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रविवार, 8 अक्तूबर 2023

Together for trust थीम के साथ मनेगा 'विश्व डाक दिवस'

9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस व 9 से 13 तक मनेगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह

ऐतिहासिक घटनाक्रमों का गवाह रहा है डाक विभाग

'वित्तीय सशक्तिकरण से अंत्योदय' के लक्ष्य के साथ मनेगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह-पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव


Varanasi (dil India live).08.10.2023. डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो देश के सामाजिक व आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूरे विश्व में 9 अक्टूबर को 'अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस' मनाया जाता है। इस बार इसकी थीम Together for trust है। उक्त जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 'डाकिया डाक लाया' से 'डाकिया बैंक लाया' तक के सफर में डाक सेवाओं ने तमाम नए आयाम रचे हैं। तमाम ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का डाक विभाग गवाह रहा है। देश की सीमाओं से परे अन्य देशों तक पहुँचने में भी हमारी मदद करता है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इसी क्रम में 9-13 अक्टूबर तक 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' मनाया जाएगा और हर दिन को एक उत्पाद या सेवा विशेष पर फोकस किया जायेगा-

9 अक्टूबर - विश्व डाक दिवस, 10 अक्टूबर - वित्तीय सशक्तिकरण दिवस, 11 अक्टूबर - फिलेटली दिवस , 12 अक्टूबर - मेल एवं पार्सल दिवस, 13 अक्टूबर - अंत्योदय दिवस

इसलिए मनाया जाता है विश्व डाक दिवस

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि विश्व डाक दिवस का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक तथा आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। 'एक विश्व-एक डाक प्रणाली' की अवधारणा को साकार करने हेतु 9 अक्टूबर, 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' की स्थापना बर्न, स्विट्जरलैंड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस को 'विश्व डाक दिवस' के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया।

राष्ट्रीय डाक सप्ताह पर होंगे विभिन्न आयोजन

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक सप्ताह के दौरान डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जायेगा। वहीं डाक सेवाओं की कार्यप्रणाली को समझने हेतु स्कूली बच्चों द्वारा डाकघरों का भ्रमण, क्विज, स्टैम्प डिजाइन, ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता, सेमिनार, वर्कशॉप, उत्कृष्टता हेतु डाक कर्मियों का सम्मान, डाक निर्यात केंद्र, मेल व पार्सल कस्टमर्स मीट, आधार कैम्प, वित्तीय साक्षरता कैम्पेन, बचत सेवाओं, डाक जीवन बीमा, सुकन्या समृद्धि योजना और इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक उत्पादों इत्यादि को लेकर हर जिले में वित्तीय सशक्तिकरण मेलों और डाक चौपाल का आयोजन किया जायेगा।

गुरुवार, 12 जनवरी 2023

Dav pg college nss camp

जीवन में सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी



Varanasi (dil india live). राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर गुरूवार को डीएवी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना की सात इकाईयों द्वारा स्वामी विवेकानन्द को समर्पित एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय परिसर की साफ सफाई की गयी। खेल मैदान आदि जगहों पर जमा प्लास्टिक के कचरों को साफ कर स्वच्छता का संदेश दिया। इसके अलावा एक जनजागरूकता रैली भी निकाली गयी जो मैदागिन, कबीरचौरा से होते हुए महाविद्यालय पहुॅची। रैली में स्वयंसेवक स्वामी विवेकानन्द से जुड़े स्लोगन एवं नारे लगाते हुए चल रहे थे।

इस अवसर पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम अधिकारियों ने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। जीवन में आगे बढ़ना है तो सर्वप्रथम जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि एक सच्चा गुरू आपके जीवन को बदल सकता है। स्वामी विवेकानन्द के जीवन को बदलने में भी उनके गुरू स्वामी रामकृष्ण परमहंस का योगदान था।

शिविर के प्रारम्भ में स्वयंसेवकों ने लक्ष्य गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद डॉ. नजमूल हसन ने रासेयो का उद्देश्य बताया। डॉ. प्रतिभा मिश्रा ने स्वअनुशासन के विषय में रौशनी डाली। डॉ. बन्दना बालचन्दनानी ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया। शिविर में डॉ. कल्पना सिंह, डॉ. प्रतिमा गुप्ता, डॉ. सिद्धार्थ सिंह एवं डॉ. शशिकान्त यादव ने भी सम्बोधित किया। कुमार पारितोष, गोविन्द नारायण वैभव, रौनक आदि स्वयंसेवकों ने स्वामी विवेकानन्द पर विचार प्रकट किया। कार्यक्रम में सौ से अधिक स्वयंसवेक शामिल रहे।

बुधवार, 27 जुलाई 2022

World hepatitis day 28 July

हेपेटाइटिस है गंभीर, जन जागरूकता से ही दूर होगी यह बीमारी

गर्भावस्था में जरूर कराएं जांच, बचेगी जच्चा-बच्चा दोनों की जान

जन्म के तुरंत बाद शिशु को लगवाएँ हेपेटाइटिस बी का टीका

सरकार ने की वर्ष 2030 तक हेपेटाइटिस उन्मूलन करने की पहल


Varanasi (dil india live).वायरल बीमारी के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। हेपेटाइटिस वायरस को पांच प्रकार यथा ए, बी, सी, डी और ई के रूप में जाना जाता है। यह सभी यकृत (लिवर) को प्रभावित करते हैं, लेकिन उत्पत्ति, संचरण और गंभीरता के संदर्भ में उनके बीच महत्वपूर्ण अंतर है। बता दें कि वर्ष 1967 में अमेरिकी डॉक्टर बारूक सैमुअल ब्लमबर्ग ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी। नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक के सम्मान में उनके जन्मदिन पर विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी* ने कहा कि इस दिवस को हेपेटाइटिस के विभिन्न रूपों और उनके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वायरल हेपेटाइटिस के साथ-साथ संबंधित बीमारियों के प्रबंधन, पता लगाने और रोकथाम में सुधार करना है। इस वर्ष दिवस की थीम ‘आई काँट वेट’ यानि ‘मैं इंतजार नहीं कर सकता हूँ’, जिसका मतलब है कि हेपेटाइटिस की जांच के लिए ज्यादा इंतजार न करें। समय रहते इसकी जांच और डॉक्टर के परामर्शानुसार उपचार कराएं । 

*सीएमओ* ने कहा कि हेपेटाईटिस नियंत्रण के लिये सरकार ने वर्ष 2030 तक देश से हेपेटाइटिस वायरस का उन्मूलन करने की पहल की है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2018 में शुरु किया गया । इसका प्रमुख उद्देश्य हेपेटाइटिस का मुकाबला करते हुए वर्ष 2030 तक संपूर्ण देश से 'हेपेटाइटिस सी' का उन्मूलन करना, हेपेटाइटिस 'बी' एवं 'सी' से होने वाला संक्रमण तथा उसके परिणामस्वरूप सिरोसिस और लीवर कैंसर के कारण होने वाली रुग्णता एवं मृत्यु में कमी लाना, हेपेटाइटिस 'ए' और 'ई' से होने वाले जोखिम, रुग्णता एवं मृत्यु में कमी लाना है। 

रोकथाम 

•जागरूकता निर्माण और संचार व्यवहार में बदलाव

•हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण (जन्म पर खुराक, स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी)

•रक्त और रक्त उत्पादों की सुरक्षा

•सुरक्षित इंजेक्शन और सुरक्षित सामाजिक-सांस्कृतिक अभ्यास

•शुद्ध पेयजल तथा साफ़ एवं स्वच्छ शौचालय का उपयोग   

गर्भावस्था और हेपेटाइटिस बी 

शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड की अधीक्षक व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सारिका राय ने कहा कि गर्भावस्था और गर्भस्थ शिशु को हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए समय पर समय जांच अवश्य करानी चाहिए। समय से जांच, उपचार और डॉक्टर से परामर्श से प्रसव के समय कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होने कहा कि पॉज़िटिव होने पर प्रसव के दौरान यह वायरस माँ से शिशु तक पहुँचने की संभावना होती है। ऐसे में नॉर्मल और सिजेरियन दोनों तरह की प्रसव कराना संभव है। इसके अतिरिक्त कोई अन्य जटिलताएं नहीं होती हैं। डॉ सारिका ने बताया कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना चाहिए। यदि शिशु किसी कारणों से संक्रमित हो गया है, तो यह टीका उससे बचाव करेगा। हेपेटाइटिस बी होने पर इन बातों की संभावना रहती है जो इस प्रकार हैं - 

समय पूर्व शिशु का जन्म

गर्भपात

कम वजन का शिशु

गर्भावधि मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) होना

कारण  

-दूषित भोजन-अशुद्ध पानी के सेवन से हेपेटाइटिस ए और ई संभावित।

-असुरक्षित यौन संबंध से हेपेटाइटिस-बी और सी (काला पीलिया) संभावित।

-असुरक्षित इंजेक्शन-उपचार से हेपेटाइटिस बी और सी संभावित।

-गर्भवती के बच्चे को भी काला पीलिया संभावित। 

बचाव 

-शौच से पहले, खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोएं।

-ठीक से पका हुआ भोजन, पानी उबालने के बाद ठंडा कर पिएं।

-रक्त चढ़वाना है तो लाइसेंस प्राप्त रक्त सेंटर से लें।

-सुई-रेजर किसी अन्य के साथ साझा न करें।

-सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।

-बच्चे के जन्म के तुरंत बाद हेपेटाइटिस-बी का टीका लगवाएं।

यह भी जानना है जरूरी

-हेपेटाइटिस का उपचार व रोकथाम संभव है।

-हेपेटाइटिस के इलाज में लापरवाही से लिवर कैंसर हो सकता है।

-जिला अस्पताल सहित अन्य केंद्रों में जन्म लेने वाले शिशुओं का हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण होता है।

सोमवार, 20 जून 2022

Yoga day 2022:कल मनेगा ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’

नियमित करें योग, रहें निरोग: सीएमओ

  • स्वस्थ रहने व इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक
  • इस वर्ष की थीम “मानवता के लिए योग”



Varanasi (dil india live). योग लोगों को निरोग बनाने में मदद करता है।  यह शरीर की ताकत को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही तनाव और चिंता को कम करने में भी मददगार साबित होता है। शरीर को बीमारियों से बचाने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने का भी काम करता है। योग के इसी महत्व को देखते हुए और जनजागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से हरवर्ष 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष दिवस की थीम ‘योगा फॉर ह्यूमिनिटी” यानी ‘मानवता के लिए योग” निर्धारित की गई है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि मंगलवार को आठवां ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। योग दिवस के उपलक्ष्य में 21 मई से 20 जून तक जिले में ‘अमृत योग माह’ का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों समेत करीब 22 हजार लोगों को योग के बारे में जानकारी देते हुए योगाभ्यास कराया गया। 

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव ने बताया कि जिले में 24 शहरी पीएचसी (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) एवंग्रामीण के 183 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहित कुल 207 स्वास्थ्य केन्द्रों एवं ब्लॉक पीएचसी / सीएचसी पर योग की सेवाएं दी जा रही हैं। इन स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों व कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) द्वारा योग सिखाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के बारे में  भी जागरूक करने के निर्देश दिये हैं। इसके तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में योग की पाठशाला लगाई जा रही है।

ब्लॉक अराजीलाइन के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बसंत पट्टी सीएचओ धर्मेंद्र ने बताया कि रोजाना सुबह एक घंटे  हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में योग पाठशाला लगायी जा रही है,  जिसमें क्षेत्र के लोगों को योगाभ्यास कराया जाता है। इसमें प्रतिदिन 20 से 30 लोग योग सीखने आते हैं। उन्हें सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ताड़ासन, गोमुखासन, अनुलोम-विलोम, कपालभांति, सर्वांगासन आदि सिखाया जा रहा है। अभ्यास सुबह या शाम खाली पेट किया जाता है। लोग इसमें बढ-चढ़ कर हिस्सा ले रहें हैं। उन्होंने बताया कि ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ हमें योग के महत्व के प्रति जागरूक करता है। योग से मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से शरीर स्वस्थ रहता है। योग का सत्र गर्दन, कंधे, पीठ और कूल्हों में तनाव को कम करने में मदद करता है। शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है। योग से बीमारियां दूर होती हैं। इसकेसाथ ही शुगर, बीपी हाईपरटेंशन, डिप्रेशन आदि भी नियंत्रित रहता है। गर्भावस्था में भी योग करना लाभदायक होता है।

योग के सम्बन्ध में जरूरी बातें

मासिकधर्म के दौरान योगासन नहीं करना चाहिए।

प्रशिक्षित योग शिक्षक के सानिध्य में ही योग करना उत्तम रहता है।

योगाभ्यास के बाद पर्याप्त नींद और पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। 

योगाभ्यास करने वाले व्यक्ति को नशा नहीं करना चाहिए।

किसी आसन को करने से शरीर में तकलीफ हो तो प्रशिक्षक से सलाह लें।

योगासन किसी भी उम्र के स्त्री या पुरुष कर सकते हैं।

योग के लाभ

नियमित योगाभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

योग करने वालों का रक्तचाप व हृदय गति में सुधार होता है।

उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है।

योगासन से रक्त शुद्ध होता हैं, मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है।

योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान  है।

रविवार, 29 मई 2022

World yoga: योग करने जुटे बेसिक स्कूल के बच्चे

योग प्रशिक्षण शिविर: बेहतर जीवनचर्या के लिए योग पर ज़ोर 


Varanasi (dil India live)। बेसिक शिक्षा परिषद जनपद वाराणसी द्वारा आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर में आज प्राथमिक विद्यालय ठठरा (प्रथम ) सेवापुरी वाराणसी के प्रांगण में प्रधानाध्यापिका रेनू गुप्ता की देख रेख में योग शिविर का आयोजन किया गया। योग ट्रेनर स्वप्ना कपूर और स्कूल की अध्यापिकाका नीलम केशरी ने बहुत ही बेहतरीन योग ट्रेनिंग का संचालन किया।

स्वप्ना कपूर ने बताया कि हमारे व्यस्त दैनिक जीवन और गलत खानपान की वजह से हमें अनेक प्रकार की बीमारियां घेर लेती है। जिसका एकमात्र और सटीक उपचार हम योग के माध्यम से कर सकते हैं। हमें नियमित आधा घंटा समय योग के लिए निकालना चाहिए जिससे हमारा तन और मन दोनों शुद्ध और निरोग बनेंगे। कुल 560 छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों ने इस योग प्रशिक्षण शिविर का लाभ उठाया। प्रशिक्षण के उपरांत स्कूल की हेड मास्टर ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।प्रशिक्षण में राजेश कुमार मौर्य, गोपी वर्मा, अनवरुद्दीन अंसारी, अमृता वर्मा, सीमा यादव, ईशा केशरी, खुशी केशरी, शिवानंद दुबे, रोशनी, तन्नू विश्वकर्मा, आंचल, मधु आदि उपस्थित रहे।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...