मस्जिदों में शुरू हुई तरावीह, कल से रखा जाएगा रोज़ा
बाजार हुए गुलजार, मुस्लिम बाहुल इलाकों में लौटी रौनक
मोहम्मद रिजवान
Varanasi (dil India live)। जिस घड़ी का इंतजार था वो इबादत की घड़ी आखिर आ ही गई। शनिवार की शाम सवा 6 बजे मुस्लिमों ने घरों की छतों, मस्जिदों, मदरसों और मैदानों से चांद का दीदार का रमज़ान का वेलकम किया। पटाखे फोड़े गए और खुशियों का इजहार किया गया। लोगों ने एक दूसरे को रमज़ान की मुबारकबाद दी। रात में तरावीह की ख़ास नमाज अदा की गई। माह ए रमजान का चांद देखने के साथ ही रविवार को पहला रोजा रखा जाएगा। मुस्लिम पूरे दिन नीरा जल उपवास रखकर इबादत करेंगे। इस बार रोजा तकरीबन सवा 13 घंटे से अधिक का है। शहर की सैकड़ों मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई। लोगों ने दुआ के लिए हाथ उठाए और सजदे में अपने सर झुकाएं। दूसरी ओर शिया समुदाय ने अपने शहर की 32 मस्जिदों में इमामबारगाह में दरगाहों में मजलिस और दुआख्वानी के साथ रमजान उल मुबारक का इस्तकबाल किया। बाजार गुलजार हो गये, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक लौट आयी। इस दौरान लोगों ने सेहरी और इफ्तार के लिए देर रात तक खरीदारी की। मुस्लिम बहुल इलाको में देर रात तक चहल पहल देखी गई। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि रमजान एक ऐसा महीना है जिसमें हर मुसलमान अपने रब की ज्यादा से ज्यादा इबादत करता है। गरीबों और यतीमो की भरसक मदद करता है। मस्जिदें रोज़ादारो से छलकती रहती है। खुशगवार मौसम में रोज़े का आगाज हो रहा है। इस बार रोजा तकरीबन 13.15 घंटे का होगा। आनेवाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो इबादत का जज्बा भी बुलंदियों पर होगा। ये वो पाक महीना है जिसमें पवित्र कुरान भी नाजिल हुई। इस माह की 15 तारीख को इमाम हसन की विलादत की खुशी जहां मनाई जाएगी वहीं 21 रमजान को मौला अली की शहादत का ग़म भी शिया वर्ग ताज़ा करेंगे।