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शनिवार, 10 सितंबर 2022

air pollutant से बढ़ता है स्वास्थ्य का खतरा : सीएमओ

अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के तहत हुई जनजागरुक गतिविधियां


Varanasi (dil india live). अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस के अंतर्गत शुक्रवार को ब्लॉक व नगर स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस दौरान लोगों को वायु प्रदूषण के कारण बढ़ते स्वास्थ्य खतरों के बारे में जागरूक किया गया। दूसरी ओर सेवापुरी के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका इण्टरमीडिएट कालेज गोराई में आरबीएसके चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी द्वारा बच्चों को वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव एवं उससे बचने के उपाय पर वाद- विवाद प्रतियोगिता एवं निबंध प्रतियोगिता की गई। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि स्वच्छ वायु में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी के बाद और मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए और प्रयास करने की आवश्यकता पर ज़ोर देने के लिए हर साल सात सितंबर को अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने 7 से 10 सितंबर 2022 तक जन जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित करने के लिए दिशा-निर्देश दिये गए थे। इस वर्ष की थीम "द एयर वी शेयर" वायु प्रदूषण की सीमा पार प्रकृति पर केंद्रित है, जिसमें सामूहिक जवाबदेही और कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। सीएमओ ने कहा कि हम सभी एक समान हवा में सांस लेते हैं, और एक वातावरण हम सभी की रक्षा और पोषण करता है। प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है जिसका मुकाबला करने के लिए हमें मिलकर काम करना चाहिए। 

नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय दिवस सात सितंबर 2022 को 'द एयर वी शेयर' की थीम के तहत मनाया गया। उन्होंने कहा कि शुद्ध वायु हमारे लिए अमृत है। इसको पाने के लिए हमें अपना गगन नीला रखना होगा। अशुद्ध वातावरण से होने वाली बीमारी के बोझ में वायु प्रदूषण सबसे अधिक जिम्मेदार है। यह दुनिया भर में मृत्यु और बीमारी के मुख्य परिहार्य कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण कोई राष्ट्रीय सीमा को नहीं पहचानता है। इसके अलावा, यह जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि, प्रदूषण के अन्य रूपों, सामाजिक और लैंगिक समानता के साथ आर्थिक विकास जैसे अन्य वैश्विक संकटों से भी गंभीरता से जुड़ी हुई है। यह है इतिहास - 26 नवंबर 2019 को, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के 74वें सत्र की दूसरी समिति ने सात सितंबर को "नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्ताव अपनाया। यह संकल्प सभी स्तरों पर जन जागरूकता बढ़ाने, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्यों को बढ़ावा देने, सुविधाजनक बनाने के महत्व और तत्काल आवश्यकता पर बल देता है।

रविवार, 7 अगस्त 2022

Sajhi virasat:देश मुश्किल दौर में, इसे बचाना वक़्त की जरूरत: शमा परवीन

हमें वंचितों की आवाज़ बनना होगा: शारदा देवी



Varanasi (dil india live). बदलते दौर में साझी विरासत तथा संवैधानिक एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कैसे सुरक्षित रखा जाए,  बहुत ही चुनौती एवं जोखिमपूर्ण कार्य है। इस पर बातचीत के लिए स्थानीय समुदाय के साथ एक परिचर्चा का आयोजन राजघाट, वाराणसी में राइज एण्ड एक्ट के तहत किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आज देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है।भारत मे विभिन्न धर्म और समुदाय के लोग सदियों से आपस में मेल-जोल से रहते आये है पर आज इस परम्परा को नकारने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।हमें यदि इस परंपरा को बचाये रखना है तो गरीबों-मज़लूमों के रोजी-रोटी के सवालों के साथ खड़े होना होगा क्योंकि सही मायने में इन्ही लोगों ने इसे बचाये रखा है।

            शमा परवीन ने कहा कि आज देश में सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों के अनुरूप समाज निर्माण नहीं हो रहा है। ऐसे मे सँवैधानिक मूल्यों पर आधारित समाज व साझी विरासत बचाना वक्त की भारी जरूरत है।

              मालती देवी ने कहा कि विकास के नाम पर तमाम लोग उजाड़ दिए गए है और उनका पुनर्वासन भी नहीं किया गया है।सरकार असंवेदनशील है और हमारे पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नही बचा है। इससे तब ही निपटा जा सकता है जब हममें एकजुटता हो।

             शारदा देवी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज लोगों को रोजगार की जरूरत है पर इसपर सरकारी मशीनरी मौन है ।जो लोग स्मार्ट सिटी के नाम पर उजाड़ दिए गए हैं उनमें से ज्यादातर लोग दर-बदर मारे-मारे फिर रहे हैं।उनका कोई पुरसाहाल नहीं हैं।हमें उनकी आवाज़ बनना होगा।ये तभी सम्भव है जब जाति-धर्म के झगड़े से हम बाहर निकलेंगे।

 कार्यक्रम में आसपास की बस्तियों के तमाम लोग मौजूद रहे, संचालन शमा परवीन और धन्यवाद ज्ञापन इक़बाल अहमद ने किया।

मंगलवार, 23 नवंबर 2021

गर्भवती के लिए ज्यादा घातक होता है डेंगू

डेंगू से रहे सावधान, गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान

वाराणसी, 23 नवम्बर(dil india live)। पंडित दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होता है। गर्भवती के लिए खास तौर पर अंतिम तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें वायरस अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन तीन महीने उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डेंगू का संक्रमण गर्भवती के लिए काफी घातक हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती में ब्लीडिंग का खतरा रहता है और यह स्थिति उसे अबॉर्शन तक ले जा सकती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान हाई ब्लीडिंग भी हो सकती है और जन्म के बाद बच्चे में भी डेंगू का वायरस ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए गर्भवती को डेंगू से अलर्ट रहना चाहिए।

 क्या होता है डेंगू 

डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। ठहरे हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इन्हीं दिनों डेंगू का कहर भी बढ़ता है। गड्ढे, नाली, कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए पानी में डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। 

 इस तरह बरतें सावधानी-

घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ रखें जहां भी पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, कूलर, नालियां। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है। फुल पैंट और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। जिससे मच्छर आपको काट न सकें। पार्क या ऐसी जगह न जाएं, जहां मच्छर होने की आशंका हो। 

 डेंगू के लक्षण-

तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द व बार-बार उलटी होना, सांस लेने में तकलीफ, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, आंखें लाल होना, कमजोरी और चिड़चिड़ापन, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग भी बदल जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं ।

 डेंगू की आशंका होने पर क्या करें-

वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह के अनुसार गर्भवती को यदि डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। देरी होने से महिला व उसके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।  डाक्टर के सलाह के बिना कोई  भी दवा न लें।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...