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बुधवार, 14 सितंबर 2022

Kavi kn lal को श्रद्धांजलि सभा में दी गई पुष्पांजलि


Ghazipur (dil india live). सत्यदेव डिग्री कालेज में जिले के प्रसिद्ध होमियोपैथिक चिकिसक और कवि डा. केएन लाल के निधन पर एक श्रृद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजली सभा में सत्यदेव ग्रुप ऑफ़ कालेजेज के प्रबंध निदेशक डा. सानंद सिंह, काउंसलर दिग्विजय उपाध्याय, सत्यदेव डिग्री कालेज के निदेशक अमित रघुवंशी, प्राचार्य डॉ. राम चन्द्र दूबे और नगर के कई महाविद्यालयों और इंटर कालेज के प्राध्यापको ने डा. के एन लाल के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि दी।

श्रद्धांजली सभा में बोलते हुए डा. सानंद सिंह ने डा. लाल को अपने पिता का अभिन्न मित्र बताते हुए संस्थान का अभिन्न हितैषी बताया। कहा कि डा. लाल एक कुशल चिकित्सक ही नहीं बल्कि समाज सेवक के रूप में भी विख्यात थे। उनकी रुचि हिंदी साहित्य में भी थी उन्होंने दर्जनों कविता की रचना भी की है।

शोक सभा में प्रसिद्ध समाज सेवी डा. केएन लाल के बेहद करीबी कौशलेंद्र ने डा. लाल के समाज में सहज पैठ को याद करते हुए कहा कि वे नितांत सरल प्रकृति के व्यक्तित्व थे। वे न केवल एक कुशल होमियोंपैथ चिकित्सक थे बल्कि एक मजे हुए कवि भी थे। वे अपने कविताओं की भाषा में शब्दो का प्रयोग बड़े सूझ बूझ के साथ करते थे।

श्रद्धांजली सभा में उपस्थित डा. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, डा. ऋचा राय, डा. संगीता मौर्य, डा. निरंजन, डा. राम चन्द्र दूबे, कामेश्वर दूबे, अमित रघुवंशी, दिग्विजय उपाध्याय ने डा. लाल के चित्र पर पुष्पांजलि देते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। अंत में सभी उपस्थित जन दो मिनट का मौन रखते हुए उनको श्रद्धांजली अर्पित की। श्रद्धांजली सभा का संचालन डिग्री कालेज के प्राचार्य डॉ. राम चन्द्र दूबे ने किया।

बुधवार, 24 नवंबर 2021

इस क्रिसमस पर नया आकार ले रहा है गिरजाघर

 142 साल बाद लाल गिरजा में फिर आया निखार

  • 1879 में ब्रिटिश पादरी ने बनवाया था लाल गिरजाघर






वाराणसी (dil india live)। छावनी स्थित मसीही समुदाय की आस्था का केन्द्र सीएनआई लाल गिरजाघर को 142 साल बाद निखार आया है। समूचा चर्च नया आकार ले चुका है। क्रिसमस आते-आते समूचे चर्च का रंग-रुप पूरी तरह से बदल चुका होगा। कोरोना काल में दो साल तक क्रिसमस का जश्न नहीं मना था मगर इस दौरान सबसे खास यह हुआ कि प्राचीन चर्च के पुन: निर्माण की शुरुआत फरवरी में कर दी गई थी। चर्च के सेक्रेटरी विजय दयाल बताते हैं कि क्रिसमस तक पूरी काम हो जायेगा। अब तक तकरीबन 40 लाख रुपये चर्च निर्माण में खर्च किये जा चुके हैं। दिन रात की मेहनत के बाद चर्च का पूरा कलेवर ही पूराने नकशे के अनुरुप बदल दिया गया है। चर्च की गैलरी को भी चर्च में शामिल कर दिया गया है इससे तकरीबन दो सौ लोगों के बैठने की जगह पहले से और बढ़ जायेगी। 

लाल चर्च का इतिहास 

अपने नाम के अनुरूप ही इस गिरजाघर का रंग लाल है। पूर्व पादरी सैम जोशुआ सिंह ने चर्च की कहानी बेहद सरल लफ्जों में शेयर किया। उन्होंने बताया कि  ब्रिटिश पादरी एलवर्ट फ्रेंटीमैन ने ही लाल चर्च की नींव 1879 में अंग्रेजी हुकूमत के निर्देष पर रखी थी। फ्रेंटीमैन की देखरेख में ही इस चर्च का निर्माण हुआ। चर्च जब बनकर तैयार हुआ तो उन्हें ही सरकार ने  इस चर्च का पहला पादरी बनाया। वर्तमान में संजय दान चर्च के पादरी है तो विजय दयाल सचिव। 

 ईसा मसीह की शहादत की याद करता है ताज़ा 

लाल गिरजाघर का रंग शहादत का प्रतीक है। ईसा मसीह की शहादत की याद में ही वाराणसी के छावनी स्थित इस चर्च को लाल रंग और शांति के प्रतीक सफेद रंग से सजाया गया है। यह चर्च देश की मिली जुली संस्कृति की मिसाल है। यहां सभी मज़हब के लोग समय-समय पर आते हैं। इतवार को विशेष प्रार्थना सुबह 9.30 बजे से होती है तो क्रिसमस के दौरान यहां शाम में भी चर्च सर्विस होती है। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी के साथ ही यहां भोजपुरी में भी प्रभु यीशु की स्तुति की जाती है।

28 से शुरू होगा प्रभु यीशु आगमन काल

क्रिसमस सीजन की शुरुआत इस बार 28 नवंबर से शुरू हो जायेगी। क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले चार इतवार को आगमन काल माना जाता है। उसके बाद क्रिसमस आता है। इस बार 28 नंबर को पहला इतवार है। इसी दिन चर्चेज़ में क्रिसमस का आगाज़ हो जायेगा। इसके बाद यूं तो हर दिन चर्चेज़ में कैरोल सिंगिंग व प्रार्थना सभा होगी मगर संड़े कुछ खास ही होगा। आगमन का दूसरा इतवार 5 दिसंबर, तीसरा 12 दिसंबर व चौथा इतवार 19 दिसंबर को पड़ेगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। क्रिसमस में दो साल बाद फिर उल्लास और उत्साह दिखाई देगा।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...