। महामंत्री अत्री भारद्वाज ने कहा कि अनोखे अंदाज के धनी कमाल खान की आवाज़ भी कमाल की थी। इनमें पत्रकारिता का पैशन था, साथ ही साहित्यिक अभिरुचि भी थी। बोलने के अलग अंदाज से टीवी का व्याकरण भी बदला।इनका निधन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए बड़ी क्षति है। लखनऊ में हुए आई एफ डब्ल्यू जे के अधिवेशन में इनसे मुलाकात हुई थी, जो अभी भी याद है।

61 साल के थे खान, हार्ट अटैक से मौत


लखनऊ में NDTV के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। लखनऊ की बटलर पैलेस कॉलोनी में रहने वाले खान लंबे समय से टीवी पत्रकारिता में थे। उन्होंने देर रात तक रिपोर्टिंग की। सुबह अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और थोड़ी देर बाद उनकी मौत हो गई। बताया गया है कि हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ।

61 साल के कमाल बीते 3 दशकों से पत्रकारिता में थे। 22 साल से वे NDTV से जुड़े थे। उनकी पत्नी रुचि भी लखनऊ में एक न्यूज चैनल ब्यूरो हेड हैं। साथी पत्रकारों ने बताया कि गुरुवार शाम के 7 बजे और रात 9 बजे के प्राइम टाइम में उनकी खबरें चली थीं। प्राइम टाइम शो को होस्ट कर रहीं नगमा ने बताया कि कांग्रेस के 150 उम्मीदवारों की सूची पर कमाल खान ने बात की थी। खान ने कहा था कि प्रियंका का यह फैसला लंबे समय तक असर डालेगा। नगमा ने बताया कि रात में जब वे कमाल से शो पर बात कर रही थीं, तो उनकी सेहत बिल्कुल ठीक लग रही थी। वे अपनी सेहत को लेकर काफी सतर्क रहते थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि चंद घंटे बाद अब उनकी आवाज सदा के लिए गुम हो गई। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि कमाल उनके बीच नहीं रहे।

प्रियंका, योगी और अखिलेश ने जताया दुख

कमाल की निधन की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव व अन्य नेताओं ने भी दुख जाहिर किया है। CM योगी ने कहा कि यह पत्रकारिता की अपूरणीय क्षति है। कमाल चौथे स्तंभ और निष्पक्ष पत्रकारिता के एक मजबूत प्रहरी थे। परवर दिगार उनकी आत्मा को शांति दे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कमाल खान के निधन पर संवेदनाएं प्रकट की है। उन्होंने लिखा है कि कुछ दिन पहले उनकी कमाल से मुलाकात हुई थी।

शनिवार, 1 जनवरी 2022

अंग्रेजों के बंगले में रणभेरी फेंकने वाले नहीं रहे

105 वर्षीय पत्रकार शम्भू नाथ भट अब नहीं रहे

Ghazipur 01 जनवरी (dil india live)। गाजीपुर जनपद के 105 वर्षीय पत्रकार शम्भू नाथ भट कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, आज वो दुनिया को अलविदा कह गए। 

नये वर्ष 2022 का पहला ही दिन शनिवार उनके व परिवार वालो के साथ ही गाजीपुर की पत्रकारिता के लिए भी तब अशुभ साबित हुआ, जब 01 जनवरी को उनके पैत्रिक निवास ताजपुर डेहमा में 11 बजे दिन में उन्होंने अंतिम सांस ली। पता कि स्व. भट्ट पराड़कर परम्परा के अंतिम पत्रकार थे। बताया जाता है कि 35 वर्षो तक उन्होंने रेलवे की सेवा की। सेवा के दौरान ही गुलाम भारत के समय वाराणसी के वरिष्ठ पत्रकार  बाबू विष्णु राव पराड़कर जी के संपर्क में आये और परड़कर जी द्वारा अग्रेजो के खिलाफ साइक्लोस्टाइल समाचार पत्र रणभेरी को रात्रि में अंग्रेज अधिकारियो के बगलों पर स्व. भट्ट फेंका करते थे। यही नही रेलवे निवृत होने के बाद दैनिक जागरण में समाचार लिखते रहे। विगत 10 वर्षो से राष्ट्रीय सहारा के  ताजपुर डेहमा में पत्रकार रहे और जिला पत्रकार समिति के सरक्षक थ। जीवन भर स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर सरकारी कर्मी एवं पत्रकरिता के क्षेत्र में काम करते हुए आज संसार को छोड़ के चले गये। इनके दो पुत्रो एवं पौत्रों से भरा पूरा परिवार है इनके निधन की सुचना मिलते ही जिला पत्रकार समिति की एक आवश्यक बैठक जिला कार्यलय तुलसी सागर लंका में अध्यक्ष सूर्य कुमार सिंह की अध्यक्षता में  हुई जिसमें भट जी के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए शोक सभा की गई। इस मौके पर महामंत्री डॉ विजय नारायण तिवारी अच्छन मिया, ब्रिजेश राय अनिल राय और ओमप्रकाश जायसवाल, ब्रहमानंद पाण्डेय, के के राय के अलवा दर्जनों पत्रकारों ने शोक जताया।  

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...