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रविवार, 26 मार्च 2023

यहां तो पूरा Ramadan ही रहते हैं एतेकाफ

एतेकाफ पर इबादतगुजार करते हैं देश दुनिया में अमन की दुआएं 

Varanasi (dil india live). रमजान की खास इबादतों में शामिल एतेकाफ अमूमन रमजान के आखिरी अशरे में रहा जाता है मगर नबी ने कई बार पूरा रमजान यानी 30 दिन एतेकाफ किया था। नबी कि इसी सुन्नतों पर अमल करते हुए दावते इस्लामी हिंद के मेंबर्स मस्जिद कंकडियाबीर में पूरे रमजान एतेकाफ पर बैठते हैं। इस बार भी दावते इस्लामी इंडिया के मेंबर्स एतेकाफ पर बैठ गए हैं। पूरी मस्जिद इबादतगुजारो से भरी हुई है। एक साथ इबादत,एक साथ जमात से नमाजे अदा करना व एक साथ रोज़ा इफ्तार के साथ ही देश दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआएं करने का नजारा देखते ही बनता है। दावते इस्लामी इंडिया के डा. साजिद अत्तारी बताते हैं कि हर साल दावते इस्लामी इंडिया के लोग एक साथ पहले ही रमजान से एतेकाफ पर बैठ जाते हैं और जब ईद का चांद होता है तो एतेकाफ पूरा करके अपने घरों को लौटते हैं।

क्या है एतेकाफ:

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है। इसी इबादत का नाम एतेकाफ है। सुन्नत है एतेकाफ:

एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। 

रमज़ान हेल्प लाइन:

अगर आपके जेहन में भी रमजान को लेकर कोई सवाल है तो फोन करें। इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी देंगे। 

इन नम्बरों पर होगी रहनुमाई

9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483

बुधवार, 22 फ़रवरी 2023

Dr mohd arif बोले: आपसी मेल जोल से मिलेगा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा

संविधान की मूल आत्मा मानवतावादी: दौलतराम

सामाजिक सद्भाव से देश होगा खुशहाल: रणजीत कुमार 

भारतीय समाज का आधार सह-अस्तित्व की भावना: विनोद कुमार

भारत की परिकल्पना विषयक संगोष्ठी सम्पन्न



Jounpur (dil india live). राइज एंड एक्ट के तहत राष्ट्रीय एकता, शान्ति, सद्भाव एवं न्याय के लिए "भारत की परिकल्पना " विषयक परिचर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर समता मूलक समाज निर्माण का संकल्प लिया गया।

मुख्य वक्ता आल इंडिया सेक्युलर फोरम के डॉ मोहम्मद आरिफ ने कहा कि आपसी मेल जोल व प्रेम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा। भारत हजारों साल से विविध धर्म संस्कृतियों का देश रहा है। सदियों से लोग बेहतर तरीके से एक दूसरे के साथ भाईचारा के साथ रहते आये हैं। हमारे महापुरुषों की आईडिया ऑफ इंडिया की जो परिकल्पना थी उसमें स्वतंत्रता, समता, बन्धुता और न्याय हो। हम बुद्ध, कबीर, रैदास, गोरख नाथ, स्वामी विवेकानंद, गांधी, नेहरू अंबेडकर, भगत सिंह आदि को पढ़ेंगे व जानेंगे तभी मेल जोल और साझी संस्कृति को आगे बढ़ा सकेंगें। आजादी का पूरा आंदोलन इसी मेल-जोल का नतीजा था।

        बनारस से आये रणजीत कुमार ने कहा कि आपसी मेल जोल के लिए सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना होगा तभी एक सुंदर व खुशहाल भारत बनेगा। ऐसे वातावरण का निर्माण करें ताकि एकता व प्रेम कायम रहे। इस तरह के आयोजन होंने चाहिए जिसमें हम एक दूसरे को समझ सकें। सभी धर्म संस्कृति का सम्मान होगा तभी राष्ट्रीय एकता, शांति, सद्भाव व न्याय कायम होगा।

   सामाजिक कार्यकर्ता दौलतराम ने कहा कि संविधान की मूल अवधारणा लेकर चलें तो सर्वे सुखिना, सर्वे भवन्तु निरामया की उक्ति चरितार्थ होगी। हमारा संविधान मानवतावादी है और सभी के कल्याण और बराबरी के लिए है। उसे पूर्णरूपेण लागू करके शांतिमय समाज बना सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक विनोद कुमार ने कहा कि सामाजिक एकता को कायम रखने के लिए संयम, जिम्मेदारी व मेल जोल आवश्यक है। भारतीय समाज सह-अस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है। हमे इसे बचाये रखने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।

            इसी क्रम में उद्यान स्पेक्टर भोला प्रजापति ने कहा कि हमें एकता, शांति, न्याय को अक्षुण बनाये रखना होगा। उसके लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी। उन्होंने भारतीय संविधान को जानने समझने व सरकार द्वारा चल रही योजनाओं की चर्चा करते हुए अधिकारों के लिए सजग रहने का आह्वान किया। स्वागत करते हुये स्थानीय आयोजक विनोद कुमार ने इस कार्यक्रम का मकसद बताया कि समाज मे बदलाव आये और सामाजिक न्याय सबको मिले इसी जागरूकता के लिए परिचर्चा रखी गयी है।

 कार्यक्रम में शिवकुमारी, रविना भरती,महेंद्र प्रधान, मंजेस ,जय प्रकाश अभिषेक गायक  बिनाभारती, रमाशंकर, रागनी संजू भारती, धर्मेंद्र सहित कई ब्लॉक के सैकड़ों महिला, पुरुष व छात्र - छात्राएं मौजूद रहे।

Ash Wednesday संग शुरू हो रहा आज महा उपवासकाल

मसीही समुदाय के लिए 46 दिन हैं धार्मिक रुप से खास

मसीही रखेंगे चालीस दिन उपवास, करेंगे दिल खोलकर दान


Varanasi (dil india live). मसीह समाज के लिए आगामी 46 दिन धार्मिक रुप से बेहद खास है। इस दौरान 6 Sunday छोड़ कर चालीस दिन मसीही उपवास रखेंगे साथ ही दिल खोलकर दान करेंगे।
 40 दिन चलने वाला महाउपवास आज बुधवार से शुरू हो रहा है। इसे Ash Wednesday भी कहा जाता है। आज महा गिरजाघर समेत शहर के सभी गिरजाघरों में शाम को विशेष प्रार्थना होगी। वाराणसी धर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में बुधवार को कैथेड्रल में मसीही पुरोहित विशेष प्रार्थना सभा करायेंगे। इस दौरान मसीही माथे पर पॉम की पत्तियों की राख से होली क्रॉस बनाएंगे। इसके माध्यम से लोगों को संदेश दिया जाएगा कि ये चालीस दिन प्रायश्चित ओर नियम संयम के हैं। इस उपवास का यह भी संदेश है कि मनुष्य मिट्टी है और मिट्टी में ही मिल जाएगा।
मसीही समुदाय द्वारा हर शुक्रवार को क्रूस का रास्ता का महागिरजा में आयोजन होगा। बुधवार से मसीही समुदाय के लोग गुड फ्राइडे तक उपवास करेंगे। यह आयोजन गुड फ्राइडे तक चलेगा। गुड फ्राइडे पर चर्च में 3 बजे विशेष आयोजन बिशप की अगुवाई में होगा। इस दौरान प्रभु ईसा मसीह के बलिदान को याद किया जाएगा। 
उधर पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि तेलियाबाग चर्च कम्पाउन्ड में पहले उपवास कि आराधना शाम 5.30 बजे होगी। इस दौरान बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे।

रविवार, 19 फ़रवरी 2023

Gulistan school में प्रतिभा का हुआ सम्मान

समारोह में शिक्षा को बताया जीवन के लिए जरूरी

प्रबंधक अब्दुल मुबीन ने क्वालिटी एजुकेशन पर दिया विशेष जोर 



Varanasi (dil india live). चौकाघाट काज़ीसादुल्ला पूरा स्थित गुलिस्तां स्कूल में रविवार को एक शानदार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के अध्यक्ष सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन ने किया व संचालन स्कूल के प्रधानाचार्य मुहम्मद शाहिद अंसारी ने किया।

       इस शानदार सम्मान समारोह में ऐसे बच्चों को सम्मानित किया गया जो कई शिक्षण संस्थाओं में विगत दिनों हुई प्रतियोगिताओं में विशेष स्थान प्राप्त किया था। सभी छात्र एवं छात्राओं को मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। समस्त अतिथियों को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। बुनकर इलाके से ऊंचे मुकाम हासिल करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट, डॉक्टर, इंजीनियर, अधिवक्ता, सरकारी अफसर, टीचर इत्यादि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

        इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक अब्दुल मुबीन ने कहा कि शिक्षा बिना जीवन अधूरा है। हमें सभी विषय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बेहतरीन छात्र बनने के लिए अपने गार्जियन और अध्यापक की बातों को मानना होगा। लिखावट प्रतियोगिता में स्थान पाए छात्रों को मुबारकबाद पेश किया। सरदार बाईसी हाफिज मोइनुद्दीन ने अध्यापकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप बच्चों को शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी दें। बिना संस्कार के शिक्षा अंधकारमय है।

        इस अवसर पर स्कूल प्रबंधक अब्दुल मुबीन,प्रधानाचार्य मुहम्मद शाहिद,मदरसा मदीनतुल उलूम के प्रबंधक बाऊ हाजी,मदरसा बागे नूर के प्रबंधक हाजी सफीउर्रहमान,सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक,मदरसा मतलउलउलूम के मास्टर अकील अंसारी,मुफ्ती सईद,थानाध्यक्ष जैतपुरा,जिलानी साहब,मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी,हाजी स्वालेह अंसारी,अब्दुल्लाह खालिद, असलम खलीफा के अतिरिक्त समस्त अध्यापक छात्र एवं छात्राएं सहित काफी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

Medical news:विशेष टीकाकरण अभियान में 30,424 बच्चों को लगा टीका

टीकाकरण का 24 फरवरी तक चलेगा दूसरा चरण

प्रथम चरण में टीकाकरण से आच्छादित हुए 73 प्रतिशत बच्चे




Varanasi (dil india live). जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए 13 फरवरी से शुरू हुआ विशेष टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण 24 फरवरी तक चलेगा। अभियान के तहत अब तक 30,424 बच्चों को प्रतिरक्षित किया जा चुका है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि पहला चरण 9 से 20 जनवरी तक चला था जिसमें लक्षित 28,388 बच्चों के सापेक्ष 73 प्रतिशत बच्चों को आच्छादित किया जा चुका है। दूसरे चरण का उद्देश्य शत-प्रतिशत बच्चों को नियमित टीकाकरण से आच्छादित करना है। सीएमओ ने अपील की है कि बच्चों को उम्र के अनुसार सभी टीके समय से जरूर लगवाएँ। टीकाकरण से ही बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है। सभी टीके पूरी तरह से सुरक्षित है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह अभियान तीन चरणों में चलेगा जिसका प्रथम चरण 9 से 20 जनवरी तक चलाया गया। दूसरा चरण 13 फरवरी से शुरू होकर 24 फरवरी तक चलेगा। अभियान का तीसरा और आखिरी चरण 13 मार्च से 24 मार्च तक चलेगा। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण को लेकर समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है और टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवार को जागरूक कर उनके बच्चों को टीका लगाया जा रहा है।    

वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (टीकाकरण प्रभारी) डॉ एके पाण्डेय ने बताया कि बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है। शिशु के जन्म पर बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, ओपीवी, छठे हफ्ते पर बीओपीवी-1, पेंटावेलेंट-1, एफ़आई पीवी-1, रोटा-1, पीसीवी-1, 10वें सप्ताह पर बीओपीवी-2, पेंटावेलेंट-2 और रोटा-2, 14वें सप्ताह पर बीओपीवी-3, पेंटावालेंट-3, एफ़आईपीवी-2, रोटा-3 और पीसीवी-2, नौ से 12वें माह पर एमआर-1, पीसीवी बूस्टर, एफ़आईपीवी-3 व विटामिन-ए की पहला खुराक, इसके बाद 16 से 24 माह पर एमआर-2, डीपीटी बूस्टर 1, बीओपीवी बूस्टर और विटामिन-ए की दूसरी खुराक, 5 से 6 वर्ष पर डीपीटी बूस्टर 2 और 10 व 16 वर्ष पर टीडी का टीका लगता है। 

उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक ने बताया कि बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । यह टीके 11 विभिन्न गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो उसके अभिभावक आशा कार्यकर्ता और एएनएम से सम्पर्क कर छूटा हुआ टीका लगवा सकते हैं । इसी उद्देश्य विशेष टीकाकरण अभियान चल रहा है ।

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023

Dr z a Ansari कि wife सुपुर्दे खाक

डा. नासिर की मां को कई संस्थाओं ने पेश की खिराजे अकीदत

Varanasi (dil india live)। छित्तनपुरा निवासी प्रख्यात चिकित्सक, नेशनल इंटर कालेज पीलीकोठी प्रबंधकारिणी के पूर्व अध्यक्ष Dr z a Ansari की wife, बनारस पब्लिक स्कूल के चेयरमैन डॉ मुहम्मद नासिर की माता बशीरुंनिसा का शुक्रवार की सुबह लंबी बीमारी के बाद 78 वर्ष की आयु में इंतेकाल हो गया। इनके निधन पर बनारस ही नहीं पूरे पूर्वांचल में फैले इनके अजीजो में अफसोस की लहर दौड़ गई। आपके बड़े बेटे डॉक्टर उबैदुर्रहमान, छोटे बेटे बनारस पब्लिक स्कूल के चेयरमैन डॉक्टर नासिर अंसारी हैं। वो दो पुत्र, चार पुत्रियों वो नाती पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं।

कौन थे डाक्टर अंसारी 

मरहूमा बशीरुननिसा के पति डॉ. जेड ए अंसारी पूर्वांचल के ख्यातिलब्ध चिकित्सक थे। लोगों का वो कम खर्च में इलाज किया करते थे। एमबीबीएस के साथ एमडी की डिग्री थी। वो बीएचयू में कई वर्षों तक प्रोफेसर भी रहे। जामिया अस्पताल के मेडिकल सुपिरिटेंडेट थे समेत कई सामाजिक संस्थाओं से भी वो जुड़े हुए थे। उन्होंने गरीबों की सेवा करते करते अपनी पूरी जिंदगी गुजार दी।

फिर दगा दे गई 10 फरवरी 

यह एक इत्तेफाक है कि आज ही की तारीख 10 फरवरी 2004 को बशीरुन्निसा के पति डॉक्टर जेड ए अंसारी का इंतेकाल हुआ था। उनके अजीज़ो के बीच इस बात की चर्चा थी कि 10 फरवरी फिर दगा दे गई।

 बनारस की कई सामाजिक संगठनों में शोक सभा आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश की गई। रसूलपुरा में सुल्तान क्लब की बैठक में डॉक्टर एहतेशामुल हक, जावेद अख्तर, एच हसन नन्हें, शमीम रियाज़, अब्दुर्रहमान, महबूब आलम, हाफिज मुनीर, वफ़ा अंसारी, नसीमुल हक, हाफिज मुनीर इत्यादि ने अफसोस किया। ऐसे ही आजाद पार्क में जमीअतुल अंसार कि अफसोस बैठक में Mufti e benaras मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, इशरत उस्मानी, मरियम  फाउंडेशन के शाहिद अंसारी, आजाद हिंद रिलीफ सोसाइटी के जुल्फिकार अली, सर सैयद सोसाइटी के हाजी इश्तियाक अंसारी, असलम खलीफा इत्यादि ने अफसोस व्यक्त किया।

नमाजे जनाज़ा नेशनल इंटर कॉलेज पीली कोठी में Mufti e  benaras ने सैकड़ों लोगों की उपस्तिथि में अदा कराई। पास ही कब्रस्तान में सुपुर्द खाक किया गया।

Hajj 2023 का फार्म जारी, 10 मार्च अंतिम तिथि

अब निशुल्क कर सकेंगे हज का आवेदन


Varanasi (dil india live). हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज का फॉर्म लंबे इंतजार के बाद आज जारी कर दिया है। हज का फॉर्म जमा करने की 10 मार्च अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। खास बात यह है कि अब हज का फॉर्म पूरी तरह निशुल्क होगा। हज पर जाने वाला कोई भी शख्स ऑनलाइन हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर सीधे सम्पर्क कर सकता है।

इससे पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने हज 2023 की नई पॉलिसी जारी कर हज यात्रियों को कई सहुलियत को शामिल किया है। हज खिदमतगार हाजी अदनान खां ने बताया कि हज पर जाने की ख्वाहिश रखने वाले आजमीन अब निःशुल्क हज आवेदन कर सकेंगे। अभी तक हज यात्रियों को आवेदन शुल्क 300 रूपये जमा करने होते थे। 

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने हज 2023 की नई पॉलिसी जारी कर हज यात्रियों को कई सहुलियत को शामिल किया है। इसके अलावा भारत को मिले हज सीटों के कोटे में इस बार निजी टूर ऑपरेटरों के मिलने वाले हज सीटों के कोटे में 10 फीसद तक की कटौती की गई है। हज कमेटी ऑफ इंडिया देश भर में हज यात्रा कार्यक्रम को संचालित करने के लिए पांच साल के लिए हज की पॉलिसी तैयार करती है। साल 2018 में तैयार की गई हज पॉलिसी साल 2022 में समाप्त हो गई थी। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने सोमवार को हज 2023 के लिए नई हज पॉलिसी जारी कर हज यात्रियों को कई सहुलियतें दी हैं। उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा ने बताया कि हज 2023 की नई हज पॉलिसी में हज आवेदन को निःशुल्क कर दिया गया है। अब हज यात्रियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। हज कमेटी के चेयरमैन ने बताया कि नई पॉलिसी में निजी टूर ऑपरेटरों की हज सीटों के कोटे में 10 फीसद की कटौती करते हुए सऊदी अरब सरकार से भारत को मिलने वाले हज सीटों का 80 फीसद हज कमेटियों को आरक्षित किया गया है। जबकि 20 फीसद सीटे निजी टूर ऑपरेटरों को दी जाएंगी। 

अभी तक निजी टूर ऑपरेटरों को 30 फीसद सीटें मिलती थीं। उन्होंने बताया कि इस बार भारत के लिए 1,75,025 सीटें सऊदी अरब सरकार ने जारी की हैं। हज खर्च को कम करने के लिए हज यात्रियों से बैग, सूटकेस, छाता, चादर का पैसा जमा नहीं कराया जाएगा। हज यात्री इन सामानों को अपने स्तर से खरीद सकेंगे। उन्होंने इस बार 50 से 60 हजार रुपये हज खर्च सस्ता होने का भी दावा किया है।

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

Nagar nigam कर रहा बुनकरों का उत्पीड़न

नगर आयुक्त को बुनकरों ने सौंपा ज्ञापन



Varanasi (dil india live). मुत्तहिदा (संयुक्त) बुनकर बिरादराना तंजी़म बनारस का एक प्रतिनिधिमंडल 7 फरवरी 2023 मंगलवार, नगर आयुक्त डॉ प्रणय सिंह से नगर निगम स्थित उनके कार्यालय में मिला और नगर निगम के भवन कर विभाग द्वारा बुनकरों के पावरलूम की संख्या के आधार पर कमर्शियल रेट पर भवन कर मूल्यांकन किए जाने, वर्ष 2014 से कमर्शियल रेट पर भवन शुल्क का असेसमेंट किए जाने, तथा विभाग द्वारा बुनकरों का ज़बरदस्त शोषण एवं उत्पीड़न किए जाने जैसी समस्याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने यह तथ्य भी रखा कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन द्वारा निवेश को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट कैंपेन चला रही है ऐसे में बुनकारी जैसे कुटीर उद्योग जो देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है, उस परंपरा को आगे बढ़ाने वाले बुनकरों के ऊपर इस तरह का अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालना तर्कसंगत एवं न्याय संगत नहीं है। विभाग का यह कदम प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के भी विपरीत है। इसलिए पावरलूम बुनकरों के भवनों को कमर्शियल टैक्स श्रेणी से बाहर किया जाए तथा इस संबंध में विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।

नगर आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल की शिकायतों को गंभीरतापूर्वक सुना एवं यथाशीघ्र समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने संबंधित अफ़सरों को अपने कार्यालय में बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। 

प्रतिनिधिमंडल में सरदार इकरामुद्दीन, सरदार हाजी मक़बूल हसन, सरदार हाजी ज़ियाउल हसन, अब्दुल्लाह अंसारी, इशरत उस्मानी, अख़लाक़ महतो, मौलाना अब्दुल अज़ीज़, जै़नुल हुदा, सरदार मोहम्मद अहमद, तुफै़ल अंसारी पार्षद, सरदार मोहम्मद फा़रुक़, यासीन फ़रीदी, शरफुद्दीन, हाजी हसीन अहमद, सैफुद्दीन उर्फ बाबुल,हाजी इरफ़ान अहमद, सरदार अमीनुद्दीन आदि उपस्थित थे।

शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

Sant Ravidas ka anokha Mandir




Varanasi (dil india live)। मजहबी शहर बनारस गंगा जमुनी तहजीब के लिए देश दुनिया में विख्यात है। यहां मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर व गुरुद्वारों के ऐतिहासिक दस्तावेज पग पग पर मौजूद है। यही वजह है कि इनके दर्शन के लिए देश दुनिया से भक्त खींचे चले आते हैं। ऐसा ही ऐतिहासिक और अनूठा आस्था का एक केन्द्र है, राजघाट पर स्थित संत रविदास मंदिर। यह मंदिर सफेद संगमरमर से निर्मित है। यह मंदिर जहां श्रम साधना का संदेश देता है वहीं सर्वधर्म समभाव की एक शानदार मिसाल भी है।

संत रविदास सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे। इसका अंदाजा उनकी स्मृति में राजघाट में बनाए गए मंदिर को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। यह मंदिर संत रविदास के संदेशों के अनुकूल बनाया गया है। राजघाट स्थित संत रविदास का मंदिर सर्वधर्म समभाव का इकलौता ऐसा प्रतीक है जहां पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के दर्शन होते हैं। सभी धर्मों के प्रतीक चिन्ह को मंदिर के गुंबद पर स्थान दिया गया है।

दी रविदास स्मारक सोसायटी के महासचिव सतीश कुमार उर्फ फगुनी राम ने बताया कि मंदिर का शिलान्यास 12 अप्रैल 1979 में हुआ और 1986 में बनकर जब तैयार हुआ तो सभी देखते रह गए। मंदिर पर पांच गुंबद हैं जिन पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं बौद्ध धर्म के मंगल चिह्न अंकित हैं। इस मंदिर का निर्माण देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम ने कराया था। उन्होंने बताया कि संत रविदास मानवता, समता व समरसता के पोषक थे। इसी भावना को केंद्र में रखकर बाबू जगजीवन राम ने इस मंदिर की स्थापना की। यह मंदिर सभी जाति एवं धर्म के लोगों के लिए सदैव खुला रहता है। मंदिर के सुनहरे गुंबद से जब सूर्य की रोशनी टकराती है तो मंदिर की छटा और बढ़ जाती है। बेहद खूबसूरत एवं भव्य मंदिर की चमक दूर से ही दिखाई देने लगती है।


संत शिरोमणि गुरु रविदास जयंती कि तैयारी पूरी 

संत रविदास की जयंती को मनाने के लिए मंदिर में तैयारियां पूरी हो गई हैं।  रविदास जयंती पर दर्शनार्थियों का मंदिर में तांता लगा रहता है। खासकर पंजाब से तो जत्थे में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचते हैं। जगजीवन राम की बेटी व पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार हर साल मंदिर में मत्था टेकने आती हैं। इस बार भी वो यहां आ चुकी हैं।

बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

Ruckmani के 35 माह के तप ने बना दिया tb champion

Xdr tb से स्वस्थ होकर बनीं 300 tb मरीजों की मददगार





Varanasi (dil india live). एक्सडीआर टीबी की मरीज रुक्मिणी 35 माह तक हर रोज कई-कई दवाओं के सेवन और सुबह-शाम के इंजेक्शन की असहनीय पीड़ा से ऊब चुकीं थीं। यहाँ तक कि एक वक्त वह जिन्दगी की आस तक छोड़ चुकी थीं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के बेहतर इलाज और परिवार वालों के हर वक्त ख्याल रखने व धैर्य बंधाने से अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इसी असहनीय पीड़ा के दौरान ठान लिया था कि अगर स्वस्थ हो गयी तो कुछ ऐसा करूंगी कि दूसरों को इस तरह के कष्ट से न गुजरना पड़े। अब टीबी चैम्पियन (tb champion) बनकर करीब 300 टीबी मरीजों की ruckmani मददगार बनी हैं। बीमारी से उनको यह सीख मिल ही चुकी थी कि समय से जाँच और उपचार न कराने का नतीजा कितना गंभीर हो सकता है।  

 मल्टी ड्रग रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के बाद टीबी के सबसे गंभीर रूप एक्सटेंसिवली ड्रग रजिस्टेंट (एक्सडीआर) टीबी के इलाज के दौरान मिली सीख का हवाला देकर वह अब दूसरों को ऐसी गलती न करने की नसीहत देती हैं। टीबी चैम्पियन (tb champion) के रूप में उनकी राह आसान की वर्ल्ड विजन इण्डिया संस्था ने। संस्था ने ट्रेनिंग देने के साथ ही मरीजों की सूची भी सौंपी जिनको सही मायने में संबल की जरूरत थी। अब वह 10-12 मरीजों का प्रतिदिन मनोबल बढाने के साथ ही बताती हैं कि दवा का सेवन नियमित रूप से करना है और साथ में पोषक आहार भी लेना है ताकि जल्दी स्वस्थ बन सकें। समुदाय में भी लोगों को बताती हैं कि दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार बना हो, बलगम में खून आ रहा हो, वजन गिर रहा हो, भूख न लग रही हो तो स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जाँच जरूर कराएँ। 

बड़ागांव ब्लॉक के कूंडी गांव की रुक्मिणी घरेलू कामकाज निपटाकर हर रोज दोपहर 12 बजे क्षय रोगियों की सूची लेकर बैठ जाती हैं। फोन पर शंकाओं का समाधान करने के साथ ही बीच में दवा छोड़ने वाले क्षय रोगियों या किसी तरह की दिक्कत का सामना कर रहे मरीजों को स्वास्थ्य केन्द्र तक ले जाती हैं। इस तरह रुक्मिणी क्षय रोगियों के संपर्क में तो रहती ही हैं विद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर भी लोगों को जागरूक करती हैं। महिलाओं के समूह में बैठक कर क्षय रोग से बचाव और उपचार के बारे में भी समझाती हैं। एक वर्ष के भीतर लगभग 300 क्षय रोगियों से उन्होंने सम्पर्क किया है। इनमें 167 पुरुष, 126 महिलाएं व सात बच्चे शामिल हैं। इनमें 55 क्षय रोगी पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। क्षय रोगियों को समझाने में कई बार दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। वह बताती हैं कि बड़ागांव के ही ग्राम चिरई के अवनीश कुमार (18 वर्ष) जब दवा खाते थे तो पेट में दर्द होने लगता था। इस वजह से वह दवा बीच-बीच में बंद कर देते थे। समझाने पर लगातार दवा की और अब हालत में सुधार है। ऐसी ही स्थिति बसनी (बड़ागांव) के अजय पाण्डेय (42 वर्ष) की भी रही। दवा बीच में छोड़ने की वजह से उन्हें एमडीआर टीबी हो गयी। समझाया तो अब लगातार दवा खा रहे हैं।

 रुक्मिणी अपनी बीमारी को याद कर बताती हैं कि बीए -बीटीसी करने के बाद यूपीटेट की परीक्षा पास कर अध्यापिका बनना चाहती थी। इसके लिए प्रयासरत ही थी कि अक्टूबर-2017 में खांसी, बुखार व कमजोरी से परेशान रहने लगी। शुरू में निजी चिकित्सक से उपचार कराया पर लाभ नहीं मिला। छह माह तक चली दवा के बाद निजी डाक्टर ने दिल में छेद बताया और आपरेशन की बात कही। इससे घबरा गयी और बीएचयू के सर सुन्दर लाल चिकित्सालय पहुँची। जांच के बाद यह साफ हो गया कि दिल में छेद नहीं है। अप्रैल 2018 में बलगम जांच में पता चला कि टीबी का बिगड़ा रूप एमडीआर है। 15 दिन तक अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराया। लगभग 14 माह (अप्रैल 2018 से मई 2019) तक एमडीआर की दवा खाई लेकिन सांस लेने में दिक्कत, पैरों में तेज दर्द और कमजोरी बनी रही। जून 2019 में एक दिन अचानक हालत बिगड़ी तो अस्पताल में पुनः भर्ती करना पड़ा। अब टीबी का सबसे बिगड़ा रूप एक्सडीआर हो चुका था। महीने भर अस्पताल में रहने के बाद छुट्टी मिली। दवा के साथ ही हर रोज सुबह-शाम इंजेक्शन लगता था। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद तक कानों में सीटी बजने की आवाज आती थी जिससे घबरा जाती थी। इच्छा होती थी कि दवा बंद कर दें लेकिन पति तपन कुमार के साथ ही ससुराल व मायके के लोग समझाते थे। तब उनकी इकलौती बेटी आराध्या महज दो वर्ष की थी। उसे  मायके में छोड़ना पड़ा। लगातार चल रहीं दवाओं के बीच होने वाली परेशानियों से ऊब चुकी थी। लगता था कि शायद नहीं बचूंगी। जून 2019 से फरवरी 2021 तक लगभग 21 माह एक्सडीआर की दवा चली। फरवरी 2021 में पूरी तरह ठीक हो गई और इसके साथ ही दवा बंद हो गयी। रुक्मिणी बताती हैं कि अप्रैल 2018 में निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये पोषक आहार के लिए मिलना शुरू हुआ जो फरवरी 2021 तक मिला। इस तरह 35 माह में 17500 रुपये पोषक आहार के लिए मिले।

रविवार, 29 जनवरी 2023

Aazad park में 150 यूनिट महा रक्तदान

रक्तदान में दिखाया उत्साह







Varanasi। सामाजिक संस्था जमीअतुल अंसार, मानव रक्त फाउंडेशन, डॉक्टर ज़ेड ए अंसारी मेमोरियल फांउंडेशन, मरियम फाउंडेशन, सर सैयद सोसाइटी एवं सुल्तान क्लब की ओर से जश्न जम्हूरिया सप्ताह' के उपलक्ष में मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन पीलीकोठी स्थित आज़ाद पार्क में किया गया।, शिविर में सभी ने उत्साह दिखाया और 150 यूनिट से अधिक रक्तदान किया। मुफ्ति-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी की अध्यक्षता में आयोजित रक्तदान शिविर में मुख्य अतिथि संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोसेसर विश्वंभर नाथ मिश्र ने आयोजक संस्थाओं के प्रयास की सराहना की। कहा कि यह पहला अवसर है जब मुस्लिम बहुल क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में रक्तदाताओं ने स्वेच्छा से रक्तदान के साथ समाज को जागरूक करने का बेहतरीन प्रयास किया है। शिविर में ऐसे लोग भी थे जो 100 से अधिक बार रक्तदान कर चुके थे। इस मौके पर कई रक्तदान योद्धाओं को अतिथियों द्वारा सम्मानित भी किया गया। 

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गुरुद्वारा नीचीबाग के मुख्य ग्रंथी धर्मवीर सिंह, मैत्री भवन के निदेशक फादर फिलिप डेनिस ने रक्तदाताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। जमीअतुल अंसार के महासचिव इशरत उस्मानी ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद दिया तथा आयोजकों द्वारा मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों को प्रशस्ति पत्र, शॉल तथा माल्यार्पण कर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम के आयोजन में जमीअतुल अंसार के डॉक्टर रियाज़ अहमद, मानव रक्त फाउंडेशन के एडवोकेट अबू हाशिम, एडवोकेट अब्दुल्लाह खालिद, डॉक्टर ज़ेड ए अंसारी, मेमोरियल फाउंडेशन के डॉक्टर मोहम्मद नासिर अंसारी, मरियम फाउंडेशन के मोहम्मद शाहिद, सर सैयद सोसाइटी के हाजी इश्तियाक़ अहमद, सुल्तान क्लब के डॉक्टर एहतेशामुल हक़ व जावेद अख्तर, ह्यूमन सर्विसेस फाउंडेशन के डॉक्टर अर्सलान अहमद अंसारी, दी मॉडर्न पब्लिक स्कूल के अबुल वफा अंसारी, अब्दुल्लाह अंसारी, हाजी आफताब आलम, शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता फरमान हैदर, हाजी अब्दुल वहीद, अख़्लाक अहमद, अब्दुल मुग़नी, मुफ़्ती ज़ियाउल इस्लाम कासमी, मौलाना अब्दुल आख़िर नोमानी, मुफ़्ती तनवीर अहमद कासमी, हाजी फ़हीम अहमद, हाजी मोहम्मद स्वालेह, मौलाना आरिफ़ अख़्तर कासमी, जुल्फ़िकार अहमद इब्राहीमी, फैयाज़ अहमद, डॉक्टर एहतेशामुल हक, अफ़जाल अहमद पार्षद, हाजी वकास अंसारी पार्षद, तुफैल अहमद अंसारी पार्षद, रमज़ान अली अंसारी पार्षद, जमाल अहमद एडवोकेट पार्षद, हाजी खुर्शीद आलम, अख़्लाक अहमद, इरफ़ान अहमद, इरशाद अहमद , उबैदुर्रहमान, असलम ख़लीफा, अबू सुफ़ियान, आरिफ़ जमाल, मोहम्मद तल्हा, अबुल कलाम, हाजी अब्दुल कय्यूम, हाजी सैयद हसन, मुस्लिम जावेद अख़्तर, एच एस नन्हे, शमीम रियाज़, मौलाना अब्दुल्लाह, अब्दुर्रहमान, महबूब आलम, शकील अंसारी, मुहम्मद जीशान, जलालुद्दीन, बिस्मिल्लाह अंसारी, जुल्फ़िकार अली आदि उपस्थित रहे।

शनिवार, 28 जनवरी 2023

Aasha ट्रस्ट ने कराया general knowledge प्रतियोगिता

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले बच्चे हुए पुरस्कृत

2660 बच्चे थे शामिल, 234 का प्रदर्शन उल्लेखनीय

गांधी जी के जीवन पर आधारित पुस्तक देकर बच्चों को किया पुरस्कृत



Varanasi (dil india live).सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और उन्हें प्रात्साहित करने के उद्धेश्य से सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में गांधी जयंती के अवसर पर एक वृहद् सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमे चौबेपुर, धौरहरा और राजवारी संकुल के 20 विद्यालयों की कक्षा तीन से पांच के 2660 बच्चे शामिल हुए थे। संस्था द्वारा उक्त परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर 234 प्रतिभाशाली बच्चों को चयनित किया गया और संस्था के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार और शनिवार को सभी विद्यालयों में जाकर चयनित बच्चों को पुरस्कृत किया।

पुरस्कार के रूप में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित गांधी जी के जीवन चित्र पर आधारित पुस्तक मोनिया सभी बचों को प्रदान की गयी। ज्ञातव्य है कि गांधी जी का बचपन का पुकार का नाम "मोनिया" था।

प्रतियोगिता में कैथी संविलियन, कैथी प्रथम, भंदहा कला, ढाखा, मोलनापुर, दुबानबस्ती, दुर्गवा, श्रीकंठपुर, कुर्सिया, डूढवां, सरैया, टेकुरी, धौरहरा प्राथमिक, धौरहरा संविलियन, भगवानपुर, बहादुरपुर, बिरनाथीपुर, ऊगापुर, पलकहाँ, और कौवापुर विद्यालय के बच्चे शामिल हुए थे।

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय बताया कि गान्धी जी की शहादत के पचहत्तरवें वर्ष के अवसर पर यह प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी जिसमें सरकारी स्कूलों के बच्चो और शिक्षकों ने बहुत ही उत्साह दिखाया। इन विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने की आवश्यकता है इसलिए ऐसी गतिविधियाँ नियमित करने के लिए आशा ट्रस्ट संकल्पित है।

सामान्य ज्ञान परीक्षा आयोजन, प्रश्नपत्र मूल्यांकन और पुरस्कार वितरण में प्रमुख रूप से  प्रदीप सिंह, रमेश प्रसाद, पूजा यादव, अनीता देवी, बृजेश कुमार,  मनोज यादव, सूरज पाण्डेय, डॉ इंदु पाण्डेय, दीन दयाल सिंह, सौरभ, शौर्य पाण्डेय आदि का विशेष योगदान रहा।

Smile muniya ने फगुनाहट में कि जमकर मस्ती


Varanasi (dil india live). स्माइल मुनिया ने फगुनाहट कार्यक्रम ब्रह्मानंद कालोनी मे उत्साह पूर्वक मनाया। स्कूल जाने वाली मुनिया खुशी श्रीवास्तव को संस्था ने साइकिल प्रदान की। संस्थापिका अंजलि अग्रवाल ने स्वागत करते कहा कि बसंत पंचमी से फागुन की आहट आने लगती। शीत के बाद पेड़ पौधे खिले खिले, प्रकृति अपने मोहक रूप मे आ जाती है। 

इससे पहले सरस्वती वंदना जयंती ने प्रस्तुत की। संचालन निधि अग्रवाल ने व धन्यवाद सुषमा अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम संयोजिका निशा अग्रवाल थी। सदस्यों ने सखी आयल बसंत, मन भावन बसंत, पीली सरसों पियर रंग चुनरी एवं होरी प्रस्तुत कर कार्यक्रम मे रंग भर दिए। बसंत के मजेदार गेम्स खेलें गए, बसंत पर आधारित हाऊसी खेली गईं।

बुधवार, 25 जनवरी 2023

Sakhi aayo re basant...कि थीम पर मनाया बसंतोत्सव

काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने मनाया बसंतोत्सव



Varanasi (dil india live). सखी आयो रे बसंत, की थीम पर काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने बसंतोत्सव वह गणतंत्र दिवस भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में मनाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष अंजली अग्रवाल के गीत, सखी बहेला बसंती बयारिया, उड़ेला मोर पियर चुनरी...से हुई। इस दौरान छवि अग्रवाल ने बसंत पर आधारित हाउजी कराई तो रेनू कैला के संचालन में सभी ने देश भक्ति के गीतों पर आधारित अंताक्षरी खेली। डॉक्टर ममता तिवारी के नृत्य आई झूम के बसंत पर सभी सदस्यों ने झूम कर नृत्य किया। निधि ने गेम कराया जिसमें सभी सदस्यों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में रीता अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, लिपिका बोस व नीतू सिंह ने अपनी उपस्थिति से माहौल को बसंती कर दिया।

           

मंगलवार, 24 जनवरी 2023

dav pg college news: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी

Varanasi (dil india live). डीएवी (dav) पीजी कॉलेज (pg college) में स्थित सिफ्सा द्वारा संचालित यूथ फ्रेंडली क्लीनिक के तत्वावधान में मंगलवार को मानसिक स्वास्थ्य एवं जीवन कौशल विषय पर बीए प्रथम वर्ष के मनोविज्ञान विषय के विद्यार्थियों के साथ संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया 

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रोफेसर सत्यगोपाल जी ने कहा कि वर्तमान परिवेश में मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित होना बहुत आवश्यक है। आज युवाओं में विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याएं सामने आ रही है जिसके लिए उन्हें तैयार होना होगा। यह युथ फ्रेंडली क्लीनिक उनके लिए काफी मददगार सिद्ध होगा। उन्होंने किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं और उनका निदान भी बताया और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समग्र है जो जीवन भर आवश्यक रहता है।

कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. कल्पना सिंह के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। कार्यशाला में डॉक्टर अखिलेंद्र कुमार सिंह और डॉक्टर राजेश कुमार झा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में 50 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए।

बुधवार, 18 जनवरी 2023

Bsa office पर teacher's ने दिया धरना

वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय सैकड़ों शिक्षक शिक्षिकाओं ने घेरा 

मांग: teacher's की समस्याओं का निदान हो 

मांगें नहीं पूरी हुई तो शिक्षक खामोश नहीं रहेंगे  





Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ उ०प्र० प्रान्तीय नेतृत्व के निर्देश पर "नई पेंशन योजना" में जबरदस्ती कटौती एवं उक्त स्कीम को मनमाने तरीके से शिक्षकों को थोपे जाने तथा वित्त नियंत्रक प्रयागराज के तानाशाहपूर्ण वेतन रोके जाने सम्बंधी आदेशों के विरोध में व पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए 18-01-2023 को 02:00 बजे अपरान्ह से 04:00 बजे तक उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में जनपद वाराणसी के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षामित्र, अनुदेशक, साथियों द्वारा वित्त एवं लेखाधिकारी/बीएसए कार्यालय बेसिक शिक्षा वाराणसी पर भारी संख्या में उपस्थित होकर विशाल धरना दिया, साथ ही मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा वाराणसी को सौंपा गया। धरने में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ सहित प्राथमिक शिक्षक संघ, अटेवा पेंशन बचाओ मंच, प्राथमिक शिक्षक संघ 1160, शिक्षामित्र संघ, अनुदेशक संघ, विशिष्ट बीटीसी संघ के भी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

           धरने को सम्बोधित करते हुए जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय ने वित्त नियंत्रक द्वारा आदेश वापस न लिये जाने की स्थिति में शिक्षकों का आह्वाहन किया, यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक शिक्षकों को न्याय न मिल जाये। धरने को मुख्य रूप से  जिला महामंत्री रविन्द्र नाथ यादव, रविन्द्र कुमार सिंह, प्रान्तीय उपाध्यक्ष, श्री आनन्द कुमार सिंह, मण्डल महामंत्री, कु० प्रतिमा, प्रान्तीय उपाध्यक्ष, राजेश कुमार सिंह, जिला कोषाध्यक्ष, अटेवा के जिला महामंत्री बीएन यादव, संतोष सिंह, ब्लाक अध्यक्ष सेवापुरी, क्षितिज दीक्षित, ब्लाक अध्यक्ष पिण्डरा, कल्लन यादव, ब्लाक अध्यक्ष बड़ागांव, शिवजतन यादव, जिला मंत्री तथा जनपद स्तर के पदाधिकारी व ब्लाक स्तर के अध्यक्ष व मंत्री सहित अन्य पदाधिकारीयों ने भी सम्बोधित किया। साथ ही साथ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ 1160 के महेंद्र बहादुर सिंह, शिक्षामित्र संघ, अनुदेशक संघ, अटेवा, विशिष्ट बी०टी०सी० संघ के पदाधिकारीयों ने भी धरने को सम्बोधित करते हुए आंदोलन को धार दी। जिला महामंत्री रविन्द्र नाथ यादव द्वारा धरने में आये हुये सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशक व अन्य शैक्षिक संगठनों के प्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित व आभार प्रकट करते हुए शिक्षकों का आहवाहन किया कि आप संगठन का इसी तरह सहयोग करते रहिए, संगठन हर समस्या का समाधान कराने का हर सम्भव प्रयास करेगा, तथा संगठन आपके के साथ हमेशा खड़ा रहेगा। ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तर तक आपकी समस्याओं का समाधान कराने हेतु पूरी मजबूती के साथ लड़ा जायेगा।

         धरने में मुख्य रूप से महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष, छवि अग्रवाल, विशिष्ट बी टी सी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष यशोवर्धन त्रिपाठी, अटेवा के ज़िला महामंत्री बी एन यादव, अटेवा के ज़िला सहसंयोजक एहतेशामूल हक, अटेवा के जिला मंत्री ज़फ़र अंसारी, शकील अंसारी, प्राथमिक शिक्षक संघ के ज़िला अध्यक्ष सकलदेव सिंह, महामंत्री शैलेंद्र विक्रम सिंह, राजीव सिंह, ज्योति भूषण त्रिपाठी, अखिलेश विश्वकर्मा, राजीव कुमार उपाध्याय, इश्तियाक अंसारी, अनीता सिंह, हुसैन अहमद आरवी, सादिया तबस्सुम, हेना परवेज़, अब्दुर्रहमान, इमरान खान, दीवान परवेज़, रुखसार अहमद, गृषश्चंद्र यादव, संदीप यादव सहित भारी संख्या में शिक्षक शिक्षिकाऐं मौजूद थीं।

रविवार, 15 जनवरी 2023

गाँव की बेटी, मेहनत कर बनी प्रवक्ता, गरीब बच्चों को दान किया पहला वेतन

युवाओं की बदलती सोच का अनूठा उदाहरण डॉ. यामिका पटेल

बोली, सफलता के लिए सिर्फ कल्पना ही नहीं, सार्थक कर्म भी जरूरी



Varanasi (rajkumar Gupta/dil india live) जीवन की तमाम विपरीत परिस्थितियों को मात देकर सफलता की इबारत लिखने का उम्दा उदाहरण हैं राजातालाब के कचनार गाँव निवासिनी डॉ. यामिका पटेल। तमाम विपरीत परिस्थितियों को पीछे छोड़ आज डॉ. यामिका पटेल कानपुर के प्रतिष्ठित राजकीय पालिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल विभाग में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।

डॉ. यामिका का कहना है कि सफलता के लिए सिर्फ कल्पना ही नहीं, सार्थक कर्म भी जरूरी है। सीढिय़ों को देखते रहना पर्याप्त नहीं, बल्कि उन पर चढऩा भी जरूरी है। डॉ. यामिका का कहना है कि गाँव में तमाम विपरीत परिस्थितियों में पली-बड़ी, उसी ईश्वर ने मेरी पतवार एक नेक व रहमदिल इन्सान मेरे मम्मी-पापा के हाथों में सौंप दी। मैंने भी अपने कष्टों को कर्म की धारा में पिरोकर मुकाम हासिल करने का लक्ष्य साधा।

बचपन से थी प्रतिभाशाली यामिका

बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र रही। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद इरादों पर अडिग हो, अपने पिता ओमप्रकाश सिंह पटेल के ख्वाबों को पूरा किया। जिन्दगी के तमाम अवरोधकों को चकनाचूर करते अपनी मंजिल को हासिल किया।

अपने क्षेत्र के ज़रूरतमंदों को समर्पित किया पहला वेतन अपने माता-पिता की विचारधारा और सामाजिक उत्थान में अग्रणी भूमिका से प्रेरित होकर डॉ. यामिका ने अपना पहला वेतन अपने गाँव कचनार, रानी बाज़ार, राजातालाब, बीरभानपुर आदि गाँव के ग़रीबों ज़रूरतमंदों के बीच मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी खिलाकर किया। जिसमें पिता ओमप्रकाश सिंह पटेल, छोटे भाई विवेक पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, मनोज पटेल, राहुल पटेल, बाबु लाल उर्फ़ माइकल सोनकर, दिपक पटेल, विष्णु पटेल, हेमन्त राय, बाबा पटेल, अनिल गुप्ता, आनंद पटेल, बालपिट, पुवरसन आदि लोगों ने ज़रूरतमंदों के बीच जाकर खिचड़ी वितरण किया।

शनिवार, 14 जनवरी 2023

dav pg college में एकल नाट्य का हुआ मंचन


'माँ मुझे टैगोर बना दो' का मंचन देख भर आयी आँखे



Varanasi (dil india live)। माँ मैं कविताएं अच्छी लिखने लगा हूं, टीचर कहते है मैं आगे जाकर टैगोर जैसा कवि बन सकता हूँ, मुझे टैगोर बनना है माँ, मुझे और पढ़ना है। बेटा... आगे पढ़ना है तो अपने पापा से पूछ, मुझसे नही और टैगोर बनने से पेट नही भरता है। उक्त भावपूर्ण दृश्य शनिवार को जीवन्त रहा डीएवी पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग एवं सांस्कृतिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एकल नाट्य "माँ मुझे टैगोर  बना दे" की प्रस्तुति के अवसर पर। जम्मू से आये प्रख्यात रंगकर्मी लक्की गुप्ता ने पंजाब के मशहूर कथाकार मोहन भंडारी द्वारा रचित नाटक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी, जिसे देख हॉल में उपस्थित सभी की आँखे भर आयी। नाटक में एक बच्चे की कहानी को बड़े ही मार्मिक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है जिसके शिक्षक उसकी प्रतिभा देख उसे टैगोर जैसा कवि बनने की उम्मीद करते है। बच्चा भी मुफलिसी में जीने के बावजूद किसी तरह दसवीं पास कर लेता है लेकिन 12 वीं की पढ़ाई के लिए उसे आगे दूसरे शहर जाना है और उसके लिए उसके परिवार की माली हालत साथ नही देती। फिर भी पिता किसी तरह उसके पढ़ाई का इंतजाम करता है लेकिन दुर्भाग्य वश पढ़ाई के दौरान ही उसके पिता की मजदूरी करते वक़्त हादसे में मौत हो जाती है और बच्चे की पढ़ाई अधूरी रह जाती है, क्योंकि अब उसे पढ़ाई नही करनी अब उसे घर चलाने के लिए काम करना होगा। 

एकल नाटक में रंगकर्मी लक्की गुप्ता के भाव और संवाद ने लोगों को द्रवित कर दिया तो खूब तालियां भी बटोरी। पिछले दस वर्षों से देश के विभिन्न राज्यों में नाटक की प्रस्तुति दे रहे लक्की गुप्ता की यह 1096 वीं प्रस्तुति थी।

इस अवसर पर हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कुमार राम एवं सांस्कृतिक समिति के समन्वयक प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने लक्की गुप्ता को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया। संयोजन प्रोफेसर समीर कुमार पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर मिश्री लाल, प्रोफेसर ऋचारानी यादव, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर पूनम सिंह, डॉ. संगीता जैन, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. हसन बनो, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. सुषमा मिश्रा सहित बड़ी संख्या में अध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


बुधवार, 11 जनवरी 2023

Yoga welness center or aayush बना रहे हैं health

योग से हो रहे हैं निरोग, सीख रहें स्वस्थ जीवन का भी हुनर

योग वेलनेस सेंटर व आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर बने है मददगार  




Varanasi (dil india live). भेलूपुर निवासी 35 वर्षीय अजय शुक्ल कमर में दर्द के साथ ही तेजी से बढ़ते वजन की समस्या से परेशान थे। भेलूपुर स्थित स्वामी विवेकानन्द चिकित्सालय स्थित योग वेलनेस सेंटर में उन्होंने सम्पर्क कर उन्होंने योग करना शुरू किया।  चार माह में  में उन्हें सार्थक परिणाम नजर आने लगे। वजन 86 किलो से घट कर 69 किलो तो हुआ ही और साथ ही कमर के  दर्द में पूरी तरह आराम भी मिल गया । गौरीगंज की रहने वाली इशरत (28 वर्ष) हाई ब्लड प्रेशर के साथ ही चिड़चिड़ापन की समस्या से तंग थी। उन्होंने भी इस योग वेलनेस सेंटर में अनुलोम-विलोम, भ्रामरी जैसे प्राणायाम के साथ ही ध्यान करना सीखा। दो महीने के प्रयास के बाद उन्हें भी आराम मिलना शुरू हो गया। ब्लड प्रेशर तो सामान्य रहता ही है अब उनका चिड़चिड़पन भी खत्म हो गया।

भेलूपुर स्थित योग वेलनेस सेंटर के योग प्रशिक्षक मनीष कुमार पाण्डेय बताते हैं कि अजय शुक्ल और इशरत तो महज नजीर है। इस सेंटर में योग के जरिये विभिन्न बीमारियों से ठीक होने वालों की लम्बी फेहरिश्त है। वह बताते हैं कि वर्ष 2019 में जब इस सेंटर की शुरूआत हुई थी तब यहां महज दस-बारह लोग ही प्रतिदिन योग के जरिये उपचार कराने के लिए आते थे लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 40 से 50 के बीच पहुंच गयी है। इससे खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि योग के जरिये बीमारियों का उपचार कराने वालों की संख्या कितनी तेजी से बढ़ी हैं। इनमें अधिकांश लोग शुगर, गठिया, ब्रोकाइटिस, स्पांडिलाइसिस, थायराइड जैसे रोगों से पीड़ित होते हैं। योग के जरिये हो रहा उपचार उनके लिए काफी लाभकारी हो रहा है। वह बताते हैं कि भेलुपुर के अलावा सीएचसी शिवपुर व पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय-पाण्डेयपुर में भी योग वेलनेस सेंटर संचालित है। वहां भी योग के जरिये लोगों को योग के जरिये निरोग बनाने के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ जीवन जीने की कला सिखायी जाती है। 

यहाँ भी होता है yog से उपचार

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी बताती हैं कि प्रदेश सरकार लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के लिए भी जागरूक कर रही है। आयुष मिशन के तहत इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में योग वेलनेस सेंटर के अतिरिक्त ‘आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ भी  खोले गये है। वाराणसी में रामनगर, आयर, पलहीपट्टी, सिंधोरा, मंगारी, भाद्रासी, कठिरावं, रामेश्वर में आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचलित हैं जहाँ योग के जरिये उपचार के साथ ही योग का प्रशिक्षण भी दिया जाता है । यह केंद्र सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक खुले रहते हैं। इसके अतिरिक्त योग प्रशिक्षक सप्ताह में दो दिन समुदाय में अलग से कैंप लगाकर लोगो को योग करना सिखाते हैं।

 इन रोगों के उपचार में लाभदायक है yoga 

डिप्रेशन, शुगर, लीवर की बीमारी, गठिया, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, माइग्रेन, अस्थमा, ह्र्दय से सम्बंधित रोग, अनिद्रा, मानसिक रोग।

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