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बुधवार, 28 दिसंबर 2022

TB free india अभियान से जुड़ीं NGO की महिलाएं

Ngo ने तैयार की पोषण पोटली

स्वास्थ्य विभाग ने क्रय कर क्षय रोगियों को पोटली की प्रदान 


Varanasi (dil india live). प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जनपद में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रहीं हैं | इसी क्रम में बुधवार को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यरत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) महिलाएं भी इस अभियान से जुड़ गयीं । काशी विद्यापीठ ब्लॉक के समूह की पाँच महिलाओं ने पोषण पोटली तैयार की और स्वास्थ्य विभाग ने सभी 22 पोषण पोटली को खरीद कर क्षय रोगियों को प्रदान की । यह पोटली में भुनी मूँगफली, भुना चना, चने की दाल, गुड़, न्यूट्रीला और लाई से परिपूर्ण है ।    

दुर्गाकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने पाँच क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की । उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से पोषण पोटली खरीदने का निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश की तरफ से मिला है, जिसकी पहल बुधवार से की गई । इस दौरान सीएमओ ने क्षय रोगियों से उपचार और निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर माह मिलने वाले 500 रुपये के बारे में जानकारी ली । क्षय रोगियों ने कहा कि हम नियमित दवा सेवन कर रहे हैं । निक्षय पोषण की राशि का भी इस्तेमाल पोषक तत्वों पर कर रहे हैं । सीएमओ ने उन्हें सम्पूर्ण उपचार और जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रेरित किया । उन्होने बताया कि पोषण पोटली से टीबी मरीजों को प्रोटीन व अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व मिलेंगे जो कि उपचार में उनकी मदद करेंगे । इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय मौजूद रहे । पिछले माह सीएमओ ने निक्षय मित्र के रूप में पाँच क्षय रोगियों को गोद लिया था । इसकेसाथ ही उन्हें पोषण पोटली भी प्रदान की गई थी ।

इसी कड़ी में जिले के अन्य चिकित्सा इकाईयों पर भी गोद लिए गए क्षय रोगियों को पोषण पोटली वितरित की गई । भेलूपुर स्थित स्वामी विवेकानंद मेमोरियल राजकीय चिकित्सालय में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अमित सिंह ने निक्षय मित्र के रूप में पाँच टीबी रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की । दुर्गाकुंड सीएचसी पर ही अधीक्षक डॉ सारिका राय ने गोद लिए दो टीबी रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की । चौकाघाट सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनमोहन शंकर सहित अन्य चिकित्सकों ने गोद लिए आठ क्षय रोगियों को पोषण पोटली वितरित की । वहीं नगरीय पीएचसी अर्दली बाजार की प्रभारी डॉ संगीता मौर्या ने दो टीबी मरीजों को पोषण पोटली प्रदान की । इसके अतिरिक्त हरहुआ और पिंडरा पीएचसी पर भी गोद लिए गए क्षय रोगियों को चिकित्साधिकारियों ने पोषण पोटली वितरित की ।

रविवार, 5 जून 2022

पर्यावरण संरक्षण को जीवन पद्धति और दिनचर्या से जोड़ने की जरुरत - पोस्टमास्टर जनरल

डाक विभाग ने मनाया 'विश्व पर्यावरण दिवस'

पोस्टमास्टर जनरल केके यादव ने डाककर्मियों से की पौधा लगाने की अपील


Varanasi (dil India live). पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण बेहद जरुरी है। पेड़-पौधे न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि जीवन के लिए उपयोगी प्राणवायु भी उपलब्ध कराते हैं। कोरोना महामारी ने भी यही चेताया है कि पर्यावरण से खिलवाड़ घातक है। ऐसे में सम्पूर्ण धरा और प्रकृति को सुरक्षित व संतुलित रखने हेतु हमें पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग बनाना होगा। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर डाक विभाग द्वारा आयोजित पौधारोपण अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। पोस्टल कॉलोनी, वाराणसी कैम्पस में उन्होंने प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव संग पौधारोपण करते हुए पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण और उसके चलते पैदा हो रही विसंगतियों की ओर ध्यान आकर्षित करके हर डाककर्मी से पौधारोपण द्वारा उनके निवारण में भागीदार बनने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर डाक विभाग के तमाम अधिकारियों - कर्मचारियों ने भी पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, डाक विभाग सदैव से सामाजिक सरोकारों से जुड़ा हुआ है। पर्यावरण को स्वच्छ रखने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु समय-समय पर तमाम पहल की गई हैं। पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाते हुए अपनी जीवन पद्धति और दिनचर्या से जोड़ने की जरुरत है। पर्यावरण संरक्षण को जीवन का आधारभूत तत्त्व मानकर ही हम पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं से मुक्ति की संभावनाएं खोज सकते हैं। वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर डाकघर अधीक्षक राजन राव ने कहा कि, हमारी परंपरा में एक वृक्ष को दस संतानों के समान माना गया है क्योंकि वृक्ष पीढ़ियों तक हमारी सेवा करते हैं। ऐसे में हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह एक पौधा अवश्य लगाए।

इस अवसर पर वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर पीसी तिवारी, सीनियर पोस्टमास्टर सी.एस बरुआ, सहायक निदेशक ब्रजेश शर्मा, सहायक डाक अधीक्षक अजय कुमार, निरीक्षक सर्वेश सिंह, श्रीकांत पाल, वीएन द्विवेदी, कैण्ट प्रधान डाकघर पोस्टमास्टर रमाशंकर वर्मा, राजेंद्र यादव, श्री प्रकाश गुप्ता, मंजू कुमार, अंकिता, विश्वनाथ सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

रविवार, 22 मई 2022

Ghazi miya ki shadi: मेले में उमड़े जायरीन, देर रात आयेगी बारात

दो साल बाद लगा मेला तो उमड़े लोग




Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। बड़ी बाजार स्थित सैयद सालार मसूद गाजी मियां की दरगाह पर दो वर्ष बाद मेले का आयोजन हुआ। दरगाह में बारात आज देर रात आयेगी। इस बारात में हिंदू और मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को हर साल मिलती है। दो साल से कोविड-19 के चलते दरगाह कमेटी ने मेले का आयोजन रद्द कर दिया था। मेले में पूर्वांचल भर से हजारों अकीदतमंद शामिल होते हैं। गद्दीनशीं हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने बताया कि मेले की मान्यता है कि जिस किसी भी जायरीन की मुराद पूरी होती है, वो इस मेले में आकर चादर, मलीदा वगैरह चढ़ाते हैं।  

उन्होंने बताया कि रात को 11 बजे बारात आएगी। इसके बाद हर साल की तरह आंधी-तूफान के बाद शादी को टाल दिया जाता है। मेले में पूरे पूर्वांचल भर से लोग आते हैं। कोरोना काल के चलते मेले में दो साल बाद गाजी मियां के दर पर दोनों मज़हब का जमावड़ा है, इससे लोगों में बहुत हर्ष है।

मना हज़रत अल्वी शहीद का उर्स

हज़रत अल्वी शहीद रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स भी सालारपुर में मनाया गया। इस दौरान लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। जो गाजी मियां को चादर चढ़ाने आया वो हज़रत अल्वी शहीद के दर पर भी हाजिरी लगाता दिखा। हज़रत अल्वी शहीद पहुंचे हुए वली है। बादशाह महमूद गजनवी के दौर में वो हिन्दुस्तान दीन की तहरीर करने आए थे। उन्होंने बड़ी बाजार बनारस को अपना मरकज़ बनाया। हज़रत अल्वी शहीद के नाम पर ही उस इलाके का नाम अलईपुरा पड़ा।

शनिवार, 14 मई 2022

Bharat ने सदैव किया जनभावना का सम्मान : योगी

डीएवी कॉलेज के प्रयास की सीएम ने की सराहना




Varanasi (dil India live)। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। काशी आज पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है, यहाँ के लोगो ने यहाँ से सांसद नही प्रधानमंत्री चुन कर भेजा है। उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएवी पीजी कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव पर समर्पित चौरी - चौरा शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित चौरी - चौरा : अपराजेय समर के नाट्य दृश्यांकन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी जो भी आया कुछ लेकर ही लौटा है, यहाँ से कोई खाली हाथ नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जनभावना का सम्मान सदैव सर्वोपरि रहा है, चौरी- चौरा की घटना उसी जनभावना का परिचायक है। चौरी चौरा की लड़ाई सामान्य मानव, ग्रामीण समाज ने स्वयं लड़ी। यह अत्यंत गौरव का विषय है कि चौरी चौरा पर पहला नाट्य मंचन उस जगह हो रहा है जिसका संबंध मदन मोहन मालवीय जी से है। मालवीय जी ने ही इस घटना का मुकदमा लड़ा और ना जाने कितनो को फाँसी के फंदे पर झूलने से बचाया। आज उन्ही के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अंग डीएवी पीजी कॉलेज ने इसका मंचन कराया, जो अभिनन्दन के पात्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। काशी में बना काशी विश्वनाथ धाम अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहयोग किया है। धाम से समाज को कितना लाभ हुआ, समाज के अंतिम स्तर तक कार्यकरने वाले के जीवन स्तर में कोई भी बदलाव आया कि नही यह जानना  ओर समाज को उससे अवगत कराने का शोध कार्य भी डीएवी पीजी कॉलेज कार्य है। अंत मे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगामी 25 वर्ष भारत के लिए अमृत वर्ष के रूप में होंगे, जिसमे एक नए भारत का उत्थान पूरी दुनिया देखेगी।

स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि  अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीयों को बड़ी त्रासदियाँ दी है, उसकी एक बानगी मात्र है चौरी चौरा की घटना, हम उसका स्मरण कर आजादी के सभी नायकों को नमन कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा महाविद्यालय प्रधानमंत्री के विजन डिजिटल लर्निग पर मजबूती से काम कर रहे है।

नाट्य मंचन देख भावुक नजर आए योगी- इंडोर स्टेडियम में आयोजित नाट्य मंचन के दौरान पूरे समय तक मौजुद रहे, इस दौरान नाट्य दृश्यों को देखकर कई बार वे भावुक भी नजर आए। 

चौरी चौरा विद्रोह देख सबकी ऑखें हुई नम

गोरखपुर के चौरा गॉव में ब्रिटिश हुकूमत के जुल्म के खिलाफ 04 फरवरी, सन् 1922 को ग्रामीणों के विद्रोह ने अंग्रेजी सरकार की चूले हिला दी। भगवान अहीर और नजर अली के नेतृत्व में सैकड़ो युवाओं ने जिस प्रकार पुलिसिया दमन का विरोध किया वह अंग्रेजो को भारतीय समाज की शक्ति का एहसास कराने के लिए काफी रही। गांधी जी के आह्वाहन पर युवाओं ने दमन की परवाह किये बगैर अंग्रेजों के पिठ्ठू बने सरदार संत बख्श सिंह, दारोगा गुप्तेश्वर सिंह जैसे जालिमों के अन्याय के विरूद्ध ना सिर्फ आवाज उठाई बल्कि समाज के सामान्य नागरिकों के क्रोध की अभिव्यक्ति को प्रकट करते हुए चौरी चौरा विद्रोह का इतिहास रचा।

यह दृश्य शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर चौरी-चौरा शताब्दी समारोह के अन्तर्गत आयोजित चौरी -चौराः अपराजेय समर के नाट्य दृश्यांकन में सजीव हो उठा। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी उपस्थिति में महाविद्यालय के इतिहास विभाग के छात्र - छात्राओं द्वारा मंचित इस नाट्य को देखकर महर्षि दयानन्द इण्डोर स्टेडियम में उपस्थित दर्शकों की ऑखें नम हो गयी। 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित इस घटनाक्रम को लम्बे समय तक राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम का हिस्सा ही नही माना गया, बाद में यह घटना इतिहास में चौरी चौरा विद्रोह के रूप विख्यात हुई। नाट्य निर्देशन रंगकर्मी व्योमेश शुक्ल ने किया।

इससे पूर्व चौरी चौरा शताब्दी समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्रा, प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह, रेक्टर प्रो. वी.के. शुक्ला, प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव ने दीप प्रज्ज्वलन एवं मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण से किया। मुख्यमंत्री का स्वागत डॉ. सत्यदेव सिंह ने स्मृति चिन्ह, उत्तरीय एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया।

इनकी रही उपस्थिति 

इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रो. विजय बहादुर सिंह, प्रो. जी.सी.आर. जायसवाल, प्रो. बिन्दा परांजपे, पद्मश्री पं. शिवनाथ मिश्रा, डॉ. उषा किरण सिंह, सभाजीत सिंह, प्रियंकदेव सिंह, डॉ. विनोद कुमार चौधरी सहित शिक्षा जगत के गणमान्य जन, प्रशासनिक अधिकारी एवं समस्त अध्यापक तथा कर्मचारी उपस्थित रहे। संचालन डॉ. समीर कुमार पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ने दिया।

प्रभा के अमृत महोत्सव विशेषांक का हुआ विमोचन - आयोजन में महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका प्रभा के अमृत महोत्सव विशेषांक का विमोचन भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...