टीकाकरण का 24 फरवरी तक चलेगा दूसरा चरण
प्रथम चरण में टीकाकरण से आच्छादित हुए 73 प्रतिशत बच्चे
Varanasi (dil india live). जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए 13 फरवरी से शुरू हुआ विशेष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण 24 फरवरी तक चलेगा। अभियान के तहत अब तक 30,424 बच्चों को प्रतिरक्षित किया जा चुका है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि पहला चरण 9 से 20 जनवरी तक चला था जिसमें लक्षित 28,388 बच्चों के सापेक्ष 73 प्रतिशत बच्चों को आच्छादित किया जा चुका है। दूसरे चरण का उद्देश्य शत-प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण से आच्छादित करना है। सीएमओ ने अपील की है कि बच्चों को उम्र के अनुसार सभी टीके समय से जरूर लगवाएँ। टीकाकरण से ही बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है। सभी टीके पूरी तरह से सुरक्षित है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में चलेगा जिसका प्रथम चरण 9 से 20 जनवरी तक चलाया गया। दूसरा चरण 13 फरवरी से शुरू होकर 24 फरवरी तक चलेगा। अभियान का तीसरा और आखिरी चरण 13 मार्च से 24 मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण को लेकर समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है और टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार को जागरूक कर उनके बच्चों को टीका लगाया जा रहा है।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (टीकाकरण प्रभारी) डॉ एके पाण्डेय ने बताया कि बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। शिशु के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, ओपीवी, छठे हफ्ते पर बीओपीवी-1, पेंटावेलेंट-1, एफ़आई पीवी-1, रोटा-1, पीसीवी-1, 10वें सप्ताह पर बीओपीवी-2, पेंटावेलेंट-2 और रोटा-2, 14वें सप्ताह पर बीओपीवी-3, पेंटावालेंट-3, एफ़आईपीवी-2, रोटा-3 और पीसीवी-2, नौ से 12वें माह पर एमआर-1, पीसीवी बूस्टर, एफ़आईपीवी-3 व विटामिन-ए की पहला खुराक, इसके बाद 16 से 24 माह पर एमआर-2, डीपीटी बूस्टर 1, बीओपीवी बूस्टर और विटामिन-ए की दूसरी खुराक, 5 से 6 वर्ष पर डीपीटी बूस्टर 2 और 10 व 16 वर्ष पर टीडी का टीका लगता है।
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक ने बताया कि बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । यह टीके 11 विभिन्न गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो उसके अभिभावक आशा कार्यकर्ता और एएनएम से सम्पर्क कर छूटा हुआ टीका लगवा सकते हैं । इसी उद्देश्य विशेष टीकाकरण अभियान चल रहा है ।