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गुरुवार, 14 सितंबर 2023

DAV PG College: हिन्दी दिवस पर हुआ काव्य पाठ सह परिचर्चा

'जब शाम ढ़ले, यादों के जुगनू चमकेंगे...'




Varanasi (dil India live).14.09.2023. हिन्दी दिवस पर गुरुवार को डीएवी पीजी कॉलेज में हिन्दी विभाग के तत्वावधान में काव्य पाठ सह परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने कविता पाठ कर हिन्दी के प्रति अपने भाव प्रकट किया। हिन्दी विभाग के डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने सर्वप्रथम 'उजालो के दीपक जलाते रहेंगे, हिंदी दिवस मनाते रहेंगे', 'ढूंढा तुझे गली-गली चित चोर', 'जब शाम ढले यादों के जुगनू चमकेंगे, तुम रोक न पाओगे दिल को धड़कने से' आदि कविताएं सुना कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। इसके उपरांत प्रोफेसर ऋचारानी यादव ने 'भाग का भूखा हूं मैं और भाग का ही सार है' सुनाया, डॉक्टर संगीता जैन ने एक बालक के मर्म को समझाते हुए 'ओ माँ, कहां हो तुम' सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। छात्र कौस्तुभ ने में 'हिंदी हूं मैं हिंदी हूं' सुनाया, उसके अलावा छात्र सत्यम कुमार, राजन झा, रत्नेश यादव, अमरेश आदि ने भी काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्तव्य देते हुए महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी हिन्दी के महत्व को समझ नहीं रही है, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। हिन्दी को पिछड़ने से बचाना है तो हमें दूसरी भाषाओं का भी ज्ञान भी आवश्यक है। हिंदी भाषाओ के इंद्रधनुष के समान है जिसमें सभी रंग विद्यमान है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कुमार राम ने कहा कि हिंदी आज दबाव में है, उस पर अपनी व्यवसायिकता सिद्ध करने का दबाव महसूस किया जा रहा है, बल्कि हिंदी हमारी अस्मिता की भाषा है।

अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ अध्यापक प्रोफेसर मिश्रीलाल ने कहा कि भाषा व्यक्ति को उन्नति के शिखर पर पहुंचा सकती है। जब हम अपनी संस्कृति, अपनी भाषा को ही व विस्मृत कर देंगे तो शायद मनुष्यता ही समाप्त हो जाए। हमें अपनी भाषा के प्रति सम्मान का भाव रखना होगा। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विश्वमौली ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर हबीबुल्लाह, प्रोफेसर सतीश कुमार सिंह, डॉ. दीपक कुमार शर्मा, डॉ. शालिनी, डॉक्टर त्रिपुर सुंदरी, डॉक्टर नाहिद फातिमा आदि ने भी विचार व्यक्त किया। 

शनिवार, 8 अप्रैल 2023

Dav pg College में मी टू पर व्याख्यान में बोली डॉ. अरूंधति

मी टू छवि खराब करने का मंच नहीं, एक आन्दोलन 



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के तत्वावधान में संचालित जेन्डर एवं सोसाइटी कोर्स के अन्तर्गत शनिवार को समसामयिक लैंगिक विमर्शः मी टू से जुड़े मिथकों पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता एमिटी विश्वविद्यालय, पटना में अंग्रेंजी विभाग की असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. अरूंधति शर्मा ने मी टू सिर्फ एक शब्द नही है और ना ही यह किसी शख्शियत की छवि को खराब करने का जरिया बल्कि यह एक आन्दोलन है जिसका उद्देश्य समाज में सफेदपोश का नकाब ओढ़कर अनैतिक कृत्य को अंजाम देने वालो को बेनकाब करना है।

समाज में यह भ्रान्ति फैल गयी है कि मी टू आन्दोलन सिर्फ पुरूषों को बदनाम करने के लिए चलाया जाता है बल्कि वास्तविकता इससे उलट है। मी टू केवल महिलाओं की आवाज तक सीमित नही है, इस मंच का प्रयोग पुरूष भी अपने विरूद्व हुए लैंगिक उत्पीड़न के लिए करते है। डॉ. अरूंधति ने यह भी कहा कि हालांकि मी टू आन्दोलन उन महिलाओं के लिए बड़ा हथियार बन पाया जो समाज में सार्वजनिक रूप से अपने विरूद्ध हुए उत्पीड़न को व्यक्त नही कर सकती थी।

अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. विक्रमादित्य राय ने कहा कि आरंभ से ही मी टू को महिलाओं से ही जोड़ कर देखा गया है, यह सिर्फ एकपक्षीय आवाज नही है वरन पुरूष भी इस मंच का भरपूर इस्तेमाल कर रहे है। संचालन डॉ. सुष्मिता शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नेहा चौधरी ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. हसन बानो, डॉ. सुषमा मिश्रा सहित अन्य अध्यापक, शोधार्थी, एवं छात्र - छात्राएं शामिल रहे।

मंगलवार, 24 जनवरी 2023

dav pg college news: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी

Varanasi (dil india live). डीएवी (dav) पीजी कॉलेज (pg college) में स्थित सिफ्सा द्वारा संचालित यूथ फ्रेंडली क्लीनिक के तत्वावधान में मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल विषय पर बीए प्रथम वर्ष के मनोविज्ञान विषय के विद्यार्थियों के साथ संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया 

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित होना बहुत आवश्यक है। आज युवाओं में विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याएं सामने आ रही है जिसके लिए उन्हें तैयार होना होगा। यह युथ फ्रेंडली क्लीनिक उनके लिए काफी मददगार सिद्ध होगा। उन्होंने किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं और उनका निदान भी बताया और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समग्र है जो जीवन भर आवश्यक रहता है।

कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. कल्पना सिंह के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। कार्यशाला में डॉक्टर अखिलेंद्र कुमार सिंह और डॉक्टर राजेश कुमार झा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में 50 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए।

शनिवार, 14 जनवरी 2023

dav pg college में एकल नाट्य का हुआ मंचन


'माँ मुझे टैगोर बना दो' का मंचन देख भर आयी आँखे



Varanasi (dil india live)। माँ मैं कविताएं अच्छी लिखने लगा हूं, टीचर कहते है मैं आगे जाकर टैगोर जैसा कवि बन सकता हूँ, मुझे टैगोर बनना है माँ, मुझे और पढ़ना है। बेटा... आगे पढ़ना है तो अपने पापा से पूछ, मुझसे नही और टैगोर बनने से पेट नही भरता है। उक्त भावपूर्ण दृश्य शनिवार को जीवन्त रहा डीएवी पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग एवं सांस्कृतिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एकल नाट्य "माँ मुझे टैगोर  बना दे" की प्रस्तुति के अवसर पर। जम्मू से आये प्रख्यात रंगकर्मी लक्की गुप्ता ने पंजाब के मशहूर कथाकार मोहन भंडारी द्वारा रचित नाटक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी, जिसे देख हॉल में उपस्थित सभी की आँखे भर आयी। नाटक में एक बच्चे की कहानी को बड़े ही मार्मिक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है जिसके शिक्षक उसकी प्रतिभा देख उसे टैगोर जैसा कवि बनने की उम्मीद करते है। बच्चा भी मुफलिसी में जीने के बावजूद किसी तरह दसवीं पास कर लेता है लेकिन 12 वीं की पढ़ाई के लिए उसे आगे दूसरे शहर जाना है और उसके लिए उसके परिवार की माली हालत साथ नही देती। फिर भी पिता किसी तरह उसके पढ़ाई का इंतजाम करता है लेकिन दुर्भाग्य वश पढ़ाई के दौरान ही उसके पिता की मजदूरी करते वक़्त हादसे में मौत हो जाती है और बच्चे की पढ़ाई अधूरी रह जाती है, क्योंकि अब उसे पढ़ाई नही करनी अब उसे घर चलाने के लिए काम करना होगा। 

एकल नाटक में रंगकर्मी लक्की गुप्ता के भाव और संवाद ने लोगों को द्रवित कर दिया तो खूब तालियां भी बटोरी। पिछले दस वर्षों से देश के विभिन्न राज्यों में नाटक की प्रस्तुति दे रहे लक्की गुप्ता की यह 1096 वीं प्रस्तुति थी।

इस अवसर पर हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कुमार राम एवं सांस्कृतिक समिति के समन्वयक प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने लक्की गुप्ता को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया। संयोजन प्रोफेसर समीर कुमार पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर मिश्री लाल, प्रोफेसर ऋचारानी यादव, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर पूनम सिंह, डॉ. संगीता जैन, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. हसन बनो, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. सुषमा मिश्रा सहित बड़ी संख्या में अध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


शनिवार, 31 दिसंबर 2022

Varanasi ka Tanishk राजपथ पर करेगा यूपी का नेतृत्व

Varanasi के dav pg college का  छात्र है तनिष्क 



Varanasi (dil india live). डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र कुमार तनिष्क 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राजपथ (नई दिल्ली) में होने वाली परेड के हिस्सा होंगे। 89 यूपी बटालियन, एनसीसी के सीनियर अंडर ऑफिसर वाराणसी के एकमात्र एनसीसी कैडेट है जिन्हें इस वर्ष होने वाली परेड में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त होगा, परेड में वह उत्तर प्रदेश की तरफ से टीम लीडर बने है। कुमार तनिष्क इसके लिए पिछले 3 महीने से नई दिल्ली में ही है, जहाँ उन्हें कड़ी ट्रैनिंग दी जा रही है। डीएवी पीजी कॉलेज में बीकॉम तृतीय वर्ष के छात्र तनिष्क ने बताया की प्रतिदिन पौ फटते ही उन्हें ट्रैनिंग के लिए मैदान में जाना पड़ता है और शाम ढलने तक यह सिलसिला चलता ही रहता है। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता पिता एवं गुरुजनों को देते हुए तनिष्क ने बताया कि उनसे ही कठिन परिश्रम की प्रेरणा मिलती है, जिसकी वजह से आज उसे ये मुकाम हासिल हुआ है। तनिष्क की इस उपलब्धि पर प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने हर्ष जताते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए गौरवान्वित होने का क्षण है जब हमारे महाविद्यालय के होनहार छात्र को यह अवसर मिला है। कॉलेज के मंत्री/प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव, एनसीसी के प्रभारी प्रोफेसर सत्यगोपाल, आईक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन ने भी तनिष्क को शुभकामनाएं दी और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

सोमवार, 19 सितंबर 2022

dav pg college में Quiz में विजयी प्रतिभागी हुए पुरस्कृत


Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग के छात्र मंच 'डायलेक्टिका स्टूडेंट फोरम' के तत्वावधान में दो दिवसीय क्विज-2022 का आयोजन 12 एवं 13 सितम्बर को किया गया था। इसमें प्रथम स्थान जिज्ञासा मिश्रा, द्वितीय स्थान आलोक कुमार एवं तृतीय स्थान पर शशि शेखर गुप्ता रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सत्यदेव सिंह ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर  उन्होंने कहा कि छात्र जीवन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा आगे बढ़ने का सबसे बड़ा रास्ता होता है, इसमें हार जीत से आगे सीखने की प्रवृत्ति बढ़ती है जो भविष्य में हमारे काम आती है। 

 इस अवसर पर क्विज संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर सतीश कुमार सिंह, डॉक्टर रामेंद्र सिंह, डॉक्टर संजीव वीर सिंह प्रियदर्शी आदि उपस्थित रहे। 2 चरणों में संपन्न हुई प्रतियोगिता में लगभग 30 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। प्रथम चरण में 10 छात्र सफल हुए जिसमें से दूसरे चरण में  विजेताओं का चयन किया गया।

सोमवार, 29 अगस्त 2022

National sports day पर सम्मानित हुए खिलाड़ी

मेजर ध्यानचंद ने देश का नाम विश्व पटल पर किया रौशन 



Varanasi (dil india live)। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर सोमवार को डीएवी पीजी कॉलेज के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अखिल मेहरोत्रा ने कहा कि मेजर ध्यानचंद ने हॉकी के माध्यम से भारत का नाम खेल की दुनिया मे शिखर पर पहुँचाया। उन्होंने सन 1928, 1932 एवं 1936 के ओलंपिक खेलों में भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका अदा की। भारत सरकार उन्हीं के सम्मान में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। 

कार्यक्रम में डीएवी पीजी कॉलेज के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में बीएचयू का प्रतिनिधित्व किया। सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों में पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयी फुटबाल में रवि कुजुर, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयी बास्केटबॉल में सूर्य प्रकाश चंदन, बॉलीबाल में कार्तिकेय त्रिपाठी एवं विनोद कुमार पाठक, ताइक्वांडो में मयंक कुमार पाण्डेय, विशाल यादव, शशांक मोहन शर्मा, क्रिकेट में संघर्ष कुमार एवं शुभम कुमार शामिल रहे।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के एथलेटिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने किया। स्वागत सचिव डॉक्टर मीनू लाकड़ा, संचालन प्रोफेसर राकेश कुमार राम एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर अखिलेन्द्र कुमार सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा, डॉ. शिवनारायण, डॉ. नजमूल हसन आदि मौजूद रहे।

शनिवार, 13 अगस्त 2022

Health:भारत में युवाओं में बढ़ रही दिल की बीमारी




dil india live। अनियमित दिनचर्या, अनिद्रा, जंकफूड, मोबाइल फोन का अत्यधिक प्रयोग युवाओं को दिल का मरीज बना रहा है। शायद यही वजह है कि भारत मे दिल के मरीजों की बढ़ती संख्या में युवा वर्ग का बड़ा हिस्सा शामिल है। उक्त बातें शनिवार को डीएवी पीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित हेल्थ इज वेल्थ कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता आये राजकीय चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवशक्ति प्रसाद द्विवेदी ने कही। अध्यापकों एवं कर्मचारियों के लिए आयोजित सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. शिवशक्ति ने कहा कि युवाओं में हार्ट की बीमारी तेजी से बढ़ रही है जिसमे  सेलफोन भी एक बड़ा कारण है। यह तकनीक हार्ट डेथ रेट को कम करने में काफी सहायक है। जब कभी किसी व्यक्ति को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो जाता है तो शुरुआती 3 मिनट उसके लिए काफी अहम हो जाते है। इस समय यदि उसे प्राथमिक उपचार के तौर पर किसी प्रशिक्षित आदमी द्वारा सीपीआर दे दिया जाता है तो उसे मृत्यु के मुंह से वापस लाया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने सीपीआर का लाइव डेमो भी दिखाया और शिक्षकों के सवाल का जवाब भी दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर मधु सिसौदिया, डॉ. मिश्रीलाल, डॉ. विजय नाथ दुबे, डॉ. मयंक कुमार सिंह, डॉ. पारुल जैन, डॉ. सिद्धार्थ सिंह , डॉ. पूनम सिंह, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. सुषमा मिश्रा, कुँवर शशांक शेखर, सुनंदन भट्टाचार्य, सुरजीत सहित समस्त अध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

एनसीसी कैडेटों ने निकाली तिरंगा यात्रा


हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत शनिवार को डीएवी पीजी कॉलेज के एनसीसी के कैडेटों ने तिरंगा यात्रा निकाली। एनसीसी प्रभारी कैप्टन प्रोफेसर सत्यगोपाल जी के नेतृत्व में 89 यूपी बटालियन के 40 से अधिक कैडेटों ने महाविद्यालय के स्व. पीएन सिंह क्रीड़ा प्रांगण से रैली निकाल दारानगर, मैदागिन, लोहटिया आदि जगहों पर जागरूकता फैलाई। हाथों में तिरंगा लिए कैडेटों ने रास्ते भर भारत माता की जय, हमारी शान तिरंगा आदि नारे लगाते चल रहे थे। इस अवसर पर एनसीसी प्रभारी प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने कैडेटों को प्लास्टिक के झण्डे प्रयोग ना करने की शपथ भी दिलाई। 

रविवार, 7 अगस्त 2022

hand writing से जान सकते है व्यक्ति की मानसिकता: राजेश जौहरी

डीएवी पीजी कॉलेज में कार्यशाला : देश भर से जुटे प्रतिभागी


Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के तत्वावधान मे चल रहे "हस्तलेख निदान : मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व का आंकलन" विषयक रास्त्री कार्यशाला के दूसरे दिन रविवार को विषय विशेषज्ञ राजेश जौहरी ने बताया कि लोगों की लिखावट, उनकी मानसिक परिपक्वता, कार्य करने की शैली, लोगों से संबंध, सकारात्मक एवं नकारात्मक सोच, विचार शैली, लक्ष्य प्राप्ति की उत्कंठा एवं मन में उपजे सारे विचारों को जानना ग्राफ़ोलॉजी पद्धति द्वारा संभव है। अलग-अलग प्रकार की राइटिंग भिन्न प्रकार की मानव मस्तिष्क को दर्शाती है । उन्होंने आगे कहा कि छोटे अक्षर लिखने वाले मनुष्य दूरदर्शी, सूक्ष्म, गहन अध्ययन करने वाले अस्पष्ट लिखने वाले दुविधाग्रस्त, अव्यवस्थित लिखने वाले दिशाभ्रमित तथा अन्य कई सारी चीजें एवं व्यवहार लिखावट के द्वारा जानी जा सकती है । उन्होंने कहा कि लोग कलम को कितना दबाकर लिखते हैं, इसका भी अपना अर्थ होता है । जो लोग कम दबाव के साथ लिखते हैं वह परिस्थितियों के साथ तेजी से समायोजन करने वाले, विचारों में अधिक लचीले, जल्दी थक जाने वाले होते हैं । जबकि भारी दबाव के साथ लिखने वाले लोग आक्रमक, अत्यंत कुंठित, अमाशय एवं आंत संबंधी समस्याओं से ग्रसित होते हैं तथा ध्यानाकर्षण चाहने वाले होते हैं।  सामान्य दबाव के साथ लिखने वाले लोग सामान्य, संतुलित, परिश्रमी तथा दायित्व निर्वहन करने वाले होते हैं। उन्होंने अक्षरों के झुकाव की विभिन्न शैलियों तथा उनके अर्थ के साथ साथ हस्तलेखन के परिक्षेत्रों के बारे में जानकारी दी। अक्षर का ऊपरी परिक्षेत्र का भविष्य, मध्यम परिक्षेत्र का वर्तमान तथा निचले परिक्षेत्र का संबंध बीते हुए कल से होता है । 

 कार्यशाला में देश भर से जुड़े प्रतिभागियों एवं अतिथि का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. ऋचा रानी यादव ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन आयुष्मान ने दिया। कार्यक्रम में प्रो. सत्य गोपाल, डॉ. कल्पना सिंह, डॉ. अखिलेंद्र कुमार सिंह, डॉ. कमालुद्दीन शेख, प्रशांत राज, मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे। हाइब्रिड मोड में आयोजित कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों के लगभग 60 प्रतिभागी शामिल हो रहे है।

शनिवार, 9 जुलाई 2022

Dav pg college:समाज में कुछ नया लाने के लिए करे शोध-प्रो. शबनम



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे 8 दिवसीय कला एवं मानविकी में रिसर्च मेथडोलॉजी पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन उर्दू में तहक़ीक़ के उसूल-ओ-जवावित विषय पर व्याख्यान हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की प्रोफेसर शबनम हमीद ने उर्दू विषय मे शोध की आवश्यक पहलुओं पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उर्दू भाषा मे भी शोधार्थी सिर्फ डिग्री या स्कॉलरशिप के लिए शोध ना करे बल्कि समाज के सामने कुछ नया लाए। बीए की पढ़ाई के दौरान से ही उन्हें तहक़ीक़ की अहमियत बतानी होगी, ताकि उनकी परवरिश एक अच्छे शोधार्थी की तरह ही हो। उन्होंने कहा कि शोध में सच की तलाश करना चाहिए और ईमानदारी से विषय मे नई बात पैदा करने का जुनून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध के दौरान जो रुकावटें आती है उससे घबराने की जरूरत नही है बल्कि उससे निकलने का रास्ता बनाने की दिशा में बढ़ना चाहिए।शोध का कार्य सिर्फ खूबियां गिनाना ही नही है बल्कि कमियों को भी उजागर करना चाहिए। अंत मे उन्होंने शोधार्थियों को पुस्तकालय का नियमित दौरा, फील्ड विजिट ये सब जरूरी कदम है जिससे शोध की गुणवत्ता में सुधार आता है। 

अतिथि का स्वागत रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसोदिया ने किया। संचालन उर्दू विभाग की डॉ. तमन्ना शाहीन तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्री लाल ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. सतीश कुमार सिंह, डॉ. राकेश कुमार राम, डॉ. संगीता जैन, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. रामेंद्र 

सिंह, डॉ. बंदना बाल चंदनानी, डॉ. समीर कुमार पाठक आदि शामिल रहे। कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के 50 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए l

शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करता है शोध प्रस्ताव

शोध प्रविधि पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को कला एवं मानविकी में रिसर्च मैथेडोलॉजी पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन उद्धघाटन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आर. पी सिंह ने शोध प्रस्ताव बनाते समय उसके महत्व के दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी शोध प्रस्ताव व्यक्ति के भौतिक अथवा शारिरिक उपस्थिति के बजाए उसके ज्ञान, उसके बौद्धिक स्तर को प्रदर्शित करता है। इस दृष्टिकोण से शोध प्रस्ताव का महत्व स्वयं ही दिखलाई पड़ता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि साहित्य में शोध के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि शोधार्थी सर्वप्रथम अपनी संस्कृति को पहचाने। स्थानीय संस्कृति के अध्ययन बगैर साहित्यिक शोध की गुणवत्ता में सुधार नही महसूस किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी साहित्य में शोध के समय जितने भी वैज्ञानिक और मॉडर्न सिद्धांत है, उन सभी का प्रयोग कर सकते है।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसौदिया ने कहा कि कोई भी शोध  हो उसमे शोध प्रविधि का सर्वाधिक महत्व है। सामान्यतौर पर सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य में ही शोध प्रविधियों पर कार्यशाला आयोजित की जाती है,  इस लिहाज से कला एवं मानविकी पर भी कार्यशाला की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कार्यशाला का लाभ कला वर्ग के शोधार्थियों को मिलेगा।

अध्यक्षता कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्रीलाल ने किया। स्वागत डॉ. पूनम सिंह एवं डॉ. सतीश कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. संगीता जैन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार राम ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, डॉ. विनोद कुमार चौधरी, डॉ. समीर कुमार पाठक, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. तमन्ना शाहीन, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा,डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. हसन बानो आदि थी।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...