हिंदी हमारी संस्कृति और अस्मिता की पहचान-डॉ. रचना
Varanasi (dil india live). वसंत कन्या महाविद्यालय में 15 सितंबर से 22 सितंबर तक हिंदी सप्ताह समारोह बड़े ही उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। इस सप्ताह के अंतर्गत विद्यार्थियों के भाषाई कौशल, रचनात्मक प्रतिभा और हिंदी के प्रति प्रेम को उजागर करने के लिए विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष रहीं डाॅ. उर्वशी गहलोत (हिन्दी विभाग, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) एवं विशिष्ट अतिथि रहीं डाॅ. प्रियंका सोनकर (हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय)।
कार्यक्रम का समापन सोमवार को ’हिंदी सप्ताह उद्यापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह’ के रूप में किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रचना श्रीवास्तव, प्रबंधक उमा भट्टाचार्य, कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ. उर्वशी गहलोत, असोसिएट प्रोफेसर, महिला महाविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रियंका सोनकर, विभागाध्यक्षा डॉ. आशा यादव, डॉ. शशि कला, डॉ.सपना भूषण, डॉ शुभांगी श्रीवास्तव, संगीत विभाग से प्रो. सीमा वर्मा और प्रो. सौम्यकांत मुखर्जी की गरिमामयी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ पुष्पांजलि और कुलगीत के गायन के साथ हुआ। प्राचार्या डॉ. रचना श्रीवास्तव ने मंच की अध्यक्षता कर रही डॉ. उर्वशी गहलोत और विशिष्ठ अतिथि डॉ.प्रियंका सोनकर का उत्तरीय और पौधा देकर स्वागत और अभिनंदन किया।
समारोह के दौरान प्राचार्या रचना श्रीवास्तव ने कहा कि “हिंदी केवल भाषा नहीं, यह हमारी संस्कृति और अस्मिता की पहचान है। आज की पीढ़ी को चाहिए कि वह हिंदी को केवल अध्ययन की भाषा न माने, बल्कि व्यवहार की भाषा बनाए।” प्रबंधक उमा भट्टाचार्य ने हिंदी सप्ताह जैसे आयोजन के लिए सभी को शुभकामनाएं दी।
हिंदी के कवियों ने समाज को जागृत किया
मंच की अध्यक्षता कर रही डॉ. उर्वशी गहलोत ने अपने वक्तव्य में स्वतंत्रता और नवजागरण में हिंदी के योगदान की बात करते हुए कहा “ हिंदी ने सभी देशवासियों को साथ लाने का कार्य किया, कबीर, मीरा, महादेवी जैसे हिंदी के कवियों ने समाज को जागृत किया।“ विशिष्ट अतिथि डॉ.प्रियंका सोनकर ने हिंदी के वैश्वीकरण की बात कही। कार्यक्रम का सफल संयोजन प्रीति विश्वकर्मा, राजलक्ष्मी जायसवाल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रीति विश्वकर्मा ने किया।
प्रतियोगिता में हुई सफल, तो मिला पुरस्कार
हिन्दी सप्ताह कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगितायें आयोजित की गयी थीं। इसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में जयंतिका डे (भजन प्रतियोगिता), अनुपमा (इमला प्रतियोगिता), प्रज्ञा पटेल, अनिशा यादव (काव्य पाठ), विदिशा तिवारी (कहानी पाठ), सिंधु कुमारी (भाषण प्रतियोगिता) को प्राचार्या डॉ. रचना श्रीवास्तव एवं प्रबंधक डॉ. उमा भट्टाचार्य ने प्रमाणपत्र और पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।