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शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

78 वां जश्ने आज़ादी में नवसाधना हुआ शामिल

"आओ करें राष्ट्र वंदन हम"- देश हो मेरा सबसे महान





Varanasi (dil India live). नवसाधना कला केन्द्र में 78वें जश्ने आज़ादी गुरुवार को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ धूमधाम से मनाई गई।

जश्ने आज़ादी कार्यक्रम का शुभारंभ भरतनाट्यम और कत्थक विधा में स्वागत नृत्य से हुआ। गीत के बोल "मन की वीणा गाती है स्वागतम, दिल की धड़कन कहती है स्वागतम" थे। इसे मंच पर प्रीति, आराधना, अनुष्का, अनुजा, रेनू, मेघा, अनीशा, अल्मा, खुशबू, निक्की, रिया और सृष्टि ने प्रस्तुत किया। नृत्य का संयोजन प्रोफेसर प्रार्थना सिंह ने किया।

गायन के कलासाधक अनुज, अमन और दुर्गा द्वारा रचित देश भक्ति गीत "ये देश है मेरा वतन,  इस मिट्टी से बने, इस पर है जान-निसार।" को मंच पर दुर्गा, अनुज, आशुतोष कुमार पाण्डेय, महिमा जेम्स, अनिकेत जान, अमन, प्रिया सिंह, ग्लोरी और अंजली श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। तबले पर राकेश एडविन ने एवं हारमोनियम पर अनुज ने संगत किया।

भरतनाट्यम के चौथे वर्ष के साधकों ने "आओ करे राष्ट्र वंदन हम" गीत पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति की धारा बहा दीं। इसे कनिष्का, नेहा, आरती, श्वेता, विनिता, साकची, रेखा, अंजलि, बाबी, इंदू और तन्नू ने प्रस्तुत कर देश की एकता व अखण्डता को विभिन्न भाव मुद्राओं के साथ अभिव्यक्त किया, जिसे ढेरों सराहना मिली।नृत्य संयोजन प्रो. मीरा माधवन ने किया।

"भारत माता की जय बोलो, धरती से अंबर तक गूंजे स्वर, हर एक दिल में हो यह अरमान, देश हो मेरा सबसे महान"। गीत के बोलों को गायन के कलासाधक आशीष पीटर, सिस्टर सलीमा मिंज, अजीता, सिस्टर मोनिका, आंचल, प्रीति जॉन, शिवानी, चार्ल्स और अमजीत जोसेफ ने प्रस्तुत कर देश भक्ति की धारा बहा दीं। की-बोर्ड पर संगीत संयोजन आशीष पीटर ने किया।

26/11 की दुखद घटना को कलासाधकों ने मंच पर प्रस्तुत कर यह समझाने की कोशिश की कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। इसका सामना हमें डटकर करना होगा। नाट्य रूपांतरण कैटरीना, फ्लोरेंस, पलक, अर्पिता, पूजा, श्वेता, एलिन, आकांक्षा, शालिनी, क्रिस्टीना, खुशी, सुप्रिया, सिस्टर एलिशा, शोभा, रोनिता, रोशनी, एमिलिना, सुहानी, ज्योति, मोनिका, सिस्टर अंकिता, आकांक्षा और अल्पना ने प्रस्तुत किया। आतंक से सतर्कता का नसीहत देते नाट्य रूपांतरण की सभी ने सराहना की।

झंडारोहण फादर विल्सन अब्राहम ने किया। उन्होंने क्रांतिकारियों को याद करते हुए युवाओं को राष्ट्र के उत्थान और प्रगति के लिए प्रयास करने की नसीहत दी।

प्राचार्य डॉक्टर फादर फ्रांसिस डी'सूजा ने साधकों  को अपने साथ-साथ सभी की उन्नति की चाह रखने वालों को वास्तविक तौर पर स्वतंत्र बताया। उन्होंने स्वतंत्रता के मूल भाव को विस्तार से समझाया। साधक आंचल त्रिपाठी ने देश के प्रति गौरव का भाव व्यक्त किया। स्वागत दुर्गा ने, मंच संचालन विनीता व श्वेता ने और धन्यवाद अंजलि ने ज्ञापित किया।

स्वतंत्रता दिवस समारोह में उदय प्रताप कॉलेज के हिंदी के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. राम सुधार सिंह, फादर एस. जोसफ, फादर रौज़न, सि. सरला, सि. लुसी, सि. मंजू,  प्रो. गोविंद वर्मा, प्रो. आशुतोष मिश्र, प्रो. राकेश एडविन, प्रो. कामिनी मोहन पाण्डेय, प्रो. प्रार्थना सिंह और प्रो. मीरा माधवन उपस्थित रहीं।

उधर, केंद्रीय कारागार वाराणसी परिसर में जेल अधीक्षक की ओर से स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। इसमें नवसाधना कला केंद्र की ओर से देश भक्ति गायन कार्यक्रम और भरतनाट्यम प्रस्तुत किया गया।

रविवार, 22 जनवरी 2023

Sambhavna Kala Manch का art exhibition

कार्यशाला के जरिए Sambhavna Kala Manch ने Dr rajkumar singh को किया याद






Ghazipur (dil india live).  संभावना कला मंच के शिल्पी व डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज, यूसुफपुर के कला शिक्षक डॉ. राज कुमार सिंह को समर्पित श्रद्धांजलि सभा व चित्रकला कार्यशाला का आयोजन शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में आयोजित किया गया। राज कुमार सिंह वो सख्सियत थें जिनके कला शिक्षक के रूप में यूसुफपुर आने के बाद चित्रकला के क्षेत्र में एक लहर दौड़ गई। राज कुमार ने कई बच्चों को जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के थे उनको आगे पढ़ने को प्रेरित किया और उनको उनकी फीस से लेकर ब्रश और पेपर तक कि व्यवस्था करते थें। आज उनके पढ़ाये हुए कई छात्र-छात्राएं कला के क्षेत में बहुत उचाईयो को छू रहे हैं। कई बी.एच. यू., विद्या पीठ, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई, शांतिनिकेतन, कलकत्ता के विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, कुछ केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तो कुछ विश्व अस्तर पर स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपने कला के माध्यम से मुहम्मदाबाद का परचम लहरा रहे हैं। राज कुमार सिंह ने राजीव गुप्ता, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह व ऋषि कुमार के साथ मिलकर 2006 में सम्भावना कला मंच की स्थापना की व इस मंच ने अपनी पहली राष्ट्रीय स्तर की कला प्रदर्शनी 2008 में शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में आयोजित की। उसके बाद यह कला यात्रा अनवरत चलती रही। राज कुमार सिंह कुछ दिनों से कैंसर होने की वजह से अस्वस्थ चल रहे थे। जिसकी वजह से पिछले 9 जनवरी को इनका स्वर्गवास हो गया। यह अस्वस्थ होने के बावजूद हमेशा कला के बारे में ही सोचते थे। एक कहावत है कि कवि, कलाकार, गुरु कभी मरते नहीं। उसी प्रकार राज कुमार जी ने जो कला की बीच बो कर गए हैं, जो अनवरत फलता-फूलता रहेगा। ऐसे महान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके कलाकार शिक्षक की श्रद्धांजलि सभा में सम्भावना कला मंच के सभी कलाकारों के साथ-साथ डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य, सभी शिक्षक गण, माध्यमिक शिक्षक संघ, गाजीपुर के सभी सदस्यों ने राज कुमार सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में वाराणसी से आये श्री जगत नारायण सिंह ने बताया कि राज कुमार जी अपने सभी कार्यों में शिक्षण कार्य को सबसे आगे रखते थे। अपना अधिक समय कला शिक्षा व छात्रों को देते थे। जिससे आज उनके कलाकारों की एक फौज सम्भावना कला मंच के रूप में कार्य कर रहे हैं। डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य सुजीत कुमार जी ने राज कुमार जी के कला क्षेत्र के जीवनी पर प्रकाश डाला। गोरखपुर से आये जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह ने बताया कि राज कुमार सिंह ने कला कम्यून और सम्भावना कला मंच की स्थापना करके अपने कर्तव्यों को पूरा कर दिया है। बस अब जरूरत है इसे आगे बढ़ते रहने की। सम्भावना कला मंच के सह-संयोजक राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि राज कुमार सर की याद में अब प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को उनको श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकला कार्यशाला व प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य श्री आलोक श्रीवास्तव जी ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में बताया कि राज कुमार सिंह कब राजू बन गए ये पता ही नहीं चला। सम्भावना कला मंच के बनाने में मेरी एक मार्गदर्शक की भूमिका रही। मैंने राज कुमार को अपने छात्रों को फर्श से अर्श तक पहुँछाते देखा है। दिन-रात एक करते देखा है। राजेश राय 'पिन्टू' ने एक कविता की लिखी हुई लाइन- "जाने कितने तारे तुमने जमीन पर उतरे" के माध्यम से बताया कि ये जो उनके बच्चे जो अभी चित्र बना रहे हैं और जो भी कला शिक्षा के लिये इस शहर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं और सम्भावना कला मंच के कलाकार ये सभी वही तारें हैं जो हमेशा खुले आकाश में हमेशा चमकते रहेंगे। इस श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रवक्ता सुरेश राय, पूर्व ब्लाक प्रमुख रामायण सिंह यादव, डॉ. जफर असलम, समाज सेवी डॉ. फतेह मुहम्मद, मोती प्रधान, जन संस्कृति मंच के साथी अशोक जी, कला कम्यून बलिया से आये बन्टू जी,  नगीना सिंह, कवि अहकम जी, डॉ. वशीम अख्तर जी, आनंदी त्रिपाठी, गोपाल यादव जी, महिला महाविद्यालय, गाजीपुर की प्राचार्या सविता भारद्वाज, संतन राम, निरंजन जी, श्री राम विलाश यादव, शगीर अहमद, बृजेश कुमार, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह, आशीष, अभिषेक राय आदि गणमान्य बुद्धिजीवियों ने राज कुमार जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। इस श्रद्धांजलि सभा के साथ-साथ श्रद्धांजलि तौर पर एक चित्रकला कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 50-55 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था जो राज कुमार सिंह को एक कलाकार के रूप में सच्ची श्रद्धांजलि थी। इस सभा में इनकी पूर्व छात्र श्वेता राय, ऋषि कुमार, शिवांशी शर्मा, रीति सिंह, कृष्ण कुमार पासवान, उत्कर्ष, सुनील जायसवाल, प्रभात सिंह, बृजेश सिंह, कान्हा सिंह, शोभा विश्वकर्मा, चन्दन यादव, जेया एहसान, राहुल यादव आदि उपस्थित थे। सभा का संचालन डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के अध्यापक विनय तिवारी ने व धन्यवाद प्रधानाचार्य सुजीत कुमार ने किया।

गुरुवार, 13 अक्तूबर 2022

Art competition में सोनू, निखिल, गौरव का जलवा

कला शिक्षक आतिफ ने किया छात्रों को पुरस्कृत 



Varanasi (dil india live). कमलापति त्रिपाठी बॉयज इंटर कॉलेज कैंट में चित्रकला कंपटीशन का आयोजन कॉलेज के प्रिंसिपल विपुल श्रीवास्तव के निर्देश पर कला टीचर आतिफ मोहम्मद खालिद की अगुवाई में किया गया। गांधी जयंती के अवसर पर हुए इस आयोजन में सोनू कुमार को प्रथम तो निखिल कनौजिया को दूसरा व गौरव प्रजापति तीसरे स्थान पर रहे।

इस दौरान बेहतर कार्य करने वाले तीनों छात्रों को कला अध्यापक आतिफ मोहम्मद खालिद ने पुरस्कृत किया।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...