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गुरुवार, 18 मई 2023

India post पेमेंट्स बैंक खाते अब तुरंत खुलेंगे

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किश्त मिलेगी तुरंत 

ग्राम पंचायत शिविर में खुलेंगे आधार लिंक्ड इंडिया पोस्ट खाते 


Varanasi (dil india live). 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के अंतर्गत अप्रैल से जुलाई 2023 की अवधि हेतु 14 वीं किश्त का किसानों को बेसब्री से इंतज़ार है। इनमें तमाम किसान ऐसे हैं, जिनका बैंक खाता आधार और मोबाईल नंबर से लिंक नहीं है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि अब इन लाभार्थी किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने डाकघर और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से इनके आधार और मोबाईल लिंक्ड नए खाते खोलने की पहल की है। 

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों के लिए पूरे राज्य में प्रत्येक ग्राम पंचायत में वृहद ग्राम पंचायत शिविर का आयोजन 22 मई से 10 जून तक किया जा रहा है, जिसमें समस्त जनपदीय उप कृषि निदेशक अपने-अपने जनपद में तैनात इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के प्रतिनिधि अधिकारियों से संपर्क कर गाँव-गाँव में शिविरों का आयोजन कराना सुनिश्चित करेंगे। इन शिविरों में डाक विभाग द्वारा 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' हेतु किसानों के नए इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खोलकर तत्काल आधार से लिंक करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। श्री यादव ने बताया कि शिविर के दौरान तुरंत ही लाभार्थी किसान के आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर के माध्यम से उनका नया खाता आईपीपीबी द्वारा चंद मिनटों में ही खोलकर उसमें आधार सीडिंग का कार्य पूर्ण किया जायेगा, जिससे किसानों को आगामी किश्त से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। यही नहीं, खातों में किश्त प्राप्त होने के बाद किसान घर बैठे ही डाकिया के माध्यम से अपने खाते से राशि भी निकाल सकते हैं। गौरतलब है कि 13वीं किश्त जारी होने से पूर्व फ़रवरी माह में भी डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र में इस प्रकार के चलाये गए कैंपेन में उत्तर प्रदेश परिमंडल में प्रथम स्थान पर रहते हुए लगभग 15 हज़ार किसानों के नए खाते खोले गए थे और उनको प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ घर बैठे मिल रहा है। 

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दिसम्बर 2018 से किसानों को हर साल आर्थिक मदद की जाती है। किसानों को ये राशि हर 4 महीने के अंतराल पर तीन किश्तों में दो-दो हजार रुपये करके उनके खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है जिसमें उत्तर प्रदेश में अभी तक लगभग 2.60 करोड़ किसानों को कम से कम एक बार लाभ प्रदत्त किया जा चुका है। इस संबंध में अधिकाधिक किसानों को जोड़ने हेतु उत्तर प्रदेश शासन में अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने भी डाक विभाग को पत्र लिखकर सहयोग की अपेक्षा की है। 


शनिवार, 28 जनवरी 2023

Aasha ट्रस्ट ने कराया general knowledge प्रतियोगिता

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले बच्चे हुए पुरस्कृत

2660 बच्चे थे शामिल, 234 का प्रदर्शन उल्लेखनीय

गांधी जी के जीवन पर आधारित पुस्तक देकर बच्चों को किया पुरस्कृत



Varanasi (dil india live).सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और उन्हें प्रात्साहित करने के उद्धेश्य से सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में गांधी जयंती के अवसर पर एक वृहद् सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमे चौबेपुर, धौरहरा और राजवारी संकुल के 20 विद्यालयों की कक्षा तीन से पांच के 2660 बच्चे शामिल हुए थे। संस्था द्वारा उक्त परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर 234 प्रतिभाशाली बच्चों को चयनित किया गया और संस्था के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार और शनिवार को सभी विद्यालयों में जाकर चयनित बच्चों को पुरस्कृत किया।

पुरस्कार के रूप में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित गांधी जी के जीवन चित्र पर आधारित पुस्तक मोनिया सभी बचों को प्रदान की गयी। ज्ञातव्य है कि गांधी जी का बचपन का पुकार का नाम "मोनिया" था।

प्रतियोगिता में कैथी संविलियन, कैथी प्रथम, भंदहा कला, ढाखा, मोलनापुर, दुबानबस्ती, दुर्गवा, श्रीकंठपुर, कुर्सिया, डूढवां, सरैया, टेकुरी, धौरहरा प्राथमिक, धौरहरा संविलियन, भगवानपुर, बहादुरपुर, बिरनाथीपुर, ऊगापुर, पलकहाँ, और कौवापुर विद्यालय के बच्चे शामिल हुए थे।

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय बताया कि गान्धी जी की शहादत के पचहत्तरवें वर्ष के अवसर पर यह प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी जिसमें सरकारी स्कूलों के बच्चो और शिक्षकों ने बहुत ही उत्साह दिखाया। इन विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने की आवश्यकता है इसलिए ऐसी गतिविधियाँ नियमित करने के लिए आशा ट्रस्ट संकल्पित है।

सामान्य ज्ञान परीक्षा आयोजन, प्रश्नपत्र मूल्यांकन और पुरस्कार वितरण में प्रमुख रूप से  प्रदीप सिंह, रमेश प्रसाद, पूजा यादव, अनीता देवी, बृजेश कुमार,  मनोज यादव, सूरज पाण्डेय, डॉ इंदु पाण्डेय, दीन दयाल सिंह, सौरभ, शौर्य पाण्डेय आदि का विशेष योगदान रहा।

शनिवार, 1 अक्टूबर 2022

Post Card ने पूरा किया 153 साल का सफर

1 अक्टूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी हुआ था पहला पोस्टकार्ड

  • विभिन्न आंदोलनों का गवाह है पोस्टकार्ड
  • पोस्टकार्ड का क्रेज आज भी बरकरार, वाराणसी परिक्षेत्र में गत वर्ष डाकघरों से बिके 3.20 लाख पोस्टकार्ड
  • शादी-ब्याह, शुभकामनाओं में पोस्ट कार्ड की रही है अहम भूमिका 



Varanasi (dil india live). सोशल मीडिया में खोई युवा पीढ़ी का पाला भले ही पोस्टकार्ड से न पड़ा हो, पर एक दौर में पोस्टकार्ड खत भेजने का प्रमुख जरिया था। शादी-ब्याह, शुभकामनाओं से लेकर मौत की ख़बरों तक तो इन पोस्टकार्डों ने सहेजा है। तमाम राजनेताओं से लेकर साहित्यकार व आंदोलनकारियों ने पोस्टकार्ड का बखूबी प्रयोग किया है। अपना वही पोस्टकार्ड 1 अक्टूबर, 2022 को वैश्विक स्तर पर 153 साल का हो गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि, दुनिया में पहला पोस्टकार्ड  एक अक्तूबर 1869 को ऑस्ट्रिया में जारी किया गया था।

इसके पीछे की कहानी के बारे में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि, पोस्टकार्ड का विचार सबसे पहले ऑस्ट्रियाई प्रतिनिधि कोल्बेंस्टीनर के दिमाग में आया था, जिन्होंने इसके बारे में वीनर न्योस्टॉ में सैन्य अकादमी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. एमैनुएल हर्मेन को बताया।  उन्हें यह विचार काफी आकर्षक लगा और उन्होंने 26 जनवरी 1869 को एक अखबार में इसके बारे में लेख लिखा। ऑस्ट्रिया के डाक मंत्रालय ने इस विचार पर बहुत तेजी से काम किया और पोस्टकार्ड की पहली प्रति एक अक्तूबर 1869 में जारी की गई। यहीं से पोस्टकार्ड के सफर की शुरुआत हुई। दुनिया का यह प्रथम पोस्टकार्ड पीले रंग का था।  इसका आकार 122 मिलीमीटर लंबा और 85 मिलीमीटर चौड़ा था। इसके एक तरफ पता लिखने के लिए जगह छोड़ी गई थी, जबकि दूसरी तरफ संदेश लिखने के लिए खाली जगह छोड़ी गई।  

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारत में पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया। हल्के भूरे रंग में छपे इस पहले पोस्टकार्ड की कीमत 3 पैसे थी और इस कार्ड पर ‘ईस्ट इण्डिया पोस्टकार्ड’ छपा था।  बीच में ग्रेट ब्रिटेन का राजचिह्न मुद्रित था और ऊपर की तरफ दाएं कोने में लाल-भूरे रंग में छपी ताज पहने साम्राज्ञी विक्टोरिया की मुखाकृति थी। अंदाज़-ए-बयां का यह  माध्यम लोगों को इतना पसंद आया कि साल की पहली तीन तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपए के पोस्टकार्ड बेचे गए थे।

गौरतलब है कि डाकघरों में चार  तरह के पोस्टकार्ड मिलते रहे हैं - मेघदूत पोस्टकार्ड, सामान्य पोस्टकार्ड, प्रिंटेड पोस्टकार्ड और कम्पटीशन पोस्टकार्ड । ये क्रमश : 25 पैसे, 50 पैसे, 6 रूपये और 10 रूपये में उपलब्ध हैं। कम्पटीशन पोस्टकार्ड फिलहाल बंद हो गया है। इन चारों पोस्टकार्ड की लंबाई 14 सेंटीमीटर और चौड़ाई 9 सेंटीमीटर होती है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि कम लिखे को ज़्यादा समझना की तर्ज पर पोस्टकार्ड न सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि तमाम सामाजिक-साहित्यिक- धार्मिक -राजनैतिक आंदोलनों का गवाह रहा है।  पोस्टकार्ड का खुलापन पारदर्शिता का परिचायक है तो इसकी सर्वसुलभता लोकतंत्र को मजबूती देती रही है। आज भी तमाम आंदोलनों का आरम्भ पोस्टकार्ड अभियान से ही होता है।  ईमेल, एसएमएस, फेसबुक, टि्वटर और व्हाट्सएप ने संचार की परिभाषा भले ही बदल दी हो, पर पोस्टकार्ड अभी भी आम आदमी की पहचान है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पोस्टकार्ड के प्रति अभी भी लोगों का क्रेज बरकरार है। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में 3.20 लाख पोस्टकार्डों की बिक्री हुई थी, वहीं इस साल 51 हजार से ज्यादा पोस्टकार्डों की बिक्री की जा चुकी है।

गुरुवार, 15 सितंबर 2022

Post office ने शुरू किया 'सुकन्या समृद्धि महोत्सव'

डाक विभाग के महोत्सव में बेटियों ने दिखाया उत्साह

  • प्रधानमंत्री मोदी ने जनकल्याणकारी योजनाओं में सदैव महिलाओं को दी प्राथमिकता - डॉ. नीलकंठ तिवारी
  • बालिकाओं के सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभा रही सुकन्या समृद्धि योजना -पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव
  • सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से बनेगीं बेटियाँ आत्मनिर्भर, 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना भी होगी साकार - पद्मश्री डॉ. रजनीकांत 


Varanasi (dil india live).आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश भर के 75 शहरों में 'सुकन्या समृद्धि योजना' की सफलता के आयामों को लेकर 15 सितंबर से 11 अक्टूबर तक 'सुकन्या समृद्धि महोत्सव' मनाया जा रहा है। वाराणसी में  'सुकन्या समृद्धि महोत्सव' का शुभारंभ पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव की अध्यक्षता एवं पद्मश्री डॉ. रजनीकांत के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित समारोह में किया। वाराणसी प्रधान डाकघर में आयोजित महोत्सव में 10 साल तक की बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोलकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई और उन्हें पासबुक व  उपहार वितरित किये गए। 1000 से ज्यादा बालिकाओं ने इसके लिए आवेदन किया। वहीं वित्तीय समावेशन के तहत डाकघर बचत बैंक और इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की तमाम योजनाओं से जनमनास को जागरूक करते हुए इन योजनाओं के भी खाते खुलवाए गए। 

बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनकल्याणकारी योजनाओं में सदैव महिलाओं को प्राथमिकता दी है। स्वच्छ भारत के तहत शौचालय, उज्ज्वला, जनधन खाता, कौशल विकास, प्रधानमंत्री आवास योजना, जैसी तमाम योजनाओं ने महिलाओं का सशक्तिकरण किया। डाक विभाग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि घर-घर अभियान चलाकर जिस तरह से इस योजना से बेटियों को जोड़ा जा रहा है, वह प्रशंसनीय है।

 अध्यक्षीय सम्बोधन में पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि बालिकाओं के सशक्तिकरण में सुकन्या समृद्धि योजना अहम भूमिका निभा रही है। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में अब तक 2.60 लाख बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, वहीं 755 गाँवों को सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम बना दिया गया है।  डॉ. रजनीकांत ने कहा कि, डाक विभाग अब लोगों तक सिर्फ पत्र ही नहीं पहुँचा रहा, बल्कि सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं और इनके लाभों को भी लोगों तक पहुँचा रहा है। सुकन्या समृद्धि योजना के माध्यम से बेटियाँ आत्मनिर्भर बनेगीं तो 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना भी साकार होगी।

प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव ने बताया कि 10 साल तक की बालिकाओं का मात्र 250 रूपये में सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाकघर में खुलवाया जा सकता है। 7.6 फीसदी आकर्षक ब्याज दर वाली इस योजना में एक वर्ष में अधिकतम डेढ़ लाख जमा किये जा सकते हैं। 

महोत्सव में स्वागत सम्बोधन प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव, धन्यवाद ज्ञापन सीनियर पोस्टमास्टर सी.एस बरुआ और संचालन इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर सुबलेश सिंह ने किया। इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक एसके चौधरी, दिलीप यादव, डाक निरीक्षक सर्वेश सिंह, रमेश यादव, श्रीकांत पाल, वी.एन द्विवेदी, राम रतन पांडेय, श्रीप्रकाश गुप्ता, जगदीश सडेजा, भूपेंद्र कुमार, विवेक कुमार, दीपमणि तिवारी, कमल भारती सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और सुकन्याएँ व उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

सोमवार, 12 सितंबर 2022

Sahitya समाज में संस्कारों और संस्कृति का संवाहक :पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

पीएमजी ने राम बचन सिंह की तीन पुस्तकों का किया विमोचन


Varanasi (dil india live). साहित्य समाज में संस्कारों व संस्कृति का संवाहक है। ऐसे में साहित्यकारों का दायित्व है कि ऐसा लेखन करें जो साहित्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाए। उक्त उद्गार साहित्यकार एवं वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सेवानिवृत्त उप बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राम बचन सिंह यादव 'बेराही' की तीन पुस्तकों - नायाब नायक कर्ण (खंड काव्य), अंतर्बोध (काव्य संग्रह) और असुरवंश बनाम राजवंश (खंड काव्य) का विमोचन करते हुए व्यक्त किया। लाइफ लाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, आजमगढ़ के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में श्री चंद्रजीत सिंह यादव, उप शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर मंडल, प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ. गायत्री सिंह, गीता सिंह भी मंचासीन रहे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि एक तरफ रामायण काल की घटनाओं को सहेजे खंड-काव्य 'असुरवंश बनाम राजवंश' तो दूसरी तरफ महाभारत काल के 'नायाब नायक कर्ण' के जीवन के अंतर्द्वंदों को सहेजे खंड-काव्य की रचना, वहीं जीवन की तमाम अनुभूतियों व संवेदनाओं को सहेजता काव्य संग्रह 'अंतर्बोध'  एक कवि के रूप में श्री राम बचन सिंह यादव की आध्यात्मिक व दार्शनिक प्रवृत्ति, सांस्कृतिक विरासत से जुड़ाव, इतिहास बोध का भरपूर ज्ञान और महापुरुषों से युवा पीढ़ी को जोड़ने का सत्साहस दिखाता है। परिस्थिति और ऐतिहासिक चेतना के द्वंद से उबरते हुए उन्होंने लोग-मंगल से जुड़कर युगीन सत्य को भेदकर मानवीयता को खोजने का प्रयत्न किया। श्री यादव ने कहा कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों ने ज्ञान, भक्ति और कर्म की त्रिवेणी प्रवाहित कर भारतीय जनमानस को जागृत किया। इनमें  जिन प्रगतिशील मूल्यों व समानता के भावों पर बल दिया है, उसे आज बार- बार उद्धृत करने की जरूरत है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि सरकारी सेवाओं में रहते हुए भी साहित्य सृजन का कार्य व्यक्ति की दृष्टि को और भी व्यापक बनाता है। शिक्षा व्यक्ति में ज्ञान उत्पन्न करती है तो साहित्य संवेदना की संपोषक है। इसी कड़ी में श्री राम बचन सिंह यादव न केवल एक शिक्षक एवं पथ प्रदर्शक के रूप में रहे, बल्कि साहित्य के विकास एवम उन्नयन में भी महती भूमिका निभाने को तैयार हैं।

आजमगढ़ से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि तमाम ऋषियों-मुनियों, क्रांतिकारियों व साहित्यकारों की पावन धरा रहे आजमगढ़ में साहित्य की समृद्ध परंपरा रही है। राहुल सांकृत्यायन, अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध', आचार्य चंद्रबली, श्याम नारायण पांडेय,अल्लामा शिब्ली नोमानी, कैफी आजमी जैसे यहाँ के साहित्यकारों ने देश-दुनिया में ख्याति अर्जित की है। आज भी आजमगढ़ के तमाम साहित्यकार न सिर्फ उत्कृष्ट रच रहे हैं बल्कि समाज को एक नई राह दिखा रहे हैं। 

चंद्रजीत सिंह यादव, उप शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर मंडल ने कहा कि श्री राम बचन सिंह यादव की कविताएं पाठक को खुद अपना अंतर्बोध कराती प्रतीत होती हैं। मानवीय मूल्यों के पतन और समाज की वर्तमान स्थिति को उन्होंने अपनी कविताओं में अक्षरक्ष: उतार दिया है। न्यूरोसर्जन डॉ. अनूप कुमार सिंह ने कहा कि अच्छी पुस्तकें जीवन के लिए टॉनिक का कार्य करती हैं। इनके अध्ययन-मनन से  एकाकीपन, निराशा और अवसाद से भी बचा जा सकता है। युवाओं में पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करनी होगी। 

अपनी रचना प्रक्रिया पर राम बचन सिंह यादव ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और नायक कर्ण का व्यक्तित्व सदैव से प्रभावित करता रहा है, जिन्होंने तमाम संघर्षों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी जीवन में मूल्यों का साथ नहीं छोड़ा। इन पर खंड-काव्य लिखकर अपने को बेहद सौभाग्यशाली समझता हूँ। पिताजी के अंतिम दिनों की अवस्था देखकर भी मुझे जीवन का अंतर्बोध हुआ, जिसे काव्य संग्रह के रूप में परिणित किया।     

कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभय प्रताप यादव, प्राचार्य, आर.के फार्मेसी, सठियांव, आजमगढ़ तो आभार ज्ञापन श्री प्रेम प्रकाश यादव ने किया. प्रो.आरके यादव, सरोज, ऋषि मुनि राय, मिथिलेश तिवारी, घनश्याम यादव, संजय यादव, आलोक त्रिपाठी, सूर्य प्रकाश सहित तमाम साहित्यकार और गणमान्य जन उपस्थित रहे।

शनिवार, 10 सितंबर 2022

Digital payment को बढ़ावा देने के लिए अब डाकघरों में 'प्रोजेक्ट फास्ट ट्रैक अभियान'

डाकघरों में यूपीआई आधारित क्यूआर कोड से होगा डिजिटल भुगतान

उपभोक्ताओं को मिलेगा कैश की समस्या से छुटकारा :पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव



Varanasi (dil india live). भारत सरकार कैशलेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करने  डाकघरों में भी ऑनलाइन और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। 'डाकिया डाक लाया' से 'डाकिया बैंक लाया' तक के सफर में जहां डाक विभाग के माध्यम से सरकार वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं अब देश भर में डाकघरों के माध्यम से 'डिजिटल पेमेंट' को भी बढ़ावा दिया जायेगा। सुदूर क्षेत्रों तक डाक विभाग की पहुच होने के चलते ग्रामीण इलाकों के लोग भी डिजिटल पेमेंट करना सीख सकेंगे। उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था के लिए क्यू.आर. कोड से यू.पी.आइ आधारित आनलाइन भुगतान की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 'प्रोजेक्ट फास्ट ट्रैक" अभियान भी चलाया जा रहा है। इससे जहाँ डाक कर्मियों को डिजिटल भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर डाकघरों में आए ग्राहकों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है। वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में 16 हजार से अधिक डिजिटल ट्रांजैक्शन हो चुके हैं जो कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक हैं। 

वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाकघरों में हुए डिजिटल ट्रांजैक्शन की प्रगति की निगरानी हेतु ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है। वाराणसी परिक्षेत्र के सभी 6 प्रधान डाकघरों, 268 उप डाकघरों और 1209 शाखा डाकघरों में  क्यू.आर. कोड से डिजिटल पेमेंट की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इसमें वाराणसी पूर्वी मंडल के 224, वाराणसी पश्चिमी मंडल के 211, जौनपुर के 402, गाजीपुर के 337 और बलिया के 309 डाकघर शामिल हैं। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री पत्र, रजिस्टर्ड पार्सल, रजिस्टर्ड फॉरेन पत्र, व अन्य रजिस्टर्ड आर्टिकल्स, इंटरनेशनल एयर पार्सल, एरोग्राम इंटरनेशनल, फ्रैंकिंग मशीन रिचार्ज, बिजनेस पोस्ट, बिल मेल सेवा, विभागीय परीक्षा शुल्क  इत्यदि के चार्ज का भुगतान अब डिजिटल पेमेंट के माध्यम से हो सकेगा। पत्र/पार्सलों की बुकिंग के दौरान काउंटर क्लर्क द्वारा पॉइंट ऑफ सेल पर पत्र के प्रेषक व प्राप्तकर्ता की सभी जानकारियों को दर्ज करने के उपरांत ग्राहक को रकम बताई जायेगी और क्यू.आर. कार्ड को स्कैन कर भुगतान की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन कर किसी भी यू.पी.आई पेमेंट मोबाइल एप्लीकेशन जैसे डाक पे, गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, एमेजन पे, इण्डिया पोस्ट  पेमेंट्स बैंक आदि के द्वारा डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। भुगतान की प्रक्रिया ग्राहक द्वारा पूर्ण करने पर सॉफ्टवेयर सेन्ट्रल सर्वर से भुगतान संपन्न होने की जानकारी लेगा और ग्राहक की रसीद प्रिंट हो जाएगी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इस सेवा के शुरू होने से ग्राहकों की सुविधाओं में इजाफा होने के साथ-साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। इससे डाकघरों में आए हुए ग्राहकों को फुटकर पैसों की समस्या से राहत मिल जाएगी और काउंटर पर बैठे डाक सहायक को भी नकद लेन-देन से छुटकारा प्राप्त हो जाएगा और समय की भी बचत होगी। ग्राहकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसलिए नकद रकम देकर भी डाक वस्तुओं की बुकिंग का कार्य पूर्व की ही भांति होता रहेगा।

शनिवार, 13 अगस्त 2022

Post office में लगी'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' प्रदर्शनी

प्रधान डाकघर में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार ने की शुरुआत 


Varanasi (dil india live). 'आजादी का अमृत महोत्सव' के क्रम में वाराणसी प्रधान डाकघर में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस'  (14 अगस्त) के उपलक्ष्य में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें विभीषिका को दर्शाते विभिन्न पहलुओं को तस्वीरों और ऐतिहासिक घटनाओं के क्रम में प्रदर्शित किया गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विभीषिका के दंश से पीड़ित आत्माराम, सावित्री देवी सहित तमाम शरणार्थी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन उपस्थित रहे। विभाजन के समय की भयावहता को याद करते हुए लोगों ने अपने अनुभवों को साझा किया। इस विभीषिका को सुनकर पूरा माहौल मार्मिक हो उठा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि यह प्रदर्शनी 14 अगस्त तक प्रधान डाकघर वाराणसी के साथ-साथ परिक्षेत्र के सभी प्रधान डाकघरों में लोगों के अवलोकन हेतु चलेगी। इस प्रदर्शनी के द्वारा देश के विभाजन के हालात विभिन्न तस्वीरों के माध्यम से प्रदर्शित किये गए। विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को याद कर उस दर्द को महसूस किया गया जो कभी हमारे पूर्वजों द्वारा झेला गया था। विभाजन के दौरान बहुत से लोग बेघर हो गए तो तमाम लोगों ने अपने संघर्षों से नए मुकाम भी प्राप्त किए।

इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव, डाक अधीक्षक पीसी तिवारी, सीनियर पोस्टमास्टर  सी.एस बरुआ, सहायक अधीक्षक एसके चौधरी, एमआर राश्दी,  दिलीप सिंह यादव, डाक निरीक्षक श्रीकांत पाल, रमेश यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, जगदीश चंद्र सडेजा सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

शुक्रवार, 29 जुलाई 2022

Raksha bandhan: वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे में डाक से राखी भेज सकेंगी बहनें

पोस्टमास्टर जनरल ने जारी किया वाटरप्रूफ डिजायनर राखी लिफाफे 

डाकघरों से शुरू होगी बिक्री

डाक विभाग द्वारा राखी भेजने को वाटरप्रूफ डिजायनर लिफाफे महज ₹10 में


Varanasi (dil india live). 11 अगस्त को देश दुनिया में रक्षा बंधन का पर्व मनाया जायेगा। भाई बहनों के साथ ही इस प्यार भरे त्योहार के लिए डाक विभाग ने भी तैयारियाँ आरंभ कर दी हैं। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने विशेष रुप से निर्मित रंगीन डिजाइनर वाटरप्रूफ राखी लिफाफे कैंट प्रधान डाकघर में आयोजित एक कार्यक्रम में जारी किए। अब वाराणसी परिक्षेत्र के अधीन - वाराणसी, भदोही, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर व बलिया जिले के डाकघरों में बिक्री के लिए ये उपलब्ध होंगे।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि ये डिजानइर राखी लिफाफे वाटर प्रूफ तथा सुरक्षा की दृष्टि से मजबूत हैं, जिससे बारिश के मौसम में भी बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सुदूर रहने वाले भाइयों तक सुरक्षित पहुँच सकें। 11 सेमी X 22 से.मी. आकार के इन राखी लिफाफों का मूल्य  ₹ 10  मात्र है जो डाक शुल्क के अतिरिक्त है। वाटरप्रूफ लिफाफे के बाएं हिस्से के ऊपरी भाग में भारतीय डाक के लोगो और रक्षाबंधन की डिजाइन के साथ अंग्रेजी में राखी लिफाफा और नीचे दाहिने तरफ 'हैप्पी राखी'  लिखा गया है। राखी लिफाफे के पीछे आजादी का अमृत महोत्सव और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश भी अंकित है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि रंगीन और डिजाइनदार होने की वजह से इन्हें अन्य डाक से अलग करने में समय की बचत और रक्षाबन्धन पर्व के पूर्व वितरण कराने में भी सहूलियत  होगी।  

बनारस में यहां उपलब्ध है लिफाफा

प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव और डाक अधीक्षक श्री पीसी तिवारी ने बताया कि राखी लिफाफा प्रधान डाकघर वाराणसी व वाराणसी कैंट सहित हिन्दू विश्वविद्यालय, लंका, सारनाथ, पं. दीन दयाल उपाध्यायनगर, वाराणसी सिटी, चंदौली मुख्य डाकघर, डी.एल.डब्लू, शिवपुर, कमच्छा, काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, ज्ञानपुर, भदोही, भेलूपुर, राजातालाब, सेवापुरी, चोलापुर, कबीरचौरा, बंगाली टोला, काशी आर.एस., महामंडल,  सकलडीहा, धानापुर, चकिया, चोलापुर, चौबेपुर, रामनगर, मंगारी, मंडुवाडीह, गोपीगंज, औराई, महराजगंज, बड़ागांव, डाकघरों में भी उपलब्ध है।

Postmaster General Krishna Kumar Yadav released waterproof designer Rakhi envelopes for sale  from Post offices

Waterproof Designer Envelopes for sending Rakhi by Postal Department, cost only ₹ 10

Now sisters will be able to send Rakhi by Post in a waterproof designer envelope

Varanasi (dil india live). Rakshabandhan festival, a symbol of brother-sister love, will be celebrated on 11th August and for this the Postal Department has already started preparations. Postmaster General of Varanasi Region, Shri Krishna Kumar Yadav,released specially made colorful designer waterproof Rakhi envelopes in a function organized at Varanasi Cantt. Head Post Office. These special Rakhi envelopes will now be available for sale in the Post offices of Varanasi, Bhadohi, Chandauli, Jaunpur, Ghazipur and Ballia districts under Varanasi Region.

Postmaster General, Shri Krishna Kumar Yadav informed that these designer Rakhi envelopes are waterproof and strong from the point of view of security, so that even in rainy season the Rakhi sent by sisters can reach the distant brothers safely. The cost of these 11 cm X 22 cm size Rakhi envelopes is ₹ 10 only which is in addition to the postage charges. Rakhi envelope in English with the logo of India Post and Rakshabandhan design on the upper left side of the waterproof envelope and 'Happy Rakhi' written on the lower right side. On the back of the Rakhi envelope, the logo of Amrit Mahotsav of Independence and Beti Bachao, Beti Padhao is also inscribed. Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav said that being colorful and specially designed; it would save time in segregating them from other mails and would also help in getting them delivered before Rakshabandhan festival.

Senior Superintendent of Post offices, Varanasi Shri Rajan and Superintendent of Post offices Shri PC Tiwari informed that Rakhi envelopes are available in Varanasi Head Post Office,  Cantt Head Post Office and also in other Sub Post offices named Hindu Vishwavidyalaya, Lanka, Sarnath, Pt. Deen Dayal Upadhyaya Nagar, Varanasi City, Chandauli MDG, DLW, Shivpur, Kamachha, Kashi Vidyapeeth, Sampurnanand Sanskrit University, Gyanpur, Bhadohi, Bhelupur, Rajatalab, Sewapuri, Cholapur, Kabirchaura, Bengali Tola, Kashi R.S., Mahamandal, Sakaldiha, Dhanapur, Chakia, Cholapur, Chaubepur, Ramnagar, Mangari, Also available at Manduwadih, Gopiganj, Aurai, Maharajganj, Baragaon  Post Offices of Varanasi East & West Division.  .


बुधवार, 27 जुलाई 2022

Bhadohi news: ज्ञानपुर में लगा डाक मेला

डिजिटल इंडिया में डाक विभाग निभा रहा अहम भूमिका

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया डाक मेले का उद्घाटन



Bhadohi (dil india live). वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया में डाक विभाग अहम भूमिका निभा रहा है। एक ही छत के नीचे तमाम सेवाएं उपलब्ध कराकर डाकघरों को बहुउद्देश्यीय बनाया गया है। बचत, बीमा, आधार, पासपोर्ट, कॉमन सर्विस सेंटर, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, रेलवे टिकट, गंगाजल की बिक्री जैसी तमाम सुविधाएं डाकघरों में उपलब्ध हैं। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने ज्ञानपुर में आयोजित डाक मेले में संबोधन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।  इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया एवं सुकन्या समृद्धि योजना, डाक जीवन बीमा और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विभिन्न लाभार्थियों को पासबुक एवं पॉलिसी बॉन्ड का वितरण किया गया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आमजन में डाकघर की बचत योजनाएँ बेहद लोकप्रिय हैं और इनमें लोग पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित निवेश करते आ रहे हैं। भदोही जिले में अब तक 2.60 लाख बचत खाते, 21 हजार आईपीपीबी खाते और 16 हजार सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं। 27 गाँवों को सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम, 9 गाँवों को सम्पूर्ण बीमा ग्राम एवं 3 गाँवों को 5 स्टार ग्राम बनाया जा चुका है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत आरंभ 'सुकन्या समृद्धि योजना' बालिकाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक आज एक चलते फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। किसानों सहित अन्य तमाम लाभार्थियों के बैंक खातों में आने वाली डीबीटी राशि की निकासी के लिए अब किसी को भी बैंक या एटीएम जाने की जरूरत नहीं, बल्कि घर बैठे ही सभी अपने आधार लिंक्ड बैंक खाते से डाकिया के माध्यम से निकासी कर सकते हैं। आईपीपीबी में खाता होने पर डाकघर की सुकन्या, आरडी, पीपीएफ, डाक जीवन बीमा में भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वाहनों का बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी तमाम सेवाओं का लाभ भी डाकिया के माध्यम से लिया जा सकता है। सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने हेतु आधार जरूरी है, ऐसे में अब घर बैठे डाकिया के माध्यम से ही आधार से लिंक मोबाइल नम्बर भी अपडेट किया जा सकता है। श्री यादव ने बताया कि आमजन को विभिन्न सेवाओं के लिए भटकना न पड़े और सारी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो सकें, इसके लिए अब डाकघरों में भी काॅमन सर्विस सेंटर के माध्यम से एक साथ केंद्र व विभिन्न राज्य सरकारों की 73 सेवाएँ मिल रही हैं। वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर श्री पीसी तिवारी ने कहा कि विभिन्न डाक योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु डाक विभाग द्वारा पहल की जा रही है।

ज्ञानपुर उपमंडल के डाक निरीक्षक अखण्ड प्रताप गोस्वामी ने बताया कि डाक मेले के दौरान 1,350 से ज्यादा डाकघर बचत बैंक खाते और 250 बेटियों के सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। डाक मेले में 3.15 लाख का डाक जीवन बीमा प्रीमियम जमा किया गया है एवं 300 से अधिक किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराया। 

इस कार्यक्रम में डाकघर अधीक्षक, वाराणसी (पश्चिम) मण्डल पी. सी. तिवारी, ग्राम प्रधान रामापुर ज्ञानपुर रीता देवी, सभासद मोहम्मद अबरार,  निरीक्षक डाकघर अखण्ड प्रताप गोस्वामी, श्रीकान्त पाल, पोस्टमास्टर ज्ञानपुर उपडाकघर मुकेश श्रीवास्तव, सीनियर मैनेजर इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ज्ञानपुर निकेश कुमार पाण्डेय सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी -कर्मचारी एवं सम्मानित जनता ने भागीदारी की।

शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

भारतीय संविधान में अधिकारों व कर्त्तव्यों का सुंदर समन्वय - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग में मनाया गया 'संविधान दिवस' 

पीएमजी ने डाककर्मियों को दिलाई शपथ

वाराणसी 26 नवंबर (dil india live)। डाक विभाग द्वारा वाराणसी परिक्षेत्र के सभी डाकघरों और प्रशासनिक कार्यालयों में 72वां संविधान दिवस मनाया गया। क्षेत्रीय कार्यालय में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ, संविधान की उद्देशिका का पाठ और वाचन किया, जिसे सभी ने दोहराते हुए संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान ही नहीं, विश्व के लोकतान्त्रिक इतिहास का अद्वितीय दस्तावेज है। हमारे संविधान का प्रत्येक अनुच्छेद हर नागरिक के अधिकारों की गारंटी है और कर्तव्य का पवित्र स्मरण है। श्री यादव ने कहा कि हमारा संविधान समानता के अधिकार और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण के साथ प्रगति व समृद्धि का रास्ता दिखाता है। सहायक निदेशक श्री राम मिलन ने कहा कि देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले महापुरुषों ने आने वाली पीढ़ियों की आज़ादी बनाए रखने के लिए संविधान की रचना की। इसमें निहित भावना को अंगीकार करके ही हम लोगों का कल्याण कर सकते हैं।

इस अवसर पर सहायक निदेशक राम मिलन, कृष्ण चंद्र, लेखाधिकारी महेंद्र प्रताप वर्मा, सहायक अधीक्षक अजय कुमार, डाक निरीक्षक श्रीकान्त पाल, वीएन दिवेधी, सहायक लेखाधिकारी संतोषी कुमारी राय, अनुभाग पर्यवेक्षक अमरेन्द्र कुमार वर्मा, कार्यालय सहायक राजेन्द्र प्रसाद यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, अभिलाषा राजन, श्रवण कुमार सिंह, राहुल कुमार वर्मा, विजय कुमार, शम्भु प्रसाद गुप्ता, शशिकांत वर्मा, रामचंद्र यादव सहित तमाम अधिकारियों - कर्मचारियों ने संविधान दिवस पर शपथ ली।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...