गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है अगहनी जुमा
इस बार 8 दिसम्बर को अदा होगी अगहनी जुमे की नमाज
अगहनी जुमे की नमाज की तैयारियों को लेकर बैठक में जुटे बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के मेम्बर्स |
Varanasi (dil India live).03.12.2023. अगहन हिंदू महीना है मगर इस दिन मुस्लिम बुनकर अपना कारोबार बंद करके नमाज़ अदा करते हैं। वो भी अगहन की नमाज। यह गंगा जमुनी तहजीब ही है जो सदियों से बनारस में फल फूल रही है। अगहन के दूसरे शुक्रवार को सैकड़ों साल से बुनकर पुराना पुल और चौका घाट ईदगाह में एकत्र होते हैं और अगहनी जुमे की नमाज अदा करते हैं। पूरी दुनिया में अगहनी जुमे की नमाज केवल बनारस में ही अदा की जाती है। इस बार गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल अगहनी जुमा 8 दिसम्बर को है। बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के अध्यक्ष सरदार इकरामुद्दीन के रसूलपुरा स्थित आवास पर एक मीटिंग बुलाई गई इस मीटिंग में सर्व सम्मति से तय हुआ कि विगत वर्षों की भांति आगामी शुक्रवार को अगहनी जुमा की नमाज़ चौका घाट स्थित ईदगाह के मैदान में अदा की जाएगी, जिसकी इमामत जनाब मौलाना अल्ताफुर्रहमान साहब करेंगे तो उधर पुराना पुल ईदगाह में भी अगहनी जुमे की नमाज अदा की जाएगी। सरदार ने बताया कि यह नमाज़ पुरानी परंपरा के अनुसार प्रत्येक वर्ष अगहन मास में अदा की जाती है, और कारोबार में बरकत, मुल्क में अमन व स्लामती के लिए दुआ की जाती है। नमाज के बाद किसान गन्ना और मछली की दुकान लगाते है। नमाजी यहां से नमाज के बाद गन्ना खरीद कर घर लौटते हैं।
बैठक में नमाज की व्यवस्था सौंपी गई जिसमें मुख्य रूप से अब्दुल्ला अंसारी, जैनूल होदा अंसारी, जलीस अंसारी, वकास अंसारी, गुलाम मुनीर अंसारी, आफताब आलम अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, मुन्ना अंसारी, मुहम्मद अली नक्शेबंद, यासीन फरीदी, सुलेमान अख्तर, ज़हीर अहमद, बेलाल अहमद, हाजी अनवारूल हक, हाजी नजमूल हसन, शहंशाह, बाबू तार वाले, अबू बकर, हारून, हाजी सरदार अमीनुद्दीन, हाफीज़ अहमद, सरदार नसरुद्दीन आदि शामिल थे।