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गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

ईद की नमाज में तालीम हासिल करने पर दिया गया ज़ोर

नमाज़ के साथ क़ौमी यकजहती का सप्ताहव्यापी त्योहार ईद शुरू 

बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम दें तभी हमारी ईद और हमारी जीत:  मौलाना अजहरुल कादरी 








Varanasi (dil India live )। देश-दुनिया में मुकद्दस रमजान का 30 वां रोजा मुकम्मल करने के बाद गुरुवार को लाखों मुसलमानों ने ईद की खुशियां मनायीं। यूं तो खुशियों का आगाज ईद के चांद के दीदार के साथ ही हो गया था मगर ईद का जश्न ईदुल फित्र कि नमाज़ अदा करने के बाद अपने शबाब पर पहुंच गया। मज़हबी शहर वाराणसी में तो ईद का मज़ा और रंग ही और शहरों से जुदा था। यहां सभी मज़हब के लोग मिलजुल कर एक साथ ईद का जश्न मनाते है। दिल इंडिया लाइव कि देखें रिपोर्ट…

बनारस में दर्जन भर ईदगाहों और 500 से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुजारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोजी-रोटी, देश की तरक्की और अमन के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस दौरान मस्जिद टकटकपुर में ईद की नमाज से पहले इमाम मौलाना अजहरुल कादरी ने तकरीर करते हुए नमाजियों के दिलों को झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने को नबी का दीवाना, उनका गुलाम, उनकी सुन्नतों पर अमल करने वाला तो कहते हैं मगर उनकी तालीम की नसीहतों को भूल गए हैं। प्यारे नबी ने कहा है कि कामयाबी चाहते हो तो तालीम हासिल करो क्यों न तुम्हें चीन तक जाना पड़े। इसके बावजूद न हम दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं और न ही दुनियावी। उन्होंने कहा कि जो क़ौम अपने तालीमी मेयार को महफूज नहीं रख पाती वो धीरे धीरे अपना वजूद खो देती है। हमारी पहचान क्या थी और आज हम क्या हो गए हैं इस पर गौर करें। अपने बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम जरुर दें तभी हमारी ईद और हमारी जीत है। उन्होंने लोगों से वोट देने की भी गुजारिश की।

 मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का सैलाब नमाज अदा करने उमड़ा हुआ था। सुबह 6.30 बजे से 10.30 बजे के बीच ईद की नमाज मोमिनीन ने अकीदत के साथ अदा की। मस्जिदों व ईदगाहों के आसपास मेले जैसा माहौल दिखा। नमाज पूरी होते ही एक-दूसरे से गले मिलकर सभी ने ईद की मुबारकबाद दी। बड़ों ने छोटों को ईदी दिया तो वे चहक उठे। गरीबों और मिसकीनों का भी लोगों ने ईद पर खास ख्याल रखा।  

अदा हुई नमाज़े ईदैन

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मस्जिद लाट सरैया में मौलाना जियाउर्रहमान ने नमाज अदा करायी तो खानकाह शक्कर तालाब में मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, शाही मस्जिद ढाई कंगूरा में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, शाही मुगलिया मस्जिद बादशाहबाग में मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज में मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, सदर इमामबाड़े में मौलाना जफरुल हुसैनी, ईदगाह विद्यापीठ में मुफ्ती शमीम, मस्जिद टकटकपुर में मौलाना अजहरुल कादरी, मस्जिद उल्फत बीबी में मौलाना कारी साकिब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, जामा मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शमशुद्दीन साहब ने नमाज अदा करायी।

मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर, खोजित कुआं में मौलाना वकील अहमद मिस्बाही, ईदगाह मस्जिद लाटशाही में हाफिज हबीबुर्रहमान, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक, मस्जिद नगीना में हाफिज सैफुल मलिक, मस्जिद सुल्तानिया में अब्दुल्लाह सऊद अत्तारी, मदनपुरा अल्लू की मस्जिद में मौलाना शकील, ऊंची मस्जिद में मौलाना एहसन कमाल, ढोमन की मस्जिद में कारी फराज अहमद, मस्जिद बरतला में अयाज महमूद व हाफिज मो. ताहिर ने मस्जिद याकूब शहीद में नमाज अदा करायी। ऐसे ही ईदगाह दायम खां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी, मस्जिद नईबस्ती गौरीगंज, मस्जिद हबीबिया गौरीगंज, आलमगीर मस्जिद धरहरा, मस्जिद कुश्ताबेगम, शिवाला, मस्जिद मदीना, मस्जिद गौसिया, मस्जिद ताराशाह, मस्जिद छित्तनपुरा इमलिया तले, मस्जिद नूरैन समेत शहर और आसपास की मस्जिदों में ईदुल फितर की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। इसी के साथ ईद का सप्ताहव्यापी महापर्व शुरू हो गया। 

क़ौमी यकजहती का दिखा नज़ारा 



गंगा-जमुनी शहर बनारस की तस्वीर पेश करने में सफल रहा। लोहता, लालपुर, कोटवा, बाबतपुर, रामनगर, मिल्कीपुर आदि में भी ईद की खुशियां धूमधाम से मनायी गयीं। ईद की नमाज सकुशल संपन्न होने पर वाराणसी कमिशनरेट की पुलिस ने वाराणसी की अमनपसंद आवाम की सराहना की। ईद जैसे ग्लोबल पर्व पर सेवइयों की घुलन ने हर एक को अपने आगोश में ले लिया, हर आमो-खास ईद के रंग में रंगा नजर आया। ईद की नमाज अदा कर लौटे लोगों ने दूसरे वर्ग के लोगों को ईद की दावत दी। मुस्लिम घरों में दावतों का शुरू हुआ सिलसिला देर रात तक चलेगा। हिंदू-मुस्लिमों ने गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। कई जगहों पर ईद पार्टी रखी गयी थी। पार्टी में शामिल होने वालों के हिसाब से मीनू तैयार किया गया था। कुछ मुस्लिम घरों में गैर-मुस्लिमों के लिए सेवइयों के साथ शाकाहारी सब्जी और पूड़ी का इंतजाम था। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन शकील अहमद बबलू, पूर्व विधायक हाजी समद अंसारी के दौलतखाने पर ईद मिलने बड़ी तादाद में लोग जुटे तो दूसरी ओर शिवाला स्थित आलमीन सोसायटी के अध्यक्ष परवेज कादिर, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहब जमा, लल्लापुरा में बारह के सरदार मो. हाशिम, कटेहर में चौदहों के सरदार मकबूल हसन, मदनपुरा में बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो, सपा नेता अतहर जमाल लारी, एस. जावेद, हाजी नासीर जमाल, मो. जफरुल्लाह जफर, हाजी रईस अहमद, बेलाल अंसारी, मुमताज खां पार्षद, मुन्नू इलाहिया, शायर अहमद आजमी, डॉ नबी जान, खालिद अब्बासी, इरफान खान, इमरान अहमद, मो. शाहिद खां, समर गाजीपुरी, सुल्तान क्लब के डा. एहतेशामुल हक, मुमताज खां, हाजी एजाजुद्दीन हाशमी व मो. अजफर गुड्डू आदि के यहां ईद मिलने समाजिक संगठनों व सियासी दलों के लोगों का हुजूम जुटा हुआ था। 

देश की खुशहाली के लिए उठाया हाथ

माहे रमज़ान का रोज़ा मुकम्मल करने के बाद लाखों मुसलमानों ने मज़हबी शहर बनारस में सभी मज़हब के लोगों संग मिलकर ईद की खुशियां मनायी। खुशियों का आगाज़ नमाज़-ए-ईदुल फित्र अदा करने के साथ हुआ। शहर के तकरीबन एक दर्जन ईदगाह और पांच सौ से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुज़ारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोज़ी रोटी, देश की तरक्की और खुशहाली के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस मौके पर मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का जन सैलाब नमाज़ अदा करने उमड़ा हुआ था।

कब्रगाहों पर लगी हाजिरी

ईद की नमाज के बाद लोगों ने शहर के कब्रिस्तानों में जाकर वलियों, बुजुर्गों वो अपने पुरखों के दर पर हाजिरी लगाई और फातेहा पढ़ा। टकटकपुर, हुकुलगंज, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, बजरडीहा, जलालीपुरा, भवनिया कब्रिस्तान, पंजाबी शाह बाबा गौरीगंज, फातमान आदि पर हाजिरी लगाई गई। हजरत बाबा लाटशाही बाबा, चंदन शहीद, हजरत याकूब शहीद, बहादुर शहीद, सरदार शाह बाबा आदि के आस्ताने पर भी अकीतदमंदों का हुजूम उमड़ा।

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