डीएम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
डीएम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

Dm ने कार्य में लापरवाह 27 आशाओं को निकालने का दिया निर्देश

शिथिल पर्यवेक्षण पर डीएम ने डीएचएस की बैठक में  जतायी नाराजगी

• ग्रामीण सीएचसी के कई अधीक्षको को दी चेतावनी





Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जनपद के समस्त ग्रामीण प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों एवं अधीक्षकों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की। बैठक में शिथिल पर्यवेक्षण पर उन्होंने नाराजगी जतायी और चेतावनी दी कि इसमें हर हाल में सुधार किया जाय वर्ना कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इस दौरान Dm ने कार्य में लापरवाह 27 आशाओं को निकालने का निर्देश दिया।

कैम्प कार्यालय के सभागार में शुक्रवार की देर शाम हुई इस बैठक में जिलाधिकारी ने पाया कि ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के साथ-साथ ब्लाक वार नामित नोडल अधिकार स्वास्थ्य योजनाओं के पर्यवेक्षण के प्रति तो उदासीन है हीं वह अपने अधिनस्थों से कार्य समयानुसार सम्पादित नहीं करा पा रहे हैं। बैठक में उन्होंने गर्भावस्था की जांच एवं इसके अंतर्गत गंभीर खतरे वाली गर्भवतियों के चिन्हांनकन के साथ बच्चों के टीकाकरण, जननी सुरक्षा योजना समेत संचालित अन्य कार्यक्रमों के प्रगति की बारी-बारी से जानकारी ली। कमियां मिलने पर उन्होंने कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी सहित, प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों पर भी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में जिलाधिकारी ने उप मुख्य चिकित्साधिकारी आरसीएच के कार्य में शिथिल पाये जाने पर उनका एक माह का वेतन रोकने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने जिला महिला चिकित्सालय में सुविधाशुल्क मांगने के वायरल हुए वीडीओ में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई न होने पर नाराजगी जतायी और निर्देश दिया कि यदि दोषी कर्मियों की पहचान नही हो पाती है तो अज्ञात कर्मियों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज करायी जाय। जन औषधी केन्द्रों में अधिक मूल्य पर दवाएं बेचने व जरूरी दवाओं के न होने की शिकायत को भी जिलाधिकारी ने गंभीरता से लेने को कहा और निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में एसआईसी व सीएमएस निगरानी रखे और दोषी पाये जाने पर सम्बन्धित केन्द्रों का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। बैठक में दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में स्वास्थ्यकर्मियों के गैरहाजिर होने व विलम्ब से आने पर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी जतायी और निर्देश दिया कि वहां उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम तत्काल लागू किया जाय।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर बरेमा के काफी दिनों से न खुलने के मामले पर नाराजगी जताते हुए वहां के एएनएम का वेतन वृद्धि रोकने का निर्देश दिया और चेताया कि सुधार नहीं हुआ तो उन्हे बर्खास्त करने की कार्रवाई की जायेगी। प्रथम संर्दभन इकाई पर कराये गये जटिल प्रसव (सिजेरियन) की समीक्षा करते हुए कम उपलब्धि पर अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गंगापुर, अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हाथी को चेतावनी देने का निर्देश दिया।

बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि चिकित्सक समेत सभी स्वास्थ्यकर्मी अपने निर्धारित ड्रेसकोड में ही ड्यूटी करें ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी, मण्डलीय चिकित्सालय कबीरचौरा, जिलामहिला चिकित्सालय के एसआईसी, पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय व एलबीएस चिकित्सालय के सीएमएस, समस्त अपर एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, मण्डलीय एवं जनपदीय कार्यक्रम प्रबंधक सहित अन्य कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित रहे।

मंगलवार, 8 नवंबर 2022

Phc-chc में भी भर्ती किये जायें डेंगू के मरीज:डीएम

टेली medicine के लिए बढ़ाये जाएं और चिकित्सक

डीएम की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों संग डेंगू को लेकर बैठक



Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि डेंगू के मरीजों को कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) व प्राथमिक हेल्थ सेंटर (पीएचसी) में भी भर्ती किया जाय। यहां तक की डेंगू के संदिग्ध मरीजों को भी भर्ती कर उनका उपचार किया जाये।

 जिलाधिकारी एस राजलिंगम मंगलवार को विकास भवन सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डेंगू को लेकर बैठक कर रहे थे। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने डेंगू मरीजों के उपचार के संदर्भ में अबतक की गयी व्यवस्था की जानकारी जिलाधिकारी को दी। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता ना होने पाए। अस्पतालों में चिकित्सकों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए। डेंगू का इलाज करा रहे मरीजो एवं उनके तीमारदारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू पीड़ितों को अपने घर के समीप ही उपचार मिले इसके लिए जरूरी है कि सभी सीएचसी व पीएचसी में डेंगू पीड़ित मरीजों की भर्ती की जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। यहां तक कि ऐसे मरीज जिन्हें बुखार आ रहा है और उनमें डेंगू के लक्षण है तो उन्हें भी भर्ती कर उपचार किया जाये। साथ ही टेलीमेडिसिन व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाये। जिलाधिकारी ने जनपद में तैनात वेक्टर सर्विलांस टीम की जानकारी ली और निर्देश दिया कि इस टीम को ऐसे इलाके में तत्काल भेजा जाय जहां डेंगू के मरीज मिल रहे है। वहां घर-घर जाकर यह टीम यह पता करे कि वहां कहीं जलजमाव व डेंगू मच्छर के लार्वा तो नहीं है। बैठक में सीडीओ हिमांशू नागपाल, एसीएमओ डा. एसएस कनौजिया, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी शरतचन्द्र पाण्डेय   समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

शनिवार, 27 अगस्त 2022

Private hospitals माह के अंत तक करा लें पंजीकरण व नवीनीकरण: डीएम

उपचार से पहले पता कर लें कि hospital पंजीकृत है या नहीं : सीएमओ

जनपदवसियों से की अपील पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही करायें उपचार



Varanasi (dil india live)। जिले में अवैध रूप से संचालित निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी सेंटर पर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने समस्त निजी चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि वह इस माह के अंत तक हर हालत में पंजीकरण व नवीनीकरण करा लें। साथ ही जनपदवासियों से अपील की है कि सरकारी चिकित्सालयों अथवा पंजीकृत निजी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही उपचार कराएं।

  जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद के ऐसे संचालक प्रबन्धक जिन्होंने अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में चिकित्सा प्रतिष्ठान का नवीनीकरण या पंजीकरण नहीं कराया है, तो वह 31 अगस्त 2022 तक समस्त आवश्यक मानकों के प्रपत्रों सहित ऑनलाईन आवेदन करते हुये नवीनीकरण या पंजीकरण अवश्य करा लें। निर्धारित अवधि तक नवीनीकृत/पंजीकरण न कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों को निर्देशित किया जाता है कि चिकित्सा प्रतिष्ठान में भर्ती मरीजों को मानवीय एवं चिकित्सीय दृष्टिकोण के आधार पर अन्य वैध चिकित्सा प्रतिष्ठान में भर्ती व संदर्भित करने के साथ ही चिकित्सा प्रतिष्ठान का संचालन भी बन्द कर दें। सीएमओ कार्यालय में पंजीकृत/नवीनीकृत कराये गये चिकित्सा प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त अवैध रूप से चिकित्सा प्रतिष्ठानों का संचालन पाये जाने पर उनके विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जायेगी। 

  सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि नागरिकों को आवश्यक चिकित्सा सुविधा पंजीकृत व योग्य चिकित्सकों से मिले इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की गई है। जिले में कुल 582 चिकित्सा प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं । इनमें शहरी क्षेत्र में 370 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 212 चिकित्सा प्रतिष्ठान शामिल हैं। इसमें 50 बेड या उससे अधिक क्षमता वाले 35 निजी चिकित्सालय सम्मिलित हैं। 

  सीएमओ ने कहा कि वैसे तो सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सा की निःशुल्क व्यवस्था है। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति निजी चिकित्सालय में अपना उपचार अथवा जांच कराना चाहता है तो उसे इसके लिए पंजीकृत चिकित्सा प्रतिष्ठानों में ही जाना चाहिए। उपचार कराने के लिए जाने से पहले सभी को यह देखना चाहिए कि वह जहां उपचार कराने जा रहे हैं वह पंजीकृत है अथवा नहीं। चिकित्सा प्रतिष्ठान यदि पंजीकृत नहीं है तो वहां उपचार कराने से बचना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी बिना पंजीकृत चिकित्सा संस्थान में अपना इलाज कराता है तो किसी प्रकार की अनहोनी होने पर शासन-प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।

बुधवार, 4 मई 2022

कुपोषित बच्चों को एनआरसी न भेजने पर सीडीपीओ का रुकेगा वेतन:डीएम

पोषण पुनर्वास केंद्र के  सुदृढ़ीकरण को डीएम ने उठाया कदम

विकास भवन में हुई  जिला पोषण एवं कन्वर्जेंस समिति की बैठक



Varanasi (dil Indialive)। अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में अनिवार्य रूप से भेजें। पोषण पुनर्वास केंद्र के समस्त बेड फुल रहने चाहिए, जो बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कुपोषित बच्चों को नहीं भेजेंगे उनका वेतन रोक दिया जाएगा। यह बातें जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को विकास भवन सभागार में आयोजित जिला पोषण एवं कन्वर्जेंस समिति की बैठक में कहीं। 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय स्थित  पोषण पुनर्वास केंद्र के  सुदृढ़ीकरण के लिए विभाग सम्पूर्ण प्रयास कर रहा है, ताकि यहां भर्ती कुपोषित बच्चों को बेहतर सेवाएं मिल सकें। जनपद में वर्तमान में लगभग 55000 बच्चे कुपोषित हैं जिनमें से लगभग 3500 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में है और उनमें 1100 बच्चे सैम (सीवियर एक्यूट मालनरिश्ड) के हैं जिन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाना चाहिए। पोषण पुनर्वास केंद्र में कुल 10 बेड गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए तैयार किया गया है जिन पर बच्चों को 14 दिन के लिए भर्ती किया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक माह कम से कम 20 बच्चे भर्ती किये जा सकते हैं । इस वर्ष अप्रैल में मात्र 14 बच्चे भर्ती किए गए जिस पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई । जिलाधिकारी ने समस्त बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं आवश्यक प्रबंधन करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी तीन माह में इन बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएं। 

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बच्चों के पोषण स्तर के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका रोपण, बाल मैत्रिक शौचालय के निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प इत्यादि की भी समीक्षा की गई । इसके साथ ही पोषण अभियान के अंतर्गत बाल विकास पुष्टाहार विभाग के साथ-साथ कन्वर्जेंस विभाग यथा स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कुपोषण कम करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई । 

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल, जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी, जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह  यूनिसेफ के मंडलीय समन्वयक अंजनी कुमार राय, पोषण पुनर्वास केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) उपस्थित रहे ।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...