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बुधवार, 12 फ़रवरी 2025

जानिए हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने शाबान के लिए क्या कहा था रब से

शब-ए-बरात पर कल होगी बेहिसाब इबादत तैयारियों में जुटे मोमिनीन 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). शब-ए-बरात गुरुवार को मनाई जाएगी। शाबान की 15 वीं रात को इबादत करने की बहुत अहमियत है इसके चलते इस रात के इस्तकबाल की तैयारियां तेज हो गई हैं। मस्जिदों और घरों को सजाया जा रहा है। ऐसी इस्लामिक मान्यता है कि शाबान की 14 तारीख को दिन गुजार कर जो रात आती है उस रात घरों में दुनिया से रब के पास जा चुके लोगों की रुह (आत्मा) लौटती है। इसलिए घरों, मुहल्लों, मस्जिदों व कब्रिस्तान में साफ-सफाई के साथ ही रौशनी की व्यवस्था की जाती है। घरों में शब-ए- बरात पर हलुआ तैयार किया जाता है जिसकी मगरिब की अज़ान के बाद फातेहा करायी जाती है। 

आज सुबह से ही हलुवे के लिए जगह-जगह दाल, सूजी और मेवा आदि की खरीदारी शुरू हो गई। कोयला बाजार, चौहट्टा लाल खां, जलालीपुरा, सरैया, नक्खीघाट, बड़ी बाजार, हुकुलगंज, मकबूल आलम रोड, नूरी कालोनी, अर्दली बाजार, नदेसर, लल्लापुरा, पितरकुंडा, दालमंडी, नयी सड़क, फाटक शेख़ सलीम, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, ककरमत्ता, मंडुवाडीह, लोहता सहित अन्य मुस्लिम इलाके में लोग तैयारी में जुटे हुए हैं। मस्जिदों में रात की इबादत की तैयारियां की जा रही है। 


माहे शाबान की 15 वीं रात की फजीलत 

दरगाह हज़रत शाह तैय्यब बनारसी के मौलाना इरशाद रब्बानी बताते हैं कि शाबान महीने और इस महीने कि 15 वीं रात के क्या कहने। रमजान अगर अल्लाह का महीना है तो शाबान मोहम्मद रसूल अल्लाह का महीना है। शाबान की 15 वीं शब बंदों के आमाल अल्लाह रब्बुल इज्जत की बारगाह में पेश किए जाते हैं। कौन दुनिया से रुखसत होने वाला है? किसकी जिंदगी में क्या होगा? वगैरह इसी रात लिखे जाते हैं। मुगलिया मस्जिद बादशाह बाग के इमामे जुमा मौलाना हसीन अहमद हबीबी कहते हैं कि यूं तो हिजरी कैलेंडर का शाबान आठवां महीना है मगर रुहानी साल का आगाज़ इसी रात से होता है। इस रात की इबादत का यह सिला है कि हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने रब से कहा कि मुझे या रब तू हुजूर मोहम्मद मुस्तफा (स.) की उम्मत में पैदा फ़रमा ताकि मैं इस रात इबादत कर सकूं। अल्लाह हो अकबर। इस रात की फजिलत इतनी और हम इसे बेहुदा कामों में जाया कर देते हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया कि इस रात  खूब इबादत करें।

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

Shab-e-Barat से रुहानी साल का होता है आगाज़

ये है इबादत और मगफिरत की रात, जो चाहिए मांग लो रब से 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). शब-ए-बरात मुस्लिमों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। शाबान नबी का महीना है और इसके बाद आने वाला रमजान रब का महीना है। मौलाना साकीबुल कादरी कहते हैं कि शाबान की 14 तारीख का दिन बीतने के बाद जो रात आती है वो शबे बरात की अज़ीम रात कहलाती है। इस शब को मग़फित की रात कहा जाता है। इस रात इबादत करने वालों की गुनाह रब माफ़ कर देता है। हिजरी कैलेंडर के अनुसार, हर साल शाबान महीने की 15 वीं तारीख को शब ए- बरात मनाया जाता है। मौलाना हसीन अहमद हबीबी कहते हैं कि शबे बरात से रुहानी साल का आगाज़ होता है। नामे आमाल लिखे जाते हैं कि पूरे साल किसके साथ क्या होगा। कौन दुनिया में रहेगा, किसकी मौत आएगी वगैरह। यह महीना बहुत ही अज़ीम महीना है।

शब-ए-बरात दो शब्दों से मिलकर बना है रात और बरात यानी बरी होने की रात या गुनाहों से माफी की रात। मुसलमान इस खास रात को नमाज अदा करने के साथ अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं। इसके साथ ही पूर्वजों की कब्रों पर जाकर अपने बुजुर्गों के मगफिरत की दुआ करते हैं। बता दें कि इसे एशिया में शबे बरात, रबी में लैलातुल बारात, इंडोनेशिया और मलेशिया में निस्फ़ स्याबान जैसे नामों से भी जाना जाता है। 

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, शब-ए -बरात शाबान महीने की 14 और 15 वीं तारीख के बीच की रात को मनाया जाता है। ये रात 14 का दिन बीतने के साथ मगरिब की अज़ान के साथ शुरू होती है और 15 शाबान को फजर की अज़ान के साथ समाप्त हो जाती है। इस साल शब-ए-बरात 13 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

शब-ए-बरात मगफिरत की रात

इस्लाम धर्म में शब-ए-बरात काफी खास मानी जाती है, क्योंकि ये उन रातों में से एक मानी जाती है जब अल्लाह अपने बंदों की हर नेक और जायज़ दुआएं कुबुल करता हैं और उन्हें माफ़ी देता हैं। बता दें कि शब-ए-बारात के अलावा शुक्रवार की रात, ईद-उल-फितर से पहले की रात, ईद-उल-अजहा से पहले की रात,  रज्जब की रात और  शब-ए-कद्र की रात की दुआएं रब कुबुल करता हैं।

कैसे मनाते हैं शब-ए-बरात

मुस्लिम इस दिन रात के समय नफिल नमाज अदा करने के साथ कुरान पढ़ते हैं। इसके साथ ही अल्लाह से अपनी गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं। इसके साथ ही शब-ए-बरात परदो नफिल रोज़ा रखा जाता है। इसके अलावा इस रात को लोग कब्रिस्तान जाते हैं और इंतकाल फरमा चुके अपने अजीजों और बुजुर्गो की कब्र पर मगफिरत की दुआएं मांगते हैं।

कांग्रेस ने सफाई की उठाया मांग 

कांग्रेस ने शब-ए बरात और रमज़ान के पूर्व समुचे मुस्लिम बहुल इलाकों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान प्रदेश सचिव फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने जारी संयुक्त प्रेस रिलीज में कहा कि शब- ए बरात, रमज़ान के पूर्व समूचे नगर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि मुस्लिम समाज का धार्मिक त्योहार शब-ए-बरात 13 फरवरी को है जबकि 28 फरवरी से मुक़द्दस महीना माहे रमज़ान शुरू हो रहा है उसके पहले समूचे नगर के प्रत्येक वार्डों में सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जाए। धार्मिक स्थलों कब्रिस्तान, इमामबारगाह, मजारों, मस्जिदों के साथ-साथ प्रत्येक इलाकों में प्रतिदिन झाड़ू सफाई चुने का छिड़काव, वैक्सीन का छिड़काव कराया जाए। प्रत्येक धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द के साथ-साथ समूचे नगर में खराब पड़े स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के साथ-साथ विद्युत और पेयजल की समुचित व्यवस्था कराई जाए खराब पड़े हैंड पंपों की मरम्मत कराई जाए। आये दिन सीवर ओवर फ्लो समस्या समान्य है, लचर सीवर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

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