प्रशिक्षित लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
प्रशिक्षित लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

Health: मुंह व दांतों की बीमारियों के बारे में सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित

एनसीडी पोर्टल वो दांतों की सफाई की दी जानकारी  

मुंह में सूजन, बदबू, खून आना, अल्सर, घाव न भरने का बताया लक्षण


Varanasi (dil india live). Dm कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अब नियमित मुंह और दांत की बीमारियों की पहचान, इलाज और संदर्भन की निःशुल्क सेवाएँ दी जाएंगी। इसके लिए जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) सहित 200 से अधिक चिकित्साधिकारियों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण सीएमओ कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में दिया गया। इस दौरान नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) तथा मुंह के स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

  एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य और प्रशिक्षक व चिकित्साधिकारी डॉ अतुल राय ने मुंह और दांत की बीमारियों की पहचान, इलाज और संदर्भन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉ मौर्य ने कहा कि अब से सीएचओ को हर दिन एनसीडी की रिपोर्टिंग करनी होगी। इससे पहले रिपोर्टिंग उपकेंद्रों पर एएनएम करतीं थीं। राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार सभी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस दौरान उन्हें एनसीडी पोर्टल पर फ़ार्म एस की रिपोर्टिंग के बारे में सिखाते हुए शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को प्रेरित किया गया। एनसीडी पोर्टल में रिपोर्ट किए जाने वाले रोगों, उससे संबंधित जांच तथा नए मरीज मिलने की स्थिति में सूचित करने को कहा गया। पोर्टल पर सांख्यिकी रिपोर्ट के साथ-साथ रोगियों का विवरण भी अपलोड करना है।

डॉ अतुल राय ने मुंह को स्वस्थ रखने के फायदे, ओरल पार्ट्स की साफ-सफाई, सुबह-रात में ब्रश करने के फायदे, ओरल हाइजीन को बढ़ावा देने में डाक्टर की भूमिका, मुंह से संबंधित बीमारियां, उससे बचाव का तरीका, इलाज तथा रेफर करने के संबंध में बताया। उन्होने बताया कि मुंह में सूजन होना, बदबू आना, खून निकलना, अल्सर होना, घाव का न भरना कैंसर के लक्षण हैं। इसके साथ ही दांतों का क्षरण, काला और पीलापन, दांतों से खून निकलता है। उन्होने कहा कि नियमित शराब के सेवन से तनाव बढ़ता है। तनाव या शराब की अधिकता संबंधों को खराब करता है और परिवार के लोगों पर भी इसका गलत असर पड़ता है। जीवन शैली का बदलना, व्यवहार का बदलना, मुंह और व्यक्तिगत साफ-सफाई नजर अंदाज करने से भी सामान्य स्वास्थ्य के साथ -साथ मुंह के स्वास्थ्य की समस्या आती है। इसके कारण सांस लेते और छोड़ते समय मुंह से बदबू आती है। 

इस दौरान जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि सभी सीएचओ को नियमित रूप से एनसीडी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करें।

रविवार, 12 जून 2022

टीबी चैंपियन हुए प्रशिक्षित समुदाय को करेंगे जागरूक

प्रचार सामग्री के जरिये क्षय उन्मूलन की जगाएंगे अलख 

वाराणसी, चंदौली व सोनभद्र के 32 चैंपियन की समीक्षा के साथ आईईसी का अनावरण
Varanasi (dil India live)। वर्ष 2025 तक देश को क्षय उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब टीबी चैम्पियन जिले में क्षय रोग के प्रति जागरूकता लाने और भ्रांतियों को दूर करने में विभाग की मदद करेंगे| इसके लिए वह सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री जैसे पोस्टर, पंपलेट, बैज, टैटू आदि का सहारा लेंगे |

     इस संबंध में *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राहुल सिंह* की अध्यक्षता में वाराणसी (13 टीबी चैंपियन) सहित चंदौली और सोनभद्र जिले के 32 टीबी चैंपियन के समीक्षा कार्यक्रम के दौरान आईईसी मैटेरियल का अनावरण भी किया गया । इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भोजुबीर स्थित एक होटल में वर्ल्ड विजन इंडिया, एफआईएनडी और रीच संस्था द्वारा यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के तहत किया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि सभी टीबी चैंपियन टीबी मरीजों को उपचार और भावनात्मक सहयोग के साथ समुदाय को भी जागरूक करने का काम कर रहे हैं। टीबी मरीजों को संबल प्रदान कर उनकी हर तरह से मदद में जुटे टीबी चैंपियन प्रशिक्षण प्राप्तकर डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर (डीटीसी), टीबी यूनिट (टीयू) और प्रभावशाली लोगों के बीच इन आईईसी मैटेरियल के सहारे संवेदीकरण करेंगे । समीक्षा बैठक में बताया गया है कि टीबी मरीजों को प्रेरित करें कि वह बीच में दवा न बंद करें। दवा बंद करने से टीबी बिगड़ सकती है यानि एमडीआर का रूप ले लेती है और कई बार एक्सडीआर टीबी भी बन जाती है जिसमें जटिलताएं बढ़ जाती हैं । टीबी की दवा तब तक खानी है जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने की सलाह न दी जाए। इसी प्रकार टीबी के प्रत्येक निकटवर्ती व्यक्ति की (जो अत्यंत निकट रहा हो) टीबी जांच आवश्यक है और साथ ही उसके संपर्क में आने वाले लोगों को टीबी प्रिंवेटिव थेरेपी के तहत बचाव के लिए दवा अनिवार्य रूप से खिलानी है। यह सभी संदेश समुदाय तक पहुंचाने के लिए टीबी चैंपियन से कहा गया है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पताल सहित ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जांच एवं उपचार की सुविधा मौजूद है। इसके साथ निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को छह माह तक 500 प्रति माह पोषण के लिए धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है। इस कार्यक्रम में डीपीसी संजय चौधरी, डीपीपीएम नमन गुप्ता एवं वर्ड विजन इऺडिया के डीसीसी सतीश सिंह, शशांक श्रीवास्तव, कमलेश एवं अन्य लोग शामिल रहे। 

आईईसी से देंगे ऐसे संदेश

टीबी एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया के कारण होता है और इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।

बालों और नाखूनों को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।

फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी, जबकि शरीर के अन्य अंगों की टीबी को एक्स्ट्रा पल्मोनरी कहते हैं।

केवल फेफड़े की टीबी ही संक्रामक है।

जब टीबी ग्रसित व्यक्ति असुरक्षित तरीके से खांसता या बोलता है तो हवा के माध्यम से दूसरे को संक्रमण होता है।

लक्षण दिखे तो कराएं जांच

अगर लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे तो नजदीकी डीएमसी या टीयू पर टीबी जांच निःशुल्क करवा सकते हैं। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज चलाना है।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...