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सोमवार, 2 मई 2022

हरिश्चन्द्र बालिका इंटर कॉलेज में कम्प्यूटर लैब का हुआ लोकार्पण

इनरव्हील क्लब वाराणसी स्पार्कलिन्ग स्टार द्वारा किया गया लैब स्थापित




Varanasi (dil India live )। इनरव्हील क्लब वाराणसी स्पार्कलिन्ग स्टार द्वारा छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिए श्री हरिश्चन्द्र बालिका इंटर कॉलेज मैदागिन में कम्प्यूटर लैब स्थापित किया गया है, जिसका लोकार्पण सोमवार को किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन से हुआ. जिसके पास विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत के माध्यम से अतिथियों का स्वागत किया और विद्यालय के प्रबंधक हरीश जी अग्रवाल द्वारा अतिथियों को अंग वस्त्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया।

इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक अनिल कुमार जैन ने कहा कि आज के आधुनिक और स्पर्धा के दौर में किसी भी कार्यक्षेत्र में कंप्यूटर के बिना कार्य आसान नहीं है. इसलिए आज कंप्यूटर शिक्षा हर किसी के लिए जरूरी है. साथ ही उन्होंने क्लब के सदस्याओ को आमंत्रित करते हुए कहा कि समय-समय पर विद्यालय की छात्राओं के बीच आकर उनका प्रोत्साहन व मार्गदर्शन करें। तभी उनकी सही आवश्यकताओं व समस्याओ को जाना जा सकेगा। अध्यक्ष कुंवर विजय आनंद सिंह ने कहा कि क्लब द्वारा कंप्यूटर और प्रिंटर मिलने से विद्यालय के कंप्यूटर लैब की क्षमता बढ़ गयी हैं, जिससे विद्यालय को कंप्यूटर शिक्षा की मान्यता मिलने में आसानी हो जाएगी. आज कंप्यूटर शिक्षा हर क्षेत्र में उपयोगी है।


मानसी अग्रवाल ने कहा कि इनरव्हील क्लब, महिला सशक्तिकरण की दिशा में सदैव प्रयत्नशील हैं, जब कभी भी छात्राओं को हमारे सहयोग की जरुरत होगी, हम इनरव्हील बहने अपना पूरा सहयोग देगी। प्रधानाचार्य डॉ प्रियंका तिवारी ने कॉलेज की भावी योजनाओं से सभी को अवगत कराया। जिसके बाद विद्यालय के अध्यक्ष कुँवर विजयानन्द सिंह, प्रबंधक हरीश जी अग्रवाल, क्लब की अध्यक्ष मानसी अग्रवाल, सचिव रोमा जादवानी एवं समाजसेवी रमेशचंद्र अग्रवाल, संयोजक / कॉलेज के कोषाध्यक्ष अनिल कुमार जैन ने क्लब द्वारा स्थापित कंप्यूटर लैब का लोकार्पण किया। इस दौरान कालेज की शिक्षिकाएं, सहयोगी एवं छात्राएं उपस्थित रही।




पत्रकारों के लिए देखिए मंत्री जी क्या बोले

सरकार पत्रकारों के हित में योजनाओं पर कर रही विचार


Varanasi (dil India live ) यूपी में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए वर्तमान प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही हैं, साथ ही पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा कार्ड भी प्रदेश सरकार उपलब्ध करवाने की पूरी कोशिश करेगी। उक्त बातें आज यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन वाराणसी इकाई उपजा द्वारा आयोजित पूर्वांचल पत्रकार सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए दयाशंकर मिश्रा (दयालु) आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर प्रदेश सरकार ने कही। उन्होंने कहा वर्तमान परिवेश में एक पत्रकार कई तरीके की  कठिनाइयों से रूबरू होता है। ऐसे में जब तक एक पत्रकार अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस करेगा और उसे समुचित सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो वह कैसे निष्पक्ष और निडर होकर पत्रकारिता कर पाएगा।  प्रदेश की वर्तमान सरकार पत्रकारों के हित में कई योजनाओं पर विचार कर रही है, इसे बहुत जल्दी ही लागू किया जाएगा। मंचासीन एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर शिवनाथ यादव स्वतंत्र निदेशक (भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड) भारत सरकार ने पत्रकारों के सामने आ रही कठिनाइयों और परेशानियों पर विस्तार से चर्चा किया और आश्वंतित किया कि जो भी उनके द्वारा पत्रकारों के हित में कार्य हो सकेगा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अच्छी तरीके से समझता हूं, वर्तमान परिवेश में एक पत्रकार किन पर कठिनाइयों में पत्रकारिता कर रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं मंचासीन पूर्व एमएलसी चेत नारायण सिंह शिक्षाविद माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पूर्व और वर्तमान में पत्रकारों की दशा एवं उससे संबंधित कई पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। मंचासीन प्रदेश महामंत्री राधेश्याम कण  ने पत्रकारों के सामने आ रही कई प्रकार की परेशानियों को वर्तमान सरकार से गंभीरता से लेने के लिए मांग की और कहा कि उपजा संगठन पूरे प्रदेश में पत्रकारों के हित के लिए हर तरह की लड़ाई लड़ रहा है, और हमेशा ही आगे भी जब तक एक पत्रकार को पूरी तरीके से उचित न्याय ना मिल जाए लड़ता रहेगा। जिला अध्यक्ष विनोद बागी ने कार्यक्रम में आए हुए लोगों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। आज मौके पर मुख्य रूप से विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए सम्मानित लोगों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से लगभग 14 जिलों से आए हुए उपजा के पत्रकार बंधुओं का वाराणसी पहुंचने पर वाराणसी इकाई की तरफ से जबरदस्त स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष अजीत नारायण सिंह, महामंत्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल, जिला संगठन मंत्री उत्पल मुखर्जी, मनोकामना सिंह,आरुणी चन्द्र सिन्हा, वरिष्ठ सदस्य रामदयाल जी, रुद्रा नंद तिवारी , विनोद विश्वकर्मा, वरिष्ठ महिला कार्यकर्ता प्रज्ञा मिश्रा,ललित तिवारी, अरविंद कुमार वर्मा, अरविंद श्रीवास्तव,आशुतोष, कृष्णा सिंह,सहित सैकड़ों की संख्या में पत्रकार बंधु, समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार आलोक श्रीवास्तव ने भी उपस्थित पत्रकारों को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने किया।

शनिवार, 30 अप्रैल 2022

आज है शनि अमावस्या

संकल्प संस्था ने किया खिचड़ी का वितरण



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। आज शनि अमावस्या है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था संकल्प द्वारा शनिवार 30 अप्रैल  को प्रातः कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ़ चौक में श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी वितरण किया गया। जहां श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में खिचड़ी का पारण किया। इस मौके पर संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने बताया कि शनिवार को पड़ने वाली अमवस्या का विशेष महत्व माना जाता है और किसी कार्य को करने के लिये अत्यन्त शुभ तिथि माना जाता है. इस अवसर पर पूजा, तीर्थ, स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है. वही शनि की उपासना करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर विष्णु जैन, लव जी अग्रवाल, रविमोहन अग्रवाल (अंशु), अमित श्रीवास्तव, मनीष आदि का विशेष सहयोग रहा।


सोमवार, 25 अप्रैल 2022

महिलाएं कठिन कार्य करने में सक्षम : प्रो. निर्मला एस. मौर्या

शास्त्र और शिक्षा के समन्वय से महिला कल्याण: प्रो. हरेराम

नेक कार्य करने के लिए कोई मुहुर्त नहीं: ज्वाइंट सीपी सुभाष दुबे




वाराणसी (dil India ive)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि जहां चाह वहां राह है। हम कोई भी काम करते हैं तो वहां कोई न कोई राह निकल ही आता है। आज के दौर में कठिन से कठिन कार्य करने के लिए महिलाएं पूरी तरह से सक्षम हैं। हर सफल पुरुष के पीछे एक नारी ही होती है। कहा कि किसी परिवार में यदि मां शिक्षित होती है तो दो परिवार शिक्षित होता है। पिता यदि शिक्षित होता है तो एक परिवार शिक्षित होता है। रविवार को वे सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी भवन सभागार में विश्वविद्यालय और दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्था के छठवें स्थापना दिवस व पुरस्कार वितरण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी।

 उन्होंने कहा कि कहा कि आज के बदलते परिवेश में शिक्षा की जो स्थिति है, उसमें बच्चा पढ़ना नहीं चाहता है और गुरु पढ़ना नहीं चाहते हैं। इसको बदलने की जरुरत है। भगवान भी अपने गुरु को प्रणाम करते हैं। सही मायने में देखा जाय तो हमारी पहली गुरु मां ही होती है। गर्भ में भी रह कर बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। हमने तो महिलाओं को गर्भ संस्कार भी कराया। महिलाओं को बताया कि गर्भावस्था में कैसे रहना चाहिए। कहा कि मेरी पांचवीं पुस्तक महिला सशक्तिकरण पर आ रही है। उन्होंने दो पंक्तियों- कोई न समझे अबला हमको हम सृष्टि की नारी है... के साथ समापन किया।

अध्यक्षता करते हुए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बहुत ही सरल तरीके से शास्त्र और शिक्षा को महिला के कल्याण जोड़ते हुए बताया कि किस तरह से हमारे शास्त्रों में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है और उनकी उपस्थिति को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। भारत के अंदर पौराणिक काल में महिलाओं को श्रेष्ठ दर्जा प्राप्त था, क्योंकि वे अपने अधिकारों को लेकर सजग रही। उन्होंने दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान के कार्यों की सराहना की और कहा कि हर किसी को महिलाओं और बेटियों के उद्थान के लिए कार्य करना चाहिए।

 विशिष्ट अतिथि ज्वाइंट सीपी कमिश्नरेट वाराणसी आईपीएस सुभाष दुबे ने कहा कि नेक कार्य करने के लिए कोई मुहुर्त नहीं होता है। निश्चित रुप से समाज के जो कमजोर तबके के बच्चों को संस्था शिक्षा की ओर प्रेरित कर रही है। इससे ज्यादा पुण्य कार्य और कुछ नहीं हो सकता है। अच्छा कार्य करने का जब संकल्प लेते हैं तभी आप जीवन में सफल हो सकते हैं। कहा कि जब जागो तभी सबेरा। कहा गया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। संगोष्ठी को डाॅ. आरके चैधरी, दीपक बजाज, ई. अशोक यादव, डाॅ. विजय यादव, प्रमिता सिंह, डाॅ. सोमनाथ सिंह और पंकज राजहंस ने भी संबोधित किया। स्वागत संस्था की अध्यक्ष संतोषी शुक्ला और संचालन नेहा तिवारी ने किया।

 बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने मोहा अतिथियों मन

इसके पहले कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। इसके पश्चात् नन्हें-मुन्हें बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम अतुल्य भारत, गल्र्स एजुकेशन और स्वालंबन पर केन्द्रीत रही। जिसमें बच्चों ने नृत्य और नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। बच्चों की प्रस्तुति को देखकर अतिथियों ने उनकी खुब सराहना की।

 अव्वल बच्चों को किया गया पुरस्कृत

स्थापना दिवस के अवसर पर संस्था ने तीन विद्यालयों में कक्षा तीन से पांच के बच्चों के बीच चित्रकला और छह से आठ के बीच सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया था। जिसमें चिल्ड्रेन एकेडमी लहुराबीर से चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा तीन से लीजा अजीज अंसारी, अन्वी सिंह और श्रुति पाण्डेय, चार से समृद्धि, तनीषा, अक्षत और कक्षा पांच से वैभव, तनीषा और अंकिता ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार सामान्य ज्ञान में कक्षा छह से नमन, आरव, उज्ज्वल, कक्षा सात सूर्यांश, अवनीष, जान्हवी और कक्षा आठ से रिद्धिमा, इशिरा और अंश प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त किये। डीएवी इंटर काॅलेज सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में कक्षा छह से नमन, श्रेष्ठ, प्रतिभा, कक्षा सात अब्दुल, अंकित, यश और कक्षा आठ से चैतन्या, निखिल और उज्ज्वल प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। चिल्ड्रेन एकेडमी कमच्छा से चित्रकला कक्षा तीन में आराध्या, अमिरा, सार्थक, कक्षा चार में सगुन, इशिता, रिषिता और कक्षा पांच में आयशा, अब्दुल और मोहक क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे। सामान्य ज्ञान में कक्षा छह से प्रथम स्थान पर सिद्धांत, द्वितीय स्थान पर रूपांगी और दिशा तथा तृतीय स्थान पर श्रद्धा रही। कक्षा सात में प्रथम स्थान पर अर्नव, द्वितीय स्थान पर ईशी व मोहम्मद अनस तथा तृतीय स्थान पर अब्दुल्लाह सादिया रही। कक्षा आठ में प्रथम विराट, द्वितीय तनिष्का सेन और तीसरे स्थान का पुरस्कार प्रकृति और निखिल को प्राप्त हुआ।

 सामाजिक क्षेत्र के लोगों का भी सम्मान

इस दौरान सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देेने वाले लोगों का भी सम्मान हुआ। जिसमें दुर्जेन्द्र पाण्डेय, नागेन्द्र पाल, मुकेश सिंह, आशुतोष सिंह, राजन तिवारी, श्रद्धा पाण्डेय, डाॅ. सुधीर यादव, डाॅ. राम सिंह, डाॅ. राज यादव, सर्वेश पाण्डेय, ममता राय, सोनम जायसवाल, शोभा चैरसिया, श्वेता श्रीवास्तव, उपेन्द्र जायसवाल, दिलीप खन्ना, दीपू शुक्ला, ऋषिकांत सिंह, नेहा तिवारी, मनोज गुप्ता, अभिषेक मिश्रा, सोनू, ज्योति गुप्ता, डीवी भट्टाचार्या, कोमल गुप्ता, शालिनी गोस्वामी और डाॅ. राजलक्ष्मी को विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया।

शनिवार, 23 अप्रैल 2022

संकल्प संस्था ने अर्थ डे पर बच्चों को किया जागरूक



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। अग्रणी सामाजिक संस्था संकल्प के द्वारा शुक्रवार को साकेत नगर स्थित किड्स वर्ल्ड स्कूल में अर्थ डे (22 अप्रैल) मनाया गया। इस मौके पर बच्चों को पर्यावरण संरक्षित करने, वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें पौधे वितरित किए गए।

इस मौके पर संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने कहा कि बच्चे हमारा भविष्य हैं, उन्हें सही मार्गदर्शन देने से पर्यावरण को पूरी तरह सुरक्षित किया जा सकता है। बच्चो के जागरुक होने से हमारा भविष्य कैसा होगा इसका अनुमान हम सभी लगा सकते हैं। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पर्यावरण सुरक्षित होने से ही हम सुरक्षित है l पर्यावरण के द्वारा ही हमें स्वच्छ ऑक्सीजन, जल आदि सुलभ हो पाता है। इसलिए यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रयत्नशील रहें।

डाइटिशियन निशा ने जानिए क्या कहा

डाइटिशियन निशा प्रकाश ने कहा कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में सही खानपान के साथ औषधीय पौधों, वृक्षों का भी विशेष योगदान है जिसे हम अपने घरों के अंदर बालकनी में भी लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के सुरक्षित होने से ही हमारी पृथ्वी सुरक्षित है, जिसके लिए सभी को पहल करनी होगी और तभी हमें वह  मिलेगा जिसकी जरूरत हमें स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। कार्यक्रम के अंत में बच्चों को घरों में लगाने हेतु पौधे, वॉटर बॉटल एवं खाद्य सामग्री दी गई।

कार्यक्रम का संचालन स्कूल की प्रिंसिपल मनीषा तुलस्यान ने किया। इस अवसर पर संकल्प संस्था की गीता जैन, आभा अग्रवाल, सुभाषिनी जैन, शबनम अग्रवाल, स्कूल की शिक्षिकाए निशा साहनी, आराधना, प्रीति, सती जी, रीता, रेखा प्रसाद आदि उपस्थित रही।

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

आज लोकतांत्रिक मूल्य कटघरे में खड़े हैं : राजेश चौबे

संवैधानिक मूल्यों को लागू करना सरकारों की पहली प्राथमिकता  हो: रामनाथ 



रॉबर्ट्सगंज १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)।जिस समतामूलक समाज का सपना आजादी के आंदोलन के दौरान परवान चढ़ा था आज वह बर्बाद हो रहा है। मुल्क नफरत, गैर बराबरी और कारपोरेट फासीवाद की आग में झुलस रहा है, यदि समय रहते  स्वतन्त्रता, समता,बंधुता और इंसाफ पर आधारित संवैधानिक मूल्यों के लिए संघर्ष नहीं किया जाएगा तो हमारी बसुधैव कुटुम्बकम की विरासत खतरे में पड़ जाएगी। आज जरूरत है कि संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात कर उसे सुदूर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए ,जिससे जन मानस को न सिर्फ संवैधानिक मूल्यों की जानकारी हासिल हो बल्कि इन मूल्यों पर आधारित समाज निर्मित करने में भी आसानी हो।उक्त बातें राबेर्टसगंज के डिजायर सभागार में राइज एंड एक्ट प्रोग्राम के तहत आयोजित राष्ट्रीय एकता,शांति एवं न्याय विषयक सम्मेलन में वक्ताओं ने कही।

  मुख्य वक्ता रामनाथ शिवेंद्र ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा है इसे बचाये रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।आज प्रतिगामी ताकते न केवल संवैधानिक मूल्यों को चुनौती दे रही है बल्कि सदियों से स्थापित विश्व में हमारी पहचान के लिए भी खतरा पैदा कर रही हैं।धार्मिक पहचान को महत्व दिए जाने से विभिन्न समाजों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी। यह भारत जैसे विविधता वाले मुल्क के लिए ठीक नहीं है इससे सावधान रहने की जरूरत है।

        वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेश चौबे ने कहा कि सदियों से भारतीय समाज मेल-जोल से रहने का हामी रहा है। हमने पूरी दुनिया को सिखाया है कि विभिन्नता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है।आज दुनियां भर में राजनीति के आयाम बदले हैं और लोकतांत्रिक मूल्य कटघरे में खड़े हैं। हमारा मुल्क भी इससे प्रभावित हुआ है।बावजूद इसके यह सोच लेना कि सभी  सरकार की सोच के साथ है ठीक नहीं है।हमारी एक बड़ी जमात आज भी मौजूद खतरों के बीच जनता और मुल्क के सवालों को उठा रही है।

      रामजनम कुशवाहा ने कहा कि हमारी कोशिश छोटी है पर समाप्त नही हुई है।हम सरकार से तब तक लड़ते रहेंगे जब तक   एक बेहतर समाज का निर्माण न हो जाये।हमारी कोशिश को सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखा जा सकता है।

             काशी हिंदू विश्वविद्यालय की शोध छात्रा अर्शिया खान ने कहा की आज   सियासत लोगों को जोड़ने की जगह बांटनें का काम कर रही है।हम एक ऐसे भारत की ओर बढ़ रहे है जो नफरती उन्माद से परिपूर्ण है जब कि भारतीय समाज और राष्ट्र  प्रेम और अहिंसा पर आधारित रहा है।उन्होंने कहा कि आज बिना किसी अपराध के आदिवासियों को जेलों में डाल दिया जा रहा है जबकि बड़े बड़े घपले घोटाले करने वालों को तमाम छूट मिली हुई है।आज सियासत हमे तोड़ रही है जोड़ नहीं रही है।हमें सोचना पड़ेगा की वे कौन लोग हैं जो इस साझी विरासत के खिलाफ हैं।

      नाहिदा आरिफ ने कहा कि आजादी के आंदोलन और उससे भी सैकड़ों साल पहले से भारत साझी विरासत और मेल जोल की परंपरा को समेटे हुए निर्मित हुआ है जिसे आज कुछ ताकतें खत्म कर देना चाहती है. हमें इनसे सावधान रहना होगा।

   द्वितीय सत्र में जिलेवार प्रतिनिधियों को समूह मे बाँट कर दलीय चर्चा द्वारा स्थानीय समस्याओं को जानने की कोशिश की गई तथा राइज एंड एक्ट कैसे समतामूलक समाज निर्माण करने में उनकी मदद कर सकता है।

  गोष्ठी को विभिन्न सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधियों रामजनम कुशवाहा,सतीश सिंह,फजलुर्रहमान अंसारी,श्रुति नागवंशी,लक्ष्मण प्रसाद,हरिश्चंद्र बिंद, रीता पटेल अयोध्या प्रसाद, कृष्ण भूषण मौर्य,रामकृत,राजेश्वर,जयप्रकाश बौद्ध, आदि ने भी सम्बोधित किया। गोष्ठी में पूर्वांचल के अनेक जिलों के लोग उपस्थित रहे।

  कार्यक्रम का विषय स्थापना डॉ मोहम्मद आरिफ, संचालन कमलेश कुमार धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या प्रसाद और स्वागत कृष्णभूषण मौर्य ने किया।

गुरुवार, 27 जनवरी 2022

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मना गणतंत्र दिवस

सुल्तान क्लब में शान से लहराया तिरंगा


वाराणसी 27 जनवरी (dil india live)। सामाजिक संस्था " सुल्तान क्लब" की ओर से संजय गाँधी नगर कालोनी , बड़ी बाज़ार में कोविड -19 का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के वातावरण में मनाया गया। संस्थाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक व समाजसेवी हाजी सलमान बशर ने संयुक्त रूप से ध्वजारोहण किया।ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रगान पढ़ा गया, देश प्रेम से सरोबार नज्मे भी पढ़ी गई। स्वच्छता व मतदाता जागरूकता अभियान के लिए लोगों को जागरूक भी किया गया। इस अवसर पर अतिथियों ने खिताब करते हुए कहा कि देश की एकता एवम अखण्डता को कायम रखने के लिए सभी धर्मों का सम्मान व देश के कानून पर अमल करना होगा,मिल जुलकर रहने पर ही हमारा देश तरक्की करेगा यही हमारी गंगा जमनी तहजीब की पहचान है।हमें धार्मिक शिक्षा के साथ साथ दुनियावी व साइंस की तालीम भी लेनी होगी,देश की आजादी व सविधान में सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया,लाखों उलमा - ए - एकराम शहीद हुए।डॉ भीमराव अंबेडकर जी का बनाया हुआ संविधान पर सभी लोगों को चलना होगा तभी हमारा देश एक बार फिर सोने की चिड़िया कहलाएगा,आतंकवाद व भ्रष्टाचार के विरोध में हमेशा खड़ा रहना होगा।अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ. एहतेशामुल हक ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं देश में तरक्की व खुशहाली लाने के लिए हमे सत्य और अहिंसा के रास्ते पर हर हाल में चलना होगा। 

कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़ ने किया उपाध्यक्ष महबूब आलम ने लोगों का स्वागत किया। इस अवसर पर समाजसेवी हाजी सलमान बशर, अध्यक्ष डॉ. एहतेशामुल हक, सचिव जावेद अख्तर, महासचिव एच. हसन नन्हें, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, उपाध्यक्ष अजय वर्मा, मुहम्मद इकराम, अब्दुर्रहमान, मौलाना अब्दुल्लाह, हाफिज़ मुनीर, इरफान इत्यादि ने भाग लिया।

मंगलवार, 25 जनवरी 2022

राष्ट्रीय बालिका दिवस

बेटियों को कानूनी अधिकारों के प्रति किया जागरूक


वाराणसी, 25 जनवरी(dil india live)। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सोमवार को जिले में जागरुकता कार्यक्रमों  का आयोजन किया गया। इनमें किशोरियों को उनके क़ानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही हितकारी योजनाओं के बारे में  भी उन्हें अवगत कराया गया।

सारनाथ स्थित डेयर बालिका गृह में आयोजित जागरुकता शिविर में  बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा  सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने का उद्देश समाज में लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि एक दौर ऐसा भी था, जब बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता था। लड़कियों का बाल-विवाह भी करवाया जाता था। इसे रोकने के लिए ही सरकार ने कानून बनाया। अब समय बदल चुका है। आज बेटियों के गर्भ में आने से लेकर जन्म लेने और फिर बड़े होने तक, उनकी सुरक्षा के लिए कानून हैं। बेटियां अब बिना डरे ही समाज के हर क्षेत्र में मुकाबला कर रही हैं। उनको हर क्षेत्र में लड़कों के बराबर ही हक दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किशोरी को इन कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए ताकि उनका कोई शोषण न कर सके। उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम अवसर होते हैं  जब बच्चियां लोक-लाज के भय से अपने साथ हो रहे शोषण पर मौन रह जाती हैं । नतीजा होता है कि वह दलदल में फंसती जाती हैं  और एक समय ऐसा भी आता है कि उनका जीवन बर्बाद होने की स्थिति में आ जाता है। ‘गुड टच व बैड टच’ के बारे में समझाते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप को लगता है कि ऐसा कर रहे व्यक्ति की मंशा ठीक नहीं है तो तत्काल विरोध करें। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर कानून का सहारा लें।

उन्होंने शिविर में शामिल किशोरियों से कहा कि उन्हें अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम जितने ही शिक्षित होंगे, उतने ही अपने अधिकारों, कानूनों की जानकारी हासिल कर सकेंगे। शिविर में शामिल किशोरियों को उन्होंने पाक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एक्ट किस तरह से उनकी सुरक्षा करता है। उन्होंने बाल कल्याण समिति और विभाग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह विभाग उनकी सुरक्षा के लिए खास तौर पर काम करता है और जरूरत  पड़ने पर वह कभी भी इसकी मदद ले सकती हैं।  शिविर में शामिल पंचक्रोशी की रहने वाली रीना ने बताया कि यहां आने से उसे कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं  । अकथा की सुनीता ने कहा कि शिविर में शामिल होने से उन्हें  अपने अधिकारों के बारे में पता चला। शिविर में फादर अभिसिक्तानंद व सिस्टर मंजू समेत अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया।


मंगलवार, 11 जनवरी 2022

राष्ट्रीय युवा दिवस पर लगा नेतृत्व क्षमता विकास प्रशिक्षण शिविर

आशा ट्रस्ट के प्रशिक्षण शिविर में 32 प्रतिभागी हुए शामिल

गांधी की प्रासंगिकता मौजूदा दौर में अधिक:  डॉ. मोहम्मद आरिफ




वाराणसी 11 जनवरी (dil india live)। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस क्रम में युवाओं के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन प्रारंभ हो गया है। सामाजिक संस्था 'आशा ट्रस्ट' द्वारा युवाओं में  नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भंदहा कला स्थित अपने प्रशिक्षण केंद्र पर किया जिसका समापन सोमवार को हुआ। इस शिविर में उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

शिविर के अंतिम दिन प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक और इतिहासकार डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि आज के दौर में गांधी के विचारों और उनके दर्शन की प्रासंगिकता काफी अधिक हो गयी है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया में हिंसात्मक युद्ध छिड़ा हुआ था, तब गांधी जी ने अहिंसात्मक युद्ध शुरू कर दिया था और हिंसात्मक इतिहास को अहिंसा में बदल दिया. राजनीतिक संघर्ष हल करने के लिए जिस तरह से उन्होंने अहिंसात्मक प्रतिरोध यानी सत्याग्रह का उपयोग किया, इससे हुआ ये कि बाद की दुनिया में राजनीतिक संघर्षों के हल के लिए यह सर्वोत्तम माध्यम बन गया। आज गांधी ही अकेला दीया है जो सर्वत्र शांति, सद्भाव और भाईचारे की रोशनी विखेर सकता है। उन्होंने कहा कि  महात्मा गांधी, शहीद भगत सिंह, जवाहर लाल नेहरू, डॉ भीम राव अम्बेडकर, सुभाषचंद्र बोस आदि सभी महापुरुषों से युवाओं को प्रेरणा लेना चाहिए उन्हें अधिक से अधिक जानने और समझने की कोशिश करनी चाहिए जिससे बेहतर और समतामूलक समाज की स्थापना हो सके। 

दूसरे सत्र को प्रसिद्ध कठपुतली कलाकारों की टीम ने जल संरक्षण, तम्बाकू निषेध जैसे मुद्दों को कठपुतली नाटक के माध्यम से समझाया। टीम के संयोजक मिथिलेश दुबे ने कहा की कि कठपुतली विधा सामाजिक संदेशों को संप्रेषित करने की एक महत्वपूर्ण, प्रभावशाली और लोकप्रिय विधा है। इसके माध्यम से हम किसी भी अपरिचित समूह के बीच अपनी बात रोचक ढंग से रख सकते हैं। वक्ताओं को संविधान की उद्देशिका देकर सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम का संचालन आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन अरविंद मूर्ति ने किया. प्रशिक्षण शिविर के आयोजन ने राम जन्म भाई, प्रदीप सिंह, सूरज पाण्डेय, महेंद्र राठोर, विनय कुमार सिंह, दीनदयाल आदि की प्रमुख थे।

सोमवार, 27 दिसंबर 2021

समाज में जागरूकता से ही रुकेगा बाल विवाह - निर्मला सिंह पटेल



वाराणसी 27 दिसम्बर(dil india live) । बाल विवाह किसी बालिका का न सिर्फ बचपन बर्बाद करता है, बल्कि उसका पूरा भविष्य और उसकी अगली पीढ़ी का भविष्य भी बर्बाद कर देता है | इसे सिर्फ कानूनी माध्यम से नहीं रोका जा सकता है, इसके लिए हमे समाज में जागरूकता के साथ साथ बुनियादी आवश्यकताओं, जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार जैसे मसलों को भी एड्रेस करना होगा | उक्त विचार उ.प्र.राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती निर्मला सिंह पटेल ने व्यक्त किये | वे डॉ.शम्भुनाथ सिंह रिसर्च फाउंडेशन (एस.आर.एफ.) एवं चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राय) के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह पीड़िताओं के आप – बीती (Testimony) कार्यक्रम के अध्यक्ष पद से विचार व्यक्त कर रही थी | उन्होंने कहा कि बालिकाओं के विवाह की उम्र 21 वर्ष करने के साथ ही हमे स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं की सार्वभौमिक उपलब्धता पर और गहन रूप से कार्य करना होगा |

पैनलिस्ट के रूप में विचार व्यक्त करते हुए महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश वाराणसी मण्डल के उपनिदेशक श्री प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह के सभी आयामों को ध्यान में रखते हुए प्राविधान किये गये है, ताकि एक तरफ पीड़ित बच्चों को न्याय मिल सके, वहीँ दूसरी तरफ इस कृत्य को अंजाम देने वालों के विरुद्ध कार्यवाही भी सुनिश्चित की जा सके, किन्तु आज आवश्यकता है इस क़ानून को कठोरता से लागू करने की | आज के इस आप – बीती कार्यक्रम में बाल विवाह पीड़ित महिलाओं की जो भी समस्याएं सामने आई है, हम उनका गंभीरतापूर्वक शीघ्रातिशीघ्र न केवल निराकरण करने का प्रयास करेंगे, बल्कि उनके माध्यम से जो समस्याएं हमारे सामने निकल कर आई है, उन समस्याओं का चिन्हांकन करते हुए बृहत स्तर पर कार्य रणनिति बनाकर आगे बढ़ेंगे |

वरिष्ठ मानवाधिकार अधिवक्ता श्री तनवीर अहमद सिद्दीकी ने कहा कि वर्ष 2006 में बना यह क़ानून कालान्तर में बच्चों के लिए बने अन्य कानूनों, जैसे – किशोर न्याय अधिनियम (जे.जे.एक्ट) और बालकों के विरुद्ध लैंगिक अपराध प्रतिषेध अधिनियम (पाक्सो एक्ट) से अंतर्संबंधित नहीं था, जिसकी वजह से बच्चों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर न तो जवाबदेही तय थी और न ही दंड | जिसके लिए इसकी प्रस्तावित नियमावली में विशेष प्राविधान किये जाने की आवश्यकता है | उन्होंने प्रस्तुत मामलों में कई पीड़िताओं के विवाह शून्य कराये जाने, पीड़िताओं को महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा प्रतिषेध अधिनियम एवं आई.पी.सी. व सी.आर.पी.सी. की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से न्याय दिलाने की अनुशंसा की तथा उनके बच्चों को सी.पी.एस. की स्पांसरशिप व फास्टर केयर योजना तथा श्रम विभाग की बाल श्रम विद्या धन योजना के अंतर्गत आक्छादित करने की भी अपील की |

पैनलिस्ट एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समाज कार्य संकाय के प्रमुख प्रो.संजय ने एन.एफ.एच.एस. डेटा के माध्यम से 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों में कुपोषण, एनीमिया, अर्ली मैरेज, अर्ली प्रेगनेंसी एवं बर्थ आदि की चुनौतियों को रेखांकित करते हुए नियमों को व्याहारिकता के परिपेक्ष्य में लागू करने का सुझाव दिया|

पैनलिस्ट एवं बाल कल्याण समिति, वाराणसी की अध्यक्ष सुश्री स्नेहा उपाध्याय ने कहा कि आज के इस आप – बीती कार्यक्रम में जिन भी महिलाओं के प्रकरण प्रस्तुत किये गये है, सी.डब्ल्यू.सी.द्वारा उनकी होम विजिट कराकर उनके बच्चों को महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत आक्छादित कराया जाएगा |. इसके पूर्व कार्यक्रम में रुप्पनपुर की रेनू, उर्मिला, दानियालपुर की अनीता, सोनाली (परिवर्तित नाम), अम्बेडकरनगर की अनीता, मीरघाट की प्रियंका, हरिश्चन्द्रघाट की तनु, दामिनी, अमरपुर की रुकसाना, पुलकोहना की गुलफ्सा आदि ने बाल विवाह के कारण उनके जीवन में उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों और बदहाली तथा उनसे संघर्ष कर उबरने की व्यथा – कथा प्रस्तुत की |  संस्था के बाल पहरुआ के सदस्यों ने गीत व नाटक प्रस्तुत किया |

प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ.शम्भुनाथ सिंह रिसर्च फाउंडेशन की कार्यक्रम निदेशक डॉ.रोली सिंह ने कहा कि फाउंडेशन एवं उनके सहयोगी संस्थाओं द्वारा विगत लम्बे समय से बाल विवाह अधिनियम के सुचारू क्रियान्वयन हेतु किये जा रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया तथा उन्होंने कहा आज का यह आप – बीती कार्यक्रम कुछ सांकेतिक समस्याओं का प्रस्तुतिकरण था, जिनके जरिये असंख्य महिलाये और बच्चे चुनौतियों का सामना कर रहे है, जीवन जटिलता से जी रहे है, लेकिन जानकारी और पहुँच के आभाव में समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है |

कार्यक्रम के मोडरेटर एवं फाउंडेशन के महासचिव श्री राजीव कुमार सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा यदि बच्चों के विवाह की आयु 21 वर्ष निर्धारित की जाती है, तो ऐसे में इस क़ानून का जे.जे.एक्ट एवं पाक्सो एक्ट से अन्तर्सम्बन्ध पुनर्विश्लेषित करने की आवश्यकता होगी |

अंत में अपने सुझावों के साथ धन्यवाद ज्ञापन वन स्टॉप सेंटर की सेंटर मैनेजर रश्मि दुबे  ने किया | इस अवसर पर सुधा, चेतना, दीपिका, दीक्षा, अजित, शुभम, रश्मि, अकलीमा, प्रीति, सरिता, आरती, श्रेया, आदि ने सहयोग प्रदान किया | कार्यक्रम को जे.जे.बी. सदस्य श्री त्रयम्बक शुक्ल और एड.व्योमेश चित्रवंश ने भी संबोधित किया| कार्यक्रम में जनमित्र न्यास के शोभनाथ, प्रतिभा, सुभाष, बृजेश, संजय, विनोद और ज्योति आदि ने भी प्रतिभाग कियाl

                                                                                                              

मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

भारतीय समाज एकरंगा बनाने की कोशिश बेहद खतरनाक

नवसाधना कला केन्द्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय' शिविर का समापन



वाराणसी।21दिसंबर (dil india live)। तीन दिन तक 'प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण' शिविर के समापन पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये कार्यकर्ता इस नारे के साथ अपने घरों को लौट गये कि 'हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में है विश्वास...'। साझी विरासत और मेल-जोल की भारतीय संस्कृति का विस्तार करने की शपथ लेने के साथ ही उन्होंने माना कि सतरंगी भारतीय संस्कृति को एकरंगी बनाने की कोशिश ही मुल्क के लिए सबसे बड़ा खतरा है जिससे मुल्क को बचाने की जरूरत है। तरना स्थित नवसाधना कला केन्द्र में 'राइट एंड एक्ट' संस्था की तरफ से आयोजित प्रशिक्षण शिविर में चले तीन दिनी मंथन में वक्ताओं ने कहा कि साझी विरासत और मेल-जोल की जो संस्कृति भारत में है वह दुनिया के किसी देश में नहीं है।भारतीय समाज हमेशा से सतरंगा रहा है आज कुछ ताकते उसे एकरंगा बनाने की कोशिश कर रही है जिससे हमें सतर्क रहना होगा.

वक्ताओं ने कहा कि आजादी का आंदोलन रहा हो या फिर उसके पहले काल,उस दौर के नायकों को भी एक दूसरे के खिलाफ लड़ाने की कोशिश हो रही है.नये नायक और प्रतीक स्थापित कर के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि खुदा और बंदों का ध्यान रखना ही हर धर्म का मूल है जो ऐसा नहीं करता समाज उसे अधर्मी मानता है. इसलिए प्यार-मोहब्बत से जीना और सबका ख्याल रखना चाहिए।

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि आज धर्म को सियासत की चासनी में लपेटकर सरकार बनाने और बिगाड़ने का दौर शुरू है.ये किसी लोकतांत्रिक देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है.उन्होंने कहा कि आज धर्माधिकारियों और धर्म के व्यापारियों में समाज को बांट दिया गया है.इससे हमें सावधान होना चाहिए। फादर आलोक नाथ ने कहा कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' इस गीत को ही केंद्र में रखकर हम सभी को समाज निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों में खुलापन का दौर काफी विलंब से शुरू हुआ. इसके बावजूद आज हम सभी दूसरे धर्मों की अच्छाइयों को देखने-सुनने के बाद उसे अपने धर्म का हिस्सा बनाते हैं. इन्हीं अच्छाइयों के चलते देश की सतरंगी तस्वीर बनी है।

सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभ पांडेय ने प्रशिक्षणार्थियों को 17 ऐसे एक्ट की जानकारी दी जो समाज के हर तबके के लिए उपयोगी है.उन्होंने कहा कि इन कानूनों की जानकारी देकर ही हम समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिला सकते हैं. उन्होंने आरटीआई का इस्तेमाल कैसे और कब करें,इस बात की भी जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ती श्रुति रघुवंशी ने महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षुओं को इस बात का ग्रुप्स में प्रशिक्षण दिया कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर कैसे काम करेंगे.

आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ ने कहा कि तीन दिनों तक चले प्रशिक्षण शिविर की उपयोगिता तभी सार्थक होगी जब प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने जिलों और गांव में जाकर समाज निर्माण की दिशा में काम करेंगे। शिविर में उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.कार्यक्रम का संचालन डॉ मोहम्मद रिफ ने और प्रतिभागियों की ओर से स्वागत विनोद गौतम तथा धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या प्रसाद ने किया।

सोमवार, 20 दिसंबर 2021

सभी के स्वायत्ता की रक्षा ही धर्मनिरपेक्षता

नवसाधना में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय शिविर में बोले बुद्धिजीवी




वाराणसी 20 दिसंबर (dil india live)। हर व्यक्ति के स्वायत्ता की रक्षा ही धर्मनिरपेक्षता है। कोई भी राज्य तब तक कल्याणकारी राज्य नहीं हो सकता जबतक वह धर्मनिरपेक्ष न हो। ये विचार नवसाधना कला केंद्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय ' विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन वक्ताओं ने कही। अलग-अलग सत्रों में चले शिविर में बीएचयू के प्रो.आनंद दीपायन ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब किसी धर्म के खिलाफ होना नहीं है बल्कि वह हमें दूसरे धर्म का आदर और सम्मान सिखाता है। धर्मनिरपेक्षता ही लोकतंत्र की गारंटी है। इस बात को हमें बखूबी समझने की जरूरत है। जब धर्मनिरपेक्षता कमजोर होगी तो लोकतंत्र कमजोर होगा।

बीएचयू आईआईटी के प्रो.आर के मंडल ने प्रो.दीपायन की बातों को विस्तार देते हुए सवाल उठाया कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो वो कौन से कारण है जिसके चलते पोस्टरों से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर गायब है। उन्हें खलनायक के तौर पर क्यों पेश किया जा रहा है। हमें इस बात को समझने की जरूरत है। नेहरू कहते कि हमारा धर्म विश्वविद्यालय, कालेज, लेबोरेटरी, बांध और नहरों का निर्माण करना है। जबकि आज के दौर में धर्म की परिभाषा बदल गयी है। नेहरू मानते थे कि मानवीय संवेदनाओं से ही संविधान की आत्मा बच सकती है।'

बीएचयू की प्रो.वृंदा परांजपे ने 'समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका' विषयक सत्र में कहा कि हमें अपनी ताकत पहचाननी होगी। जब तक हम अपनी ताकत  नहीं पहचानेंगे तब तक बेहतर समाज का निर्माण नहीं कर सकते। शिविर में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए 40 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। शिविर की विषय स्थापना और संचालन डॉ मोहम्मद आरिफ़ ने किया।


गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

आयुष्मान कार्ड ने जिंदगी बचाई, जीवन में फिर से खुशियां आईं

आयुष्मान लाभार्थी की कहानी उन्हीं की जुबानी 

  • आयुष्मान भारत योजना ने बचा लिया, वरना जिंदा न होता : नन्हे लाल 
  • मुफ्त इलाज पाकर श्रमिक राजन की भी जिंदगी लौटी पटरी पर




वाराणसी16 दिसम्बर (dil india live) । “.... अगर मेरे पास आयुष्मान कार्ड न होता तो पैसे की तंगी के चलते इलाज ही नहीं करा पाता और इतनी गंभीर बीमारी से जिंदा बच भी न पाता ।” यह कहना है सेवापुरी के रहने वाले 40 वर्षीय नन्हें लाल का। मनरेगा के तहत मजदूरी करके और हथकरघा पर कालीन की बुनाई करके वह परिवार का गुजर-बसर करते हैं । नन्हे लाल के जीवन में उस वक्त अंधेरा छा गया, जब पेट की दिक्कत के चलते वह दिहाड़ी करने में भी अपने को असहाय महसूस करने लगे । 

नन्हे लाल बताते हैं कि जांच में पता चला कि लिवर में आब्सेस्स (फोड़ा) है और इलाज पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होंगे । यह सुनकर मानों उनके पैरों तले से जमीन ही खिसक गई क्योंकि मजदूरी करके मुश्किल से परिवार ही पाल पाता था, इतनी बड़ी रकम के बारे में तो सोच भी नहीं सकता था। इसी उधेड़बुन में फंसे नन्हे लाल को जब पता चला कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उनके पास मौजूद आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में हो सकता है । यह पता चलते ही उनके चेहरे की चमक लौट आई और उन्होंने वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती होकर सफलतापूर्वक कैशलेस इलाज कराया । बीमारी से उबरने के बाद नन्हे लाल की जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई है और वह एक बार से अपने परिवार को पालने-पोसने की जिम्मेदारी हंसी-खुशी उठा रहे हैं ।

कुछ इसी तरह की कहानी सेवापुरी की ही आशा कार्यकर्ता 37 वर्षीया सोनी देवी की भी है । सोनी बताती हैं कि उनकी सास की तबीयत एक दिन अचानक बिगड़ गई । उनके पास आयुष्मान कार्ड पहले से मौजूद था, जिसके आधार पर सास को जिले के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराकर छह दिनों तक इलाज कराया । इलाज पर करीब 1.20 लाख का खर्च आया जो कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष मिलने वाले पाँच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज में समायोजित कर लिया गया । सोनी बताती हैं कि कुछ दिनों बाद उनको खुद दिक्कत आई तो अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराया, जिस पर करीब 25 हजार रुपये का खर्च आया किन्तु उन्हें इसके लिए एक भी पैसा नहीं देना पड़ा क्योंकि उनके पास आयुष्मान कार्ड पहले से मौजूद था । सोनी कहतीं हैं- “आयुष्मान कार्ड समय पर सहायता प्रदान करता है और जेब खर्च को कम करता है, इसीलिए मैं अपने गाँव के लोगों को इसके महत्व के बारे में समझाती हूँ और कार्ड बनाने के लिए सक्रिय रूप से मदद करती हूँ ।”

सी तरह 47 वर्षीय राजन सेवापुरी में रहने वाले एक श्रमिक हैं । उनके परिवार में कुल सात सदस्य हैं । सितंबर 2021 में एक दिन वह घर के बाहर गिर गए और गर्दन की हड्डी में चोट आ गई । जांच में पता चला कि गर्दन की कालर बोन फ्रैक्चर हो गई है । उन्होंने आयुष्मान कार्ड पहले से बनवा रखा था, इसलिए बगैर कोई चिंता किए सूचीबद्ध अस्पताल पहुंचे और भर्ती होकर मुफ्त इलाज कराया और अब वह सामान्य महसूस कर रहे हैं । इलाज पर आए करीब 62 हजार रुपये के खर्च का बोझ उनकि जेब पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा । राजन कहते हैं - “आयुष्मान कार्ड की वजह से मुझे इलाज के खर्च की चिंता नहीं करनी पड़ी, यह कार्ड मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत मददगार है ।”

आयुष्मान कार्ड बनवाने में न करें देरी 

सेवापुरी प्रखण्ड में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाई बी पाठक का कहना है कि यदि आपके पास प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का योजना से संबंधित पत्र, अंत्योदय कार्ड या लेबर कार्ड है या सूची में नाम है तो बिना विलंब किए अपने निकटतम कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) जाकर आयुष्मान कार्ड जरूर बनवा लें । इसके अलावा समय-समय पर लगने वाले शिविर, मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला या अस्पतालों में भी आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं, जिसके लिए कोई पैसा भी नहीं देना है । पहले से कार्ड मौजूद होने पर जरूरत पड़ने पर बिना विलंब किए अस्पताल में बिल्कुल मुफ्त इलाज प्राप्त किया जा सकता है ।

कैसे लें सुविधा का लाभ 

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत कमजोर वर्ग के लोगों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पाँच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है । आयुष्मान कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने और मुफ्त इलाज के लिए कार्ड के पीछे दिए टोल फ्री नंबर 1800 1800 4444 पर संपर्क किया जा सकता है ।

वाराणसी के योजना से सम्बद्ध अस्पताल 

आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 23 सरकारी और 156 निजी अस्पताल सम्बद्ध हैं, जहां पर करीब 1450 तरह की छोटी-बड़ी बीमारियों का पाँच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराया जा सकता है । अस्पतालों में योजना से जुड़े मरीजों की मदद के लिए आरोग्य मित्रों की भी तैनाती की गई है ।

सेवापुरी ब्लाक के योजना से जुड़े आँकड़े

-कुल लाभार्थी परिवार (सेवापुरी) – 9975 (शत-प्रतिशत कवर हो चुके हैं)

योजना के कुल लाभार्थी (सेवापुरी) : करीब 41,000  

अबतक कुल बने आयुष्मान कार्ड (सेवापुरी) : 32,006 

-कितने लोगों ने उठाया लाभ : 

जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक करीब 3,36,175 तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत 41,992 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही अबतक 78,142 लोगों ने मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है।

शनिवार, 11 दिसंबर 2021

सीडीएस बिपिन रावत समेत बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि

 

वाराणसी11 दिसंबर(dil india live)। क्षत्रिय धर्म संसद काशी ने पत्रकार पुरम कॉलोनी में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत सीडीएस बिपिन रावत सहित अन्य बलिदानियों को श्रद्धांजलि दिया। श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले सभी व्यक्तियों ने अपनी नम आंखों से उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुआ कहा कि जनरल बिपिन रावत ने अपने शौर्य पराक्रम और अदम्य साहस के कारण भारत ही नहीं दुनिया में अपनी पहचान बनाई थी। उनके व्यक्तित्व का बखान करते हुए  कहा कि जनरल रावत अपने अद्भुत सैन्य कौशल से सैन्य तंत्र को नया कलेवर और आकार देने तथा शत्रुओं की हर चुनौती पर अपने सैनिकों को निडर होकर सामना करने को प्रोत्साहित करते थे। हमने देश का सबसे बड़ा सैन्य अधिकारी खोया है जो बहादुरी और सैन्य कौशल की मिसाल थे। जनरल रावत बहुत ही काबिल अधिकारी थे इसी कारण कम समय में वह थल सेनाध्यक्ष और भारत के प्रथम सीडीएस बने । श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बताया कि उनके योगदान को यह देश सदैव याद रखेगा जनरल बिपिन रावत के लिए राष्ट्र ही सर्वोपरि था और राष्ट्र की रक्षा करने के लिए अपने सर्वोच्च समर्पण और बलिदान को सदैव तत्पर रहने वाले थे।

 श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख रूप से रणविजय सिंह, राहुल सिंह, प्रबोध नारायण सिंह, प्रोफेसर गुरु प्रसाद सिंह, सर्वजीत शाही, इंजीनियर राम विजय सिंह, डॉ. संजय सिंह गौतम, स्वतंत्र बहादुर सिंह, डॉ रमेश प्रताप सिंह ,डॉ. अंबिका सिंह ,गायक डा.श्रवण सिंह ,रणंजय सिंह,पत्रकार डा.अरविंद सिंह ,संजय सिंह,हरिनारायण सिंह बिसेन, दृग्विन्दु मणि सिंह, प्रवीण सिंह ,गोरखनाथ सिंह ,ठाकुर कुश प्रताप सिंह ,किरण सिंह ,संजीव कुमार सिंह, अरुण सिंह ,डा. अशोक सिंह ,डा.राजीव सिंह,पंकज सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

भारत विकास परिषद सत्यम ने बांटी खिचड़ी


वाराणसी 11 दिसंबर (dil india live)। भारत विकास परिषद सत्यम रजत जयंती वर्ष अध्यक्ष अजीत मेहरोत्रा ने बताया कि अपने स्थाई प्रकल्प के तहत आज शनिवार को दशाश्वमेध स्थित बाबा खिचड़ी मंदिर में महीने के दूसरे शनिवार पुनः खिचड़ी वितरण हुआ। जिसमें करीब 300 व्यक्तियों को खिचड़ी वितरण किया गया। इस सेवा कार्य में कार्यक्रम संयोजक किशन पेशवानी, अनिल अग्रवाल, एडी सिंह, महिला संयोजिका रितु बरनवाल, शेखर बरनवाल, कोषाध्यक्ष विष्णु सेठ, मृत्युंजय, संस्कार  मेहरोत्रा, गुलशन छाबड़ा ,शशि छाबड़ा आदि लोगों ने सेवा कार्यों मे सहयोग दिया।

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण समस्या पर कार्यशाला





वाराणसी 10 दिसंबर (dil india live)।“प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण समस्या " पर एक दिवसीय कार्यशाला आर्य महिला पीजी कॉलेज इतिहास विभाग में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार, जी.आई.जेड (GIZ) इंडिया एवं लक्ष्य के तत्वाधान में "प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण समस्या" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । 

मुख्य अतिथि डॉ. केशरी नंदन शर्मा ( विधि संकाय , काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी ) ने प्लास्टिक के सामानों के उपयोग एवं दुरूपयोग की चर्चा करते हुए पर्यावरण की समस्या से अवगत कराया। प्लास्टिक से बने हुए उत्पाद आज पर्यावरण को बहुत ही नुकसान पहुंचा रहे हैं, वर्तमान में गंभीर बीमारियों के प्रभाव जो दिखाई दे रहा है , वह प्लास्टिक कचरा से उत्पन्न प्रदूषण के कारण से ही हो रहा है, इन्होने आज 10 दिसम्बर विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हम सभी को भारत सरकार के द्वारा प्लास्टिक कचरा निस्तारण के प्रावधानों और स्वच्छ वातावरण प्रदान किये जाने के साथ इस स्वच्छ वातावरण में जीने के अधिकारों के बारें में भी अवगत कराया । 

इस कार्यशाला के द्वितीय सत्र के वक्ता डा. तारकेश्वर नाथ तिवारी ( पर्यावरण अध्ययन केंद्र, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी ) ने पर्यावरण के विविध आयामों की चर्चा करते हुए वातावरण को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक तत्वों के बारे में चर्चा करते हुए प्लास्टिक कचरा के निस्तारण के बारे में बताया कि यदि प्लास्टिक बैग , पानी की बोतल एवं प्लास्टिक के अन्य उत्पाद जिसे दुबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता तो उसके स्थान पर पुनः प्रयोग की जाने वाली वस्तु का उपयोग किया जाना चाहिए । कार्यक्रम संयोजक डॉ. नरेश सिंह ने पर्यावरण की गंभीर समस्याओं से अवगत कराते हुए जीवन के लिए अनुकूल वातावरण के बारे में जानकारी प्रदान की । कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता सिंह ने किया एवं डॉ. बृजबाला सिंह (कार्यवाहक प्राचार्या ) ने आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक जिम्मेदारी सौंपा की वे अपने घर और पड़ोस का कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूक करें, डॉ. पूनम ने कहा की जो प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या अभी तक शहरी केन्द्रों की समझी जाती थी वह अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखी जा सकती है अतः प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को समाधान किया जाना आवश्यक है , डॉ. अनीता सिंह , डॉ. फलीप सम मनोहर लाल , यासमीन , राजेश सरोज , गिरीश गिरी एवं अंगद कुमार द्विवेदी लक्ष्य संस्था के परियोजना अधिकारी एवं  छात्राओं की सहभागिता रही I धन्यवाद ज्ञापन सपना यादव ने दिया।

बाप रे चाइल्ड लाइन न होता तो क्या होता?

किशोर-किशोरी की होने जा रही थी शादी 

चाइल्ड लाइन हुआ सक्रिय तो रुका बाल विवाह

 


वाराणसी 10 दिसम्बर(dil india live)। बजरडीहा क्षेत्र में शुक्रवार को एक किशोरी के विवाह के प्रयास को चाइल्ड लाइन ने विफल कर दिया। तीन दिन पूर्व भी इसी इलाके में चाइल्ड ने एक बाल विवाह होने से रोका था। चार माह के भीतर चाइल्ड लाइन ने यह चौथा बाल विवाह रोकवाया है। लोग कहते सुने गए बाप रे, बाप चाइल्ड लाइन न होता तो क्या होता?

दरअसल चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर शुक्रवार को  सूचना मिली  कि बजरडीहा में नाबालिक किशोरी का बाल विवाह हो रहा है। सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन के निदेशक मजू मैथ्यू ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह से संपर्क  किया। इसके बाद चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम बजरडीहा पुलिस चौकी से पुलिस को साथ लेकर वहाँ पहुंची। इस टीम में आज़ाद,संतोष,अंकुर, गोविन्द, दीपचंद के अलावा बाल संरक्षण इकार्इ के राजकुमार शामिल थे। टीम जब पुलिस के साथ वहां पहुंची तब वहां निकाह चल रहा था। मेहमान दावत खा रहे थे।  पुलिस टीम को साथ देख वहां अफरा-तफरी मच गयी। किशोरी और उसके होने वाले शौहर के परिजनों को बजरडीहा पुलिस चौकी लाकर पूछताछ की गयी तो पता चला कि किशोरी नाबालिग  है। इसके साथ ही निकाह रोक दिया गया। किशोरी को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति की अध्यक्ष स्नेहा उपाध्याय, सदस्य अखिलेश मौर्या व किशोर चन्द्र समक्ष दोनों पक्षों ने निकाह रोकने का लिखित बांड भरा। इसके बाद उनको बच्ची को घर ले जाने की अनुमति दे दी गयी ।

 क्या है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम

किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका का  18 साल  के होने के बाद ही किया जा सकता  है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जायेगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होने  पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।

बुधवार, 8 दिसंबर 2021

किशोर- -किशोरी के विवाह को चाइल्ड लाइन ने रोकवाया

किशोर को बंधक बनाकर जबरन कर रहे थे शादी



वाराणसी,  7 दिसम्बर (dil india live) बजरडीहा क्षेत्र में एक किशोरी के बाल विवाह कराने का प्रयास चाइल्ड लाइन की सक्रियता से सोमवार की रात विफल हो गया। खास बात यह रही की किशोर भी नाबालिग निकला। किशोरी के परिवार वाले किशोर को बंधक बना कर जबरन उसकी शादी करा रहे थे। चाइल्ड लाइन ने चार माह के भीतर यह तीसरा बाल विवाह होने से रोका है। इसके पहले दुर्गाकुण्ड और चोलापुर इलाके में हो रहे बाल विवाह को रोकने में चाइल्ड लाइन ने सफलता हासिल की थी।

चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर सोमवार की शाम किसी ने सूचना दी कि बजरडीहा की मलिन बस्ती में नाबालिग  किशोरी का बाल विवाह हो रहा है। सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन के निदेशक मजू मैथ्यू ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह से संपर्क  किया। इसके बाद चाइल्ड लाइन व जिला बाल संरक्षण इकाई की एक टीम बजरडीहा पुलिस चौकी से पुलिस को साथ लेकर मलिन बस्ती पहुंची। इस टीम में रामप्रताप चौहान, खुशबू भारती, अंकुर यादव, गोविन्द गुप्ता व बाल संरक्षण इकाई के राजकुमार शामिल थे। टीम जब पुलिस के साथ वहां पहुंची तब वहां शादी की रस्म हो रही थी। पुलिस टीम को साथ देख वहां अफरा-तफरी मच गयी। चाइल्ड लाइन के निदेशक मजू मैथ्यू ने बताया कि किशोरी और किशोर के परिजनों को बजरडीहा पुलिस चौकी लाकर पूछताछ की गयी तो पता चला कि न सिर्फ  किशोरी बल्कि किशोर भी नाबालिग है। कुछ दिन पूर्व  दोनों एक साथ घर से कहीं चले गये थे और तीन दिन बाद लौटे । इस मामले को लेकर किशोरी के परिवार वाले बेहद नाराज हुए। उन्होंने किशोर के परिजनों से शादी के लिए दबाव बनाया। उनके इनकार करने पर सोमवार को किशोरी के परिवार के लोगों ने किशोर को बंधक बना लिया और उसकी जबरन किशोरी से शादी करा रहे थे। परिजनों के लिखित आश्वासन पर कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे, किशोरी को घर जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई । चाइल्ड लाइन निदेशक मजू मैथ्यू के अनुसार किशोर व किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 क्या है बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम

किसी भी बालक का विवाह 21 साल एवं बालिका का  18 साल  के होने के बाद ही किया जा सकता  है। यदि कोई भी व्यक्ति इस निर्धारित उम्र से काम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह करार दिया जायेगा। भले ही वह सहमति से ही क्यों न किया गया हो। सहमति से किया गया बाल विवाह भी कानूनी रूप से वैध नहीं होता। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम -2006 के अंतर्गत बाल विवाह होने  पर दो वर्ष की सजा अथवा एक लाख का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण

अग्रसेन में इलीट ने लगवायी सैनेटरी मशीन

वाराणसी 06 (dil india live)। श्री अग्रसेन कन्या पी. जी. कालेज, बुलानाला में वाराणसी इलीट लेडीज़ सर्किल 178 और वाराणसी इलीट राउंड टेबल 278 द्वारा सैनिटेरी नैप्किन वेंडिंग मशीन लगाई गई। इस दौरान लेडीज सर्किल की अध्यक्ष वेणु नागर व सचिव सुरभि मोदी ने महाविद्यालय की छात्राओ को माहवारी के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि इन दिनों में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाता है, और स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्लब द्वारा वेन्डिग मशीन के साथ-साथ 1000 सैनेटरी नैपकिन भी प्रदान की गई। 

इस अवसर पर श्री अग्रसेन कन्या पी. जी. कालेज  की डॉ. सुमन मिश्रा, डॉ. विनीता, डॉ. मीना अग्रवाल और लेडीज़ सर्कल की  स्नेहा लखवानी , ज्योति माहेश्वरी , श्वेता पाठक, अनुश्री अग्रवाल एवं राउंड टेबल के अमित मोदी,  रजत अग्रवाल, अंशुमन अग्रवाल उपस्थिति रहे।



शनिवार, 27 नवंबर 2021

कचरा भी आय का बन सकता है ज़रिया: पूनम तिवारी



वाराणसी 26 नवम्बर (dil india live) आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी परिकल्पना वेस्ट को वेल्थ में बदलने के क्रम में एसबी जनरल इंश्योरेंस कम्पनी के सहयोग एवं साई इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी के तत्वाधान में रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में घरेलू महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का समापन करते हुए हुनर-ए-बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा कि मंदिरों पर अर्पित फूलो से महिलाओ को रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर के आत्मनिर्भर बनाना ही आजादी का अमृत महोत्सव है | हमारा कचरा भी आय का एक जरिया बन सकता है। यही बात लोगो के मन में बैठाना है कि कोई भी चीज बेकार नहीं है, बशर्ते हम उसका सही इस्तेमाल करना जाने। इस सेंटर पर कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम एक सराहनीय कार्यक्रम है। जिससे तमाम महिलाये जुडकर के लाभ उठा रही है | कार्यक्रम के आईटी व् उद्यमिता एक्सपर्ट प्रशांत दुबे ने महिलाओ को खुद का उद्यम लगाने, ऑनलाइन मार्केटिंग व् ब्रांडिंग के बारे में बिस्तृत रूप चर्चा की। ताकि महिलाओ को घर बैठे उन्हें एक ग्लोबल मार्किट मिल सके।

कार्यक्रम के संयोजक व् साई इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि वाराणसी के मंदिरों पर चढ़ाए जाने वाले भारी मात्रा में चढ़ाये गए श्रद्धा  के फूलों से “सीमैप सी.एस.आई.आर. लखनऊ के तकनीकी सहयोग से महिलाओ को प्राकृतिक अगरबत्ती, धुप, हर्बल गुलाल, आदि सामग्री बनाने का न सिर्फ प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि उन्हें हुनर-ए-बनारस के पोर्टल से ऑनलाइन मार्केटिंग का हुनर बताया जा रहा है। यहाँ पर महिलाओं के सेल्फ-हेल्प ग्रुप की महिलाओ को भी 15-15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया रहा है। जिससे घर बैठे अपनी आर्थिक स्तिथि को बढ़ा सकने में सक्षम हो सके | उक्त अवसर पर दीक्षा सिंह, दिलीप कुमार सिंह, हर्ष सिंह, राजेश कुमार, यास्मिन सहित प्रशिक्षण लेने वाली महिलाये उपस्तिथ रही |

police Commissioner Varanasi ने रामनवमी के दृष्टिगत भ्रमण कर ड्यूटीरत पुलिस अधिकारियों को दिया दिशा-निर्देश

सड़क पर उतरे सीपी पैदल गश्त कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का लिया जायजा थाना प्रभारी चौक को लगाई फटकार Mohd Rizwan  Varanasi (dil India live). पुलिस...