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मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

ग्रामीण महिलाओ ने कबाड़ में उभारा कलात्मक सौन्दर्य

घरो के बेकार वस्तुओ से बने प्रोडक्ट की लगी प्रदर्शनी


वाराणसी 
07 फरवरी (dil India live) | महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास और उपयोग कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमन्त्री जी की परिकल्पना व् सोच को आगे बढ़ाते हुए उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में घरों में पड़े वेस्ट मेटेरियल माध्यम से स्वरोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से 2 दिवसीय “कबाड़ से जुगाड़” कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का आयोजन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से साईं इंस्टिट्यूट ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट, वाराणसी द्वारा महिलाओ के लिए विकास के लिए प्रदेश के पहले रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क, बसनी में किया गया |

कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए श्री बलदेव पी.जी. कालेज, बडागांव की प्रोफेसर डॉ. अंशु मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ ने घरो में पड़ी बेकार वस्तुओ एवं पुराने न्यूज़ पेपरो से अपनी कल्पनाशीलता से एक जीवंत प्रतिभा को निखारा है |  इससे ग्रामीण महिलाओ की अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है | निश्चित तौर ग्रामीण महिलाओ को बस मौका मिलने की देरी है |

रूरल वीमेन टेक्नोलॉजी पार्क में 3 घंटे की इस प्रतियोगिता में महिलाओ ने बेकार सामान से सुंदर कलाकृतिय तैयार करने के साथ साथ कागज का हास्पिटल, घडी, शादी के कार्ड से मनमोहक प्रोडक्ट तैयार किया|

    हुनर-ए-बनारस की निदेशिका पूनम तिवारी ने कहा  महिलाओ ने अपनीं कल्पनाशीलता की जोम छाप छोडी है वह काबिले तारीफ है | उक्त प्रतियोगिता में पुराने न्यूज़ पेपर से बने घर में गणेश जी प्रतिमा बनाने वाली राधा वर्मा को प्रथम, शादी के कार्ड से मनमोहक प्रोडक्ट बनाने वाली श्रुति सिंह को दूसरा, कागज से हिन् घड़ी बनाने वाली कुमकुम मिश्रा को तृतीय एवं वैष्णव गुप्ता को सांत्वना पुरस्कार का चयन हुआ | प्रतियोगिता में बिजयी प्रतिभागियों को कल कार्यशाला के समापन अवसर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार जी के हाथो पुरस्कृत किया जायेगा | अतिथियों का स्वागत संस्थान के निदेशक अजय सिंह द्वारा किया गया | कार्यक्रम में एस.बी.आई. जनरल इंश्योरेंस कम्पनी व् प्रोत्साहन संस्था का भी सहयोग रहा |

उक्त अवसर पर प्रोजक्ट मैनेजर इन्द्रेस पाण्डेय, कबाड़ से जुगाड़ की कोआर्डिनेटर दीक्षा सिंह, यास्मिन बानो, अनुपमा दुबे, हर्ष सिंह आदि लोग शामिल रहे | 

शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2022

रक्तदान के लिए यह परिवार बना मिसाल

पिता की पुण्यतिथि पर बहू ने किया रक्तदान

देवरिया ०४ फरवरी (dil India live) । वृहस्पतिवार को जिला ब्लड बैंक में एक परिवार द्वारा पिता की पुण्यतिथि पर बहू के साथ अन्य सदस्यों द्वारा रक्तदान कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुये अनोखा सन्देश दिया गया । स्वच्छ भलुअनी स्वस्थ भलुअनी (यूथ ब्रिगेड) के संस्थापक सदस्य व रक्तदान का अमृत महोत्सव उत्तर प्रदेश ABMVS सह संयोजक सन्तोष मद्धेशिया वैश्य ने अपने पिता स्व. रामचंद्र मद्धेशिया की स्मृति में उनकी सातवीं पुण्यतिथि पर जिला ब्लड बैंक पर सपरिवार रक्तदान कर पुण्यतिथि मनायी । पुण्यतिथि पर सन्तोष मद्धेशिया की पत्नी इसरावती देवी ने तीसरी बार, छोटे भाई विनय मद्धेशिया ने पहली बार व बहनोई विजय मद्धेशिया ने चौथी बार रक्तदान करते हुये कहा कि परिवार के सृजनकर्ता के नाम पर आज रक्तदान कर हमें बेहद खुशी महसूस हो रही है और हम सभी को इस तरह के कार्य की प्रेरणा व सीख उन्ही से मिली थी, उनके पदचिन्हों पर चलना ही हमारे परिवार का प्रयास है । इस अवसर पर सन्तोष मद्धेशिया की माँ दुर्गावती देवी ने कहा कि मेरी बहू की तरह हर महिला को भी रक्तदान के लिये आगे आना चाहिये क्योंकि महिलाओं में रक्तदान के प्रति जागरूकता की बेहद कमी है ।इस दौरान कपूरचंद गुप्ता, आशा देवी, मनोज मद्धेशिया, सरिता देवी, पुष्पा देवी, एलटी तेजभान, रामेश्वर पांडेय सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे ।

रक्तदान करने के लिये सत्रह घण्टे का सफर

एक मांगलिक कार्यक्रम में अपने ननिहाल गयी बड़ी बहू इसरावती देवी पिता की पुण्यतिथि पर प. बंगाल से 17 घण्टे का सफर तय कर ब्लड बैंक पहुंची और अपना तीसरा रक्तदान किया । उन्होंने बताया कि पहली बार वह भलुअनी में पिछले वर्ष शहीद दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में पति की पहल पर रक्तदान किया साथ ही छोटी ननद को भी रक्तदान करवाया । उस रक्तदान के दौरान ब्लड बैंक परामर्शदाता सुबोध पांडेय जी ने मुझे हर चार माह पर रक्तदान करने का सुझाव दिया और मैं तबसे नियमित रक्तदान करते हुये बहुत बेहतर महसूस कर रही हूँ । उन्होंने कहा आज मेरे परिवार में बच्चा बच्चा रक्तदान के महत्व को समझता है और रक्तदान के प्रति जागरूक है । बच्चे खुद कहते हैं मैं 18 वर्ष का होते ही रक्तदान करना शुरू कर दूँगा । हमें स्वस्थ समाज की परिकल्पना और जागरूकता के लिये रक्तदान की शुरुआत पहले स्वयं से करनी होगी जिसे देखकर ही हमारे परिवार के सदस्य, महिलाएं व बच्चे भी रक्तदान के लिये प्रेरित होंगें । इसरावती देवी के प्रयास से कई महिलाएं भी रक्तदान के प्रति उत्सुक दिख रही हैं ।

सन्तोष ने पूरे परिवार में भरा रक्तदान का जज्बा

सन्तोष मद्धेशिया ने दो फरवरी को परिवार के बने wp ग्रुप में पिता की पुण्यतिथि पर परिवार के लोंगों से रक्तदान कर पुण्यतिथि मनाने की इच्छा जाहिर की तो सबसे पहले उनके 18 वर्षीय बेटे दीपक मद्धेशिया ने रक्तदान करने की इच्छा जाहिर की, उसके बाद उनके दूसरे बेटे 15 वर्षीय सूरज मद्धेशिया ने कहा "काश मैं भी 18 वर्ष का होता तो आज बाबा के नाम पर रक्तदान करता, 20 वर्षीय बिटिया दिव्या ने तुरंत रक्तदान करने की हांमी भर दी । वहीं चचरे भाई रामप्रवेश मद्धेशिया "यूथ ब्रिगेड" की पहल पर 30 जनवरी को जिला ब्लड बैंक में ही रक्तदान करने की वजह से इस पुण्यतिथि पर रक्तदान नही कर सके ।

छोटे भाई मनोज मद्धेशिया, विनोद मद्धेशिया, बहन आशा, मीना व रीता भी पिता के नाम पर रक्तदान को उत्सुक दिखे पर मैडिकल मानक पर खरा न उतरने पर परिवार के अधिकतर सदस्य रक्तदान करने से वंचित रह गये । नियमित रक्तदान करते हुये अभी तक कुल 11 बार रक्तदान कर चुके सन्तोष मद्धेशिया ने कहा कि समाजसेवा की प्रेरणा पिता जी से पायी है, और उनकी प्रेरणा से ही हमारे परिवार द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि हर परिवार को भी रक्तदानी परिवार बना सकें ।

रविवार, 26 दिसंबर 2021

व्यपार मण्डल की जानिए किसे मिली कमान

राकेश जैन अध्यक्ष, रामभरत ओझा महामंत्री चुने गए



वाराणसी 26 दिसंबर (dil india live)। अख़िल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की  जिम्मेदारी राकेश जैन को मिली है। वो बनारस के महानगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी के साथ बनारस के प्रभारी के रूप में भी काम करेंगे।महामंत्री पद पर राम भरत ओझा चुने गए है। शेष पाल गर्ग, विजय नारायण कपूर, अटल नाथ खत्री, नारायण डी के मार्ग दर्शक मंडल में चुने गए है। उपाध्यक्ष पद पर दिनेश चौरसिया, विजय गुप्ता, संजय जायसवाल, राकेश गुप्ता महामंत्री संगठन राजू बाजोरिया, मंत्री सूरज कुशवाहा, शिवा तुलस्यानी, अशोक पाहुजा ,कोषाध्यक्ष पर राजेश यादव सह कोषाध्यक्ष पर अनिल जैन, प्रभारी  दक्षरी रमेश केसरी, उत्तरी बाबू खा, प्रभारी कैण्ट श्याम बाबू यादव ,प्रभारी उड़ाका दल संजय चांगरानी, प्रभारी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ चिंतित बनारसी, मीडिया प्रभारी हेमंत राघानी और कार्यकारिणी में मुन्ना लाल जायसवाल, पुरषोत्तम तोदी अमर रॉय,रोहित मित्तल, गौरव सोनी, अमित केसरवानी, मनोज यादव, राज चांगरानी, लल्लन सेठ, प्रिंस सिंह चुने गए है।  

इस अवसर पर महिला प्रकोष्ठ का भी गठन किया गया। इसमें अध्यक्ष की जिम्मेदारी श्रुति जैन को मिली है। व्यपार मंडल की नई टीम को नगर के तमाम लोग बधाई दे रहे हैं। नव निर्वाचित अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि वो पूर्व की भांति व्यपारियो के लिए संघर्ष करते रहेंगे। धन्यवाद ज्ञापन रवि जायसवाल व संचालन अनिल जैन ने किया।

शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों का नि:शुल्क इलाज

 जिला अस्पताल में अब तक 23 बच्चों का हुआ इलाज 

  • दो वर्ष तक के बच्चों के निःशुल्क इलाज की सुविधा



हिमांशु राय

गाज़ीपुर 11 नवंबर(dil india live)।प्रत्येक मां बाप का सपना होता है कि उसका बच्चा स्वस्थ हो। उसके आने वाले जीवन में किसी भी तरह का संकट ना हो। लेकिन गाजीपुर के जखनिया ब्लॉक के खरनजी हरिहर गांव के रहने वाले वीरेंद्र के छह माह के पुत्र शिवम का जब जन्म हुआ तो वह उसके टेढ़े-मेढ़े पैर देखकर बहुत चिंतित हो गए थे। क्योंकि उन्हें पहले लगा कि उनका बच्चा पोलियो का शिकार है। लेकिन जब अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाया तो डॉक्टरों ने पोलियो नहीं होने की बात कही ।  जब वीरेंद्र को जिला अस्पताल में टेढ़े-मेढ़े  पैरों के नि:शुल्क इलाज कराने की जानकारी मिली तो वे बहुत खुश हुए। और जिला अस्पताल आकर बच्चे के पैर का इलाज कराना शुरू कर दिया । कुछ इसी तरह की कहानी लाल दरवाजा के निवासी हनीफ के 8 माह के पुत्र  हम्ज़ा रहमान की है। हनीफ ने बताया कि हमारा बच्चा जब पैदा हुआ तो हम खुश होने की वजह अत्यधिक चिंतित थे। क्योंकि यह उनका पहला बेटा था और जब उन लोगों ने उसके पैरों पर ध्यान दिया तो उन्हें उसका पैर टेढ़ा होना महसूस हुआ। जिसके लिए उन्होंने पहले प्राइवेट डॉक्टरों को दिखाया। लेकिन डॉक्टरों ने इसके इलाज में अधिक खर्च होने की बात कही इस दौरान मोहल्ले के ही कुछ लोगों ने जिला अस्पताल में दिखाने की बात कही। जिला अस्पताल में पता करवाया तो पता चला कि ऐसे बच्चों का इलाज प्रत्येक बुधवार को हो रहा है, तो हम वहाँ गए, डाक्टर को दिखाने के बाद वहाँ से हमारे बच्चे के पैर में सुधार दिखना शुरू हो गया और iअब मेरे बच्चे का पैर एकदम ठीक है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मिरेकल फीट इंडिया के सहयोग से बच्चों के जन्मजात टेढ़े पंजे (क्लबफुट) का निःशुल्क इलाज मिल रहा है। इस योजना के तहत इस वर्ष अब तक 17 बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है। जिला अस्पताल में 17 में से दो बच्चों की टेनोटामी (ऑपरेशन) डॉ० तपिश कुमार व डॉ० कृष्ण कुमार यादव द्वारा सफलतापूर्वक की जा चुकी है। वर्तमान में चार बच्चे प्लास्टर (पोंसेटी मेथड) पर चल रहे हैं। डॉ० तपिश कुमार ने बताया कि जल्द ही इन दोनों बच्चों का टेनोटॉमी की जाएगी। इसके बाद ब्रेस (विशेष प्रकार के जूते) पहनाए जाएंगे।

जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ० तपिश कुमार ने बताया कि जन्म के समय जिन बच्चों के पैर का पंजा अंदर की ओर मुड़ा होता है। उन बच्चों का इलाज पोंसेटी मेथड के द्वारा सही किया जा सकता है। उन बच्चों को पहले प्लास्टर लगाया जाता है तथा फिर उन बच्चों के टेंडेंट को रिलीज करने के लिए टेनोटोमी की जाती है। इसके बाद बच्चों को विशेष प्रकार के जूते पहनाए जाते हैं जोकि मिरेकल फीट इंडिया के द्वारा नि:शुल्क दिया जाता है। 

जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ० कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि क्लब-फुट जन्म के समय से ही बच्चों के पैर का पंजा मुड़ा हुआ होता है। पोंसेटी तकनीकी के सहयोग से क्लब-फुट का उपचार संभव है। इसमें धीरे-धीरे बच्चे के पैर को बेहतर स्थिति में लाया जाता है और फिर इस पर एक प्लास्टर चढ़ा दिया जाता है, जिसे कास्ट कहा जाता है। यह हर सप्ताह 5 से 8 सप्ताह तक के लिए दोहराया जाता है। आखिरी कास्ट पूरा होने के बाद, अधिकांश बच्चों के टेंडन को ढीला करने के लिए एक मामूली ऑपरेशन की आवश्यकता होती है। यह बच्चे के पैर को और अधिक प्राकृतिक स्थिति में लाने में मदद करता है। जिससे पैर अपनी मूल स्थिति पर वापस न आ जाये।

जिला अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. चंद्रशेखर आजाद ने बताया कि बच्चों के इस जन्मजात विकृति का इलाज ठीक समय पर नहीं किया गया तो यह आगे चलकर विकलांग हो जाएंगे। इलाज के प्रक्रिया का अहम हिस्सा है कि माता पिता बच्चे को ब्रेस (विशेष प्रकार का जूता) अवश्य पहनाए । कभी-कभी इस प्रक्रिया के काम नहीं करने का मुख्य कारण यह होता है कि ब्रेसिज़ (विशेष प्रकार के जूते) लगातार उपयोग नहीं किये जाते हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका बच्चा लंबे समय तक विशेष जूते और ब्रेसिज़ आमतौर पर तीन महीने के लिए पूरे समय और फिर रात में भी पहनाने होते हैं।

  मिरेकल फीट इंडिया के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आनंद कुमार ने बताया कि प्रत्येक बुधवार को  जिला अस्पताल में जन्म से दो साल तक के बच्चे नि:शुल्क लाभ ले सकते है । संस्था द्वारा बच्चों के प्लास्टर में लगने वाला जिप्सोना तथा और ब्रेस ( विशेष प्रकार का जूता ) नि: शुल्क प्रदान किया जाता है।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...