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शनिवार, 22 अक्टूबर 2022

Dengue पीड़ितों की मौत प्लेटलेट की कमी से नहीं : सीएमओ

अनावश्यक प्लेटलेट चढ़ाने से मरीज की तबीयत और हो सकती है खराब

 •निजी चिकित्सकों, नर्सिंगहोम संचालकों के साथ वर्चुवल मीटिंग सम्पन्न

 •डेंगू पीड़ित मरीजों के बेहतर उपचार पर हुई चर्चा

Varanasi (dil india live).प्लेटलेट की कमी डेंगू पीड़ित मरीजों की मौत का कारण नहीं होता। निजी चिकित्सकों नर्सिंग होम संचालकों के साथ शनिवार को हुई वर्चुवल मीटिंग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, जब तक किसी मरीज का प्लेटलेट काउंट दस हजार से कम न हो और  सक्रिय रक्तस्राव न हो रहा हो तब तक उसे प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता नहीं होती है। डेंगू के इलाज में  प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन प्राथमिक इलाज नहीं है। वास्तव में, प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन मरीज को लाभ पहुंचाने की जगह नुकसान ही करता है यदि इसका उपयोग ऐसे रोगी में किया जाता है जिसमे प्लेटलेट्स की गिनती दस हजार से अधिक है।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने कहा डेंगू से पीड़ित रोगियों में मृत्यु का प्राथमिक कारण केशिका रिसाव है, जो इंट्रावास्कुलर कंपार्टमेंट में रक्त की कमी का कारण बनता है और जिसके फलस्वरूप बहु-अंग ( मल्टी ऑर्गन फेल्योर) विफलता होती है। इंट्रावास्कुलर कंपार्टमेंट से एक्स्ट्रावास्कुलर कंपार्टमेंट में प्लाज्मा रिसाव की स्थिति में, मरीज को प्रति घंटे 20 मिलीलीटर प्रति किलो शरीर के वजन की मात्रा में फ्लूड चढ़ाया  जाना चाहिए। इसे तब तक जारी रखना चाहिए जब तक कि ऊपरी और निचले रक्तचाप के बीच का अंतर 40 mmHg से अधिक न हो जाए, या रोगी को पर्याप्त मात्रा में पेशाब न हो जाए। यह वह सब है जो रोगी के इलाज के लिए आवश्यक है, अनावश्यक प्लेटलेट चढ़ाने से मरीज की तबीयत और खराब हो सकती है। डेंगू रोगियों का इलाज करते समय, चिकित्सकों को '20 का फॉर्मूला' याद रखना चाहिए यानी 20 से अधिक की पल्स रेट में वृद्धि, बीपी का 20 से अधिक गिरना, 20 से कम के निचले और ऊपरी बीपी के बीच का अंतर और 20 से अधिक रक्तस्रावी धब्बे की उपस्थिति टूर्निकेट परीक्षण के बाद हाथ पर दिखें, तो यह स्थिति एक उच्च जोखिम वाली स्थिति का सुझाव देते हैं, और व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।"

 सीएमओ ने कहा कि डेंगू बुखार एक दर्दनाक मच्छर जनित रोग है। यह चार प्रकार के डेंगू वायरस में से किसी एक के कारण होता है, जो एक संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है।डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, नाक बहना, त्वचा पर हल्के लाल चकत्ते, खांसी और आंखों के पीछे और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। हालांकि, कुछ लोगों को लाल और सफेद धब्बेदार चकत्ते विकसित हो सकते हैं, जिसके बाद भूख में कमी, मतली, उल्टी आदि हो सकती है। डेंगू से पीड़ित मरीजों को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए, आराम करना चाहिए और बहुत सारे तरल पदार्थ पीना चाहिए। बुखार को कम करने और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल लिया जा सकता है। हालांकि, एस्पिरिन या इबुप्रोफेन नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि वे रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। 

 जटिलताओं का जोखिम

 डेंगू के 1% से भी कम मामलों में जटिलताओं का जोखिम होता है, यदि जनता को चेतावनी के संकेत ज्ञात हों, तो डेंगू से होने वाली सभी मौतों से बचा जा सकता है। डेंगू  के परीक्षणों में डेंगू NS1-सर्वश्रेष्ठ परीक्षण है। NS1 आदर्श रूप से दिन 1 से 7 तक पॉजिटिव रीडिंग होता है। यह फॉल्स पॉजिटिव रीडिंग नही देता। यदि पहले दिन -ve है, तो इसे अगले दिन दोहराएं। हमेशा एलिसा आधारित NS1 परीक्षण के लिए कहें क्योंकि कार्ड परीक्षण भ्रामक हैं।

आईजीजी और आईजीएम डेंगू का महत्व

 कम प्लेटलेट्स संख्या वाले और बीमारी के तीसरे या चौथे दिन "बीमार" दिखने वाले मरीज में, आईजीएम स्तर में सीमा रेखा वृद्धि और आईजीजी का एक बहुत ही उच्च स्तर सेकेंडरी डेंगू का प्रतीक है। इन मरीजों में जटिलता की संभावनाएं अधिक होती हैं। प्राथमिक डेंगू में आईजीजी 7 दिनों के अंत में + हो जाता है, जबकि आईजीएम दिन 4 के बाद + हो जाता है। अपरिपक्व प्लेटलेट अंश/आईपीएफ, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया वाले मरीज के लिए डेंगू में एक बहुत ही उपयोगी परीक्षण है। यदि ऐसे मरीज में आईपीएफ> 10% है, तो अगर प्लेटलेट काउंट 20,000 भी है तो भी वह खतरे से बाहर है और 24 घंटे में प्लेटलेट्स बढ़ जाएंगे। यदि आईपीएफ 6% है, तो इसे अगले दिन फिर दोहराएं। अब अगर आईपीएफ बढ़कर 8% हो गया है तो उसके प्लेटलेट्स निश्चित रूप से 48 घंटे के भीतर बढ़ जाएंगे। यदि यह 5% से कम है, तो उसका अस्थि मज्जा 3-4 दिनों तक प्रतिक्रिया नहीं करेगा और वह मरीज प्लेटलेट चढ़ाने के लिए संभावित उम्मीदवार हो सकता है। बॉर्डरलाइन कम प्लेटलेट काउंट के साथ भी आईपीएफ परीक्षण करना बेहतर है। लो मीन प्लेटलेट वॉल्यूम या एमपीवी का मतलब है कि प्लेटलेट्स कार्यात्मक रूप से अक्षम हैं और ऐसे मरीज पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

गुरुवार, 8 सितंबर 2022

Ghazipur maine Car accident तीन की मौत

गाजीपुर में फोरलेन पर मॉर्निंग वाक करना पड़ा महंगा 

कार हुई बेकाबू, तीन को रौंदा, मौत

Himanshu Rai

Ghazipur (dil india live). गाजीपुर जंगीपुर थाना क्षेत्र के मिठ्ठापारा गांव के पास फोरलेन पर  मॉर्निंग वॉक करते समय लोगों को  बेकाबू कार ने रौंद दिया, जिससे मौके पर ही गांव निवासी अच्छेलाल यादव, विनोद यादव, दिवाकर की मौत हो गई। वहीं दो लोग बाल-बाल बच गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया। एक साथ तीन-तीन मौतों से गांव में कोहराम मच गया। मौके पर भारी भीड़ एकत्र हो गई । पुलिस मौके पर पहुंच गई। 

गांव के समीप वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन  पर लोग मॉर्निंग वाक करते हैं । गुरुवार की भोर में रोज की तरह  लोग मॉर्निंग वॉक निकले थे । दुर्घटना के शिकार हुए साथ के  छह लोग थे। हाइवे पर कुछ दूर पहुंचे ही थे कि वाराणसी की ओर जा रही तेज गति वैगनआर कार अनियंत्रित हो गई और एक दम किनारे आ गई, तीन लोग तो दाहिने तरफ भागकर अपनी जान बचाए, लेकिन तीन लोगों को कार ने रौंद दिया, जिससे दो लोग सड़क पर इधर-उधर गिर  गए, जबकि विनोद कार के बोनट में फंस  गया। इसके बाद कार दाहिने तरफ डिवाइडर से टकराकर रुक गई। गंभीर चोट आने से मौके पर ही तीनों की मौत हो गई।

इस दुर्घटना में कार भी क्षतिग्रस्त हो गई। कार सवार गाड़ी छोड़ भाग निकले। दुर्घटना की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, कोहराम मच गया। लोग भागे-भागे घटनास्थल पर पहुंचे, इससे वहां भारी भीड़ एकत्र हो गई। पुलिस को कार के अंदर से शराब की बोतलें, गिलास और एक पर्स  मिला है। इसके  जरिए कार सवारों की तलाश करने में पुलिस जुटी है।  मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

गुरुवार, 18 अगस्त 2022

Accident: ट्रक की चपेट में आने से विकास भवनकर्मी बाइक सवार की मौत

बड़ागांव ब्लॉक में सेक्रेटरी पद पर हाल ही में हुआ था प्रमोशन


Rajkumar Gupta

Varanasi (dil india live). विकास भवन से अपने घर लौटते समय राजातालाब निवासी बाइक सवार मनोज केसरी 42 वर्ष की परमपुर रिंग रोड पर रात्रि में लगभग 9 बजे ट्रक की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गये। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने परिजनों को सूचना देते हुए एंबुलेंस से इलाज के लिए बीएचयू में स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया जहां पर इलाज के दौरान बुधवार रात को घायल मनोज केसरी की मौत हो गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक मनोज कुमार केसरी विकास भवन में बड़े बाबू के पद पर कार्यरत थे। 

हाल ही में बड़ागांव ब्लॉक में सेक्रेटरी पद पर प्रमोशन हुआ था। जिनका विकास भवन से वापस घर लौटते समय रिंग रोड पर ट्रक से एक्सीडेंट हो गया। मौत की सूचना मिलने पर पत्नी जानकी देवी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। मृतक को एक लड़का अभिषेक 18 तथा दो लड़की वंदना व ख़ुशी है। मृतक मनोज तीन भाईयो व एक बहन में सबसे बड़े थे।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...