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गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

आयुष्मान कार्ड ने जिंदगी बचाई, जीवन में फिर से खुशियां आईं

आयुष्मान लाभार्थी की कहानी उन्हीं की जुबानी 

  • आयुष्मान भारत योजना ने बचा लिया, वरना जिंदा न होता : नन्हे लाल 
  • मुफ्त इलाज पाकर श्रमिक राजन की भी जिंदगी लौटी पटरी पर




वाराणसी16 दिसम्बर (dil india live) । “.... अगर मेरे पास आयुष्मान कार्ड न होता तो पैसे की तंगी के चलते इलाज ही नहीं करा पाता और इतनी गंभीर बीमारी से जिंदा बच भी न पाता ।” यह कहना है सेवापुरी के रहने वाले 40 वर्षीय नन्हें लाल का। मनरेगा के तहत मजदूरी करके और हथकरघा पर कालीन की बुनाई करके वह परिवार का गुजर-बसर करते हैं । नन्हे लाल के जीवन में उस वक्त अंधेरा छा गया, जब पेट की दिक्कत के चलते वह दिहाड़ी करने में भी अपने को असहाय महसूस करने लगे । 

नन्हे लाल बताते हैं कि जांच में पता चला कि लिवर में आब्सेस्स (फोड़ा) है और इलाज पर करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च होंगे । यह सुनकर मानों उनके पैरों तले से जमीन ही खिसक गई क्योंकि मजदूरी करके मुश्किल से परिवार ही पाल पाता था, इतनी बड़ी रकम के बारे में तो सोच भी नहीं सकता था। इसी उधेड़बुन में फंसे नन्हे लाल को जब पता चला कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उनके पास मौजूद आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में हो सकता है । यह पता चलते ही उनके चेहरे की चमक लौट आई और उन्होंने वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती होकर सफलतापूर्वक कैशलेस इलाज कराया । बीमारी से उबरने के बाद नन्हे लाल की जिंदगी फिर से पटरी पर लौट आई है और वह एक बार से अपने परिवार को पालने-पोसने की जिम्मेदारी हंसी-खुशी उठा रहे हैं ।

कुछ इसी तरह की कहानी सेवापुरी की ही आशा कार्यकर्ता 37 वर्षीया सोनी देवी की भी है । सोनी बताती हैं कि उनकी सास की तबीयत एक दिन अचानक बिगड़ गई । उनके पास आयुष्मान कार्ड पहले से मौजूद था, जिसके आधार पर सास को जिले के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराकर छह दिनों तक इलाज कराया । इलाज पर करीब 1.20 लाख का खर्च आया जो कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष मिलने वाले पाँच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज में समायोजित कर लिया गया । सोनी बताती हैं कि कुछ दिनों बाद उनको खुद दिक्कत आई तो अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराया, जिस पर करीब 25 हजार रुपये का खर्च आया किन्तु उन्हें इसके लिए एक भी पैसा नहीं देना पड़ा क्योंकि उनके पास आयुष्मान कार्ड पहले से मौजूद था । सोनी कहतीं हैं- “आयुष्मान कार्ड समय पर सहायता प्रदान करता है और जेब खर्च को कम करता है, इसीलिए मैं अपने गाँव के लोगों को इसके महत्व के बारे में समझाती हूँ और कार्ड बनाने के लिए सक्रिय रूप से मदद करती हूँ ।”

सी तरह 47 वर्षीय राजन सेवापुरी में रहने वाले एक श्रमिक हैं । उनके परिवार में कुल सात सदस्य हैं । सितंबर 2021 में एक दिन वह घर के बाहर गिर गए और गर्दन की हड्डी में चोट आ गई । जांच में पता चला कि गर्दन की कालर बोन फ्रैक्चर हो गई है । उन्होंने आयुष्मान कार्ड पहले से बनवा रखा था, इसलिए बगैर कोई चिंता किए सूचीबद्ध अस्पताल पहुंचे और भर्ती होकर मुफ्त इलाज कराया और अब वह सामान्य महसूस कर रहे हैं । इलाज पर आए करीब 62 हजार रुपये के खर्च का बोझ उनकि जेब पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा । राजन कहते हैं - “आयुष्मान कार्ड की वजह से मुझे इलाज के खर्च की चिंता नहीं करनी पड़ी, यह कार्ड मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत मददगार है ।”

आयुष्मान कार्ड बनवाने में न करें देरी 

सेवापुरी प्रखण्ड में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वाई बी पाठक का कहना है कि यदि आपके पास प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का योजना से संबंधित पत्र, अंत्योदय कार्ड या लेबर कार्ड है या सूची में नाम है तो बिना विलंब किए अपने निकटतम कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) जाकर आयुष्मान कार्ड जरूर बनवा लें । इसके अलावा समय-समय पर लगने वाले शिविर, मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला या अस्पतालों में भी आयुष्मान कार्ड बनवाए जा सकते हैं, जिसके लिए कोई पैसा भी नहीं देना है । पहले से कार्ड मौजूद होने पर जरूरत पड़ने पर बिना विलंब किए अस्पताल में बिल्कुल मुफ्त इलाज प्राप्त किया जा सकता है ।

कैसे लें सुविधा का लाभ 

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत कमजोर वर्ग के लोगों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पाँच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है । आयुष्मान कार्ड से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाने और मुफ्त इलाज के लिए कार्ड के पीछे दिए टोल फ्री नंबर 1800 1800 4444 पर संपर्क किया जा सकता है ।

वाराणसी के योजना से सम्बद्ध अस्पताल 

आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 23 सरकारी और 156 निजी अस्पताल सम्बद्ध हैं, जहां पर करीब 1450 तरह की छोटी-बड़ी बीमारियों का पाँच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराया जा सकता है । अस्पतालों में योजना से जुड़े मरीजों की मदद के लिए आरोग्य मित्रों की भी तैनाती की गई है ।

सेवापुरी ब्लाक के योजना से जुड़े आँकड़े

-कुल लाभार्थी परिवार (सेवापुरी) – 9975 (शत-प्रतिशत कवर हो चुके हैं)

योजना के कुल लाभार्थी (सेवापुरी) : करीब 41,000  

अबतक कुल बने आयुष्मान कार्ड (सेवापुरी) : 32,006 

-कितने लोगों ने उठाया लाभ : 

जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत अब तक करीब 3,36,175 तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत 41,992 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही अबतक 78,142 लोगों ने मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है।

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