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मंगलवार, 24 जनवरी 2023

dav pg college news: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी

Varanasi (dil india live). डीएवी (dav) पीजी कॉलेज (pg college) में स्थित सिफ्सा द्वारा संचालित यूथ फ्रेंडली क्लीनिक के तत्वावधान में मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल विषय पर बीए प्रथम वर्ष के मनोविज्ञान विषय के विद्यार्थियों के साथ संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया 

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित होना बहुत आवश्यक है। आज युवाओं में विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याएं सामने आ रही है जिसके लिए उन्हें तैयार होना होगा। यह युथ फ्रेंडली क्लीनिक उनके लिए काफी मददगार सिद्ध होगा। उन्होंने किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं और उनका निदान भी बताया और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समग्र है जो जीवन भर आवश्यक रहता है।

कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. कल्पना सिंह के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। कार्यशाला में डॉक्टर अखिलेंद्र कुमार सिंह और डॉक्टर राजेश कुमार झा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में 50 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए।

रविवार, 22 जनवरी 2023

Sambhavna Kala Manch का art exhibition

कार्यशाला के जरिए Sambhavna Kala Manch ने Dr rajkumar singh को किया याद






Ghazipur (dil india live).  संभावना कला मंच के शिल्पी व डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज, यूसुफपुर के कला शिक्षक डॉ. राज कुमार सिंह को समर्पित श्रद्धांजलि सभा व चित्रकला कार्यशाला का आयोजन शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में आयोजित किया गया। राज कुमार सिंह वो सख्सियत थें जिनके कला शिक्षक के रूप में यूसुफपुर आने के बाद चित्रकला के क्षेत्र में एक लहर दौड़ गई। राज कुमार ने कई बच्चों को जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के थे उनको आगे पढ़ने को प्रेरित किया और उनको उनकी फीस से लेकर ब्रश और पेपर तक कि व्यवस्था करते थें। आज उनके पढ़ाये हुए कई छात्र-छात्राएं कला के क्षेत में बहुत उचाईयो को छू रहे हैं। कई बी.एच. यू., विद्या पीठ, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, दिल्ली, मुम्बई, शांतिनिकेतन, कलकत्ता के विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, कुछ केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय तो कुछ विश्व अस्तर पर स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपने कला के माध्यम से मुहम्मदाबाद का परचम लहरा रहे हैं। राज कुमार सिंह ने राजीव गुप्ता, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह व ऋषि कुमार के साथ मिलकर 2006 में सम्भावना कला मंच की स्थापना की व इस मंच ने अपनी पहली राष्ट्रीय स्तर की कला प्रदर्शनी 2008 में शहीद पार्क मुहम्मदाबाद में आयोजित की। उसके बाद यह कला यात्रा अनवरत चलती रही। राज कुमार सिंह कुछ दिनों से कैंसर होने की वजह से अस्वस्थ चल रहे थे। जिसकी वजह से पिछले 9 जनवरी को इनका स्वर्गवास हो गया। यह अस्वस्थ होने के बावजूद हमेशा कला के बारे में ही सोचते थे। एक कहावत है कि कवि, कलाकार, गुरु कभी मरते नहीं। उसी प्रकार राज कुमार जी ने जो कला की बीच बो कर गए हैं, जो अनवरत फलता-फूलता रहेगा। ऐसे महान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके कलाकार शिक्षक की श्रद्धांजलि सभा में सम्भावना कला मंच के सभी कलाकारों के साथ-साथ डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य, सभी शिक्षक गण, माध्यमिक शिक्षक संघ, गाजीपुर के सभी सदस्यों ने राज कुमार सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में वाराणसी से आये श्री जगत नारायण सिंह ने बताया कि राज कुमार जी अपने सभी कार्यों में शिक्षण कार्य को सबसे आगे रखते थे। अपना अधिक समय कला शिक्षा व छात्रों को देते थे। जिससे आज उनके कलाकारों की एक फौज सम्भावना कला मंच के रूप में कार्य कर रहे हैं। डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य सुजीत कुमार जी ने राज कुमार जी के कला क्षेत्र के जीवनी पर प्रकाश डाला। गोरखपुर से आये जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह ने बताया कि राज कुमार सिंह ने कला कम्यून और सम्भावना कला मंच की स्थापना करके अपने कर्तव्यों को पूरा कर दिया है। बस अब जरूरत है इसे आगे बढ़ते रहने की। सम्भावना कला मंच के सह-संयोजक राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि राज कुमार सर की याद में अब प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को उनको श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकला कार्यशाला व प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। अध्यक्षता पूर्व प्रधानाचार्य श्री आलोक श्रीवास्तव जी ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में बताया कि राज कुमार सिंह कब राजू बन गए ये पता ही नहीं चला। सम्भावना कला मंच के बनाने में मेरी एक मार्गदर्शक की भूमिका रही। मैंने राज कुमार को अपने छात्रों को फर्श से अर्श तक पहुँछाते देखा है। दिन-रात एक करते देखा है। राजेश राय 'पिन्टू' ने एक कविता की लिखी हुई लाइन- "जाने कितने तारे तुमने जमीन पर उतरे" के माध्यम से बताया कि ये जो उनके बच्चे जो अभी चित्र बना रहे हैं और जो भी कला शिक्षा के लिये इस शहर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं और सम्भावना कला मंच के कलाकार ये सभी वही तारें हैं जो हमेशा खुले आकाश में हमेशा चमकते रहेंगे। इस श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रवक्ता सुरेश राय, पूर्व ब्लाक प्रमुख रामायण सिंह यादव, डॉ. जफर असलम, समाज सेवी डॉ. फतेह मुहम्मद, मोती प्रधान, जन संस्कृति मंच के साथी अशोक जी, कला कम्यून बलिया से आये बन्टू जी,  नगीना सिंह, कवि अहकम जी, डॉ. वशीम अख्तर जी, आनंदी त्रिपाठी, गोपाल यादव जी, महिला महाविद्यालय, गाजीपुर की प्राचार्या सविता भारद्वाज, संतन राम, निरंजन जी, श्री राम विलाश यादव, शगीर अहमद, बृजेश कुमार, पंकज शर्मा, सुधीर सिंह, आशीष, अभिषेक राय आदि गणमान्य बुद्धिजीवियों ने राज कुमार जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। इस श्रद्धांजलि सभा के साथ-साथ श्रद्धांजलि तौर पर एक चित्रकला कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 50-55 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था जो राज कुमार सिंह को एक कलाकार के रूप में सच्ची श्रद्धांजलि थी। इस सभा में इनकी पूर्व छात्र श्वेता राय, ऋषि कुमार, शिवांशी शर्मा, रीति सिंह, कृष्ण कुमार पासवान, उत्कर्ष, सुनील जायसवाल, प्रभात सिंह, बृजेश सिंह, कान्हा सिंह, शोभा विश्वकर्मा, चन्दन यादव, जेया एहसान, राहुल यादव आदि उपस्थित थे। सभा का संचालन डॉ. एम.ए. अंसारी इण्टर कालेज के अध्यापक विनय तिवारी ने व धन्यवाद प्रधानाचार्य सुजीत कुमार ने किया।

शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करता है शोध प्रस्ताव

शोध प्रविधि पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को कला एवं मानविकी में रिसर्च मैथेडोलॉजी पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन उद्धघाटन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आर. पी सिंह ने शोध प्रस्ताव बनाते समय उसके महत्व के दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी शोध प्रस्ताव व्यक्ति के भौतिक अथवा शारिरिक उपस्थिति के बजाए उसके ज्ञान, उसके बौद्धिक स्तर को प्रदर्शित करता है। इस दृष्टिकोण से शोध प्रस्ताव का महत्व स्वयं ही दिखलाई पड़ता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि साहित्य में शोध के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि शोधार्थी सर्वप्रथम अपनी संस्कृति को पहचाने। स्थानीय संस्कृति के अध्ययन बगैर साहित्यिक शोध की गुणवत्ता में सुधार नही महसूस किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी साहित्य में शोध के समय जितने भी वैज्ञानिक और मॉडर्न सिद्धांत है, उन सभी का प्रयोग कर सकते है।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसौदिया ने कहा कि कोई भी शोध  हो उसमे शोध प्रविधि का सर्वाधिक महत्व है। सामान्यतौर पर सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य में ही शोध प्रविधियों पर कार्यशाला आयोजित की जाती है,  इस लिहाज से कला एवं मानविकी पर भी कार्यशाला की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कार्यशाला का लाभ कला वर्ग के शोधार्थियों को मिलेगा।

अध्यक्षता कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्रीलाल ने किया। स्वागत डॉ. पूनम सिंह एवं डॉ. सतीश कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. संगीता जैन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार राम ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, डॉ. विनोद कुमार चौधरी, डॉ. समीर कुमार पाठक, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. तमन्ना शाहीन, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा,डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. हसन बानो आदि थी।

शनिवार, 18 दिसंबर 2021

धार्मिक सत्ता स्थापित करने का प्रयास लोकत्रांतिक मूल्यों के खिलाफ :. प्रो. राम पुनियानी

नवसाधना कला केंद्र में तीन दिवसीय शांति शिविर

राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय पर बोले बुद्धिजीवी




वाराणसी 18 दिसंबर ()।धार्मिक सत्ता स्थापित करने का प्रयास लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.देश में पिछले कुछ सालों से ऐसे ही प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे मुल्क की साझी विरासत पर खतरा मंडरा रहा है।

ये बातें सामाजिक चिंतक और मुम्बई आई आई टी के पूर्व प्रोफेसर राम पुनियानी ने तरना स्थित नव साधना कला केंद्र में 'राइज एंड एक्ट' की तरफ से आयोजित तीन दिवसीय 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय' विषयक प्रशिक्षण शिविर में प्रथम दिन बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत की साझी विरासत पर हर दिन खतरा बढ़ता जा रहा है। हमें इन खतरों से न सिर्फ़ सावधान रहना होगा बल्कि समझना भी होगा। आजादी की लड़ाई सभी धर्म जाति के लोगों ने मिलजुल कर लड़ी थी। आज उन्हें विभाजित किया जा रहा है। एक धर्म विशेष के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। प्रो.पुनियानी ने कहा कि समतावादी समाज के निर्माण के लिए संवैधानिक संस्थाओं और मूल्यों की रक्षा करने की जरूरत है जिन पर आज सर्वाधिक खतरा है। आज दलित, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक निशाने पर हैं. उनकी दशा दिनों दिन खराब होती जा रही है। इतिहास को तोड़ मरोड़ कर गलत प्रचार किया जा रहा है. भारतीय सभ्यता और संस्कृति मिली-जुली रही है जिन्हें आज तोड़ने का हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. हमारी कोशिश समता और समानता आधारित समाज के निर्माण की होनी चाहिए।

'मौजूदा दौर में मीडिया की भूमिका' विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार एके लारी ने कहा मीडिया अपनी भूमिका से विरत हो चुका है. पूर्व की सरकारों के दौर में भी मीडिया की भूमिका पर सवाल उठते थे पर वह अपवाद स्वरूप होते थे आज हालत इससे उलट है. मीडिया ने जनसरोकार से किनारा कर के सत्ता सरोकार से रिश्ता बना लिया है. जिससे लोकतंत्र के चौथे खम्भे से आम जन का भरोसा उठता जा रहा है।

विशिष्ट वक्ता दीपक भट्ट ने लोकतन्त्र की चुनौतियों पर बातचीत करते हुए कहा कि इस समय सबसे बड़ी जरूरत युवाओं के साथ काम करने की है जिससे वे एक विश्लेषण की समझ बना सकें। वह मौजूदा दौर में लोकतंत्र में अपनी प्रभावी भूमिका निभा सकें। उनमें अपनी बात कहने और विरोध दर्ज करने का जज्बा बनाना जरूरी है। 


इसके पूर्व शिविर का उद्घाटन डायसेस आफ वाराणसी के बिशप यूजिन जोसेफ़ ने किया। उन्होंने शिविर में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें समाज निर्माण के लिए हर स्तर पर प्रयास करना चाहिए। जब तक इस प्रयास में हर तरह के फूलों को एक साथ बांधकर गुलदस्ता तैयार नहीं करेंगे तबतक एक बेहतर समाज नहीं बनाया जा सकता। प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के  सामाजिक कार्यकर्ता,अध्यापक,शोध छात्र और पत्रकारों की भागीदारी महत्वपूर्ण रही। शिविर के आयोजन का संचालन डा.मोहम्मदआरिफ ने किया।

रविवार, 14 नवंबर 2021

सुरक्षित रहे मान-सम्मान, नारी शक्ति को कराया ज्ञान

वन स्टॉप सेंटर में लगा विधिक साक्षरता शिविर

 



वाराणसी 14 नवम्बर(dil india live)। बाल दिवस एवं अमृत महोत्सव के अंर्तगतजिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से रविवार को वन स्टॉप सेंटर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें बालिकाओं, किशोरियों व महिलाओं को उनके अधिकारों के साथ ही हितकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी। नारी शक्तिका मान-सम्मान सुरक्षित कैसे रहेऔरवह कैसेसशक्त बनें, के बारे में जानकारी दी गयी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की विधिक सलाहकार रेखा श्रीवास्तव ने शिविर में बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, लैंगिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किशोरियों व महिलाओं से कहा कि आप अपने अधिकारों का प्रयोग करें, लेकिन यह सब कानून के जरिए होना चाहिए। यदि वह घरेलू हिंसा, भ्रूण हत्या, दहेज जैसी समस्याओं से ग्रसित है तो उन्हें बेहिचक कानून का सहारा लेना चाहिए।

वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी रश्मि दुबे ने कहा कि यह एक ऐसा केन्द्र है जहां एक ही छत के नीचे महिलाओं की सभी समस्याओं के निदान की व्यवस्था है। उन्हें विधिक परामर्श देने के साथ ही उनको स्वालम्बी बनाने का भी प्रयास किया जाता है। कोई भी महिला घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर दुर्व्यव्हार जैसी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए इस केन्द्र की मदद ले सकती हैं।   

शिविर के प्रारम्भ में किशोरियों, महिलाओं को ‘वन स्टॉप सेंटर का भ्रमण कराया गया। इस दौरान सीएससी प्रभारी साधना सिंह ने केन्द्र की गतिविधियों से उन्हें अवगत कराया। शिविर में शामिल होने आई सोनपुरा की किशोरी रागिनी ने बताया कि यहां आने से उसे कई हितकारी योजनाओं की जानकारी मिली है, जिनसे वह लाभान्वित हो सकती हैं। शिविर में लोक चेतना समिति की पूनम, सुजीत, सुरेश भी मौजूद रहे।

मंगलवार, 14 सितंबर 2021

सर्वेक्षण पूर्ण, सरकार की 87 योजनाओं का इन्हे मिलेगा


सेवापुरी विकास अभियान की कार्यशाला


 

10 हजार घरों का हुआ सर्वेक्षण 

 वाराणसी 14 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। सेवापुरी विकास अभियान के तहत मंगलवार को विकास भवन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के 10 हजार घरों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट इंडस एक्शन ने प्रस्तुत की। नीति आयोग के सेवापुरी विकास के तहत सिस्को  सीएसआर के वित्तीय सहयोग से इंडस को सेवापुरी ब्लाक के 10 हजार घरों के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी। इसका उद्देश्य उन घरों और परिवारों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति का अध्ययन करना था, जिसके अनुसार केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न 87 योजनाओं से उन्हें लाभान्वित कराया जा सके। आज हुई कार्यशाला में इंडस ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि वह योजनाएं इलाके में ज्यादा लोकप्रिय हैं जिनके आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाते हैं। ऐसी योजनाएं भी जनता के बीच ज्यादा चर्चा में है जिनको क्षेत्र के ग्राम प्रधान बढ़ावा देते हैं। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने निर्देश दिया कि हर हाल में सभी विभागों को अपने लक्ष्य के अनुसार स्कीम का सैचुरेशन करना है   इस वर्ष के अंत तक  कार्यशाला में इंडस एक्शन के नैनीष टिक्कू, शुभ्रा त्रिवेदी, लक्षित जैन, लोकेश, सार्थक संस्था से मधुश्री, माइक्रोवेव के अतुल्य, रवि भी शामिल रहे। धन्यवाद ज्ञापन इंडस एक्शन की सीनियर लीड स्टेट आपरेशन शुभ्रा त्रिवेदी ने दिया |

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...